नयी दिल्ली:राहुल गांधी को गद्दार कहने पर कांग्रेस का आक्रोश,क्लिक करें और भी खबरें

बीजेपी सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस

REPORT BY:AAJNATIONAL NEWS/AGENCY
EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

नयी दिल्ली:कांग्रेस ने शुक्रवार को भाजपा के दो सांसदों, निशिकांत दुबे और संबित पात्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया। कांग्रेस का आरोप है कि इन नेताओं ने राहुल गांधी पर देशद्रोही और सोरोस लिंक जैसे गंभीर और झूठे आरोप लगाए, जिससे उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने जानबूझकर राहुल गांधी के खिलाफ अपमानजनक और आधारहीन टिप्पणियाँ कीं, जिनसे न केवल उनका व्यक्तिगत अपमान हुआ, बल्कि पूरे विपक्ष की गरिमा को भी नुकसान पहुँचाने का प्रयास किया गया। कांग्रेस पार्टी ने यह भी कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने इस मामले में कोई कार्रवाई करने के बजाय भाजपा सांसदों को संसद में बोलने की अनुमति दी, जिससे सरकार के दबाव का स्पष्ट संकेत मिलता है।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और संबित पात्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया गया है। गोगोई ने कहा, हमने इस पर लोकसभा अध्यक्ष से निर्णय की अपेक्षा की थी, लेकिन प्रश्नकाल स्थगित कर दिया गया। जो सदस्य हमारे खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किए जाने के बावजूद संसद में बोल रहे हैं, यह स्थिति सरकार की ओर से विपक्ष के अधिकारों का उल्लंघन करती है। गौरव गोगोई ने आगे कहा, आज हम देख रहे हैं कि सरकार के दबाव में लोकसभा अध्यक्ष कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। विपक्ष के नेता और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियाँ की जा रही हैं, लेकिन सत्ता पक्ष के नेताओं के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। यह विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश है।

कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, हम देख रहे हैं कि सरकार विपक्ष को दबाने के लिए दमनकारी रवैया अपना रही है। कल एक सदस्य ने न केवल राहुल गांधी बल्कि पूरे विपक्ष के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन है। यह सरकार के दबाव का स्पष्ट उदाहरण है, और लोकसभा अध्यक्ष उनकी इस दबाव में आकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। दरअसल, यह विवाद तब शुरू हुआ जब शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और कांग्रेस नेता गौरव गोगोई के बीच तीखी बहस हुई। दुबे ने राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के सलिल शेट्टी के साथ मिलकर भारत जोड़ो आंदोलन का संचालन किया और उस आंदोलन को पैसे दिए गए थे। दुबे ने कहा, “राहुल गांधी अमेरिका गए और बांग्लादेश के नरसंहार के जिम्मेदार मुश्फिकुल फजल से मिले।

उन्होंने इल्हान उमर, रो खन्ना और बारबरा ली से भी मुलाकात की, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे का विरोध किया था। यह सब क्या था?” निशिकांत दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने उन लोगों से भी मुलाकात की, जो खालिस्तान बनाने की बात करते हैं और कश्मीर को भारत से अलग करने की कोशिश करते हैं। दुबे ने यह सवाल भी उठाया कि राहुल गांधी का इन लोगों से क्या संबंध है और क्या वह इन मुद्दों का समर्थन करते हैं? भा.ज.पा. के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राहुल गांधी देशद्रोही हैं। पात्रा ने कहा, राहुल गांधी और ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक जॉर्ज सोरोस के बीच संबंध हैं। सोरोस उन ताकतों का समर्थन करते हैं, जो भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा फैलाते हैं। यह मुद्दा देश की एकता और संप्रभुता से जुड़ा हुआ है। पात्रा ने यह भी दावा किया कि फ्रेंच मीडिया में इस बारे में खुलासा किया गया है कि राहुल गांधी जॉर्ज सोरोस के संपर्क में थे।

