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LUCKNOW:बिजली उपभोक्ताओं की आवाज, नियामक आयोग कराये भर्ती,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:PREM SHARMA
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

-उपभोक्ता परिषद ने बेरोजगार छात्रों का दिलाया भरोसा

लखनऊ। उपभोक्ता परिषद की तरफ से प्रत्येक शनिवार को चलाये जाने वाले साप्ताहिक वेबीनार में आज जहां बडी संख्या में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं ने भाग लेकर ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ती का मुद्दा उठाया और रोस्टर समाप्त कर तत्काल 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का आदेश जारी करने की मांग उठाई। उपभोक्ताओ ने कहां लंबे समय तक ब्रेकडाउन के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत मुश्किल से 13 से 14 घंटे विद्युत आपूर्ति मिल पा रही है। इसी बीचव अनेको जनपदों से बडी संख्या में प्रदेश के युवा बेरोजगार परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों ने उपभोक्ता परिषद के वेबीनार में शामिल होकर समूह ख व ग की परीक्षा अनिवार्य रूप से विद्युत सेवा आयोग से ही करने की मांग रखी। अधिकाधिक संख्य में उठ रही आवाज को देखते हुए उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने वायदा किया कि इस मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगें जिससे युवा साथियों के साथ न्याय हो सकें। आज के वेबीनार में बडी संख्या में युवा छात्रों रमन मिश्रा, सूरज वर्मा, दिनेश कुमार, दीपक सिंह, रितु यादव, प्रियंका मिश्रा, समीर खान, सोनू यादव, पवन कुमार, रितु यादव, शिवम तिवारी ने अपनी बात रखते हुए कहा की पावर कारपोरेशन का विद्युत सेवा आयोग समय से भर्ती करता है इसलिए हमारी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचा दीजिए कि पावर कॉरपोरेशन जल्द से जल्द रिक्त पदों की भर्ती विद्युत सेवा आयोग से ही कराकर युवा बेरोजगारों को एक मौका दें।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने वेबीनार में जुडे अपने सभी ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को अवगत कराते हुए कहा कहा ग्रामीण क्षेत्र में रोस्टर समाप्त कर 24 घंटे विद्युत आपूर्ति कानूनी तौर पर अनिवार्य रूप से किए जाने के लिए उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में याचिका लगाई थी। उपभोक्ता परिषद लगातार अपनी बात उठा रहा है। जिसके जवाब में पावर कॉरपोरेशन की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में यह जबाब दाखिल किया गया है कि उपभोक्ता परिषद का ग्रामीण क्षेत्र को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति दिए जाने का प्रस्ताव स्वागत योग्य है। इस मुद्दे पर पावर कॉरपोरेशन तकनीकी और वाणिज्यिक पैरामीटर पर अध्ययन कर रहा है। वेबीनार में उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने युवा बेरोजगारों को आश्वासन दिया कि उनकी बात वह पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ऊर्जा राज्य मंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे जिससे उनकी मांगों पर उत्तर प्रदेश सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार करें।

उपभोक्ताओं के बकाए के चलते बिजली दर कमी का रास्ता साफ
उपभोक्ताओं में खुशी की लहर उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को मिल रही बधाई

वर्ष 2024 -25 की वार्षिक राजस्व आवश्यकता व बिजली दरों में जहां सभी बिजली कंपनियों मे आम जनता की सुनवाई के बाद राज्य सलाहकार समिति की बैठक जो विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में 5 अगस्त को संपन्न हुई थी। इस बैठक की कार्यवृत्ति जारी होते ही बिजली कंपनियों में हडकंप मच गया। रिपोर्ट के मुताबिकउत्तर प्रदेश में अब बिजली दरों में कोई भी बढोतरी का रास्ता बंद हो गया है वही प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे लगभग सरप्लस 33122 करोड के एवज में एक मुस्त 40 प्रतिशत अथवा अगले 5 वर्षों तक प्रत्येक वर्ष 8 प्रतिशत बिजली दरों में कमी का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। राज्य सलाहकार समिति की बैठक की कार्यवृत्ति में उपभोक्ता परिषद द्वारा उठाए गए प्रस्ताव को पूरी तरह कार्यवृत्ति में शामिल कर लिया गया है। कार्यवृत्ति जारी होते ही प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के बीच खुशी की लहर है प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को इस बात के लिए बधाई दे रहे हैं कि उनकी लडाई रंग लाई। गौरतलब की ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बडी संवैधानिक कमेटी जो विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 87 के तहत गठित है उसमें सभी मुद्दों को चर्चा में शामिल किया गया उसके बाद अब जो मंतव्य निकलकर सामने आ रहा है उससे प्रदेश में पांचवी साल में बिजली दरो में बढोतरी का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया अब देश का कोई भी कानून उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बढोतरी की इजाजत नहीं देता।
देर शाम विद्युत नियामक आयोग द्वारा राज्य सलाहकार समिति की बैठक की कार्यवृत्ति जारी होते ही बिजली कंपनियों के होश उड गए। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सरकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा अब उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बढोतरी का रास्ता पूरी तरह बंद हो चुका है। बिजली दरों में कमी के मामले पर विद्युत नियामक आयात को फैसला लेना है प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को पूरी उम्मीद है विद्युत नियामक आयोग उपभोक्ताओं के पक्ष में निश्चित ही फैसला सुनाएगी। उपभोक्ता परिषद की लडाई रंग लाई नोएडा पावर कंपनी में भी जो सर प्लस के एवज में 10 प्रतिशत की कमी वर्तमान में चल रही है।उसे आगे बढाई जाने का रास्ता भी साफ हो गया है। उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग के सामने साफ कह दिया था कि नोएडा पावर कंपनी आयोग द्वारा अनुमोदित एनुअल बिलिंग दर रुपया 7.69 प्रति यूनिट से घटाकर रुपया 7.18 यूनिट दिखाकर मनगढंत है। जो पूरी तरह गलत है विद्युत ट्रांसफार्मर की दरों को भी ऊंची दरों पर खरीद रहा है इसकी जांच होनी चाहिए। कार्यवृत्ति उपभोक्ता परिषद द्वारा उठाया गया महत्वपूर्ण बिंदु पूरे प्रदेश में विद्युत दुर्घटनाओं से लगभग 1120 लोगों की जान जाती है जिसमें संविदा कर्मी भी बड़ी संख्या में शामिल है। जिसे रोकना बहुत जरूरी है। उपभोक्ता परिषद ने आयोग के सामने यह भी मुद्दा उठाया की बिजली निगमों में संविदा पर जो कार्मिक काम कर रहे हैं उनके लिए समान कार्य समान वेतन का सिद्धांत पूरी तरह लागू होना चाहिए। जिस पर पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक द्वारा स्पष्ट किया गया है कि सभी का जीवन बहुत ही महत्वपूर्ण हैद्य। इसके लिए पावर कॉरपोरेशन बेहतर से बेहतर प्रयास आगे करेगा। कार्यवृत्ति में मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार द्वारा उठाया गया बिंदु कि मेट्रो की 40 प्रतिशत खर्च विद्युत पर ही होता है अतः ऐसी नीति बनाई जाए कि मेट्रो पर विद्युत का खर्च अन्य राज्यों के समकक्ष हो मेट्रो की दरे अन्य राज्यों की अपेक्षा बहुत ज्यादा है। विशेष सचिव आईटी राहुल सिंह ने नोएडा पावर कंपनी के उसे प्रस्ताव जिसमें डाटा सेंटर को एच वी -2 में शामिल किए जाने का प्रकरण रखा गया था उसे पर कहा गया कि मामला उत्तर प्रदेश के मंत्रिपरिषद के पास भेजने के लिए मंत्रणा की जा रही है उसके बाद ही इस पर कोई टिप्पणी की जा सकेगी।उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने आगे उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन की दरों में भी कोई बढोतरी न करने और यूपीएसएलडीसी को पूरी तरह स्वतंत्र रूप देने का भी मुद्दा उठाया और साथ ही यह भी कहा की उत्तर प्रदेश में फिसरीज मत्स्य पालन को कमर्शियल या एग्रीकल्चर के रूप में माने जाने के मामले में छोटे फिशरीज यानी मत्स्य पालन को कृषि यानी कि एग्रीकल्चर श्रेणी की सुविधा दी जाए। ग्रीन एनर्जी को भी बढावा देने की बात की गई। जिस पर प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने मत व्यक्त किया कहां मत्स्य पालन एक व्यावसायिक गतिविधियां है जिसे कृषि क्षेत्र में नहीं रखा जा सकता। यह भी कार्यवृत्ति का हिस्सा बना है।

निरीक्षण में मंत्री वार्डों में सफाई व्यवस्था को लेकर असंतुष्ट दिखे

उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा जनपद लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज प्रातः 7 बजे नगर की सफाई व्यवस्था को देखने के लिए औचक निरीक्षण किया। उन्होंने शहर के जोन 6 के चार वार्डाे का निरीक्षण किया। निरीक्षण के लिए जाते समय रास्ते में बुद्ध विहार शांति उपवन के पास दोपहिया वाहन के एक दुर्घटना में घायल व्यक्ति को देखकर अपनी फ्लीट को रुकवा दिया । उन्होंने घायल व्यक्ति का हाल जाना एवं तुरंत उसे अपनी फ्लीट से गाड़ी उपलब्ध कराते हुए घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचवाया। अधिकारियों को उसके इलाज हेतु निर्देशित भी किया। प्रभारी मंत्री ने आज हैदरगंज वार्ड 2 एवं 3, कल्याण सिंह वार्ड एवं कन्हैया माधोपुर वार्ड का निरीक्षण किया। मंत्री वार्डों में सफाई व्यवस्था को लेकर काफी असंतुष्ट दिखे। उन्होंने हैदरगंज वार्ड में निरीक्षण के दौरान सफाई व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर करते हुए जोनल अधिकारी का वेतन काटने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया। उन्होंने कहा कि सभी जोनों के जोनल अधिकारी अपने-अपने जोन में नियमित निरीक्षण करें और सफाई व्यवस्था एवं नालियों की सफाई को सुनिश्चित कराएं।
श्री खन्ना ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि खाली पड़े प्लाटों को चिन्हित कर उनके मालिकों को नोटिस देकर उनकी बाउंड्री वॉल कराई जाए। उन्होंने कहा कि खाली पड़े प्लाटों पर कूड़ा एवं गंदगियां होती हैं जिससे बीमारियां फैलती हैं और मच्छर इत्यादि पैदा होते हैं। उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि प्रत्येक वार्ड के सभी गलियों में सफाई कर्मी नियुक्त हो तथा उनका नाम व नंबर भी डिस्प्ले किया जाए जिससे क्षेत्र वासियों को उनके बारे में जानकारी हो। प्रभारी मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि पूरे नगर निगम में सफाई का माहौल रहे। लखनऊ प्रदेश की राजधानी होने के नाते सभी के लिए एक रोल मॉडल है इसलिए यह रोल मॉडल जैसा दिखना भी चाहिए। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की सरकार जब से आई है तब से सबसे ज्यादा फोकस जन सुविधाओं एवं साफ-सफाई पर दिया गया है। उन्होंने कहा कि साफ सफाई एवं शुद्ध पेयजल से तमाम बीमारियों से बचा जा सकता है इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है की शहर को स्वच्छ एवं साफ सुथरा रखें। उन्होंने कहा कि इस पर लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि किसी को भी किसी भी प्रकार की समस्या चाहे वह स्वच्छता हो, पेयजल हो या सड़क हो नहीं होनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान लखनऊ नगर निगम की मेयर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, स्वच्छता प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार मिश्रा सहित नगर निगम के अधिकारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे।

जद्दोजहद के बाद दो हजार जुर्माना वसूला

नगर निगम पशु कल्याण विभाग ने  पेट डॉग लाइसेंस चेकिंग अभियान प्रवर्तन दल तथा डॉग कैचिंग स्क्वाड के साथ पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा के नेतृत्व में जोन 8 आशियाना चौराहा,एलडीए कॉलोनी आदि क्षेत्र में चलाया गया। जिसमे मौके पर बिना लाइसेंस श्वान टहलाते हुए पाए गए व्यक्तियों से कुल 20000 रूपए जुर्माना काफ़ी जद्दोजहद के साथ वसूला गया। श्वान कों जब्त भी किया गया था। जिनको जुर्माना देने के बाद छोड़ा गया,मौके पर 5 लोगों के डॉग लाइसेंस भी बनाये गए तथा लाइसेंस चेकिंग अभियान को चलता देख कई लोग अपने श्वान कों लेकर भागते दिखे तथा कई लोग ऐसे भी मिले जिनका लाइसेंस और वैक्सीनेशन कार्ड बना हुआ था द्य
कई लोग अपने श्वान को लेकर घर में बंद कर दिया और टीम से बहसबाज़ी भी की, ऐसे लोगों के विरुद्ध नगर निगम द्वारा नोटिस प्रेषित की जायेगी जिसकी प्रतिलिपि सम्बंधित थाने में भेजी जाएगी। लाइसेंस ना प्रस्तुत करने की दशा में 5000 रुपये प्रति श्वान तक जुर्माना का प्रविधान है, और लाइसेंस ना बनवाने की दशा में श्वान को जब्त भी किया जा सकता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभी तक मात्र 2246 लाइसेंस बने हैँ जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5600 तथा 2022-23 में 8200 डॉग लाइसेंस बने थे। लखनऊ नगर निगम में पालतू श्वानों की संख्या 10000 से अधिक है। लाइसेंस श्वान कों रैबीज टीकाकरण की पुष्टि के उपरांत तथा लखनऊ नगर निगम द्वारा श्वान नियंत्रण उपविधि 2003 पालन का शपथ पत्र देने के उपरांत ही नगर निगम द्वारा निर्गत किया जाता हैद्य नगर निगम द्वारा वर्तमान में 200 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल तक 2 ही श्वान पालने की अनुमति दी जाती हैँद्य विदेशी श्वान तथा उनके क्रॉस हेतु लाइसेंस शुल्क 1000 रूपये तथा देसी श्वान हेतु लाइसेंस शुल्क 200 रूपये प्रति श्वान हैँ। आवश्यकता पड़ने पर यह अभियान पुनः चलाया जायेगा। लाइसेंस पशु कल्याण अधिकारी कार्यालय,लालबाग नगर निगम मुख्यालय से किसी भी कार्य दिवस में बनवाये जा सकते हैँ, इस हेतु श्री जयंत सिंह मो न -9511156792 तथा श्री अफसर अली मो न 9721095021 पर संपर्क किया जा सकता है।

जोनल अधिकारियों से 11 बिन्दुओं पर सूचना तलब

नगर आयुक्त ने  शहर के सभी जोनल अधिकारियों से 11 बिन्दुओं पर सूचना तलब की है। इसमे शिकायतों के निस्तारण से लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल है। ऐसा माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद जोनल अधिकारियों की कार्यशैली का पता चलने पर बदलाव किया जाएगा।
नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह के पत्र में जोनल अधिकारियों से डीसीसीसी कंट्रोल रूम,533 पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण, जनसुनवाई, आई.जी.आर.एस. के लम्बित प्रकरणो का निस्तारण, स्मार्ट सिटी 311 एप पर प्राप्त शिकायतां का निस्तारण,सूचना का अधिकार के लम्बित प्रकरणो का निस्तारण, अतिक्रमण हटाया जाना, ट्रेड लाइसेंस बनाये जाने की प्रगति, गृहकर एवं उसके लम्बित एरियर की वसूली, बोगस डिमांड की जाँच कर समाप्त किया जाना, वेंडिंग जोन से शुल्क वसूली, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लम्बित आवेदनां का निस्तारण,नाम परिवर्तन के लम्बित प्रकरण एवं निस्तारण की सूचना तलब की गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस सूचना के बाद कई जोनल शिथिल कार्यशैली में पाए जा सकते है।

 

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