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LUCKNOW:हरिशंकर तिवारी के जरिये योगी के गढ़ में पैठ बनायेंगे अखिलेश!,क्लिक करें और भी खबरें

-पीडीए के साथ ही ब्राह्मण भी साधने का प्लान,सपा की रणनीति उड़ाएगी सबकी नींद

लखनऊ 04अगस्त।उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पीडीए के तहत दलित और पिछड़े वर्ग के एक बड़े वोट बैंक को लुभाया था, जिसका असर हुआ और बीजेपी दूसरे नंबर पर खिसक गई । अब अखिलेश की नजर यूपी में बीजेपी के बड़े वोट बैंक ब्राह्मण समाज पर है। माता प्रसाद पांडे को राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया और अब हरिशंकर तिवारी के जरिए ब्राह्मण वोट बैंक साधने की तैयारी है। सीएम योगी गोरखपुर से आते हैं और हरिशंकर तिवारी गोरखपुर के ही थे। हाल ही में पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बहाने पूर्वांचल को लेकर एक नया दांव चला है। हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनके पैतृक गांव टांड़ा में प्रतिमा स्थापित करने के लिए बन रहे चबूतरे को बिना इजाजत निर्माण की शिकायत पर प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया था। इसका स्थानीय स्तर पर विरोध हुआ और अखिलेश ने भी यह मुद्दा उठा दिया।अखिलेश ने प्रशासन के इस एक्शन को दिवंगतों के सम्मान पर बुलडोजर चलाने से जोड़ा था। हरिशंकर तिवारी की जयंती 5 अगस्त को है। इस अवसर पर अखिलेश यादव ने गोरखपुर के उनके पैतृक गांव जाने की बात कही। अखिलेश यादव ने कहा कि उनके पहले से कई कार्यक्रम तय हैं लेकिन वे हरिशंकर तिवारी की जयंती से संबंधित कार्यक्रम में गोरखपुर जरूर जाएंगे।अखिलेश यादव ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट में लिखा कि लोकप्रिय विधायक रहे उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी की जयंती 5 अगस्त पर चिल्लूपार, गोरखपुर में उनकी प्रतिमा के ‘स्थापना-समारोह’ के संदर्भ में ‘विकास की अवधारणा एवं जननायक प. हरिशंकर तिवारी’ विषयक संगोष्ठी में वक्तव्य देने हेतु आपके स्नेह-आमंत्रण पर हार्दिक धन्यवाद!अखिलेश ने इस पोस्ट में यह भी लिखा कि पूर्व नियोजित कार्यक्रमों में व्यस्तता के बावजूद कार्यक्रम में शामिल होने का पूरा प्रयास रहेगा। कार्यक्रम की सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं!
गोरखपुर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ है, वहां अखिलेश यादव का ब्राह्मण नेता की जयंती से जुड़े कार्यक्रम में शामिल होने का ऐलान बता रहा है कि अखिलेश की नजर अब बीजेपी के ब्राह्मण वोट बैंक पर है और इसके लिए ही वह संभवतः पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती का 2007 वाला प्लान अपना रहे हैं। मायावती ने 2007 विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण नेताओं को खूब टिकट बांटे थे, जिसके चलते बसपा ने बड़ा वोट बैंक पाले में लाने में सफलता पाई थी और बसपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था।अखिलेश यादव संभवतः मायावती के 2007 के विधानसभा वाले चुनावी प्लान पर काम करते नजर आ रहे हैं, जिससे यूपी में विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक के अलावा ब्राह्मण वोट हासिल हो सके।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का हो रहा उत्पीड़न

अखिल भारतीय राज्य सरकारी चतुर्थ श्रेणी राज कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय डिप्टी जनरल सेक्रेटरी एवं उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी महासंघ के प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने वाणिज्य कर विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि 2022 की स्थानांतरण नीति के अंतर्गत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का स्थानांतरण हुआ था उसको अब स्थानांतरण नीति 2024 को 31 जुलाई 2024 को कर मुक्त किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशों का मजाक उड़ा रहे हैं। विभाग के अधिकारी शासन की छवि धूमिल करने में कोई कसर छोड़ नहीं रहे हैं। उन्होंने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री का ध्यान विभाग की ओर आकृष्ट किया है। प्रदेश महामंत्री ने मुख्य सचिव को भी पत्र से अवगत कराया और अपर मुख्य कार्मिक को भी पत्र द्वारा अवगत कराया गया। अपर मुख्य सचिव राज्य कर को भी अवगत कराया। उन्होंने यह आरोप लगाया कि 2024 में स्थानांतरण नीति का एक भी प्रतिशत अनुपालन नहीं किया गया। मात्र दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गए ।जो कर्मचारी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे या उनके पारिवारिक गंभीर समस्याएं थी उनकी प्रार्थना पर कोई भी विचार नहीं किया गया ।मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव द्वारा बराबर निर्देश जारी किए जाते हैं लेकिन विभाग स्तर पर उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है जिसको रोकने के लिए निर्देश करने की मांग की गई। राष्ट्रीय डिप्टी जनरल सुरेश सिंह यादव ने बताया कि पूरे भारतवर्ष में 90 लाख पद स्वीकृत है और उत्तर प्रदेश में 4.30 लाख पद रिक्त हैं जिनको सीधी भर्ती के माध्यम से भरा जाना चाहिए।

आन काल ड्यूटी करने वाले निजी चिकित्सक को मिलेंगे 5000 रूपये,1.41 करोड़ का जारी हुआ बजट

देश के फर्स्ट रेफरल यूनिट के रूप में चिह्नित अस्पतालों में रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक ऑन कॉल ड्यूटी करने वाली निजी प्रैक्टिस करने वाली महिला रोग विशेषज्ञ को 5000 रुपये दिए जाएंगे। इसमें चार हजार मानदेय और एक हजार रुपये यात्रा भत्ता होगा। फॉलोअप वाले मरीज को देखने पर 1500 रुपये दिए जाएंगे।स्वास्थ्य विभाग ने हर जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को फर्स्ट रेफरल यूनिट के रूप में चिह्नित किया है। इन अस्पतालों में जहां एक ही गाइनेकोलॉजिस्ट और एनेस्थेसिस्ट हैं, उनके अस्पताल में न रहने और सिजेरियन प्रसव की जरूरत पड़ने पर संबंधित इलाके के निजी क्षेत्र के डॉक्टर को बुलाने की व्यवस्था है। अनुबंध किया गया है।पहले गाइनेकोलॉजिस्ट और एनेस्थेसिस्ट को प्रति कॉल 2000 रुपये मानदेय और 1000 यात्रा भत्ता दिया जाता था। अब सुबह आठ से शाम आठ बजे तक का मानदेय 2000 रखा गया है, जबकि रात आठ बजे से सुबह आठ तक बुलाए जाने पर संबंधित डॉक्टर को 4000 रुपये और यात्रा भत्ता 1000 रुपये मिलेंगे।चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा के मुताबिक जिलों को अनुमानित व्यय के रूप में 1.41 करोड़ जारी कर दिए गए हैं। इस राशि को संबंधित जिले के फर्स्ट रेफरल यूनिट को भेजा जाएगा।डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक और महत्वपूर्ण कदम है। मरीजों को और बेहतर उपचार मिलेगा। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से बजट आवंटित किया जा रहा है। अंबेडकरनगर के लिए 1.67 लाख, अमेठी के लिए 1.29 लाख, अयोध्या के लिए 1.73 लाख, बहराइच के लिए 2.42 लाख, बलरामपुर 1.49 लाख, बाराबंकी के लिए 2.27 लाख रुपये, गोंडा के लिए 2.38 लाख, हरदोई के लिए 2.86 लाख, लखीमपुर खीरी के लिए 2.80 लाख, लखनऊ के लिए 3.42 लाख, रायबरेली के लिए 2.02 लाख, श्रावस्ती के लिए 77 हजार, सीतापुर के लिए 3.12 लाख, सुल्तानपुर के लिए 1.68 लाख समेत प्रदेश के अन्य जिलों के लिए राशि आवंटित की जा रही है।

