-अब तक सिर्फ 50 प्रतिशत किसानों ने कराया पंजीकरण
- REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ।उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए फ्री बिजली योजना का आदेश लगभग 15 लाख किसानों के लिए किया गया लेकिन अभी तक लगभग 50 प्रतिसत किसानों ने ही लाभ लेने का पंजीकरण कराया यह रिसर्च का विषय की उत्तर प्रदेश में किसान फ्री बिजली आपूर्ति का लाभ क्यों नहीं लेना चाहते ? कही किसानों के लिए फ्री बिजली योजना के लाभ लेने के लिए उसमें अनेकों शर्ते हैं कहीं वह तो किसानों को नहीं डरा रही है ? कहीं किसानों पर अनेकों जनपदों में गलत बकाया है उसे कोई ठीक नहीं कर रहा है ? या फिर विभाग के लोग दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। ऐसी तमाम शंकाए है जिनका समाधान होने पर ही शत प्रतिशत किसान इस योजना से जुड़ पाएगा।
उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए फ्री बिजली योजना का आदेश 7 मार्च 2024 को कुछ शर्तों के साथ जारी किया गया। 1 अप्रैल 2023 से मुफ्त विद्युत आपूर्ति लेने के लिए सभी किसानों को पंजीकरण कराने हेतु अनुरोध किया गया। उत्तर प्रदेश में टैरिफ आदेश में दी गई संख्या पर ध्यान दें तो लगभग 15 लाख 72 हजार 373 किसानों की निजी नलकूप है। अब बात की जाए कि अभी तक फ्री बिजली योजना का लाभ लेने के लिए कितने किसानों ने अपना पंजीकरण कराया तो वह संख्या लगभग 7 लाख 77 हजार 700 के करीब है। यानी 50 प्रतिशत किसानों ने ही अपना पंजीकरण कराया। यह बहुत ही सोचनीय बात है कि उत्तर प्रदेश में फ्री बिजली का लाभ लेने के लिए भी किसान आगे क्यों नहीं आ रहे ? या तो फ्री बिजली योजना की जो शर्ते है वह किसानों को डरा रही है।ं या तो किसानों के पंजीकरण करवाने में विभाग द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि बडे पैमाने पर किसानों पर उनके बिल में गलत बकाया आ रहा है। और उसकी कोई ठीक करने को तैयार नहीं है। पंजीकरण में यह भी शर्त है कि किसानों को मीटर लगाना होगा, बकाया चुकाना होगा और एक सीमित यूनिट उनको छूट मिलेगी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह बहुत ही रिसर्च का मामला है कि उत्तर प्रदेश में किसान फ्री बिजली योजना का लाभ लेने के लिए भी आगे नहीं आ रहे हैं। अब तक बात की जाए तो लगभग दर्जनों बार पंजीकरण की डेट बढाई जा चुकी है। हर 15 दिन के बाद एक बार तिथि बढाई जाती है। अभी जो बडी हुई तिथि है वह 15 नवंबर है। आगे फिर बढाई जाएगी जैसा की अनवरत चल रहा है। ऐसे में पावर कॉरपोरेशन व सरकार कोई है जरूर सोचना चाहिए कि किसानों फ्री बिजली योजना में दिलचस्पी क्यों नहीं ले रहा है।उपभोक्ता परिषद पहले ही जब किसानों की इस पर राय ली थी तो किसानों ने उपभोक्ता परिषद के वेबीनार में शामिल होकर कहा था कृषि कार्य हेतु किसान अपने खेत की सिंचाई मीटर की यूनिट देखकर नहीं करता वह खेत की आवश्यकता देखकर करता है। ऐसे में किसानों के ऊपर जो शर्तें थोपी गई है।उसको आसान बनाया जाए। लेकिन कहीं भी उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया। आगे या सोचने का विषय रहेगा कि उत्तर प्रदेश में उपभोक्ता फ्री बिजली का लाभ लेने के लिए भी नहीं आगे आते उसका क्या कारण है ?
