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LUCKNOW:शो-पीस बनें मोबाइल,बीएसएनएल का नेटवर्क हुआ गायब

  • REPORT BY:A.K. SINGH
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

-अफसर नहीं उठाते है फोन,राम भरोसे मोबाईल सेवाएँ,प्राइवेट कंपनियों को पहुँच रहा लाभ

लखनऊ।राजधानी के बंथरा और सरोजनी नगर तथा मोहनलालगंज और  करोरा इलाके के तमाम गावों में बीएसएनएल के मोबाइल फोन शो-पीस बने हुए हैं।अफसर इसे सही करने और करवाने के बजाय मोबाईल टावरों से डीजल और मरम्मत की अन्य सामानों को गायब करा कर अपनी जेबे भरने में लगे हुए है,मोबाईल नेटवर्किंग सही नहीं है,मरम्मत के नाम पर बराबर धनराशि खर्च हो रही है,यह कहाँ खर्च हो रही है कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं है,मोबाईल सेवाओं के अफसर फोन तक नहीं उठाते है।

बतादे कि राजधानी के बंथरा बंथरा और मोहनलालगंज तथा करोरा इलाके के तमाम गावों अचलीखेड़ा,करोरा,जमालपुर ददुरी,बलसिंह खेड़ा,गुमानी खेड़ा,गुलाल खेड़ा,टिकरा जुगराज,तमोरिया,कुबहरा,देवती आदि गावों में  बीएसएनएल की नेटवर्किंग व्यवस्था चौपट होने से मोबाइल फोन शो-पीस बने हुए हैं। उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से बीएसएनएल की नेटवर्किंग सुविधा न मिलने से काफी परेशान है। इधर करीब एक सप्ताह से बंथरा क्षेत्र में बीएसएनएल की नेटवर्किंग व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है। जिसके चलते उपभोक्ताओं को अपनों से बात करने के लिए वंचित होना पड़ रहा है। मोबाइल फोन से नेटवर्क गायब हो जा रहा है। मोबाइल फोन मिलाने पर स्विच ऑफ बताते है। उपभोक्ताओं का कहना है कि बीएसएनएल कंपनी की नेटवर्किंग व्यवस्था बीच में सही हो गई थी और घरों की अंदर बैठकर बात हो रही थी। परंतु पिछले कुछ दिनों से मोबाइल में नेटवर्क नहीं आ रहा है। सभी से संपर्क लगभग बंद हो गया है। मालूम हो कि जिन उपभोक्ताओं के पास दो मोबाइल नंबर अलग-अलग कंपनियां के हैं उनका काम चल रहा है। जिनके पास केवल बीएसएनल का ही सिम है वो काफी परेशान है। ग्रामीण इलाकों में बीएसएनएल की नेटवर्किंग व्यवस्था एक दम दम तोड चुकी है।सूत्र बताते है कि पूर्व में मोबाईल सेवाओं के रख रखाव और ठीक करने की जिम्मेदारी जिन अफसरों और कर्मचारियों के पास थी,वह पूरा समय नेटवर्किंग सही कराने में ही लगाते थे लेकिन वर्तमान में तैनात अफसर मनमानी कर व्यवस्था को ध्वस्त करने में लगे हुए है।सूत्र बताते है कि पूर्व में यंहा पर नेट वर्किंग व्यवस्था काफी बेहतर थी क्योंकि अफसर यहाँ बने टेलीफोन एक्सचेंजों में जाकर व्यवस्था ठीक कराते थे,लेकिन अब वह एयरकंडीशन कमरों से निकल कर फील्ड में जाना मुनासिब नहीं समझते,इसका लाभ सीधे प्राइवेट कम्पनिया उठा रही है,लगातार उनके उपभोक्ताओ की संख्या बढती जा रही है,लेकिन बीएसएनएल के जिम्मेदारों को नेटवर्किंग दुरुस्त करने की फ़िक्र नहीं है,नेट पैक तो इन जगहों पर बिलकुल ही काम नहीं करता वही मोबाइल नेटवर्क तो राम भरोसे रहता है ।

 

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