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LUCKNOW:निकायों में कराये गये साफ सफाई, सुंदरीकरण व व्यवस्थापन कार्य,क्लिक करें और भी खबरें

-स्वच्छता ही सेवा अभियान : स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ थीम पर निकायों में चला विशेष अभियान,नगरीय व्यवस्थायें वैश्विक स्तर की बनाये – शर्मा

  • REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY-आज नेशनल न्यूज डेस्क
लखनऊ 20 सितम्बर। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश की सभी 762 नगरीय निकायों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत् स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक ’स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ थीम पर स्वच्छता व साफ़ सफ़ाई का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस वर्ष स्वच्छ भारत मिशन के 10 वर्ष पूर्ण होने पर देश में स्वच्छता में जनभागीदारी, संपूर्ण स्वच्छता और सफाई मित्र सुरक्षा के साथ स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है तथा राष्ट्र को स्वच्छता का संदेश देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 155 वें जन्मदिवस पर समस्त नगरीय निकायों में 26 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक 155 घंटे का नॉन-स्टॉप सफाई अभियान चलाया जायेगा। इसके लिए अभी से सभी निकाय कार्मिक पूर्ण तैयारी कर ले, जिससे कहीं पर भी साफ सफाई एवं स्वच्छता में कमी न रह जाए। उन्होंने सख्त निर्देश दिया है कि जिन निकायों के मुख्य मार्गों व द्वार पर गंदगी एवं कूड़े का ढेर दिखेगा, वहां के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। निकायों के अधिशासी अधिकारी अपनी तैनाती स्थलों पर ही अधिवास करें तथा साफ सफाई की मानीटरिंग के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी भी निकायों के बेहतर व्यवस्थापन हेतु कार्ययोजना बनाकर रिपोर्ट देगे।नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने शुक्रवार को नगरीय निकायों में चल रहे स्वच्छता अभियान, संुदरीकरण व व्यवस्थापन संबंधी आदि कार्यों की वर्चुअल समीक्षा की ।प्रधानमंत्री के स्वच्छता संकल्प को पूरा करने के लिए सभी निकाय अधिकारी कमर कस लें। स्वच्छता कार्यों को लेकर कहीं से भी शिकायत नहीं आनी चाहिए। दैनिक सफाई को गंभीरता से करायें। लोगों को सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग कर देने के लिए प्रेरित करें। लोग कूड़ा कचरा कहीं पर भी नाले नालियों में फंेके। जो भी गंदगी फैला रहे हैं, ऐसे लोगों को चिन्हित कर निःसंकोच उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करें। स्वच्छता में जनभागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न आईईसी गतिविधियां साइक्लोथॉन, मैराथॉन व प्लॉग रन संचालित करायी जाय। इस वर्ष स्वच्छता कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रदेश की 02 नगर निगमो, 05 नगर पालिकाएं व 10 नगर पंचायतों को सम्मानित भी किया जाएगा।
नगर विकास मंत्री ने कहा कि विगत ढाई वर्षों में अनेक स्वच्छता अभियान चलाते हुए हजारांे कूड़ा स्थलों को स्वच्छ किया गया, ऐसी जगह को फिर से लोग गंदा न कर दें, वहां का सुंदरीकरण कराया जाये। ऐसे स्थानों पर पार्क, उद्यान, बुजुर्गों के बैठने का स्थान, बच्चों के पार्क, ओपन जिम, वेण्डिंग जोन बनाए जाए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के दौरान निकायों के ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित करें। कही पर ब्लैक स्पाट न दिखे। सभी मुहल्लों व वार्डो की कार्ययोजना बनाकर साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था कराये। अभियान के दौरान सभी जोनल अधिकारी फील्ड में रहे। संचारी रोगो,मच्छर व मक्खी जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए दवाओं का छिड़काव करे, कही पर भी जलभराव न हो। जिन निकायों में गन्दगी दिखेंगी, वहां के अधिकारियों पर कार्यवाही होगी। सफ़ाई कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी निकायों की बेहतर साफ सफाई व व्यवस्थापन के लिए कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करेगे। उन्होंने निदेशालय स्थित डीसीसीसी केंद्र से तथा निकायों में स्थापित निगरानी केन्द्र से भी सफ़ाई कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आगे कई त्योहार आने वाले है। पितृपक्ष, नवरात्रि, दशहरा और दीपावली के दौरान किसी भी जगह लिगेसी वेस्ट नहीं दिखना चाहिए। सभी महत्वपूर्ण नदी घाटों की साफ-सफाई वृहद रूप से कराई जाए। चेजिंग रूम व्यवस्थित हो। आगामी सभी त्यौहारों को जीरो वेस्ट और प्लास्टिक मुक्त मनाने का हमें पूर्ण प्रयास करना है। निकाय स्थित अमृत सरोवरो के सुंदरीकरण के कार्यों में भी तेज़ी लाई जाए। श्री शर्मा ने कहा कि सभी पार्कों, उद्यानों, वेंडिग जोन, सार्वजनिक स्थलों, बस व रेलवे स्टेशनों के आसपास, हॉस्पिटलों, स्कूलों, ऐतिहासिक स्मारकों व पुरातत्व स्थलों, नदी घाटों और धार्मिक स्थलों व मन्दिरों के आसपास की सफाई और सुंदरीकरण के कार्य कराये जाएं। प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या की साफ सफाई, बेहतर व्यवस्थापन में कोई कमी न रहे। शहरों के चौराहों व महत्वपूर्ण स्थलों का सुंदरीकरण कराने के लिए वहां के व्यापारिक संगठनों, गणमान्य नागरिकों का भी सहयोग ले। उन्होंने कहा कि सभी निकाय अपने यहां स्वच्छता योद्धा और स्वच्छ सारथी क्लब को सक्रिय करें। हमें सफाई कार्य बड़ी ईमानदारी से करना है। सभी दुकानों, ढाबों, वेडिगजोन, फूड स्ट्रीट में डस्टबिन रखवाये जाए। सामुदायिक, सार्वजानिक और पिंक शौचालयों की साफ़ सफ़ाई और मेंटीनेंस कार्य अच्छे से कराया जाए।  श्री शर्मा ने कहा कि सफाई कार्मिकों का नगरों की स्वच्छता में बड़ा योगदान है। हमें उनके और उनके परिवारजनों के जीवन में बदलाव आये, इसके प्रयास करना होगा।

देश में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा यूपी,प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे अवसरों का लाभ उठाये युवा उद्यमी-  शर्मा

देश में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका निभा रहा है। देश एवं प्रदेश के पेट्रोलियम वैज्ञानिकों एवं बायो केमिकल इंजीनियरो के शोध एवं अनुसंधान की मदद से देश जल्द ही आत्मनिर्भर होने की दिशा में अग्रसर है। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने शुक्रवार को प्रदेश के जायस, अमेठी, स्थित राजीव गाधी पेट्रोलियम टेक्नोलाजी संस्थान द्वारा अयोजित विद्यार्थी कैमिकल इंजीनियरिंग कॉलेज स्कॉमकॉन- 2024 के उदघाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहें थे।  उन्होंने कार्यक्रम को वर्चुवल माध्यम से संबोधित करते हुए यह बात कही।श्री शर्मा ने एक उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी के अपने विगत अनुभवों एवं प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री के वर्तमान अनुभवों को साझा करते हुये देश एवं प्रदेश में ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा के क्षेत्र में आने वाले समय एवं आवश्यकताओं के अनुरूप महत्वपूर्ण शीर्ष सुझाव दिये। पेट्रोलियम पदार्थाे के आयात के कारण देश की महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा व्यय होती है। इसको बचाने के लिए सर्वप्रथम स्वदेश में ही नवीन ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा का उत्पादन अतिआवश्यक है। इस सम्बन्ध में उन्हांेने कोरोना के समय में किये गये उपायांे का उल्लेख करते हुए बताया कि जब कोरोना का आक्रमण हुआ था तब हमारे देश में न कोरोना की  वैक्सीन और न ही पीपीटी किट आदि उपलब्ध थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने  उस आपदा को अवसर में बदलते हुए देश के वैज्ञानिकों का आहवान किया और कुछ ही  समय में भारत में ही कोरोना महामारी की दवा का आविष्कार कर लिया गया और बडे  पैंमाने पर पीपीटी किट एवं अन्य मेडिकल उपकरणों का बडे पैमाने पर उपलब्ध किया जाने लगा।  श्री शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद श्री मोदी ने रक्षा के क्षेत्र में विदेशों से आयात किया जाने वाले सामानों की सूची तैयार करवाई और उनका देश में ही उत्पादन करने पर बल दिया। इस सूची में लगभग 62 प्रकार के उपकरण एवं सामग्रियां शामिल थी, जिसमें सैनिकांे की वर्दी, जूते एवं चश्में शामिल थे। रक्षा के क्षेत्र में इसी प्रकार के सुधारों एवं जागरूकता के  फलस्वरूप उत्तर प्रदेश के बुंदेलखण्ड में डिफेंस कारिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इथनॉल जैसें ऊर्जा के नवीन स्त्रोतों के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अग्रणी स्थान पर है। उन्होंने बताया कि बायों ईधन के प्रयोग से ग्लोबलवार्मिग एवं जलवायु परिवर्तन जैसी आपदाओं से मानवता की रक्षा हो सकेगी। जलवायु परिवर्तन के विषय में पश्चिमी देशों द्वारा भारत पर अनुचित दबाव डाला जा रहा था, इसके उत्तर में भारत  सरकार ने वैश्विक मंच पर क्लाइमेट जस्टिस की अवधारण को  प्रस्तुत किया। श्री शर्मा ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 4000 मेगावाट से अधिक सौर  ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है एवं 8000 मेगावाट की परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं।  श्री शर्मा ने ऊर्जा एवं नवीकरणी ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्याे का उल्लेख करते हुए कहा कि 2030 तक देश में 500 गीगावाट बिजली का उत्पादन किया जाने लगेगा और वर्ष 2070 तक भारतशून्य कार्बन प्रदूषण वाला देश बन जायेगा।

भूकंप एवं अग्नि सुरक्षा पर  मॉक एक्सरसाइज का आयोजन,आपदा के समस्या से निपटने के बताए गए उपाय

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आज  20 सितम्बर को प्रदेश के 35 भूकम्प आपदा के प्रति संवेदनशील जनपदों के साथ भूकम्प एवं अग्नि सुरक्षा पर राज्य स्तरीय मॉक एक्सरसाइज़ का आयोजन किया गया।मॉक एक्सरसाइज़ सुबह 10 बजे राज्य नियंत्रण कक्ष से शुरू हुआ। अलर्ट मिलने पर सभी जनपदों ने  जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र डीईओसी में अपने मानक संचालन प्रक्रिया एसओपी को सक्रिय किया और घटना प्रतिक्रिया प्रणाली को सक्रिय किया। जनपदों ने विभिन्न स्थानों पर भूकंप से संबंधित परिदृश्यों जैसे आग लगने और रासायनिक रिसाव के लिए प्रतिक्रियाओं का अनुकरण किया जिसमें स्कूल अस्पताल औद्योगिक इकाइयाँ सरकारी भवन और शॉपिंग मॉल शामिल थे। जनपदों में भूकम्प के दौरान स्कूल के छात्र एवं छात्राओं को कैसे सुरक्षित बचते हुए बाहर निकल जाये का अभ्यास किया। स्कूल औद्योगिक इकाइयों फैक्ट्री  शासकीय भवन एवं शॉपिंग मॉल में अग्नि दुर्घटना होने पर आग बुझाने सुरक्षित निकासी का भी अभ्यास किया गया। जनपद के अस्पतालों में प्राथमिक चिकित्सा उपचार मरीजों के लिए बेड की कमी होने पर तत्काल अस्थाई मेडिकल कैंप की स्थापना कर मरीजों का उपचार करने की कार्यवाही का प्रदर्शन किया गया। इस मॉक एक्सरसाइज़ का संचालन एवं समन्वय ब्रिगेडियर अजय गंगवार वरिष्ठ सलाहकार ने किया। मॉक एक्सरसाइज़ के दौरान जनपदों ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल राजस्व विभाग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग राज्य आपदा मोचन बल अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं पुलिस एंव वायरलेस सेवाए नागरिक सुरक्षा विभाग औद्योगिक क्षेत्रों के सेफ़्टी टीम आपदा मित्रों के समन्वय से जनपदों में सम्पन्न कराया। गाज़ियाबाद में एनडीआरएफ 8 वी वाहिनी की टीम ने भूकम्प आपदा के कारण भवनों के गिरने पर बचाव एवं निकासी पर प्रदर्शन दिखाया।प्राधिकरण उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिम्री ने ऑनलाइन माध्यम से सभी 35 जनपदों द्वारा की गयी कार्यवाहियों की समीक्षा की एवं जनपद मेरठ में विभिन्न स्थानों पर उपस्थित होते हुये संचालित मॉक एक्सरसाइज़ संबंधी कार्यवाहियों का निरीक्षण भी किया गया। उपाध्यक्ष  ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा प्रबंधन की कार्यवाहियों को सुदृढ़ करने हेतु जनपदों के साथ मॉक एक्सरसाइज कराया जाता है, जिसके माध्यम से राज्य स्तर पर प्रत्येक विभाग और उसके जिलों की आपदा प्रबंधन योजना की समीक्षा की जाती है तथा जिले में आपातकालीन सहायता कार्यों के बीच समन्वय का निरीक्षण किया जाता है।एनजीओ समुदाय और मीडिया को शामिल करके व्यापक रूप से आम जनमानस में जन जागरूकता की कार्यवाही भी की जाती है। यदि संसाधनों जनशक्ति संचार प्रतिक्रिया क्षमताओं आदि में कोई अंतराल हो तो उसकी पहचान कर उसे मजबूत करने में इस प्रकार के मॉक एक्सरसाइज से सहायता भी मिलती है।
मॉक एक्सरसाइज के दौरान प्राधिकरण सभागार में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशेष सचिव राजस्व विभाग राम केवल आईएएस तथा अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे ।’

स्वस्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश ’’ विषयक लघु नाटक का मंचन,विशेषज्ञों ने स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के दिये सुझाव

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम लखनऊ द्वारा अपने परिसर में आज 20 सितम्बर को पूर्वाह्न 11 बजे से ‘‘स्वस्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश‘‘ विषय पर पर व्याख्यान गोष्ठी एवं मण्डल स्तरीय संस्कृत प्रतिभा खोज प्रतियोगिता तथा स्वच्छता पर आधारित एक ‘‘एक इरादा‘‘ लघु नाटक का मंचन किया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व निदेशक स्वास्थ्य विभाग डॉ आनन्द ओझा ने बताया कि साहित्य में वर्णित स्वास्थ्य सम्बन्धी विषयों में अन्वेषण विश्लेषण हेतु कदम उठाये जाने की आवश्यकता है हिन्दी ग्रन्थों जैसे रामायण, रामचरितमानस, महाभारत, वैदिक ग्रन्थों में स्वास्थ्य सम्बन्धी तथ्यों के संकलन की एवं वैज्ञानिक उपयोगिता पर विचार एवं शोध की आवश्यकता है। डॉ अनिल मिश्रा, पूर्व सलाहकार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि विकास और स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक हैं। विकास की राह स्वास्थ्य के आंगन से ही निकलती है। स्वास्थ्य का आयाम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से लेकर सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य तक है।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वतन्त्रता की सौवीं जयन्ती तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं, जिसके लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ दृढ़ संकल्पित हैं।
डॉ केवल कृष्ण ठकराल पूर्व निदेशक आयुर्वेद विभाग, ने बताया कि ईश्वर ने मनुष्य को दो चीजें दी हैं यथा शरीर और मन, इन दोनों के स्वास्थ रहने पर ही कोई व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। डॉ जगन्नाथ पाण्डेय ने बताया कि आहार विहार और विचार शुद्ध रखकर रोगों से बचा जा सकता है। डॉ रश्मि शील ने बताया कि अथर्ववेद में कहा गया है ‘‘जीवेत शरदः शतम् शतम्‘‘ यानि की हम सौ वर्ष तक जीवित रहें और इसके लिए जरूरी है निरोगी काया।  पहला सुख निरोगी काया। किसी व्यक्ति की मानसिक शारीरिक और सामाजिक रूप से अच्छे होने की स्थिति को स्वास्थ्य कहते हैं। हमारे यहां इसे ही जीवन कौशल कहा गया है। वर्तमान में हम स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में निरन्तर कार्य कर रहे हैं। संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव ने कहा कि स्वास्थ्य, जीवन की महत्वपूर्ण आधारशिला होती है। संस्कृत की एक उक्ति है’’आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनं’’ अर्थात, ’’स्वास्थ्य ही परम धन है, और अच्छे स्वास्थ्य से हर कार्य पूरा किया जा सकता है।’’ कोविड महामारी से हमें सबसे बड़ी सीख यह मिली कि हमें हमेशा ही हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। जैसा कि हमने महामारी के दौरान देखा, दुनिया के एक हिस्से में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बहुत कम समय में ही दुनिया के अन्य सभी हिस्सों को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए हमें अगली स्वास्थ्य आपात स्थिति को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए तत्पर रहना होगा। आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में यह विशेष रूप से आवश्यक है। स्वास्थ्य और पर्यावरण एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। साफ हवा, सुरक्षित पेयजल, पर्याप्त पोषण और सुरक्षित आश्रय स्वास्थ्य के प्रमुख घटक हैं। सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः, अर्थात, ’सभी सुखी रहें, सभी रोगमुक्त हों।’मण्डल स्तरीय संस्कृत प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में 06 जिलों के 55 प्रतिभागी बच्चों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रतिभागी बच्चों में विजयी प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त 15 बच्चों को पुरस्कृत किया गया। साथ ही स्वच्छता पर आधारित ‘‘एक इरादा‘‘ लघु नाटक का भी मंचन किया गया।

वर्ल्ड फ़ूड इंडिया एक्सपो  में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग से अनुदानित इकाइयों के स्टालों पर रही भीड़

केंद्रीय खाद्य प्रसंकरण उद्योग मंत्रालय द्वारा भारत मण्डपम्, प्रगति मैदान नयी दिल्ली में 19 से 22 सितम्बर तक आयोजित वर्ल्ड फ़ूड इंडिया एक्सपो में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग  द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पालिसी के अन्तर्गत अनुदान प्राप्त 18 उद्योग इकाइयों द्वारा स्टाल लगा कर आगंतुक को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वर्ल्ड फ़ूड इंडिया एक्सपो में उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा अनुदानित इकाइयों के स्टालों पर भीड़ बनी रही। देश, विदेश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विशेषज्ञों ने स्टालों पर जाकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा किया। खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के खाद्य प्रसंस्कृत उत्पादों की विशेषताओं की विस्तार से  जानकारी दी।उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य ने वर्ल्ड फ़ूड इंडिया एक्सपो मे उत्तर प्रदेश के स्टालों पर लगी भारी भीड़ और उत्पादो के सफल प्रदर्शन करने के लिए स्टालों की इकाइयों के प्रतिनिधियों व उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों की सराहना करते हुए बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि  प्रधानमंत्री  के मार्गदर्शन में देश में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार हुये हैं और देश इस क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता और सुरक्षा के लिए विश्वस्तरीय मानक स्थापित करने की ओर लगातार अग्रसर है।उत्तर प्रदेश में भी खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं, और नई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति में किसानों व उद्यमियों को विभिन्न सुविधाएं व अनुदान सरल तरीके से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है, जिसके तहत लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की बेहतर कार्यप्रणाली व सरकार के प्रयासों से लोगों को अच्छे व पौष्टिक खाद्य पदार्थ तो प्राप्त होंगे ही, खाद्य प्रसंस्कृत पदार्थाे के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। उप मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं कि मोटे अनाजों के प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए।

निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश विजय बहादुर द्विवेदी ने  बताया कि वर्ल्ड फ़ूड इंडिया एक्सपो में मसाला उद्योग, बिस्किट उद्योग, दाल मिल ,तेल मिल ,राइस मिल व अन्य छोटे छोटे उद्योगों के स्टाल लगाए गए हैं। निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा गत दिवस चयनित इवेंटमैनेजमेंट एजेंसी के माध्यम से निर्मित पवेलियन का उदघाटन किया गया। इसमें संयुक्त निदेशक खाद्य प्रसंस्करण  बी पी राम,  उप निदेशक खाद्य प्रसंस्करण प्रवीण कुमार तथा नोडल अधिकारी पीएमएमएमई डॉ एस के एस चौहान, खाद्य प्रस्करण अधिकारी  विमल कुमार व पीएमयू सेल के  विशेषज्ञ मौजूद  रहे। एक्सपो में आये इच्छुक किसानों, बागबानो प्रस्करणकार्ताओं  को फल सब्जियों शहद, मशरुम आदि के मूल्यसंवर्धन कर उत्पाद के मूल्य में वृद्धि संरक्षण कर कीपिंग क्वालिटी में वृद्धिकर कई महीनों तक उपयोग में लाने की तकनीकी जानकारी दी गई। उत्कृष्ट औद्यानिक उत्पाद फार्मर प्रोडूसर कंपनी के मालिक  सतीश कुमार सिंह के उत्पाद का निर्यात हेतु उनके द्वारा यूसुफ़अली मलिक लूलू ग्रुप से गत दिवस एमओयू  कराया गया।

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