- REPORT BY:A.K.SINGH
- EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
-तुष्टिकारक की राजनीति भारत की संस्कृति, संविधान और अस्तित्व सभी के लिए घातक
लखनऊ। सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने शनिवार को अल्पसंख्यक बाहुल्य कुछ इलाकों में अभिभावकों द्वारा स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को साप्ताहिक आवकाश की मांग करने और शुक्रवार को बच्चों को विद्यालय न भेजने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों के कोमल मन और शिक्षा को धर्म, संप्रदाय व कट्टरपंथ के आधार पर विभाजित करना दुर्भाग्यपूर्ण है। बच्चे देश का भविष्य हैं, उनके भविष्य को तुष्टिकरण की राजनीति की बलि नहीं चढ़ाना चाहिए, जो भी राजनीतिक दल ऐसी घटनाओं को प्रोत्साहित करते हैं या उनका खंडन नहीं करते वे उन्नत समाज और राष्ट्र निर्माण में बाधक हैं।झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के 2 स्कूलों में मुस्लिम बच्चों की बाहुल्यता होने पर उनके अभिभावकों द्वारा शासन के आदेश को दरकिनार कर रविवार की जगह शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश का दबाव बनाए जाने के एक समाचार पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने आधिकारिक एक्स( ट्विटर) पर लिखा यह घटना देश की पहली घटना नहीं है, इस से पहले से ही झारखंड के जामताड़ा में और अन्य कुछ स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश मनाया जाता रहा है। अभिभावकों द्वारा रविवार के स्थान पर शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी की मांग करना और शुक्रवार को बच्चे विद्यालय न भेजना ये प्रमाण है भारतीय विधान और संवैधानिक मूल्य तभी तक सुरक्षित हैं, जब तक देश की जनसांख्यिकी संतुलित है।जनसांख्यिकी के आकंडे प्रस्तुत करते हुए विधायक ने आगे लिखा वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार आजादी के बाद झारखंड के संथाल परगना में हिंदू आबादी 22.42% घट गई, वर्ष 2001 में राज्य में 36% आदिवासी थे जो अब घटकर 26% ही रह गए हैं, झारखंड के 25 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम जनसंख्या 125% तक बढ़ गई है। राष्ट्रीय स्तर पर भी वर्ष 1950 से 2015 के बीच हिंदू जनसंख्या 7.82% तक घट जाना और मुस्लिम जनसंख्या में 43.15% वृद्धि चिंताजनक है।मुस्लिम कट्टरपंथियों को आड़े हाथो लेते हुए डॉ. सिंह ने आगे लिखा कट्टरपंथियों द्वारा संविधान की अवहेलना भारत में एक दुखद परंपरा बन गई है, जिसके सामने प्रगतिशील मुसलमान भी घुटने टेक रहे हैं और ऐसी घटनाओं के विरुद्ध कोई आवाज नहीं उठा रहा है। ‘अति सर्वत्र वर्जयेत्’ प्रगतिशील, उदारवादी मुस्लिमों को भी अफगानिस्तान का वह दृश्य कभी नहीं भूलना चाहिए जब कट्टरपंथी तालिबान राज आने के बाद देश छोड़ने वालों की लाइन लग गई, जितने लोग हवाई जहाज के अंदर बैठ कर देश छोड़ रहे थे, उस से कहीं ज्यादा तो जहाज के ऊपर बैठकर देश से भागना चाह रहे थे।विधायक ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाते हुए आगे लिखा तुष्टीकरण की राजनीति के चलते झामुमो सरकार ने पहले तो इन असंवैधानिक कृत्यों को प्रोत्साहित किया, फिर इस से आगे बढ़ते हुए सभी जिलों में उर्दू को स्थानीय भाषा के रूप में मान्यता प्रदान कर दी है। ये तुष्टिकारक की राजनीति भारत की संस्कृति, संविधान और देश के अस्तित्व सभी के लिए घातक है।
ट्रक कंटेनर के पास फांसी पर लटका मिला युवक का शव
बिजनौर थाना क्षेत्र में एक ड्राइवर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। शनिवार को बिजनौर थाने के किसान पथ के किनारे अनूप खेड़ा अंडरपास बड़ा ट्रक बंद बॉडी कंटेनर नंबर यूपी 82 एंटी 1479 में बाहर की बॉडी पर लोहे की बनी सीढ़ी के सहारे प्लास्टिक की डोरी से फांसी लगाकर आत्मह्त्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक की तलाशी ली गई, आधार कार्ड से शव की पहचान संजू यादव पुत्र ओमकार यादव ग्राम उम्र लगभग 26 वर्ष ग्राम सभा पलथा तहसील आंवला जनपद बरेली के रूप में हुई है। मृतक के शव को उलट पलट कर देखा गया फांसी के चोंट के आलावा और कोई चोंट नहीं है। पुलिस ने ट्रक मालिक और मृतक के परिजनों को सूचना दे दी है।
बेंती पशु आश्रय केंद्र में जिंदा गायों को नोच कर खा रहे कौवे
-गंदगी से बजबजा रही पूरी गौशाला, भूख-प्यास और समुचित उपचार ना हो पाना बन रहा मौत का कारण
विकासखंड सरोजनीनगर की ग्राम सभा बेंती में स्थित पशु आश्रय केंद्र के हालात तमाम दावों के बावजूद नहीं सुधर सके हैं। हालत यह है कि प्रतिदिन गायों की भूख-प्यास और इलाज के अभाव में मौतें हो रही हैं।जिसकी फिक्र किसी को नहीं है।
शनिवार को बेंती पशु आश्रय केंद्र में दो गाय मृत्यु पड़ी थी। दो जिंदा गाय जो भूख प्यास और बीमारी के कारण चल फिर नहीं पा रही थी मृत अवस्था में पड़ी हुई थी। उन जिंदा गायों को कौवे नोच रहे थे। जिससे एक गाय की आंख कौवे निकाल ले गये। गंदगी का आलम यह था कि पानी भरा हुआ था। उसी में काफी समय से सफाई न होने की वजह से पशु आश्रय केंद्र गंदगी से बजबजा रहा था गंदगी सड़ रही थी। जिसकी वजह से नाना प्रकार के जहरीले कीटाणु पनप रहे हैं। जो पशुओं पर हमला कर रहे हैं। बिना चारा की सूखी पड़ी चरही यह बयां कर रही थी पशुओं को भरपेट चारा नसीब नहीं हो रहा है।पशुओं की हालत देखकर भी यह अंदाजा लगाया जाए सकता है।भूसा का लगा ढेर केवल हाथी के दांत की तरह दिखाने के लिए लगा रखा गया है,क्योंकि पशु भूख से तपड़ रहे थे। पशु आश्रय केंद्र के कर्मचारी विजय शंकर यादव ग्राम सभा मिर्जापुर मजरा बेंती ने बताया कि इसकी चाबी जगदीश तिवारी बेंती के रहने वाले कर्मचारी के पास रहती है,हम दोनों लोग इसी में काम करते हैं। लेकिन जगदीश तिवारी मौके पर मौजूद नहीं थे, यह कोई पहला वाक्या नहीं है जब कर्मचारी जगदीश तिवारी पशु आश्रय केंद्र से गायब मिले हो। हकीकत तो यह है उनकी कभी उपस्थित ना होना और पशु आश्रय केंद्र के गेट में लगे ताले की चाबी उन्हीं के पास होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया जाता है।जिससे पशु आश्रय केंद्र के अंदर कोई जा न सके और हकीकत छुपाई जा सके। यहां पर चिकित्सा व्यवस्था भी पूरी तरीके से नहीं पशुओं को नहीं मिलपा रही है।बताया गया कि कभी-कभी इलाज करने के लिए पशु चिकित्सालय से कर्मचारी आते हैं।
खंड विकास अधिकारी सरोजनीनगर शैलेंद्र ने बताया कि इस गौशाला को खत्म करके दूसरी जगह शिफ्ट करेंगे, इस संबंध में सीबीओ से बात हो गई हैं, सीडीओ से बात करना है, क्योंकि यहां के ग्राम प्रधान से कई बार हम कह चुके हैं, लेकिन उनका सुधार नहीं हो पा रहा है, जिसमें एक सचिव का भी नुकसान हो गया है, मेरी सात गौशालाएं हैं, लेकिन सबसे अधिक शिकायत यही की है, कुछ ना कुछ गड़बड़ आवश्य है, इसका यही समाधान है कि दो गौशालाओं में पशुओं को शिफ्ट कराकर गौशाला ही बंद कर देंगे।
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