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LUCKNOW:सिंचाई के आंकड़े एकत्र करना अंतरिक्ष विज्ञान की मदद से ही संभव:स्वतंत्र देव

  • REPORT BY:NITIN TIWARI
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

-आटोमेटिक रेन गेज से बाढ़ का पूर्वानुमान, बाढ़ से राहत और बचाव करने में आसानी -जलशक्ति मंत्री

लखनऊ: यूपी के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने डा0 राम मनोहर लोहिया परिकल्प भवन, सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग (तेलीबाग लखनऊ) में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि पूरे प्रदेश के विभिन्न बांधो, जलाशयों, नहरों, बैराजों से जल की उपलब्धता एवं संचालन सम्बन्धी प्रतिदिन के आंकड़े यहाँ कमांड सेन्टर में एकत्र करना अंतरिक्ष विज्ञान की मदद से ही संभव हो पा रहा है। अतः हमें इसे और प्रभावी बनाने पर निरंतर विचार करते रहना चाहिए। हम आज के दिन को न केवल अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियों के रूप में मानते हैं, बल्कि इसे एक प्रेरणा के रूप में भी देखते हैं।
श्री सिंह ने कहा कि आज का दिन युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति आकर्षित करने का एक विशेष अवसर भी है। आज के युवा हमारे भविष्य के वैज्ञानिक, इंजीनियर और शोधकर्ता हैं, जो आने वाले समय में हमारे देश को और ऊँचाइयों पर ले जाएंगे। भारत के चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की उपलब्धि हमारे देश की वैज्ञानिक क्षमता, तकनीकी उत्कृष्टता, और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। इस अद्वितीय उपलब्धि को प्राप्त करने में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के निरंतर समर्थन और प्रेरणा का विशेष योगदान है।
उन्होंने कहा कि  प्रधानमंत्री  के प्रयास और लगातार दिए गए नैतिक मार्गदर्शन से प्रेरित होकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) द्वारा यह अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की गयी जो विश्व के किसी भी देश के लिए अभी तक केवल कल्पना तक सीमित है। इस मिशन के बाद यह वाक्य भी बहुत प्रचलित हुआ कि कुछ देशों के झंडों पर चांद होता है वहीं कुछ देशों का झंडा चांद पर होता है। वैज्ञानिकों के कौशल और परिश्रम एवं माननीय मोदी जी की नेतृत्व क्षमता के बल पर भारत ने असंभव को भी संभव करके दिखाया है।
रियल टाइम डाटा एक्वीजिशन सिस्टम उपकरण की स्थापना प्रदेश के विभिन्न बांधों, नहरों एवं रिवर गेज़ साइटों में किया गया है जिससे बांधों एवं नहरों का हाइड्रोलॉजिकल डाटा जैसे वाटर डेप्थ, वेलोसिटी, डिस्चार्ज, रैनफाल रियल टाइम में प्राप्त हो रहा है। 23 अगस्त, 2023 को चन्द्रयान-3 मिशन की सफलता के उपलक्ष्य में सम्पूर्ण भारतवर्ष में राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस मनाया जा रहा है। अतः आज हम सभी इस अद्वितीय उपलब्धि को राष्ट्रव्यापी उत्सव के रूप में मनाने के लिये यहां एकत्रित हुए है।
इस उपकरण से रियल टाइम वाटर डेप्थ एवं डिस्चार्ज की सूचना ऑनलाइन प्राप्त की जाती है, जिससे बाढ़ प्रबन्धन अधिक कुशल और आसान हो जाता है। विभाग में आटोमेटिक रेन गेज के द्वारा वर्षा के जल का मापन कर बेसिनवार फ्लड फोरकास्टिंग की जाती है, जिससे बाढ़ की दृष्टि से संवदेनशील जनपद, बाढ़ आने से तीन दिन पूर्व ही सजग हो जाते हैं तथा बांध की सुरक्षा के लिए आवश्यक तैयारियां कर ली जाती हैं। इस प्रकार सिंचाई विभाग को उपग्रहों और सेन्सर के माध्यम से जल संसाधनों की निगरानी करने में स्पेश टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। जल संकट की समस्या का समाधान करने, कृषि क्षेत्र में कृषकों को जल का कुशल प्रबन्धन कर समय से खेतों में टेल तक पर्याप्त जल उपलब्ध कराने के लिए विकसित तकनीकी का प्रयोग सिंचाई में करने का आह्वान किया गया।
जलशक्ति राज्यमंत्री  रामकेश निषाद द्वारा कॉन्फ्रेस में पधारे विशिष्ट जनों, विभिन्न राजकीय एवं केन्द्रीय विभागों एवं संस्थानों से उपस्थित प्रतिनिधियों, अधिकारियों को जल संचय करने जल का अपव्यय रोकने राजकीय सम्पत्ति एवं जन मानस को बाढ़ की विभिषिका से बचाने के लिए सभी उन्नत एवं नवीन टक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए आम जनमानस के जीवन को और बेहतर बनाने में सहयोग करने का आह्वान किया।  इस अवसर पर प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जलसंसाधन  अनिल गर्ग एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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