भाजपा ने यह आरोप भी लगाया कि राहुल गांधी के विदेशी नेताओं से रिश्ते और उनके द्वारा उठाए गए विवादित मुद्दे देश की सुरक्षा और एकता के लिए खतरा हो सकते हैं। भाजपा ने कांग्रेस से यह सवाल भी किया कि क्या राहुल गांधी इन आरोपों का जवाब देंगे और सरकार की नीतियों के खिलाफ खड़े होकर विदेशी ताकतों का समर्थन करेंगे। कांग्रेस का यह भी आरोप है कि भाजपा और मोदी सरकार ने जानबूझकर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाने की कोशिश की है। उनका कहना है कि भाजपा नेताओं की टिप्पणियाँ केवल राहुल गांधी के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे विपक्ष और भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ हैं।

कांग्रेस का कहना है कि जब राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र और सरकार के खिलाफ सवाल उठाए, तो भाजपा ने व्यक्तिगत हमले शुरू कर दिए, ताकि सरकार और उनकी नीतियों के खिलाफ उठती आवाजों को दबाया जा सके। कांग्रेस का यह भी कहना है कि भाजपा और मोदी सरकार के दबाव के कारण लोकसभा अध्यक्ष ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। कांग्रेस ने इस पूरे मामले में संसद की कार्यवाही को स्थगित करने और विपक्ष के अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस और भाजपा के बीच यह विवाद अब एक नए मोड़ पर पहुँच गया है। भाजपा नेताओं द्वारा राहुल गांधी पर लगाए गए गंभीर आरोपों और कांग्रेस की विशेषाधिकार हनन की शिकायत ने भारतीय राजनीति को एक बार फिर तीव्र विवादों की ओर बढ़ा दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार और भाजपा जानबूझकर राहुल गांधी और विपक्षी दलों के खिलाफ गंदी राजनीति कर रहे हैं, ताकि लोकतंत्र के असल मुद्दों पर चर्चा न हो सके। अब देखना होगा कि लोकसभा अध्यक्ष इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और संसद में इस मुद्दे पर किस तरह की बहस होती है।

नयी दिल्ली:वायनाड के लोगों को बहाने नहीं, मदद चाहिए, प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने शुक्रवार को कहा कि आपदाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और भूस्खलन प्रभावित वायनाड के लोग राज्य और केंद्र सरकारों की ओर उम्मीद के साथ देख रहे हैं तथा उन्हें अब बहाने नहीं चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि वायनाड के लोगों को सम्मान के साथ अपने जीवन को पटरी पर लाने में सक्षम होने के लिए तत्काल मदद की आवश्यकता है। इससे एक दिन पहले ही प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर केरल के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।

वायनाड की सांसद ने शुक्रवार को ‘एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘आपदाएं राजनीति का विषय नहीं होनी चाहिए। ऐसी आपदाओं के पीडि़तों के
सहयोग के प्रयासों में मानवता और करुणा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘वायनाड के लोग राज्य और केंद्र सरकारों की ओर
आशा से देख रहे हैं, उन्हें बहाने नहीं चाहिए, उन्हें गरिमा के साथ अपने जीवन पटरी पर लाने में सक्षम होने के लिए तत्काल मदद की जरूरत है। उनका कहना था कि जब सरकार में हर स्तर पर घावों को भरने और जीवन के पुनर्निर्माण के लिए मिलकर काम किया जाता है तो भारत मजबूत होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र और राज्य सरकार को आगे बढ़कर वायनाड के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। प्रियंका गांधी ने अपने पोस्ट में ‘‘वायनाड में भूस्खलन और बाढ़ के लिए सहायता पर नोट के स्क्रीनशॉट साझा किए।

इस नोट में लिखा है, ‘‘केंद्र सरकार वायनाड के प्रभावित लोगों के प्रति संवेदनशील है और राज्य सरकार को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से आगे बढ़ी है। इसमें कहा गया है कि वायनाड में भूस्खलन आपदा के बाद प्रभावित लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए केंद्र के सहयोग की पहली किस्त 145.60 करोड़ रुपये 31 जुलाई, 2024 को और 145.60 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त एक अक्टूबर, 2024 को जारी की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *