लखनऊ। आरक्षण बचाओ संघर्ष समित उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार से पुरजोर मांग उठाई है कि पदोन्नति में आरक्षण, कोटा में कोटा, क्रीमी लेयर के मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अलग-अलग याचिकाओं में अलग-अलग निर्णय सामने आए हैं। इसलिए इन गंभीर मामलों पर केंद्र की मोदी सरकार तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाकर कानून बनाए और आरक्षण को नवी अनुसूची में डालें। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के नेताओं ने इस बात पर चिंता जताई कि संविधान की किताब अपने हाथ में लेकर चुनाव में घूमने वाले नेता पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर और कोटा में कोटा के मुद्दे पर संसद में चुप क्यों थे। संसद का सत्र खत्म भी हो गया ऐसे में सभी नेताओं को दलित व पिछडे वर्ग के संवैधानिक अधिकारों पर जवाब देना पडेगा।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के प्रमुख संयोजक अवधेश कुमार वर्मा, संयोजक डॉ राम शब्द जैसवारा, केबी राम पीएम प्रभाकर ने आज जारी अपने बयान में कहा बहुत जल्द ही इस मुद्दे पर जरूरत पडी तो संघर्ष समिति की बैठक भी बुलाई जाएगी। सभी राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात कर उनसे सवाल भी किया जाएगा कि आरक्षण के तमाम संवैधानिक मुद्दों पर उनकी क्या राय है और वह संसद चलने के दौरान चुप क्यों रहते हैं। दूसरी ओर जब लोग सभा का चुनाव आता है तो सभी आरक्षण के सबसे बडे हितेषी हैं। ऐसा नारा देकर संविधान की किताब हाथ में लेकर घूमते हैं। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार से पुरजोर मांग उठाते हुए कहा केंद्र सरकार संसद का विशेष सत्र तत्काल बुलाए और दलितों के संवैधानिक मुद्दे पर विशेष रूप से चर्चा कराकर उसको कानूनी रूप देकर मजबूती प्रदान करने के लिए नौवीं अनुसूची में डालें जिस आरक्षण पर कोई भी कुठाराघात ना कर पाए। दलित कार्य समाज का हक सुरक्षित रहे।
वेबीनार में उठी बाढ़ क्षेत्र में तीन माह विद्युत बिल माफी की मांग,बेरोजगार युवाओ ने सेवा आयोग भर्ती का मामला उठाया
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए उपभोक्ता परिषद की तरफ से चलाये जाने वाले साप्ताहिक वेबीनार में आज सैकडो की संख्या में अनेकों जनपदों के विद्युत उपभोक्ताओं ने भाग लेकर अपनी बात रखी। उपभोक्ताओं की तरफ से पहली बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में अगल तीन माह तक बिजली बिल माफ और बेरोजगार उपभोक्ताओं द्वारा रिक्त पदों पर विद्युत सेवा आयोग का मुद्दा उठाया गया। पूर्वांचल मध्यांचल से तराई क्षेत्र से जुडे अनेकों विद्युत उपभोक्ताओं ने कहा उनके क्षेत्र में वर्तमान में बाढ जैसी स्थिति है वितरण ट्रांसफार्मर उतार लिए गए हैं। लंबे समय से सप्लाई बंद है। ऐसे में जब तक बाढ की स्थिति बनी रहे उसके मद्दे नजर बाढ प्रभावित क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली बिल को कम से कम 3 महीने के लिए माफ किया जाए क्योंकि जब वह बिजली का उपभोग ही नहीं करेंगे तो उनसे बिजली बिल का भुगतान लेना पूरी तरह गलत है।
अनेकों जनपदों से जुडे विद्युत उपभोक्ताओं ने यह मुद्दा भी उठाया कि किसानों के विद्युत बिल में आनेको जनपदों में काल्पनिक बकाया दिखाया गया है और अब उसे क्षेत्रीय अभियंता संशोधित नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से उनका रजिस्ट्रेशन बाधित है और वह फ्री बिजली योजना का लाभ नहीं ले पा रहे आईटी विंग द्वारा इसे सही कराया जाए। दक्षिणांचल से जुडे किसान हरेंद्र सिंह सिरसागंज ने अपनी समस्या से संबंधित काल्पनिक बकाए का पत्र भी भेजा।पूर्वांचल जनपद से जुडे अनेकों विद्युत उपभोक्ताओं ने इस बात की शिकायत रखी की पूर्वांचल में ज्यादातर जनपदों में कुछ अभियंता जानबूझकर अपना फोन नॉट रीचेबल कर लेते हैं और या तो फोन उठाते नहीं है। जो बहुत ही गंभीर मामला है। 1912 पर शिकायत का हाल क्या है वह सभी समझ सकते हैं कि उसका होना ना होना बराबर है। गोरखपुर से जुडे उपभोक्ता संतोष पटेल ने इस बात को प्रमुखता से उठाया। जिस पर तत्काल उपभोक्ता प्रतिशत अध्यक्ष ने पूर्वांचल के निदेशक कार्मिक से बात कर उन्हें अवगत कराया। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सभी विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं को जहां सुना वही उपभोक्ताओं को बिजली चोरी से दूर रहने और अपने क्षेत्र में उपभोक्ताओं को जागरूक करने पर भी चर्चा की गई। नए कनेक्शन सहित विद्युत भार के संबंध में वेबीनार में जुडे विद्युत उपभोक्ताओं को जागरूक किया। बाढ क्षेत्र में जहां सप्लाई कई हफ्तों से बंद है और आगे भी लंबे समय तक बंद रहने की संभावना है। उसे क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं के बिलों को माफ करने की मांग भी राज्य सरकार व पावर कॉरपोरेशन से उठाई जाएगी। परिषद द्वारा उपभोक्ताओं को भरोसा दिया। प्रदेश के अनेको जनपदों से दर्जनों की संख्या में बेरोजगार छात्र भी आज उपभोक्ता परिषद के वेबीनार में जुडे। उन्होंने उपभोक्ता परिषद से यह मांग उठाई कि बेरोजगारों की इस मांग को सरकार तक पहुंचाया जाए कि बिजली निगम में रिक्त पडे पदों को भरने के लिए नियुक्तियां निकाली जाए और अनिवार्य रूप से बिजली निर्गम की भर्ती विद्युत सेवा आयोग से ही कराई जाए । क्योंकि विद्युत सेवा आयोग से तय समय से भर्ती हो जाती है लेकिन यूपीपीएससी में काफी लंबा समय लगता है। इसलिए वहां से भर्ती करने का विचार पूरी तरह गलत है। उपभोक्ता परिषद ने कहा आप सब कि मांग को पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन व सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
खुर्जा पावर परियोजना से इसी वर्ष मिलेगी 850 मेगावाट बिजली
बुलंदशहर के खुर्जा में सरकारी कंपनी टीएचडीसी इंडिया लि. और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित किए जा रहे सुपर क्रिटिकल खुर्जा थर्मल पावर परियोजना से उत्तर प्रदेश को इसी साल से बिजली मिलने लगेगी। तय शर्तों के तहत यूपी को इस परियोजना से 854.4 मेगावाट बिजली मिलेगी। वहीं पनकी की 660 मेगावाट क्षमता की एक इकाई और जवाहरपुर परियोजना की 660 मेगावाट की दूसरी इकाई से बिजली का कमर्शियल उत्पादन जल्द शुरू हो जाएगा। इन दोनों इकाइयों की पूरी बिजली यूप को मिलनी है।
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक खुर्जा में 660 मेगावाट की दो इकाइयों की स्थापना की जा रही है। पहली इकाई से सितंबर तथा दूसरी इकाई से दिसंबर 2024 तक बिजली उत्पादन शुरू हो जाने की संभावना है। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को प्रदेश के लिए 854.4 मेगावाट बिजली मिलेगी। सितंबर से पहली इकाई से उत्पादन शुरू होने पर यूपी को 427.2 मेगावाट बिजली तत्काल मिलने लगेगी। वहीं दूसरी इकाई जिससे दिसंबर तक बिजली उत्पादन शुरू होना है उससे भी 427.2 मेगावाट बिजली यूपी के लिए मिलेगी। एनटीपीसी द्वारा सिंगरौली में स्थापित की जा रही सिंगरौली स्टेज-तीन परियोजना से भी यूपी को 800 मेगावाट बिजली मिलेगी। इस परियोजना का काम मार्च 2029 में पूरा होने की उम्मीद है।जवाहरपुर तापीय परियोजना की 669 मेगावाट की दूसरी इकाई से बिजली का कामर्शियल उत्पादन शुरू करने के लिए परियोजना को ग्रिड से जोड़ दिया या है। बिजली उत्पादन का ट्रायल चल रहा है। पनकी की 660 मेगावाट की एक इकाई को भी ग्रिड से जोड़ दिया गया है। इन दोनों परियोजना से जल्द ही कामर्शियल उत्पादन शुरू हो जाने की उम्मीद है। इन दोनों इकाइयों के उत्पादन से जुड़ जाने पर यूपी की अपनी बिजली उत्पादन क्षमता में 1320 मेगावाट का इजाफा हो जाएगा। जिसके बाद यूपी की अपनी बिजली उत्पादन क्षमता बढ़कर 8460 मेगावाट हो जाएगी। अभी यूपी की अपनी बिजली उत्पादन क्षमता 7140 मेगावाट है।
स्थानीय निकाय निदेशालय में हुई समीक्षा एवं ओरिएंटेशन कार्यशाला,नगर विकास और स्वच्छ भारत मिशन पर चर्चा
स्थानीय निकाय निदेशालय के विशाखा ऑडिटोरियम में प्रमुख सचिव अमृत अभिजात की अध्यक्षता में समीक्षा एवं ओरिएंटेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में एडीएम,स्थानीय निकायों के ओसी मौजूद रहे। समीक्षा एवं ओरिएंटेशन कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने नगर विकास के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा के साथ स्वच्छ भारत मिशन नगरीय (एसबीएम-अर्बन) और इससे जुड़े अन्य अभियानों पर विशेष जोर दिया गया।
कार्यशाला में स्वच्छ भारत मिशन नगरीय की समीक्षा के दौरान स्वच्छ सर्वेक्षण 2024, कचरा मुक्त शहर (जीएफसी) पहल और खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्रोटोकॉल्स में एसडीएम की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है इसपर भी प्रकाश डाला गया। प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि इन कार्यक्रमों के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी की अवश्यकता है।प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने स्वच्छ भारत मिशन शहरी (एसबीएम-यू) की प्रगति की विस्तृत समीक्षा करते हुए एमआरएफ, कम्पोस्ट पिट्स, ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) संयंत्र, सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय (पीटी/सीटी) और प्रयुक्त जल प्रबंधन जैसे मुख्य क्षेत्रों पर चर्चा करते हुए धन के उपयोग की भी जानकारी उपस्थित एसडीएम और ओसी को दी।प्रमुख सचिव ने एसबीएम से संबंधित चर्चाओं के अलावा, एडीएम को राज्य सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। जिसमें मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना, आकांक्षी नगर योजना, नमस्ते योजना, मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना, पार्क एडॉप्शन नीति, कान्हा गौशाला, अंत्येष्टि स्थल, और उपवन योजना, वंदन योजना, मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट योजना शामिल हैं। श्री अभिजात ने शहरी विकास विभाग के लिए एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया, जिसमें भविष्य की दिशा और लक्ष्यों का उल्लेख किया गया। इसके बाद, स्थानीय नगरीय निकाय निदेशक अनुज कुमार झा ने प्रशासनिक मुद्दों और जिले स्तर पर शहरी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में जिला परियोजना प्रबंधकों (डीपीएम) और जिला समन्वय अधिकारियों (डीसीओ) की भूमिकाओं पर चर्चा की गई। इस कार्यशाला में प्रमुख अधिकारियों में सचिव,नगर विकास विभाग, अजय शुक्ला, अपर निदेशक स्थानीय नगरीय निकाय निदेशालय, श्रीमती ऋतु सुहास, विशेष सचिव,नगर विकास विभाग, अरुण प्रकाश, एम.बी. सिंह, विशेष सचिव,नगर विकास विभाग भी उपस्थित थे।
सेवा निवृत्त डिप्लोमा इंजीनियर्स की समस्याओं पर चर्चा
सेवा निवृत्त डिप्लोमा इंजीनियर्स कल्याण संघ, उत्तर प्रदेश के लखनऊ जनपद की मासिक बैठक संपन्न हुई। बैठक के सेवानिवृत्त डिप्लोमा इंजीनियर्स की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा के दौरान समस्याओं से प्रदेश के मुख्यमंत्री को अवगत कराने का निर्णय लिया गया।
बैठक में ओल्ड एज होम के निर्माण, 8700 ग्रेड पे, स्थानीय निकाय के साथियों के लिए दीनदयाल कैशलेस चिकित्सा कार्ड, कम्यूटेड पेंशन की कटौती बंद करने आदि अनेक समस्याओं पर चर्चा हुई तथा समाधान हेतु,विचार रखे गए। बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष- इं दिवाकर राय, मंडल अध्यक्ष- इं विजय सिंह, एवं प्रांतीय वित्त सचिव- नरेश कुमार जी उपस्थित रहे तथा बैठक की अध्यक्षता इं राम रतन जनपद अध्यक्ष द्वारा किया गया।
REPORT BY:PREM SHARMA
EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS