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LUCKNOW:स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर नियामक आयोग का उपभोक्ता के पक्ष में फैसला,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:PREM SHARMA
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

-स्मार्ट मीटर परियोजना घाटे का सौदा: उपभोक्ता परिषद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की लंबे समय से चल रही लड़ाई अंततः रंग लाई। बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल आरडीएसएस योजना के खर्च अनुमोदन की याचिका पर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला कहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना पर होने वाले किसी भी खर्च की कोई भी भरपाई प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं से किसी भी रूप में नहीं की जाएगी। इसमें वार्षिक राजस्व आवश्यकता एआरआर, बिजली दर,, ट्रू अप का खर्च उपभोक्ताओं पर नही डाला जाएगा। गौरततलब की केंद्र सरकार ने पहले ही कह दिया था कि विद्युत नियामक आयोग इस खर्च को आम जनता पर ना पडने दे। इसके आदेश के बाद अब विद्युत नियामक आयोग ने भारत सरकार के फैसले के क्रम में अपना फैसला सुना दिया है। विद्युत नियामक आयोग लगातार इस पूरी योजना को आत्मनिर्भर योजना मानकर चल रहा है। बिजली कंपनियां अपनी कलेक्शन एफिशिएंसी और दक्षता के आधार पर इसकी भरपाई स्वयं करें।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियमाकर द्वारा सुनाए गए फैसले के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य  संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर प्रदेश के उपभोक्ताओं के पक्ष में सुनाए गए फैसले पर उनका आभार व्यक्त किया। उपभोक्ता परिषद की तरफ से कहा विद्युत नियामक आयोग उपभोक्ताओं की आवाज को सुनकर संवैधानिक निर्णय दिया है। जो स्वागत योग कदम हैं। अवधेश कुमार वर्मा ने कहा अब प्रदेश की बिजली कंपनियों के सामने सबसे बडा संकट आने वाला है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना की भारत सरकार द्वारा अनुमोदित राशि 18885 करोड है। लेकिन सभी बिजली कंपनियों द्वारा जो टेंडर अवार्ड किया गया है वह 27342 करोड का है। ऐसे में सवाल यह कि अब इतनी बडी धनराशि प्रदेश की बिजली कंपनियां कहां से लाएंगी ? क्या राज्य सरकार कोई सब्सिडी देगी ? यदि नहीं तो बिजली कंपनियां हजारों करोड रूपया इस मद में कैसे इकट्ठा करेगी ? यह भी जांच का विषय है। भारत सरकार द्वारा अनुमोदित राशि से 45 प्रतिशत अधिक दरों पर जो टेंडर अवार्ड किए गए हैं। आने वाले समय में वह उत्तर प्रदेश में सबसे बडा जांच का मुद्दा होगा। इसीलिए उपभोक्ता परिषद अनेकों बार पूरे मामले की सीबीआई से जांच करने की मांग उठ चुका है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा यह प्रदेश की बिजली कंपनियों के लिए घाटे का सौदा है। अभी भी बिजली कंपनियां इस पर पुनर्विचार करें देश के बडे निजी घराने स्मार्ट मीटर को महंगी दर पर घटिया क्वालिटी का लगाकर फायदा कमा कर भाग जाएंगा। उसका खामियाजा लंबे समय तक प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता भुगतता रहेगा। सबसे बडी बात यह है की वर्तमान में 4 जी तकनीकी के जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। यह तकनीकी 2 साल में खत्म होगी। वर्तमान परियोजना अगले 8 वर्षों तक चलनी है तब तक 5 जी तकनीकी आ जाएगी। फिर यह सभी मीटर उपभोक्ताओं के लिए जी का जंजाल बनेंगे। उत्तर प्रदेश में एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड ने पूरे प्रदेश में लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर 2 जी 3जी तकनीकी के मीटर लगाकर आज तक उसे 4 जी में कन्वर्ट नहीं किया और पूरी योजना खटाई में चली गई।

जीआईएस सर्वे की 60 आपत्ति का मौके पर निस्तारण

नगर में स्थित भवनों के जी.आई.एस. सर्वे में किए गए कर निर्धारण के विरुद्ध आपत्तियों के निराकरण हेतु आज शुक्रवार को जी.आई.एस. समाधान दिवस का आयोजन  नगर निगम मुख्यालय स्थित त्रिलोकीनाथ हॉल में किया गया। समाधान दिवस में भवन स्वामियों से जी.आई.एस.. द्वारा किए गए कर निर्धारण के विरुद्ध लिखित आपत्तियां साक्ष्य व भवन की वर्तमान फोटो सहित आमंत्रित की गई थी।जी.आई.एस. समाधान दिवस में सभी अपर नगर आयुक्त, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, सहायक नगर आयुक्त, सभी जोनल अधिकारी, कर अधीक्षक, राजस्व निरीक्षक व कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ जी.आई.एस. सर्वे की टीम मौजूद रही। आज के समाधान दिवस की अध्यक्षता महापौर  सुषमा खर्कवाल द्वारा की गयी।महापौर द्वारा स्वयं आगन्तुको की समस्याएं स्वयं सुनकर सम्बन्धित अधिकारियों को शीघ्र निस्तारण हेतु निर्देशित किया गया। आज के समाधान दिवस में जोनवार 60 आपत्तियां प्राप्त हुई जिसमें से सभी 60 आपत्तियों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया।
जी.आई.एस. समाधान दिवस में समस्त जोनल अधिकारीगण अपने अधीनस्थ कर अधीक्षक एवं राजस्व निरीक्षको के साथ उपस्थित रहकर आवेदन प्राप्त होने पर तत्काल ही गणना व जाँच करते हुए मौके पर निस्तारण कराया गया। समाधान दिवस में जोन-1 आपत्तिकर्ता जुबैदा खान,मौलवीगंज वार्ड का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 7290 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 6480, मो. शफीक,बरफ खाना, का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 10800 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 5875, जोन-2 आपत्तिकर्ता  अब्दुल मजी़द पांडे तालाब, म का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 7452 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 4032र्,  अन्नपूर्णा सक्सेना,कुंदुरी रकाबगंज का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 23040 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 11217,जोन-3 आपत्तिकर्ता  कमला देवी, भरत नगर, का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 29700 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 12600, भरत कुमार द्विवेदी, केश्व नगर, का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 20700 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 17550, जोन-4 आपत्तिकर्ता राजश्री जायसवाल, पेपर मिल कॉलोनी का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 11475 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 7776 रूपये किया गया। जोन-5 आपत्तिकर्ता मोहम्मद मुजीर्बुर रहमान, आजादनगर, का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 12960 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 12375, शंकर लाल, विश्वेश्वर नगर, का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 15300 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 9000, जोन-6 आपत्तिकर्ता अनिरूद्र सिंह सेंगर, फरीदीपुर, का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 19440 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 14310,  सीमा राय, जरनैलगंज, का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 16200 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 10125, जोन-7 आपत्तिकर्ता  इस्तीफा हुसैन, खुर्रम नगर, का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 20937 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 13608, विजय कुमारी चौधरी, विकास नगर सेक्टरका जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 23400 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 13693, जोन-8 आपत्तिकर्ता  ममता चक्रवर्ती,बंगाली टोला,का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 16848 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू.. 10800 और रामा शंकर बाजपेई,शीतलखेड़ा,का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 11520 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 7875 रूपये किया गया। नगर आयुक्त ने बताया कि उक्त जी.आई.एस. समाधान दिवस प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित करते हुए जी.आई.एस. के सभी प्रकरणो का निस्तारण कराये जाने तक जारी रखा जायेगा।

मेसर्स लायन सिक्युरिटी को मिला टेण्डर

डोर कूड़ा कलेक्शन, सेकेंड्री ट्रांसपोर्टेशन ऑफ म्युनिशिपल सॉलिड वेस्ट, रोड, स्ट्रीट स्वीपिंग एंड ट्रांसपोर्टेशन ऑफ स्वीइंग वेस्ट, ड्रेन क्लीनिंग व सिल्ट का उठान, उद्यान वेस्ट का उठान एवं परिवहन व एमआरएफ एवं ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण आदि कार्यों के टेण्डर में मेसर्स लायन सिक्युरिटी एवं नेचर ग्रीन जॉइंट वेंचर को मिली काम की जिम्मेदारी। इस कार्य के लिए निगम द्वारा गई टेण्डर प्रक्रिया में तीन कम्पनियों ने टेण्डर डाला था।डोर कूड़ा कलेक्शन, सेकेंड्री ट्रांसपोर्टेशन ऑफ म्युनिशिपल सॉलिड वेस्ट, रोड, स्ट्रीट स्वीपिंग एंड ट्रांसपोर्टेशन ऑफ स्वीइंग वेस्ट, ड्रेन क्लीनिंग व सिल्ट का उठान, उद्यान वेस्ट का उठान एवं परिवहन व एमआरएफ एवं ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण आदि कार्यों हेतु आमंत्रित निविदा की तकनीकी बिड 09 अगस्त 2024 को खोली गई थी। जिसका मूल्यांकन 19 अधिकारियों की विभागीय समिति जिसमें समस्त अपर नगर आयुक्त ,सफाई, मुख्य नगर लेखा परीक्षक मुख्य अभियंता , मुख्य अभियंता, समस्तजेड एसओ ,पर्यावरण अभियन्ता,नगर स्वास्थ अधिकारी कमेटी द्वारा किया गया था। उक्त कार्रवाई पारदर्शी व ई-टेंडरिंग के माध्यम से सुनिश्चित हुई है।तीनों निविदा दाता मेसर्स बी.वी.जी. इंडिया लिमिटेड, मेसर्स स्वच्छता कॉर्पाेरेशन, मेसर्स लायन सिक्युरिटी व मेसर्स नेचर ग्रीन जॉइंट वेंचर में का कमेटी के समक्ष प्रस्तुतिकरण कराया गया। जिनकी वित्तीय बिडिंग 14अगस्त 2024 को खोली गई। जिसमें न्यूनतम दर,निविदा की धनराशि मेसर्स लायन सिक्युरिटी एवं नेचर ग्रीन जॉइंट वेंचर की प्राप्त हुई है।

पीएम बताए,कर्मचारी संगठन अपनी पीड़ा किसके समक्ष रखे: इप्सेफ

इण्डियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र एवं महासचिव प्रेमचन्द्र ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर उनसे आग्रह किया है कि कर्मचारी संगठनों की समस्याओं पर आपसी बातचीत करके सुलझाने हेतु केन्द्र एवं राज्यों में कोई फोरम बनवाये। जिससे कि आये दिन केन्द्रीय व राज्य कर्मचारी संगठनों को आन्दोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ता है। आन्दोलन के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है उल्टे कर्मचारी नेताओं को दण्डित कर दिया जाता है।
श्री मिश्र ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगों पर आपसी बातचीत करके समस्या का हल निकाले। परन्तु खेद है कि मंत्री, अधिकारियों ने संगठन से बातचीत नहीं की है। अगर संगठन के पदाधिकारी अधिकारियों से भेंट करना चाहता है तो कहा जाता है कि आन-लाइन मिलने हेतु समय मांगे, जबकि पहले व्यवस्था थी कि 3 से 4 के बीच भेंट करने के निर्देश था। कर्मचारियों की समस्या पर बात ने करने, समय न देना अलोकतांत्रिक है। मुख्यमंत्री एवं मंत्रीगण भी मिलने का समय नहीं देते है। श्री प्रेमचन्द्र ने कहा कि दुःखी कर्मचारी से वांछित कार्य यथासम्भव नहीं होता है। 20 राज्यों के संगठनों अध्यक्ष,महामंत्री ने विगत माह अपनी पीड़ा राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री से भेंट कर बतलाई थी, परन्तु उनके प्रयास के बाद भी यथास्थिति बनी हुई है, जिससे देश भर के कर्मचारी 02 अक्टूबर से सत्याग्रह करने जा रहे है। उन्होंने प्रधानमंत्री आग्रह किया है कि इप्सेफ के पदाधिकारियों से भेंट करने का समय प्रदान करे। जिससे की कर्मचारियों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया जा सके। इप्सेफ आपसे मिलकर समस्याओं का सार्थक निर्णय कराना चाहते है, इसलिए प्रधानमंत्री से आग्रह है कि इस माह में भेट का समय देना चाहे।

सेनानी स्मारक से लेकर शहीद स्थल तक तिरंगा यात्रा

नूरपुर थाना तिरंगा केस की ऐतिहासिक घटना की स्मृति में ग्राम फीना के सेनानी स्मारक से नूरपुर में शहीद स्थल तक युवकों ने तिरंगे के साथ मार्च किया। ग्राम गोहावर से भी तिरंगे के साथ मार्च किया गया। फीना से तिरंगा यात्रा वर्ष 2021 से निकाली जा रही है। फीना के सेनानी स्मारक तथा नूरपुर में शहीद स्थल एवं नूरपुर में अमर बलिदानी परवीन सिंह और रिक्खी सिंह की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए सेनानियों का जय घोष किया गया।इस तिरंगा यात्रा में राजीव कुमार रवि कुमार उत्तमवीर सिंह मनोज कुमार ललित कुमार सुभाष सिंह जयदीप चौहान विनीत कुमार आदि फीना से तथा सहदेव सिंह आदि गोहावर से पहुंचे।

 

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