LUCKNOW:गाजीपुर की घटना से डिप्लोमा इंजीनियर्स आक्रोशित,क्लिक करें और भी खबरें

-डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ करेगा प्रदेश व्यापी आन्दोलन,बैठक इं. एन.डी. द्विवेदी ने जताई नाराजगी 

  • REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 

लखनऊ। गाजीपुर जनपद में जखनियां के विधायक के प्रतिनिधि द्वारा अवर अभियन्ता के साथ मारपीट एवं जानलेवा हमला किये जाने तथा एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अभियुक्तों की गिरफ्तारी न किये जाने से डिप्लोमा इंजीनियर्स में आक्रोश व्याप्त है। इस सम्बन्ध में आज डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की प्रदेश स्तरीय उच्चाधिकार समिति की लखनऊ में बैठक इं. एन.डी. द्विवेदी की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में इस गम्भीर घटना में सम्मिलित अभियुक्तों की पुलिस प्रशासन द्वारा गिरफ्तारी न किये जाने पर गम्भीर आक्रोश व्यक्त किया गया है। संघ द्वारा निर्णय लिया गया है कि यदि प्रशासन गम्भीरता पूर्वक प्रकरण को संज्ञानित करते हुए घटना में सििम्म्लत अभियुक्तों की गिरफ्तारी नही करता तो डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ प्रदेश व्यापी आन्दोलन करने हेतु बाध्य होगा।

संघ को बताया गया कि 28.मार्च को प्रान्तीय खण्ड,गाजीपुर में कार्यरत विरेन्द्र कुमार, अवर अभियन्ता द्वारा बभनौली चट्टी से खुटहन प्राथमिक पाठशाला सम्पर्क मार्ग पर नवीनीकरण का कार्य सम्पादित कराया जा रहा था। कार्य स्थल पर विरेन्द्र कुमार अवर अभियंता के साथ विभागीय मेट, बेलदार एवं सम्बन्धित ठेकेदार प्रतिनिधि श्री सोनू आदि उपस्थित थे। लगभग 11.45 बजे दोपहर में विधायक जखनियां के प्रतिनिधि अरविन्द राम एवं पीयूष राम अपने साथियों के साथ कार्य स्थल पर आकर अकारण ही सड़क उखाड़ने लगे।

विरेन्द्र कुमार अवर अभियंता द्वारा विरोध किये जाने पर विधायक प्रतिनिधि अरविन्द राम एवं पीयूष राम द्वारा गाली गलौज करते हुए विरेन्द्र अभियंता अवर अभियंता को मारा पीटा गया तथा जान से मारने धमकी दी गयी है। इस प्रकार के अराजक कृत्य से जनपद गाजीपुर में कार्यरत समस्त अवर अभियन्ताओं में भय का माहौल व्याप्त है। विधान सभा जखनियां के अन्तर्गत इस प्रकार की घटनायें प्रायः घटित हो रही है, जिससे अवर अभियंताओं को विभागीय कार्याे के सम्पादन में असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

इस सम्बन्ध में पूर्व में भी इनके द्वारा शासकीय कार्य में व्यवधान पैदा किये जाने एवं अभियन्ताओं तथा ठेकेदार के कार्मिकों के साथ अभद्र भाषा एवं दुर्व्यवहार किये जाने की शिकायत की गयी है। इस प्रकार बार-बार घटनाओं की पुनरावृत्ति से कार्यस्थल पर कार्य सम्पादित कराने में अवर अभियन्ताओं में भय एवं आक्रोश व्याप्त होना स्वाभाविक है। इस घटना से व्यथित होकर जनपद गाजीपुर के सभी कार्मिक एवं अभियंता आन्दोलनरत हैं। परन्तु अभी तक पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने से अभियुक्त भयमुक्त होकर घूम रहे हैं। जिससे जनपद में आतंक का माहौल व्याप्त है। इसी परिप्रेक्ष्य में आज संघ के प्रान्तीय कार्यकारिणी की उच्चाधिकार समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि यदि गाजीपुर पुलिस प्रशासन द्वारा नियमानुसार घटना की जॉच कराकर अविलम्ब अभियुक्तों की गिरफ्तारी नही की जाती है तो डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ प्रदेश व्यापी आन्दोलन करने हेतु बाध्य होगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन एवं विभाग की होगी।

संघर्ष समिति ने निजीकरण की मंशा पर उठाए सवाल

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने बिजली के निजीकरण की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए आगामी 09 अप्रैल को लखनऊ में बिजली कर्मचारियों और उपभोक्ताओं की विशाल रैली की तैयारी शुरू कर दी है। आज लगातार 125वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण के पीछे यदि बिजली व्यवस्था में सुधार है तो यह सुधार बिजली कर्मी बहुत तीव्र गति से कर रहे हैं। लेकिन निजीकरण के पीछे कोई और मंशा दिखाई देती है ।उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही निजीकरण की प्रक्रिया में कोई पारदर्शिता नहीं है और भ्रष्ट आचरण अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में जब माननीय योगी आदित्यनाथ जी की सरकार आई थी तब ए टी एंड सी हानियां 40ः से अधिक थी जो 31 मार्च 2024 तक घटकर 16.5ः रह गई हैं। राष्ट्रीय मानक 15ः लाइन हानियों का है। कुछ ही महीनों में बिजली कर्मी लाइन हानियां 15ः से नीचे ले आएंगे। संघर्ष समिति ने कहा कि यह सब आंकड़े समय-समय पर उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा जी स्वयं ट्वीट कर कर देते रहे हैं। अतः जब लाइन हानियां राष्ट्रीय मानक से नीचे आने जा रही है तो उत्तर प्रदेश की 42 जनपदों की लाखों करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के दाम निजी घरानों को बेचने की कोशिश क्यों की जा रही है।
संघर्ष समिति ने कहा कि यह पता चला है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट मेसर्स ग्रांट थॉर्टन के लोग पावर कारपोरेशन के निदेशक वित्त के कमरे से ही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह सही है तो उत्तर प्रदेश सरकार की, माननीय योगी आदित्यनाथ जी की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और पारदर्शिता की नीति की खुल्लम-खुल्ला धज्जियां उड़ाई जा रही है।
संघर्ष समिति ने कहा कि इसके पहले ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति के डॉक्यूमेंट में कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) के प्राविधान को हटा दियागया था। निजीकरण हेतु नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में आरडीएसएस स्कीम के अंतर्गत स्मार्ट मीटरिंग का काम कर रही है। यह सीधे-सीधे कनफ्लिक्ट आप इंटरेस्ट का मामला है। संघर्ष समिति ने कहा कि जिस स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के आधार पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण किया जा रहा है उस ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट को आज तक केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने अप्रूव नहीं किया है। ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट में प्रारंभ में ही लिखा हुआ है कि यह डॉक्यूमेंट भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की नीति का प्रतिनिधित्व नहीं करता। संघर्ष समिति ने कहा कि यह तथा ऐसे अनेक सवाल है जिनसे निजीकरण की मंशा और तौर तरीकों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है। संघर्ष समिति ने विगत चार माह में वाराणसी, आगरा, गोरखपुर,प्रयागराज, मेरठ, लखनऊ में बिजली महा पंचायत कर बिजली कर्मियों के साथ-साथ आम उपभोक्ताओं और किसानों के बीच निजीकरण से होने वाले दुष्प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की है। इन बिजली महा पंचायत से यह निष्कर्ष निकलकर सामने आया है कि आम उपभोक्ताओं और किसानों की यह सुविचारित राय है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रांत में बिजली का निजीकरण आम जनता के हित में नहीं है। उन्होंने बताया कि आगामी 09 अप्रैल को लखनऊ में हो रही विशाल रैली में देश के सभी प्रांतों के बिजली कर्मियों का प्रतिनिधित्व होगा और भारी संख्या में आम उपभोक्ता भी सम्मिलित होंगे। आज राजधानी लखनऊ में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने अलग-अलग कार्यालयों में जाकर बिजली कर्मचारियों से संपर्क कर 09 अप्रैल की रैली के लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया। प्रदेश भर में सभी जनपदों और परियोजनाओं पर लोकसभा के साथ जनसंपर्क का अभियान चला।

मानकों में बदलाव से बिजली कंपनियों का फायदा, खामियाजा भुगतेगी जनता
-उपभोक्ता परिषद साजिश को नहीं होने देंगा कामयाब

बहुवर्षीय वितरण टैरिफ विनियमावली 2025 जो अगले 5 वर्षों तक वर्ष 2029 तक लागू रहेगी। आज से पूरे उत्तर प्रदेश में लागू हो गई और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से विद्युत नियामक आयोग के अनुशंसा पर अधिसूचना भी जारी कर दी गई। इस बार की नियमावली में जिस प्रकार से केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए रूल के तहत बदलाव किया गया है उससे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बड़ा नुकसान होगा। यह भी कहना उचित होगा कि आने वाले निजी घरानो के लिए नया रास्ता खोला गया है कि हर हाल में उन्हें फायदा हो। लेकिन उपभोक्ता परिषद कामयाब नहीं होने देगा। उपभोक्ता परिषद लगातार लड़ाई लड़के बिजली दरों में बढ़ोतरी 5 सालों तक नहीं होने दिया तो अब उपभोक्ता परिषद से घबराकर बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग से पूरी विनियमावली के मानक ही बदलवा दिए। यह कोई पूछने वाला नहीं है कि पहले भी विद्युत नियामक आयोग ने जो मानक बनाए थे उसमें बदलाव क्यों किए गए। आयोग निजी घराने के दबाव में सब चुप है। यह एक तरह से निजी घरानों के लिए रेड कॉर्पाेरेट बिछाने जैसा है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जब सूचना जारी हो गई और प्रस्तावित विनियमावली में निजीकरण बाहर कर दिया गया। ऐसे में वर्तमान में निजीकरण क्यों किया जा रहा है। इस पर ना तो सरकार पूछने वाली है और ना ही ऊर्जा मंत्री कुछ बोलने वाले हैं क्योंकि या निजी घरानो का मामला है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा वर्तमान में जो 2025- 26 का वार्षिक राजस्व आवश्यकता बिजली कंपनियों के तरफ से विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया गया है वह लगभग 1 लाख 1000 करोड़ का है। 70 हज़ार करोड़ की बिजली खरीद प्रस्तावित है। वितरण हानियां आरडीएसएस अनुमान के तहत 13.82 प्रतिशत प्रस्तावित है। परिचालन एवं अनुरक्षण खर्च मरम्मत एवं रखरखाव खर्च सहित प्रशासनिक एवं सामान्य व्यय के मद में बिजली कंपनियों की तरफ से लगभग 11800 करोड़ प्रस्तावित किया गया है। इन्हीं मानकों में विद्युत नियामक आयोग ने बदलाव कर दिया है जिसमें सबसे ज्यादा फायदा बिजली कंपनियों का होगा।
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा वर्ष 2025-26 में केवल अनुरक्षण एवं परिचालक सहित मरम्मत और रखरखाव व प्रशासनिक और सामान्य व्यय में जो लगभग 11800 करोड़ प्रस्तावित किया गया है। उसमें पूर्व की विनियमावली के तहत लगभग 4500 की कटौती हो जाती लेकिन अब जो मानक बना है उससे 2000 करोड़ से ज्यादा कटौती नहीं हो पाएगी। वर्ष 2024 -25 में विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों द्वारा जो इस मद में लगभग 10789 करोड़ प्रस्तावित किया गया था। उसमें केवल 6478 करोड़ ही पास किया था। लगभग 4300 करोड़ की कटौती हुई थी। इसी प्रकार से वर्ष 2023 -24 की टैरिफ आदेश पर ध्यान दें तो विद्युत नियामक आयोग ने 10.67प्रतिसत वितरण हानियां पर बिजली दर जारी किया था। लेकिन विद्युत नियामक आयत ने वर्ष 2024- 25 में आरडीएसएस की वितरण हानियों को अनुमोदित करते हुए 13.09 प्रतिशत वितरण हानियां पर बिजली दर जारी किया था। इस बार पावर कारपोरेशन ने वितरण हानियां 13.82 प्रस्तावित किया है। इस प्रकार से पावर कारपोरेशन को इस मद में भी लगभग 2000 करोड़ का फायदा हो जाएगा। सब मिलकर इस नए विनियमावली से पावर कारपोरेशन को व बिजली कंपनियों को सबसे ज्यादा परिचालन एवं अनुरक्षण में मरम्मत एवं रखाव खर्च सहित वितरण हानियां के मद में लगभग 3500 हजार करोड़ से 4000 करोड़ के बीच फायदा होना था यानी कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं पर बिजली कंपनियों का सर प्लस निकलेगा और जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को बिजली दरों में बढ़ोतरी के रूप में भुगतना पड़ेगा।

गृहकर वसूली, 579 करोड़ रुपये जमा

लखनऊ नगर निगम ने इस साल गृहकर वसूली के मामले में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक की सबसे अधिक राशि, 579.03 करोड़ रुपये गृहकर के रूप में जमा की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 150 करोड़ रुपये अधिक है। इस कर वसूली में माननीय महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल जी के मार्गदर्शन से लगातार टैक्स में वृद्धि हुई। महीने के चारों शुक्रवार को समाधान दिवस आयोजित किया गया। जिसमें लोगों की जीआईएस से जुड़ी समस्याओं का निस्तारण करके टैक्स जमा कराया गया।

नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने लखनऊ के नागरिकों को उनकी सक्रिय भागीदारी और समय पर कर जमा करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि नगर निगम अपनी आय बढ़ाने और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयासरत है। निगम ने गृहकर भुगतान को आसान बनाने के लिए डिजिटल माध्यमों को बढ़ावा दिया है। अब नागरिक एसएमएस अलर्ट, ऑनलाइन बैंकिंग, पेटीएम, यूपीआई और अन्य डिजिटल माध्यमों से आसानी से अपना गृहकर जमा कर सकते हैं। वर्ष 2024-25 में ऑनलाइन बैंकिंग से 1.40 लाख ट्रांजेक्शन हुए, जिससे 62.19 करोड़ रुपये जमा हुए। पेटीएम क्यूआर कोड से 40 हजार ट्रांजेक्शन हुए, जिससे 22.86 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए क्रमशः 84.74 करोड़ और 75.55 करोड़ रुपये की वसूली हुई। बीबीपीएसी से 59,025 लोगों ने भुगतान किया, जिसमें 23.83 करोड़ रुपये जमा हुए। व्हाट्सऐप के माध्यम से 74 भवन स्वामियों ने 3,19,469 रुपये जमा किए हैं। बड़े बकायेदारों से वसूली के लिए निगम ने 6000 से अधिक भवनों को सील किया। इससे लंबित गृहकर की वसूली तेजी से हुई और नगर निगम को बड़ा आर्थिक लाभ मिला। फिलहाल नगर निगम ने 5,05,689 भवन मालिकों (आवासीयरू 4,33,581 व कमर्शियलरू 72,108) से गृहकर वसूला है। पिछले वित्तीय वर्ष में 4,16,000 भवन मालिकों ने गृहकर जमा किया था। कुल कर वसूली में भी लगभग 50ः की वृद्धि हुई है। 2023-24 मेंरू नगर निगम ने कर व करेत्तर से 909 करोड़ रुपये टैक्स जमा किया था। 2024-25 मेंरू यह आंकड़ा इस वित्तीय वर्ष 1355.32 करोड़ रुपये पहुंच गया।

