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LUCKNOW:सेवानिवृत पुलिस इंस्पेक्टर रामविशाल सिंह के विरुद्ध दर्ज हुआ मुकदमा

-बेटे के साथ मिलकर किसान से की धोखाधड़ी,पुलिस से पीड़ित को नही मिला न्याय

-न्यायालय की शरण में जाने के बाद गुडंबा में दर्ज हुआ मुकदमा,कमिश्नर और डीजीपी से भी पीड़ित ने की थी शिकायत

  • REPORT BY:NITIN TIWARI
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

लखनऊ।राजधानी के सेवानिवृत इंस्पेक्टर राम विशाल सिंह यादव पर गुडंबा थाना क्षेत्र के ग्राम फकडेहरी मजरा पैकरामऊ के रहने वाले रामप्रकाश ने संगीन आरोप लगाते हुए थाना गुडंबा पर भारतीय न्याय सहित (बीएनएस) 316 (2) और 318  (4) तथा 351 (2) और 336 (2) के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।ज्ञात हो कि पहले प्रभाव के चलते इनके विरुद्ध पुलिस ने मुकदमा नही दर्ज किया था।

पुलिस को अपनी तहरीर देने वाले राम प्रकाश ने बताया कि वह सिर्फ अपना हस्ताक्षर ही करना जानता है और कृषि कार्य कर अपना तथा अपने परिवार का जिविकोपार्जन कर रहा है।इसका फायदा उठाकर राम विशाल यादव व आलोक यादव जो 57 ए आदिल नगर कुर्सी रोड में रहते है और पुलिस विभाग सेवानिवृत्त है ।इनके द्वारा नौकरी के दौरान आय से अधिक सम्पत्ति भी अर्जित करने के साथ ही कई लोगो की जमीन भी हड़प लिया। इनके विरुद्ध कोई मुकदमा यदि लिखाता भी है तो वह अपने जान से हाथ भी धो बैठता है । राम विशाल यादव द्वारा गलत तरीके से कमाये गये दौलत व हड़पी हुई जमीन के उपर विशाल हास्पिटल सेक्टर जे जानकीपुरम में स्थापित कर संचालित किया जा रहा है।इनके  द्वारा पानी की फैक्ट्री ग्राम परसाऊ पहाड़पुर थाना बी के टी में संचालित की जा रही है।उसे इनका पुत्र आलोक कुमार  संचालित कर रहा है ।

रामप्रकाश का आरोप है कि राम विशाल यादव ने आय से अधिक सम्पति अर्जित की है और इनके पास बी . एम . डब्लू ऑडी जैसी तमाम लगजरी व महगी गाड़िया है । इसके अतिरिक्त तमाम नामी बेनामी संपत्ति है।पुलिस को दी तहरीर में रामप्रकाश ने कहा है कि जैसा कि आम चर्चा है कि राम विशाल यादव पूर्व आई.ए.एस. राम विलास यादव के रिश्तेदार है । जो पूर्व में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रहे है। जो वर्तमान समय में आय से अधिक सम्पति के मामले में जेल में है । उनके निकट संबंधी होने के कारण पुलिस में निरीक्षक पद पर तैनाती के दौरान नामी बेनामी संपत्ति अर्जित की गई है ।तहरीर में यह भी कहा की राम विशाल सिंह यादव तथा उनके पुत्र आलोक व इनके घर के लोग काफी दबंग है और इनसे सामान्य लोग भय मानते है कोई शिकायत करने की हिम्मत नही जुटा पाता है ।तहरीर में यह भी कहा कि राम विशाल यादव पूर्व से परचीत थे और अच्छे संबंध थे एक दिन उसके घर पर अपने पुत्र आलोक कुमार के साथ आए और कहने लगे कि हमारे पुत्र आलोक के नाम पेट्रोल पंप का लाइसेस हो गया है हमे इंटीग्रल से दो किलोमीटल अंदर जमीन नहीं मिल रही है आप अपनी जमीन जो कुर्सी रोड पर स्थित है । जिसका गाटा संख्या 204 है जिसमें से 400 वर्ग मीटर पेट्रोल पंप खोलने के लिए दे दीजिए और जो लाभ होगा उसका आधा आधा हम लोग ले लेंगे ।

तहरीर में कहा गया कि उन्होंने हमारी जमीन जो इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से दो किलोमीटर के बाहर है तो कैसे यहाँ पेट्रोल पंप पास हो जाएगा राम विशाल सिंह ने कहा कि हम लेखपाल से झूठी रिपोर्ट लगवा कर दो किलोमीटर के अंदर जमीन को दिखा देगे आप उसकी टेंशन मत लीजिए मैं फर्जी काम बहुत करवा चुका हूँ यह तो मेरे बाएं हाथ का खेल है । तब रामप्रकाश ने कहा कि जमीन हमारी रहेगी पैसा आप लगाएगे। आलोक यादव व उनके पिता राम विशाल यादव कुछ देर सोचते रहे फिर कहा कि आप 51 प्रतिशत हिस्सा ले लेना और एक टैंकर तेल का पैसा दे देना व जो काम पेट्रोल पंप निर्माण में होगा उतना पैसा लगाने के लिए बोला क्योंकि रामप्रकाश की जमीन भी थी इस बात रामप्रकाश सहमत हो गया ।इसके बाद आलोक यादव व उनके पिता राम विशाल सिंह यादव द्वारा बनाये गये साझेदारी अनुबंध पर हस्ताक्षर करवा लिया । और जब उसने कहा कि रजिस्टर्ड साझेदारी विलेख निष्पादित करवाया जाये तो विपक्षीगण ने कहा कि इसमें ज्यादा खर्चा आता है।रामप्रकाश ने कहा कि वह ज्यादा पढा लिखा नही हूँ। उनकी बतायी गयी बातो पर विश्वास कर लिया। विपक्षीगणों ने कहा कि 6 माह बाद इण्डियल आयल कम्पनी से डायरेक्ट साझेदार बनादेगे इसका कोई मतलब नही है ।तहरीर में रामप्रकाश ने कहा कि उनकी बातो पर विश्वास कर लिया।उसके बाद उन्होंने कहा कि एक किरायेदारी विलेख 19 वर्ष 11 माह के लिए कर दीजिए इससे कि आपकी इण्डियन आयल कम्पनी में हिस्सेदारी को लगाना है।आप उसका साझेदार बन जायेगे।रामप्रकाश ने संगीन आरोपी लगाते हुए कहा है कि वह  एक अनपढ़ किसान है उसे कुछ जानकारी नही थी।इन पर काफी विश्वास था कि उसके साथ कोई धोखाधड़ी नही करेगे ।उसने समय समय पर रुपयों की माँग भी किया कि इण्डियल आयल कम्पनी को देना है।रामप्रकाश ने  अपनी पुत्री की शादी के लिए किये गये रुपयों में से लगभग सात लाख रुपये दिये कि उसका इण्डियन आयल कम्पनी में साझेदार  बनायेगे ।जबकि प्रार्थी ने स्वयं ही पेट्रोल पम्प का निर्माण कराया गया और सभी खर्चों का वहन किया गया है । यहाँ तक कि पेट्रोल पम्प का उद्घाटन भी रामप्रकाश ने कराया।

 राम प्रकाश का कहना है कि कुछ दिन तक तो सुचारु रुप से कार्य किया गया।लेकिन बाद बेइमानी किया जाने लगा यहाँ तक कि जब राम प्रकाश को पता चला कि उसे भरोसे में लेकर घोखाधड़ी कारित करने की नियत से किरायेदारी विलेख भी गलत कराया गया।इन लोगो ने घोखाधड़ी कारित करते हुए इसके पचासो लाख रुपये हड़प कर लिया तथा उसकी हिस्सेदारी भी दबंगयी के बल पर नही दिया जा रहा है । कुछ भी कहने पर मारपीट पर उतारू हो जाते है तथा अपहरण करने तथा जान से मारने की धमकी देने लगते है ।पीड़ित ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए थाना गुडंबा में प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई रिपोर्ट नही दर्ज हुई तो उसने यूपी के डीजीपी और पुलिस कमिश्नर को शिकायत की लेकिन उसके बाद भी रिपोर्ट नही दर्ज हुई।इसके बाद परेशान रामप्रकाश धारा 156 (3) के तहत न्यायालय से रिपोर्ट दर्ज करने की गुहार लगाई। जहां से आदेश होने के बाद गुडंबा पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज की है।

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