-एसटीएफ लखनऊ व मुम्बई क्राइम ब्रान्च की टीम ने दबोचा,साथियों के साथ नेपाल भागने की फ़िराक में था
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REPORT BY: AAJNATIONAL NEWS ||AAJNATIONAL NEWS DEASK
लखनऊ।यूपी एस0टी0एफ0 ने मुम्बई के चर्चित बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में लारेन्स विश्नोई गैंग के मुख्य शूटर शिव कुमार उर्फ शिवा को उसके चार साथियों के साथ बहराईच जिले के थानाक्षेत्र नानपारा के हाराबहसरी नहर पुलिया से गिरफ्तार किया है ।
पकड़े गये शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा पुत्र बाल किशुन गौतम निवासी ग्राम गण्डारा, थाना कैसरगंज, जनपद बहराईच मुख्य शूटर ,अनुराग कश्यप पुत्र राधे राम कश्यप निवासी ग्राम गण्डारा, थाना कैसरगंज, जनपद बहराईच शूटर धर्मराज कश्यप का भाई व आश्रयदाता,ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी पुत्र प्रदीप कुमार निवासी ग्राम गण्डारा, थाना कैसरगंज, जनपद बहराईच आश्रयदाता/मददगार,आकाश श्रीवास्तव पुत्र बृज कुमार निवासी ग्राम गण्डारा, थाना कैसरगंज, जनपद बहराईच आश्रयदाता/मददगार,अखिलेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र सुरेश सिंह निवासी ग्राम गण्डारा, थाना कैसरगंज, जनपद बहराईच आश्रयदाता/मददगार को एसटीएफ लखनऊ व मुम्बई क्राइम ब्रान्च की टीम ने दबोचा है।
एडीजी एसटीएफ/कानून व्यवस्था अमिताभ एश ने बताया कि बीती 12 अक्तूबर को रात्रि थाणे, मुम्बई में महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री व फिल्म अभिनेता सलमान खान के करीबी जियाउद्दीन अब्दुल रहीम सिद्दीकी उर्फ बाबा सिद्दीकी की हत्या उनके विधायक पुत्र जीशान सिद्दीकी के खेरनगर स्थित कार्यालय के बाहर तीन अज्ञात शूटरों द्वारा गोली मार कर दी गयी थी, जिसको लेकर थाना निर्मल नगर, थाणे, मुम्बई मुक़दमा दर्ज हुआ था,इसके दो शूटर धर्मराज कश्यप व गुरमेल सिंह को उसी समय गिरफ्तार कर लिया गया था, एक शूटर शिव कुमार फरार हो गया था।पकड़े गये शूटरों ने इस हत्या को जेल में बन्द कुख्यात अपराधी लारेन्स विश्नोई के इशारे पर किये जाने के तथ्य का खुलासा किया था। महाराष्ट्र निवासी शुभम लोनकर व जालन्धर निवासी मो0 यासीन अख्तर इन शूटरों के हैण्डलर्स थे, जिन्होंने उन्हें लाजीस्टिक व मृतक की लोकेशन उपलब्ध करायी थी।इस चर्चित हत्याकाण्ड में मुम्बई पुलिस ने अपने पत्र के माध्यम से मुख्य शूटर शिवकुमार सहित अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये यूपी एसटीएफ से सहयोग माँगा था, जिस पर पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ प्रमेश कुमार शुक्ला के पर्यवेक्षण में एसटीएफ मुख्यालय की टीम लगाई गयी थी।
एडीजी एसटीएफ/कानून व्यवस्था अमिताभ एश ने बताया कि मुम्बई क्राईम ब्रान्च की टीम लखनऊ आयी और एसटीएफ के साथ अभिसूचना संकलन में लगी इसी बीच पता चला कि मुख्य शूटर शिव कुमार अपने साथियों के साथ बहराईच के नानपारा थाना क्षेत्र में कहीं छिपा हुआ है व नेपाल भागनेे की फिराक में है।इस पर रविवार को एसटीएफ के उपनिरीक्षक जावेद आलम सिद्दीकी, मुख्य आरक्षी मुनेन्द्र सिंह, आरक्षी अजीत कुमार सिंह व मुम्बई क्राईम ब्रान्च निरीक्षक अमोल कुमार नानपारा क्षेत्र में मौजूद थे ।उसी समय पता चला कि शिव कुमार अपने साथियों के साथ नेपाल भागने वाला है तथा उसके कुछ साथी उसे नेपाल में सुरक्षित आश्रय पर छोड़ने के लिए जाने वाले है और हाराबहसरी नहर पुलिया थानाक्षेत्र नानपारा, बहराईच में मौजूद हैं। एसटीएफ व मुम्बई क्राईम ब्रान्च ने मुख्य शूटर शिव कुमार सिंह सहित चार और साथियों को गिरफ्तार कर लिया ।
एडीजी एसटीएफ/कानून व्यवस्था अमिताभ एश ने बताया कि गिरफ्तार शिव कुमार व धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वालें है।शिव कुमार पूना में स्क्रैप का काम करता था।इसकी व शुभम लोनकर की स्क्रैप की दुकान अगल-बगल थी। शुभम लोनकर लारेन्स विश्नोई के लिए काम करता है। उसने शिव कुमार की बात स्नैप चैट के माध्यम से लारेन्स विश्नोई के भाई अनमोल विश्नोई से कई बार करायी है। बाबा सिद्दीकी की हत्या के एवज में बताया गया था कि हत्या के बाद दस लाख रूपये मिलेंगे तथा हर महीने कुछ न कुछ मिलता ही रहेगा। हत्या के लिए शस्त्र व कारतूस, सिम व मोबाईल फोन शुभम लोनकर व मो0 यासीन अख्तर ने दिया था। हत्या के उपरान्त आपस में बात करने के लिए तीनों शूटरों को नये सिम व मोबाईल फोन दिये गये थे। पिछले कई दिनों से यह लोग मुम्बई में बाबा सिद्दीकी की रैकी कर रहे थे और बारह अक्तूबर की रात्रि में सही समय मिलने पर इन लोगों ने बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दिया। उस दिन त्यौहार होने के कारण पुलिस व भीड़-भाड़ भी थी, जिसके कारण दो लोग मौके पर पकड़ लिये गये थे और शिव कुमार फरार हो गया था। शिव कुमार ने फोन रास्ते में फेंक दिया था और मुम्बई से पूना चला गया था। पूना से झाँसी व लखनऊ के रास्ते बहराईच पहुंचा था। बीच-बीच में यह अपने साथियों व हैण्डलर्स से किसी का भी फोन मांग कर बात करता रहा। अनुराग कश्यप से शिव कुमार ट्रेन से एक यात्री से फोन मांग कर बात किया था तो उसने यह कहा था अखिलेन्द्र, ज्ञान प्रकाश व आकाश ने मिलकर तुम्हारे नेपाल में छिपने की व्यवस्था कर ली है। इसीलिए बहराईच आया था और अपने साथियों के साथ मिलकर नेपाल भागने की फिराक में था।