प्राइवेट स्कूल बतायें ,कितने गरीब बच्चों का लिया एडमिशन-डीजी

उत्तर प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों को बताना होगा कि आरटीई के तहत कितने गरीब बच्चों को दाखिले दिए। अन्य जानकारियां भी बेसिक शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बेसिक शिक्षाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि अपने जिले की सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड कराएं।महानिदेशक के पत्र में कहा गया है कि विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि आरटीई योजनान्तर्गत सत्र 2024-25 में छात्रों का विद्यालयों में नामांकन, गैर सहायतित मान्यता प्राप्त विद्यालयों की शत-प्रतिशत मैपिंग एवं रजिस्ट्रेशन और पूर्व में अध्ययनरत व नव प्रवेशित छात्रों का विवरण 16 अगस्त आरटीई पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करें। आरटीई पोर्टल पर विद्यालयों को स्कूल मैपिंग, स्कूल रजिस्ट्रेशन, स्कूल डिटेल फार्म फॉर रजिस्ट्रेशन, स्कूल एडिटिंग, स्कूल वैरिफिकेशन, अपडेट रजिस्टर्ड स्कूल डिटेल्स, क्लोस्ड स्कूल, स्टूडेंट डिटेल्स फिल्ड आई स्कूल, स्टूडेंट प्रमोशन एवं ड्रापआउट स्टूडेंट का विवरण भरना होगा। अभी तक आरटीई के तहत प्रदेश पर 60066 विद्यालय मैप्ड एवं 36378 विद्यालय रजिस्टर्ड कराए गए हैं। योजना के अन्तर्गत 3539 विद्यालयों द्वारा 29050 बच्चों को विवरण अपलोड किया गया है।मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी में 102 एम्बुलेंस वरदान

अब सात मिनट में पहुंच जाती है एंबुलेंस

योगी सरकार की 102 एंबुलेंस सेवा मदर एंड चाइल्ड सर्विसेस गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। पहले गर्भवती महिलाओं को समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने से जच्चा और बच्चा दोनों की जान काे खतरा रहता था। योगी सरकार ने 102 एंबुलेंस सेवा का सुदृढ़ीकरण कर मातृ शिशु मृत्यु अनुपात को कम करने में बड़ी भूमिका निभायी है। योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि वर्तमान में 102 एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम घटकर 7 मिनट रह गया है। आपात स्थिति में जच्चा-बच्चा तक मात्र सात मिनट में चिकित्सीय सुविधा प्राप्त हो रही है। रिस्पांस टाइम में उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर एक पर है जबकि सबसे खराब रिस्पांस टाइम झारखंड का है। प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी ने मातृ-शिशु मृत्यु अनुपात को कम करने के लिए बड़े कदम उठाये।प्रदेश के शहरी से लेकर ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों को सुदृढ़ किया गया, 102 एंबुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम को कम करने के लिए विभिन्न कदम उठाये गये। वर्तमान में एंबुलेंस सेवा 102 का रिस्पांस टाइम मात्र 7:06 मिनट है जबकि 2016 में रिस्पांस टाइम 11:28 मिनट था। सीएम ने 2019 और 2023 में खटारा हो चुकी क्रमश: 1554 और 674 एंबुलेंस को हटाकर नई स्वास्थ्य तकनीक से लैस एंबुलेंस की खरीद की। सेवा को बेहतर करने के लिए 306 अतिरिक्त नई एंबुलेंस को जोड़ा गया। वर्तमान में प्रदेश में कुल 2270 एंबुलेंस सेवा 102 में संचालित हैं। प्रदेश में रोजाना औसतन 40,524 जच्चा-बच्चा को सहायता प्रदान की जा रही है।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि 102 एंबुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम में कमी आने से प्रदेश में मातृ-शिशु मृत्यु अनुपात में कमी दर्ज की गयी है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे एसआरएस के अनुसार वर्ष 2015-17 में प्रदेश की मातृ मृत्यु अनुपात 216 प्रति लाख दर्ज की गयी थी, जो कम हो करके वर्ष 2018-2020 में 167 प्रति लाख पहुंच गयी है। 2016 में प्रदेश की शिशु मृत्यु अनुपात 23 प्रति हजार दर्ज की गयी थी, जो कम हो करके 2020 में 21 प्रति हजार पहुंच गयी है। 2020 के बाद अब तक एसआरएस सर्वे की रिपोर्ट नहीं आयी है। पिछली सर्वे रिपोर्ट और बेहतर 102 एंबुलेंस सेवा से यह निश्वित है कि आने वाली रिपोर्ट में और मृत्यु अनुपात में कमी का आंकड़ा सामने आएगा।मिशन निदेशक के अनुसार साल दर साल एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम कम होता गया। एंबुलेंस सेवा 102 का रिस्पांस टाइम वर्ष 2016 में 11:28 मि., वर्ष 2017 में 12:01 मि. और वर्ष 2018 में 11:21 मि. दर्ज किया गया। 2020 में 13:42 मि. और वर्ष 2021 में 12:02 मि. रिस्पांस टाइम दर्ज किया। 2020 और 2021 का रिस्पांस टाइम वैश्विक कोरोना बीमारी के समय का है। 2022 में 7:01 मिनट और वर्ष 2023 में 7:02 मिनट दर्ज किया गया है। वर्तमान में रिस्पांस टाइम 7:06 मिनट है। सबसे बड़ी बात है कि पूरे देश में एंबुलेंस सेवा का सबसे कम रिस्पांस टाइम उत्तर प्रदेश का ही है, जबकि उत्तर प्रदेश देश भर में सबसे अधिक 25.74 करोड़ जनसंख्या वाला राज्य है।

राजकीय पौधशालाओं पर पौधों की दरें साइन बोर्ड पर अंकित करें – दिनेश प्रताप

देश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह ने जिला उद्यान अधिकारी, अधीक्षक राजकीय उद्यान और आलू एवं शाकभाजी विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने अधीन संचालित राजकीय पौधशालाओं पर पौधों की दरें साइन बोर्ड पर अंकित कराएं। उन जिन जनपदों की राजकीय पौधशालाओं पर पौधों की दरें साइन बोर्ड पर अंकित नहीं मिलेंगी, उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगीं। प्रदेश में 139 राजकीय पौधशालायें संचालित हैं, जहां पौध उत्पादन का कार्य होता है। राजकीय पौधशालाओं पर कलमी फलदार तथा बीजू पौधों की दरें साइन बोर्ड पर अंकित होने से किसानों और आम जनता को पौधों की सही दरें ज्ञात हो सकेंगी, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। पौधें की दरे साइन बोर्ड पर अंकित होने से पारदर्शिता बढ़ेगी और जनता को पौधों की दरों की सही जानकारी मिलेगी।

आयुष्मान कार्ड योजना स्वस्थ भारत की परिकल्पना में मील का पत्थर

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष व्यापार रोहित अग्रवाल ने भारत मदद सहयोग गाइडेंस फाउंडेशन द्वारा आयोजित निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन किया। यह कैंप शहजाद अजगर जो कि इस संस्था के सेक्रेटरी हैं, द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस मौके पर वरिष्ठ समाजसेवी ताहिरा हसन , भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी जी एन शुक्ला व वैश्य संगठन से जुड़े चंचल गुप्ता ने भी उपस्थिति दर्ज कराई।यह कैंप लखनऊ में बालू अड्डे के सामने आयोजित किया गया, जहां बस्ती में लगभग 400 परिवार रहते हैं। सभी परिवारों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान की गई एवं प्राथमिक जांच कर कर मुफ्त दवाई वितरण भी की गई।रोहित अग्रवाल ने कहा कि, सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड की योजना स्वस्थ भारत की ओर एक बड़ा मील का पत्थर है, हम सबको इसकी जानकारी के साथ-साथ इसके लाभों को आम जन-मानस तक पहुंचना चाहिए, ताकि इलाज में रुपयों की कमी से किसी भी व्यक्ति को समस्या न हो।

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REPORT BY:K.K.VARMA

EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

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