-लखनऊ के पारा में रह रहे थे, फर्जी दस्तावेज के आधार पर बनवाया था आधार कार्ड
– यूपी एसटीएफ ने दबोचा, चाइना में बैठे सरगना के इशारे पर करते थे घटनाएं
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REPORT BY:MAHI
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EDITED BY-AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ । यूपी एसटीएफ ने डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने वाले गैंग के दो सदस्यों को पारा इलाके से बृहस्पतिवार रात गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी नेपाल के रहने वाले हैं। चाइना में गैंग के सरगना के इशारे पर वे लोग भारत के लोगों को ईडी, सीबीआई और एजेंसियों का नाम लेकर जालसाजी कर रहे थे। आरोपियों के पास से भारतीय पहचान पत्र (आधार कार्ड ) बरामद हुआ है, जिसे फर्जी दस्तावेज की मदद से तैयार कराया गया। फिलहाल, गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश के लिए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।यूपी एसटीएफ के उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह के मुताबिक, मुखबिर से सूचना मिली कि नेपाल देश के दो नागरिक साइबर फ्रॉड का काम करते हैं, वे लोग स्कैमिंग की रकम ट्रांसफर कराने के लिए बैंक एकाउंट की व्यवस्था कराने के लिए आलमबाग दुबग्गा रोड तिकोनिया आने वाले हैं। इस पर एसटीएफ टीम ने घेराबंदी की। फिर दोनों युवकों को दबोच लिया। पकड़े गए आरोपी नेपाल के सुनसरी, धरान छाता चौक वार्ड नम्बर एक निवासी टंक प्रसाद खनाल का बेटा सरोज खनाल और काठमांडू के टोखा गोंगाबु -5 निवासी लुमडी प्रसाद रिमाल का बेटा शिवराम रिसाल है। आरोपियों के पास से मिले आधार कार्ड पर सरोज खनाल मौजूदा पता पारा के आवास विकास गोकुल ग्राम सन सिटी में राहुल कुमार पुत्र प्रह्लाद जबकि शिवराम रिमाल पारा के गोकुल ग्राम में पंकज पुत्र श्रीधर का नाम पता लिखा हुआ है। आरोपियों के पास से नेपाल के दो पहचान पत्र, दो बैंक चेकबुक, भारतीय आधार कार्ड की छायाप्रति और नेपाली दो पासपोर्ट भी बरामद हुए है।
चाइना में बैठे सरगना के इशारे पर फंसाते शिकार
आरोपियों ने बताया कि चाइना देश में रहने वाला बेन के साथ मिलकर वे लोग साइबर फ्राड का काम कर रहे थे। बेन मौजूदा वक्त नेपाल में रह रहा है। कुछ अरसे पहले बेन और दोनों आरोपी दुबई में एक साथ काम करते थे, लेकिन बाद में वे लोग नेपाल आ गए। बेन ने एक गैंग बनाकर अपने साथ शामिल कर लिया। फिर उन लोगों को भारत भेजा, यहां पर फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया।
भारत में ऐश कराने के लिए सरगना बेन देता है रकम
गैंग का सरगना बेन दोनों आरोपियों का पूरा ख्याल रखता था। वह भारत में रहने, खाने व ऐश कराने पर खर्च होने वाली रकम देता था। इसके बदले दोनों आरोपी लोगों को फंसाकर शिकार देते। फर्जी आधार कार्ड के जरिए भारतीय सिम व विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाने के बाद बेन के हवाले कर देते थे। बेन स्कैमिंग की रकम उसी खाते में ट्रांसफर करता था। फिर इन लोगों को यूएसडीटी के रूम में कमीशन भेजता था। आरोपियों के बताए हुए बैंक खाते, वॉलेट आदि की जानकारी एसटीएफ जुटा रही है। साथ ही उनके मोबाइल को फॉरेसिंक परीक्षण के लिए भेजा है।