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LUCKNOW:विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न महापुरुष थे डॉ सर्वपल्ली-डा. दिनेश शर्मा,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:PREM SHARMA |EDITED BY-आज नेशनल न्यूज डेस्क

लखनऊ। नगर निगम  मुख्यालय स्थित त्रिलोक नाथ हाल में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में महापौर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लखनऊ नगर निगम द्वारा संचालित विद्यालयों/महाविद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। जिसमें  राज्य सभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहे।आयोजन की इस भव्यता एवं संकल्पबद्धता के लिये लखनऊ नगर निगम द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।आयोजन में नगर निगम द्वारा संचालित महाविद्यालय व विद्यालयों के छात्र छात्राओं द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां भी पेश की गई।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे राज्य सभा सासद ने सभी को संबोधित कर नगर निगम द्वारा आयोजित किये गए इस भव्य कार्यक्रम की सराहना की और प्रत्येक वर्ष इस प्रकार के आयोजन को किये जाने की अपील की। जिससे निश्चित रूप से इस कार्यक्रम के अयोजित होने से शिक्षा के क्षेत्र में एक बदलाव देखने को मिलेगा और छात्र शिक्षकों व शिक्षा के महत्व को बेहतरी के साथ समझ पाने में सक्षम होंगे।उन्होंने बताया कि हर साल भारत में 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस  मनाया जाता है। शिक्षा के जगत में उनके अतुलनीय योगदान और उपलब्धियों को भुलाया नही जा सकता। 5 सितंबर 1888 को जन्मे डॉ. राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति भी रहे। वह एक प्रतिष्ठित विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित महापुरुषों में से एक थे। नगर निगम द्वारा संचालित महाविद्यालय व विद्यालयों के उद्धार और छात्र छात्राओं को बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ऊनी निधि ने डेढ़ करोड़ रुपये किये जाने का वादा भी किया।मा. सांसद ने भविष्य में लगातार स्कूलों के विकास, उद्धार एवं उन्हें स्मार्ट बनाने की कड़ी में अपना साथ देकर योगदान देने व हर संभव सहयोद प्रदान किये जाने का आश्वासन महापौर को दिया।

इस अवसर पर महापौर ने सभी को संबोधित कर आयोजन की सराहना मुख्य अतिथि व पूर्व महापौर ने  किया।इस दौरान उन्होंने सबसे पहले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को प्रणाम किया। उन्होनें कहा कि हम सबके मन में सवाल उठता है कि 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? अपने पूरे जीवन में डॉ. राधाकृष्णन एक प्रतिभाशाली छात्र और एक प्रिय शिक्षक थे। 1962 में वह भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। उसी दौरान उनके पूर्व छात्रों ने उनके जन्मदिन को एक विशेष दिन के रूप में मनाने के लिए उनसे संपर्क किया।तभी से उनकी जयंती के अवसर पर इस विशेष दिवस को मनाया जाता है। महापौर ने नगर निगम द्वारा संचालित समस्त विद्यालयों के शिक्षकों को सम्मानित किया और उनका उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन महान विद्वान, दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती होती है। शिक्षक दिवस हमारे शिक्षकों को उनके समर्पण और हमारी शिक्षा में योगदान के लिए मनाया जाता है। शिक्षक दिवस शिक्षकों की सराहना करने का एक विशेष दिन है। यह हमारे जीवन को आकार देने और बेहतर भविष्य के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक हमें सीखने, बढ़ने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी नगर निगम डिग्री कालेज, सुरेन्द्र नगर चिनहट लखनऊ, अमीनाबाद इण्टर कालेज, अमीनाबाद लखनऊ,म्युनिसिपल गर्ल्स इण्टर कालेज, कश्मीरी क मोहल्ला लखनऊ,माडल माण्टेसरी स्कूल माडल हाउस, माडल हाउस लखनऊ,कश्मीरी मोहल्ला माडल माण्ठेसरी स्कूल, कश्मीरी मोहल्ला लखनऊ व म्युन्युसिपल नर्सरी स्कूल चिल्ड्रेन्स पैलेस, 122, महात्मा गाँधी मार्ग लखनऊ के समस्त शिक्षकगण आयोजन में मौजूद रहे जिनका मुख्य अतिथि, महापौर एवं नगर आयुक्त द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।आयोजन का समापन अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्ता द्वारा शिक्षक दिवस के महत्व को बताते हुए एवं आयोजन में मौजूद समस्त गणमान्य लोगों को धन्यवाद कर किया गया।इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षक हमारी शैक्षिक यात्रा के दौरान मार्गदर्शन, समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं। आयोजन में आईएएस/प्रभारी अपर नगर आयुक्त  गुंजिता अग्रवाल की भूमिका भी अहम रही।

स्मार्ट मीटर वाली जीनस और एपीएल गोवा सरकार से ब्लेक लिस्टेड
उपभोक्ता परिषद ने उठाया सवाल क्यो मेहरबान प्रबंधन

उत्तर प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों मे लगभग 27000 करोड की लागत से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम देश के बडे निजी घरानो को मिला है। प्रदेश में ऐसी दो कम्पनियों को करोड़ का काम दिया गया है जिन्हें गोवा सरकार ने ब्लेक लिस्टेड कर दिया हे। इनमें स्मार्ट प्रीपेड मीटर कम्पनी जीनस और एपीएल के नाम शामिल है। ज्ञात हो कि उपभोक्ता परिषद लगातार इन मीटर कम्पनियों की क्षमता, अनुभव और अन्य कई मामलों में लम्बे अरसे से सवाल उठा रहा है लेकिन पता नही प्रबंधन पर कौन सा दबाव है। कि वह कुछ मनाने को तैयार ही नही है। बहरहाल पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत मेसर्स जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को भी लगभग 7200 करोड का काम मिला है। दूसरी कंपनी मेसर्स एचपीएल इलेक्ट्रिक पावर लिमिटेड भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही है। आज उपभोक्ता परिषद एक बडा खुलासा किया जिससे बिजली कंपनियों के होश उड जाएंगे। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा में मेसर्स जीनस को कल लगभग 7200 करोड का आर्डर मिला है इसी तरह मेसर्स एचपीएल को भी सैकडो करोड का आर्डर मिला है।
उपभोक्ता परिषद टेंडर पोर्टल गवर्नमेंट ऑफ गोवा के स्मार्ट प्रीपेड मीटर टेंडर की स्थिति को अध्ययन कर रहा था तो सामने आया कि गवर्नमेंट ऑफ गोवा इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ने इन दोनों मीटर निर्माता कंपनियां मेसर्स जीनस व मेसर्स एचपीएल को गोवा के अंतर्गत स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर में भाग लेने से रोक लगा दी है। यही नही अब दोनों कंपनियां गोवा सरकार के किसी टेंडर में भाग लेगी। ना ही केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर के किसी टेंडर में ही भाग लेगी। आगे कहां है कि यह दोनों कंपनियां ब्लैक लिस्ट कर दी गई है। गवर्नमेंट ऑफ गोवा इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट द्वारा जो ब्लैक लिस्टिंग का ऑर्डर टेंडर पोर्टल वेबसाइट पर पब्लिक डोमेन में डाला गया है उसमें दोनों कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने की तिथि 5 अगस्त 2024 है। अब सवाल या उठना है कि दूसरे राज्य में ब्लैकलिस्टेड कंपनी क्या उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा सकती है ? यदि नहीं लगा सकती है तो उसे पर बिजली कंपनियों ने अभी तक कार्रवाई क्यो नही ? बहरहाल मदमस्त काम करने वाली प्रदेश की बिजली कंपनियों को तो पता भी नहीं था जब उपभोक्ता परिषद ने उनके संज्ञान में लाया तब बिजली कंपनियों में हडकंप मचा। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा इस गंभीर मामले की जानकारी उपभोक्ता परिषद ने पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन मध्यांचल प्रबंधन व पूर्वाचल दक्षिणांचल प्रबंधन दे दी है । उनसे अनुरोध किया है कि इस गंभीर मामले की छानबीन की जाए। क्योंकि उत्तर प्रदेश में हजारों करोड के टेंडर का मामला है। यह देखना जरूरी होगा कि इन मीटर निर्माता कंपनियों को घटिया क्वालिटी के चलते ब्लैक लिस्ट किया गया है या किसी अन्य मामले में ब्लैक लिस्ट किया गया है। इसकी छानबीन जब तक ना हो जाए उत्तर प्रदेश में इन दोनों मी निर्माता कंपनियों से मीटर लगाने पर अभिलंब रोक लग जाना चाहिए।

प्रान्तीय स्तर की ओर अग्रसर निकाय कार्मिकों का आन्दोलन

मांगो की अनदेखी और निकाय कार्मिकों की जायज मांगों के प्रति सरकार का रूझान निकाय कार्मिकों को बड़े आन्दोलन को बाध्य कर रहा है। स्थानीय निकाय कार्मिक महासंघ द्वारा प्रदेश सरकार व शासन तथा नगर विकास विभाग से निकाय कर्मचारियों की बहुत लम्बे समय से सेवा सम्बधी एवं अन्य मांगों के समाधान हेतु लगातार पत्राचार, ग्यापन, धरना, प्रदर्शन आदि के माध्यम से ध्यानाकर्षण कराता चला आ रहा है। महासंघ द्वारा गत दिनों पूरे प्रदेश की निकायों में जनजागरण ,भ्रमण कर कर्मचारी समाज की लम्बित समस्याओं से कर्मचारियों को अवगत कराते हुए एक सशक्त आन्दोलन की तैयारी किए जाने तथा उसकी सूचना एवं आन्दोलन की नोटिस के बाद भी शासन स्तर पर मिल,बैठ कर ,वार्ता द्वारा समस्याओं के निदान हेतु कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जा सका। महासंघ की तरफ से एक बार फिर दोहराया गया है कि 25 अक्टूबर तक वार्ता एवं बैठक के माध्यम से निर्णय एवं सम्बधित आदेश नहीं जारी हुए तो प्रदेश व्यापी आन्दोलन के क्रम में कार्यबन्दी की जायेगी।
स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्षशशि कुमार मिश्र ने बताया कि महासंघ द्वारा प्रदेश की निकायों को चार भागों मे बांट कर पुनः आन्दोलन एवं स्थानीय इकाइयों को मजबूत कर कर्मचारी संदेश यात्रा के माध्यम से एक बडे आन्दोलन की तैयारी करने के उद्देश्य से प्रदेश के चारों क्षेत्र अवधक्षेत्र, बुंदेलखन्ड क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र तथा पूर्वांचल क्षेत्र बनाए गए है। सभी क्षेत्रीय अध्यक्ष व क्षेत्रीय मंत्री प्रदेश की विभिन्न इकाइयों में जाकर निकाय कर्मचारियों के साथ किए जा रहे अनैतिक एवं दुर्व्यवहार से उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा, जिससे कर्मचारियों को समय से सेवा सम्बधी लाभ,पदोन्नति, वेतनविसंगति, कैडर रिब्यू,अकेन्द्रियत सेवा नियमावली, पुरानी पेंशन बहाली, दैनिक वेतन,संविदा व एडहाक सेवाओं के कर्मचारियों का विनियतीकरण तथ सफाई कर्मचारियों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पूरी सेवा में तीन पदोन्नति के अवसर नहीं मिल रहे, निकायों के लिपिक व राजस्व सम्वर्गाे का पुनर्गठन, उच्चीकरण नहीं हो रहा एवं आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा भर्ती नीति, न्यूनतम वेतन मान,कम्प्यूटर, चाल आदि कैडरो का गठन आदि 13 सूत्रीय मांग पत्र पर चर्चा कर रहे है। उनका कहना है कि आज आजादी के 77 वर्ष बाद भी कोई लाभ नहीं मिला। ऐसे में अब महासंघ के पास आन्दोलन के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं बचा क्योंकि कि कोई भी नहीं सुन रहा, जिससे संवर्ग परेशान है। अवधक्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष अपने साथियों आर पी सिंह,मो.हनीफ व विजय यादव के साथ बरेली नगर निगम व शाहजहांपुर नगर निगम पहुंच कर वहाँ के अध्यक्ष मिशनपाल सिंह, महामंत्री जयपाल सिंह पटेल सहित सभी बरेली इकाई के साथियों के साथ लम्बित समस्याओं के समाधान हेतु चर्चा करते हुए आन्दोलन की तैयारी हेतु तैयार रहने की अपील भी की गयी।

पुरानी पेंशन बहाली के लिए दिल्ली में तय होगी अगली रणनीति

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ऑनलाइन बैठक में लिये गए देशव्यापी निर्णय के तहत 15 सितंबर को बैठक बुलाई गई है। बैठक में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आगामी कार्यक्रम पर निर्णय लिया जाएगा। क्योंकि एनपीएस और यूपीएस को लेकर देशभर के कर्मचारियों और शिक्षकों में भारी गुस्सा है, इसलिए संघर्ष के आगामी कार्यक्रम तय करना जरूरी है। दिल्ली में पुरानी पेंशन बहाली के लिए अगली रणनीति तय की जाएगी।

विजय कुमार बन्धु ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जब से यूपीएस की घोषणा की है तब से देश के शिक्षकों व कर्मचारियों में ओपीएस बहाली के लिये एकजुटता और बढ़ रही है। देश के कोने कोने से सूचनाएं आ रही है कि चाहे शिक्षक हो या फिर वो जेलकर्मी हो या फिर स्वास्थ्य कर्मी सभी सरकारी कर्मचारी सरकार से  समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे है। जिससे नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम द्वारा चलाया जा रहा अभियान मजबूती से लगातार आगे बढ़ रहा है। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने कहा कि 29 अगस्त से ओपीएस बहाली को लेकर अखिल भारतीय अभियान की शुरूआत हो गई है। इसी क्रम में दो से छह सितंबर तक काली पट्टी बांधकर शिक्षक और कर्मचारी काम कर रहे हैं। इस अभियान में एकजुटता बढ़ी है। सरकार से हूबहू पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग देश भर के शिक्षक व कर्मचारी ने की है। क्योंकि बीते दिनों सरकार की ओर जो यूपीएस को मंजूरी दी गई है, उससे कर्मचारी और शिक्षक सहमत नही है। इसलिए प्रधानमंत्री से मांग है कि पुरानी पेंशन बहाल करें। पूरे देश में कन्याकुमारी से कश्मीर तक पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई लड़ रहा है। इसका आगाज इसी संगठन ने किया और अंजाम तक भी हम पहुंचाएंगे।

 

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