शिक्षक कर्मचारी काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

एनएमओ पी एस तथा अटेवा पेंशन बचाओ मंच उ०प्र० के आह्वान पर आज  सभी शिक्षकों, कर्मचारियों ,अधिकारियों ने यूपीएस तथा एनपीएस के विरोध में काला दिवस मनाया । यूपीएस तथा एन पी एस के विरोध में पूरे देश का हर शिक्षक कर्मचारी अधिकारी बाँह पर काली पट्टी बांधकर अपने कार्यस्थल पर जबरदस्त विरोध दर्ज कराया। एन एम ओ पी एस व अटेवा के अध्यक्ष विजय कुमार ’बन्धु’ने बताया कि केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूपीएस लागू कर रही है। केन्द्र सरकार द्वारा लागू की जा रही यूपीएस योजना एन पी एस से भी घातक है। यूपीएस किसी भी प्रकार कर्मचारियों के हित में नहीं है। देश के अर्द्ध सैनिक बलों को भी नहीं छोड़ा नेताओं ने वे भी पेंशन को लेकर चिंचित है। यूपीएस और एनपीएस के विरोध में पूरे देश के हर जिला मुख्यालयों पर शिक्षकों, कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया है और ज्ञापन सौंपकर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री जी के नाम पत्र भेज कर केंद्र सरकार से अपना विरोध दर्ज कराया।
लखनऊ के ग्लोब पार्क में सभी विभागों के कर्मचारी व शिक्षक एक हो कर इस व्यवस्था का जबरदस्त विरोध किया। एनपीएस और यूपीएस गो बैक के नारे लगाए गए। ग्लोब पार्क पर शिक्षक कर्मचारियों भारी संख्या में उपस्थित रहे और सभी वक्ताओं ने अटेवा का साथ देने का संकल्प लिया और पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने के लिए सरकार से अनुरोध किये। अटेवा अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने बताया कि कर्मचारियों का हित केवल और केवल पुरानी पेंशन व्यवस्था में है । मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करके कर्मचारियों के अंधकारमय जीवन में नया उजाला फैलाने का काम केंद्र सरकार करें । प्रदेश महामंत्री डॉ नीरज पति त्रिपाठी ने कहा कि एनपीएस यूपीएस में कर्मचारी का गाढ़ी कमाई का पैसा डूब रहा है आप सब ने भी शेयर को ड्बते हुए देखा भी होगा इसलिए से तत्काल बंद किया जाए। स्वास्थ्य महासंघ के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार ने कहा कि पुरानी पेंशन एक सामाजिक सुरक्षा का मजबूत आधार है यदि नेता चार-चार पेंशन ले सकते है प्रदेश के शिक्षक कर्मचारियों को पेंशन देने में क्या दिक्कत है?? लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ मनोज पांडे ने कहा कि अटेवा की लड़ाई सही दिशा में है और सभी शिक्षक कर्मचारी संगठनों को मिलकर साथ देना चाहिए 1 मई को जंतर मंतर की विशाल प्रदर्शन में सभी को पहुंचना चाहिए। जिला संयोजक लखनऊ सुनील कुमार वर्मा, संयुक्त मोर्चा हरिशंकर राठौर, महामंत्री विजय यादव अटेवा सिंचाई विभागअमित यादव , कृषि विभागधर्मेंद्र सिंह, सिविल हॉस्पिटल , कलेक्ट्रेट नरेंद्र प्रताप सिंह, नरेंद्र कुमार कोषाध्यक्ष कृषि विभाग हेमंत खड़का, पशुपालन विभाग नरपत सिंह, पंचायती राज विभाग रामेंद्र श्रीवास्तव डॉअब्दुल रहीम,ज्ञळडब् से नर्सिंग अध्यक्ष यदुनंदिनी सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्षविक्रमादित्य मौर्य श्रवण सचान बलरामपुर हॉस्पिटल सुनील यादव आदि ने अपने विचार व्यक्त किया। इस मौके पर हजारों की संख्या में शिक्षक कर्मचारी/अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यवाहक महासंघ अध्यक्ष सुरेन्द्र श्रीवास्तव का मनाया जन्मदिन

राज्य कर्मचारी महासंघ के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं विद्युत सुरक्षा निदेशालय कर्मचारी संघ के संरक्षक सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव का जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ कार्यालय में जोरदार तरीके से जन्म दिन मनाया गया। जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पाण्डेय की उपस्थिति में सैकड़ों कर्मचारियों ने पुष्पमाला पहनाकर एवं केक काटकर उनका जन्म दिन मनाया। इस दौरान कई संगठन के कर्मचारी नेताओं ने सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव के कर्मचारी राजनीति के क्षेत्र में किए गए कार्यो एवं कर्मचारी हित में कराये गए निर्णयों से उपस्थित लोगों को अवगत कराया।
महासंघ कार्यालय में सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव के जन्म दिन पर दर्जनों विभाग के कर्मचारी नेताओ ने पहुच कर उन्हें जन्म दिन की शुभकामना देते हुए कहा कि उनका योगदान कर्मचारी हितों के लिए सराहनीय है। इस दौरान कई कर्मचारी सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने जन्म दिन पर उन्हें उपहार दिये। इस अवसर पर पर महासंघ के महामंत्री राम कुमार धानुक, सईद अकील बब्लू, विद्युत सुरक्षा निदेशालय के अध्यक्ष अमित श्रीवाास्तव, समीर, पवन कुमार गौड़ सहित कई अन्य सगठन के पदाधिकारी सदस्य उपस्थित रहे। अपने जन्मदिन समारोह पर सुरेन्द्र श्रीवास्तव ने कहाकि उनका लक्ष्य ही कर्मचारी हितो की रक्षा करना है इसके लि जो भी कुर्बानी देनी होगी उसके लिए वे हमेशा तैयार है।

 

Aaj National

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *