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हरियाणा:बच्चियों का शादी ब्याह समय से करिये, उन्हें अपनी तरफ से खोजना न पड़े:उमाकांत महराज,क्लिक करें और भी खबरें 

-रूप-रंग, धन-दौलत पर गये तो निभेगी नहीं,लक्ष्मी अच्छी जगह खर्च होने से ही रुकेगी   

-अपने कर्म सुधारिये,भगवान का कैमरा सब देख रहा है सजा तो मिलेगी 

  • REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
हरियाणा।बाबा जयगुरुदेव के परम शिष्य  उमाकान्त जी महाराज ने भक्तो कों दिए अपने लाइव सन्देश में कहा है कि बच्चे और बच्चियों की शादी ब्याह समय से कर दो।उन्हें  अपनी तरफ से खोजना न पड़े क्योंकि वह तो रूप-रंग, धन-दौलत पर चले जाते हैं।इसके बाद निभता नहीं है। क्योंकि अगर रूप-रंग पर कोई मोहित है और फिर कोई बात हो गई, कोई बीमारी तकलीफ आ गई तो वो उसको फिर पसंद करेगा ? चाहे लड़का हो या फिर लड़की हो, छोड़ कर चले जाते हैं। बाबा जयगुरुदेव के परम शिष्य  उमाकान्त जी महाराज ने कहा कि धन-दौलत का कुछ कहा नहीं जा सकता है। आज है, कल नहीं रहेगा। यह तो बाढ़ का पानी है। जब लक्ष्मी अच्छी जगह खर्च होती है तो रुकी रहती है। और अगर कहीं गलत जगह पर खर्च हो गई तो चली जाती है। धन खत्म हो गया तो जो धन के लोभ में शादी किया था, वो ब्याह नहीं निभेगा, तलाक के मुकदमे चालू हो जाते हैं। दहेज के मुकदमे में जेल जाना पड़ जाता है।उन्होंने कहा कि मनुष्य बहुत जीव हत्या, हिंसा-हत्या कर रहा है, इंसानियत को भूल गया। गुमान में आकर वह  यह नहीं सोचता है कि हमारे इन कर्मों को कोई देख रहा है। वह तो सोचता है कि भगवान तो अंधा है। लेकिन भगवान,खुदा कभी अंधा नहीं हो सकता।वह सब देखता है। उसके कैमरे से कोई बच नहीं सकता है। तो कर्मों की सजा तो मिलेगी। इसलिए कर्म को सुधार लो। सब लोग मिलकर के पहले अपना-अपना कर्म सुधारो, अपने परिवार वालों का कर्म सुधारो, प्रचार-प्रसार करो। लोगों के कर्म अच्छे हो जाएं, लोग ईश्वरवादी शाकाहारी नशामुक्त हो जाए।उन्होंने कहा कि भक्तो से कहा कि साप्ताहिक सतसंग में ध्यान-भजन कर लिया करो।यदि रोज न इक्ट्ठा हो पाओ‌ तो हफ्ते में एक दिन इकट्ठा हो कर इसे अवश्य करें। साप्ताहिक सतसंग में ध्यान-भजन के साथ ही गुरु की चर्चा कर उनकी महिमा को गाकर  मनुष्य शरीर और भजन ध्यान सुमिरन के बारे में लोगों को बता दो।इसी कारण से गुरु महाराज ने  भी आदेश दिया था।

असली कों पकड़िये,नकली दूर भगाइये 

बाबा जयगुरुदेव के परम शिष्य उमाकान्त महाराज ने अपने लाइव सन्देश में कहा है कि साप्ताहिक सतसंग जगह-जगह पर कायम करो। उसमें नए लोग भी आने लगे। बुलाने का, बैठाने का, सुमिरन ध्यान भजन समझाने का, करने का, कराने का- सबका लाभ मिलता है। इसलिए सब प्रेमी, आप एक-दूसरे को बुलाओ, बैठाओ, सुमरिन ध्यान भजन समझाओ, कराओ, जो असली चीज है। असली चीज को कभी भी मत छोड़ो। नकल को मत पकड़ो। जो काम आने वाली चीज नहीं है, उसको मत पकड़ो। जो आपके यहां भी काम आवे और वहां भी काम आवे, उसे पकड़ो। भ्रम में डालने वाले मिल जाते हैं। हाथी पर बैठा दिए गए तो समझो की बकरी, गधे पर नहीं बैठना है।सुमिरन और भजन में ध्यान लगाइये।http://Copyright © 2023 aajnational.com All Right Reserved

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