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LUCKNOW:ऋण वितरण में लखनऊ नगर निगम को प्रथम पुरस्कार,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:PREM SHRMA |EDITED BY-आज नेशनल न्यूज डेस्क

लखनऊ। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व और सघन प्रयासों के बाद हुए कार्यों का ही नतीजा है कि आज राष्ट्रीय स्तर पर लखनऊ नगर प्रथम स्थान पर है और पुरस्कृत किया गया है। भारत सरकार की अतिमहत्वकांक्षी योजना पीएम स्वनिधि के अन्तर्गत जनपद-लखनऊ को ऋण वितरण में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। स्थानीय निकाय निदेशालय में आयोजित कार्यकम के मुख्य अतिथि ए.के. शर्मा, मंत्री नगर विकास एवं ऊर्जा, द्वारा नगर आयुक्त, लखनऊ को प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया, जिसे अपर नगर आयुक्त एवं परियोजना अधिकारी, डूडा, लखनऊ द्वारा ग्रहण किया गया।

पुरस्कार जनपद लखनऊ को ऋण वितरण में बेस्ट परफार्मिंग यूएलब एट नेशनल एण्ड स्टेट लेबिल में प्रदान किया गया है। कोरोना काल में प्रभावित पथ विक्रेताओं के रोजगार को पुनः स्थापित किये जाने हेतु आरम्भ की गयी इस योजनान्तर्गत जनपद लखनऊ में अब तक 93758 प्रथम ऋण के लक्ष्य के सापेक्ष 114792 ऋण वितरित किए जा चुके है। योजना के अंतर्गत पथ विक्रेताओं को 10000, 20000 एवं 50000 का ऋण प्रदान किया जाता है। उक्त कार्यक्रम में डूडा की डे-एनयूएलएम योजनान्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने समूहों के उत्पादों जैसे चिकनवर्क के उत्पाद, हर्बल प्रोडक्ट, जूट बैग्स एवं अन्य हैण्डीक्राफ्ट आदि के स्टॉल लगाये गये। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि राकेश राठौर, माननीय राज्यमंत्री, नगर विकास एवं सचिव नगर विकास विभाग व निदेशक-स्थानीय निकाय निदेशालय, निदेशक राज्य नगरीय विकास अभिकरण, सहित अन्य जनपदों के अधिकारीगण, बैंक प्रतिनिधि एवं डूडा के शहर मिशन प्रबन्धक व सामुदायिक आयोजक उपस्थित रहे।

सरकारी जमीन कब्जाधारकों के खिलाफ महापौर और नगर आयुक्त एकजुट

महापौर  सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह की उपस्थिति में सम्पत्ति विभाग के अन्तर्गत हो चुके व वर्तमान में चल रहे कार्यों की समीक्षा हेतु एक विशेष बैठक आहुत की गयी। इस बैठक में खास तौर से शासकीय जमीनों पर अवैध कब्जे को लेककर चर्चा की गई। महापौर और नगर आयुक्त ने अपने अधिनस्थों को स्पष्ट संदेश दिया कि सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाला कोई भी हो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए शासकीय जमीनों को कब्जा मुक्त् कराया जाए।

बैठक में महापौर एवं नगर आयुक्त द्वारा नगर निगम में निहित शासकीय भूमियों पर प्रापर्टी डीलरों एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा किये गये अवैध कब्जों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करते हुये उनके विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने हेतु समस्त लेखपालों को निर्देशित किया गया है। शासकीय भूमियों को सुरक्षित किये जाने हेतु उसकी तारबाड,बाउण्ड्रीवाल कराये जाने के निर्देश प्रदान किये गये है साथ ही समस्त लेखपालों को यह भी निर्देश प्रदान किये गये है कि वह समस्त तहसीलों के लेखपालों से समन्वय स्थापित करते हुये शासकीय भूमियों के सर्वे के कार्य को पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें।बैठक में पंकज श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त, संजय यादव, प्रभारी अधिकारी, सम्पत्ति, अरविन्द पाण्डेय, तहसीलदार,संजय सिंह, नायब तहसीदार, नीरज कटियार, नायब तहसीलदार, राजेन्द्र कुमार, नायब तहसीलदार, रत्नेश कुमार नायब तहसीलदार, समस्त लेखपालगण उपस्थित रहे।

ब्लैक लिस्टेड कम्पनियों पर इतनी उदारता क्यों ?
मानक के अनुरूप क्या हो रही मीटर टेस्टिग

उत्तर प्रदेश में बहुत ही तेजी से स्मार्ट प्रीपेड मीटर को सभी देश के बडे निजी घराने जिनको टेंडर मिला है लगाने में जुटे हैं। पावर कॉरपोरेशन इंटीग्रेशन प्रीपेड इंप्लीमेंटेशन की टेस्टिंग में जुटा है। जबकि प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही दो मीटर कंपनियां जो गोवा सरकार ने ब्लैक लिस्ट है। इसके बावजूद प्रदेश के पावर कारपोरेशन ने उसके बारे में भी अभी तक गोवा इलेक्ट्रिसिटी कंपनी से कोई भी सूचना नहीं मांगी गई है। सूत्रों के अनुसार सूचना मांगने की तैयारी की जा रही है । लेकिन इस बीच सबसे बडा सवाल कि बिजली कंपनियों में जब कोई भी कोई बडा प्रोजेक्ट आता है तो उसे आधे अधूरे तैयारी से क्यों शुरू की जाती है। सभी को पता है कि भारत सरकार की आरएफपी गाइडलाइन में लिखा है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर 5 प्रतिशत अथवा 25000 जो न्यूनतम हो लगाकर पहले उसकी पूरी टेस्टिंग की जाएगी। यूजर एक्सेप्टेंस टेस्ट (यूएटी) किया जाएगा। साइबर सिक्योरिटी ऑडिट किया जाएगा। इसके बाद गो-लाइव किया जाएगा। उपभोक्ता परिषद के संज्ञान में आया है कि पूर्वांचल में एक स्मार्ट मीटर कंपनी द्वारा 25000 से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के यहां लगा दिए गए। ऐसे में सवाल यह कि अभी तक कोई भी टेस्टिंग क्यों नहीं की गई। उपभोक्ता परिषद ने मांग रखी है कि पावर कॉरपोरेशन तत्काल इस पर गंभीरता से विचार करें।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा के मुताबिक क्योंकि इसके पहले भी जब एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा 40 लाख का स्मार्ट प्रीपेड मीटर का काम में 12 लाख मीटर लगने के बाद काम बंद हो गया था। उस परियोजना में इसी प्रकार से जल्दबाजी की गई थी। आज उसका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को शायद या ज्ञात ही होगा कि गोवा में जो 2 ब्लैकलिस्टेड कंपनियां है। वर्ष 2012 में इन्हीं दोनों कंपनियों के मामले में आईआईटी कानपुर से जांच कराई गई थी। जिसमें भी बडे पैमाने पर कमियां सामने आई थी। उस समय पूरा मामला इतना हाई प्रोफाइल बन गया था कि मीटर निर्माता कंपनियां अपने काम कर में सफल हो गई थी। इसके बाद मामला केस्को में भी सामने आया और फिर दबा दिया गया।
उत्तर प्रदेश राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा 25000 करोड की महत्वाकांक्षी योजना पर कोई भी उदासीनता नहीं होनी चाहिए। स्मार्ट प्रीपेड मीटर की क्वालिटी से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। प्रदेश की बिजली कंपनियों और पावर कॉरपोरेशन इसी में खुश है कि जब उसने टेंडर दिया था तो कंपनियां ब्लैक लिस्ट नहीं थी। सवाल या नहीं है कि तब ब्लैक लिस्ट नहीं थी पर महत्वपूर्ण बॉत यह कि आखिर उक्त कम्पनियों को किस कारण से गोवा सरकार ने ब्लेक लिस्ट किया है इसकी जानकारी तो जिम्मेदारी के साथ पावर कारपोरेशन प्रबंधन को पता करना चाहिए। क्योकि यह मामला लाख दस लाख का नही बल्कि 7000 करोड़ की बड़ी रकम और लाखों लाख बिजली उपभोक्ताओं से जुड़ा है।

श्याम सुन्दर अध्यक्ष चुने गए

उत्तर प्रदेश पेंशनर्स कल्याण संस्था का द्विवार्षिक अधिवेशन अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान गोमतीनगर लखनऊ में सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम के अंत में प्रस्तावित चुनाव में शीर्ष पदाधिकारियों का चुनाव किया गया। चुनाव अधिकारी डीएन विश्वकर्मा मिर्जापुर के नेतृत्व में सर्वसम्मति से चुनाव सम्पन्न हुआ। अध्यक्ष के पद पर श्याम सुन्दर अग्निहोत्री, वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर विश्वनाथ दीक्षित, महामंत्री पद पर ओंकार नाथ तिवारी तथा कोषाध्यक्ष पद पर संतोष कुमार मेहरोत्रा को सर्वसम्मति से निर्वाचित घोषित किया गया।बैठक में निर्णय लिया गया कि शेष पदाधिकारियों का चयन निर्वाचित पदाधिकारियों द्वारा जनपदीय पदाधिकारियों की सहमति से यथाशीघ्र किया जाएगा।

निकाय कर्मी में आन्दोलन को लेकर हलचल

उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ 13 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी संदेश यात्रा कर रहा है। इस यात्रा में महासंघ को कर्मचारियों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। महासंघ सरकार को समस्याआंें के वास्तविक निस्तारण के लिए 28 अक्टूम्बर तक का समय दिया गया है। इसके उपरान्त महासंघ किसी भी समय उच्च स्तरीय बैठक कर बड़े आन्दोलन पर उतरने के लिए तैयार है।

प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के आवाहन पर प्रदेश के निकाय कर्मियों की मूलभूत समस्याओं एवं पूर्व से लम्बित प्रदेश सरकार व शासन स्तर पर मांगों का समाधान गत कई वर्षों से समय रहते न किए जाने के विरोध स्वरूप आज अवध क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष रामकुमार रावत अपनी टीम के साथ लखनऊ जिले की नगर पंचायत बन्थरा, मोहनलालगंज तथा नगराम की नगर पंचायतों का दौरा एवं महासंघ द्वारा मांगपत्र की जानकारी तथा अपील वितरण कर शासन स्तर पर लम्बित प्रकरणों व समस्याओं से कर्मचारियों का ध्यानाकर्षण कराते हुए महासंघ द्वारा घोषित आन्दोलन में बढ़, चढ़ कर प्रतिभाग करने का आवाहन किया गया।
नगरपंचायत के कर्मचारियों द्वारा प्रदेश सरकार व शासन द्वारा निकाय कर्मियों की सेवा सम्बधी एवं अन्य समस्याओं पर आज आजादी के 77 वर्ष व्यतीत होने के बाद भी एक भी सेवा सम्बंधी समस्या का समाधान नहीं किया गया, जिससे प्रदेश के नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायत तथा जलकल जल संस्थानों के कर्मचारियों को उनके पूरे सेवा काल में न कोई पदोन्नति हो रही। सम्वर्गाे का पुनर्गठन और न ही राज्य कर्मचारियों की भांति पद नाम,वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाएं ही मिल रही, जबकि छठवें वेतन आयोग की वेतन समिति की द्वितीय प्रतिवेदन की रिपोर्ट में साफ साफ वर्णित है कि जो वेतन, भत्ते व पद नाम राज्य कर्मचारियों को अनुमन्य है वहीं पद यदि निकायों में विद्यमान है तो उन्हें भी राज्य कर्मचारियों की ही भांति अनुमन्य है। निकायों में सातवें वेतन मान प्रभावी होने के बाद आज ज्यादातर सम्वर्गाे में वेतन विसंगति व्याप्त है, जिनके समाधान हेतु नगर विकास विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।

अवैध विज्ञापन के विरुद्ध कार्यवाही

प्रचार विभाग द्वारा नगर आयुक्त के निर्देशन में प्रभारी अधिकारी प्रचार, कर अधीक्षक, निरीक्षक, सुपरवाईजर की उपस्थिति में जोन-1,2,5 व 6 क्षेत्रार्न्तगत अभियान चलाकर 148 पोल कियास्क, 11 पीडब्लूडी की गैण्ट्री से विज्ञापन, 86 सिमपैक हटाकर नगर निगम जब्त कर लिया गया।अभियान के दौरान मेसर्स सुपरग्रेड्स, मेसर्स लीगलेज, मेसर्स दास आईसीएस इन्स्टीट्यूट, मेसर्स रेमिनस पिज्जा, मेसर्स अलिश्बा बैट्री सर्विस सेन्टर, मेसर्स सेन्ट जूलियस हाई स्कूल द्वारा अवैध रूप से लगाये गये पोल कियास्क,बोर्ड, गैण्ट्री को नगर निगम द्वारा हटा कर जब्त कर लिया व एजेन्सियों पर जुर्माना अधिरोपित करते हुए नोटिस प्रेषित की गयी।

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