होटल दयाल गेटवे और होटल हिल्टन के गृहकर का होगा परीक्षण
-महापौर ने जोन चार के अधिकारियों की दी हिदायत
सुषमा खर्कवाल, महापौर की अध्यक्षता में नगर आयुजत इंद्रजीत सिंह की उपस्थिति में नगर निगम जोन-4 की समीक्षा बैठक आहूत की गई। महापौर द्वारा कई आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए। बैठक मे महापौर द्वारा होटल दयाल गेटवे तथा होटल हिल्टल के गृहकर निर्धारण के पुनः परीक्षण हेतु जोनल अधिकारी जोन – 4 को फाईल प्रेषित करने के निर्देश दिए गए।
महापौर द्वारा जोन-4 के अन्तर्गत साप्ताहिक बाजार कहां-कहां लगाये जाते है तथा कितनो का लाईसेंस जारी किया गया है, इसकी समीक्षा की और वेन्डिंग जोनो में बिना रजिस्ट्रेशन के दुकानो को हटाने के निर्देश दिये गये है। महापौर अवैध रूप से फ्लाईओवर आदि के नीचे अवैध अतिक्रमण हटाकर वेंडिंग जोन , गेमिंग जोन, पार्किंग जोन तथा सौंदर्यकरण साफ सफाई कराकर ,पेंटिंग आदि का कार्य कराते हुए अवैध अतिक्रमण को हटाये जाने के निर्देश दिये गये है। महापौर द्वारा वार्डों में रोस्टर बनाते हुए फॉगिंग की कार्यवाही की जाय तथा जोन के समस्त मार्गों में खराब स्ट्रीट लाईटों को ठीक कराये जाने के निर्देश दिये गये है। उन्होने नगर अभियन्ता जोन-4 को निर्देशित किया गया कि रोड रजिस्टर डिजिटल करने के तथा सड़को को गडढामुक्त करने के निर्देश दिये गये है।महापौर द्वारा अवैध होर्डिंगों को हटाये जाने तथा मोबाईल टावरो से कर वसूली किये जाने के निर्देश दिये गये है। सार्वजनिक संपत्ति पर अविआफ अवैध प्रचार सामग्री लगाने वालो के विरूद्ध डिफेसमेन्ट अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।बैठक में पंकज श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त, महेश वर्मा, मुख्य अभियन्ता (सिविल), अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, संजय यादव, जोनल अधिकारी, अतुल मिश्रा, अधिशासी अभियन्ता, पंकज शुक्ला, जोनल स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य अभियन्ता (आरआर), अवर अभियन्ता, जलकल अवर अभियन्ता, मार्ग प्रकाश एवं समस्त पदाधिकारी जोन-4 उपस्थित थे।
तो अरबों की सरकारी जमीन दबाए बैठे माफिया
-फिर 16 करोड़ 95 लाख रुपये की सरकारी भूमि हुई कब्ज़ा मुक्त
लगातार सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के लिए कमर कसें नगर आयुक्त को सफलता मिल रही है। वह इस बॉत का संकेत है कि उन्हें सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे की जो जानकारी मिल रही है वह सटीक होती है। अब नगर आयुक्त के निर्देश पर फिर एक सूचना के आधार पर 16.95 करोड़ की जमीन से कब्जा मुक्त कराया गया है। शासन के आदेशों के क्रम में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के निर्देशानुसार नगर में अवैध कब्जेदारों पर कार्यवाही एवं सरकारी भूमाफियाओं को कब्ज़ा मुक्त करवाये जाने हेतु लगातार सघन अभियान चलाए जा रहे हैं।
इन्द्रजीत सिंह, नगर आयुक्त व पंकज श्रीवास्तव अपर नगर आयुक्त के आदेशानुसार संजय यादव प्रभारी अधिकारी सम्पत्ति एवं तहसीलदार अरविन्द कुमार पाण्डेय के निर्देश के क्रम में ग्राम-पीरनगर, तहसील व जिला-लखनऊ की खसरा संख्या-35 क्षेत्रफल 0.461 हेक्टयर राजस्व अभिलेखों में खलिहान के रूप में दर्ज भूमि पर अतिक्रमणकर्ताओं एवं ग्रामवासियों द्वारा चहार दीवारी बनाकर किये गय। अवैध कब्जों को नायब तहसीलदार राजेन्द्र कुमार के नेतृत्व में नगर निगम लेखपाल सैफुल हक, अनुपम मिश्रा, अजीत तिवारी व अरूण गौतम की उपस्थिति में क्षेत्रीय पुलिस बल के सहयोग से शांतिपूर्ण ढंग से 33,907 वर्गफुट हेक्टयर भूमि को कब्जा हटवा दिया गया। उक्त अवैध कब्जें से मुक्त कराई गई भूमि की बाजारू कीमत लगभग 16 करोड़ 95 लाख होगी।
क्या एलडीए और आवास विकस की तर्ज पर काम करेगा निगम
निश्चित तौर से नगर आयुक्त ने भूमाफियों से पंगा लिया है। अब तक जो जमीन अवैध कब्जे से मुक्त कराने में नगर निगम सफल रहा वह अरबों रूपये की है। निश्चित तौर से देखा जाए तो अरबों की जमीन पर भूमाफियाओं ने बिना राजनैतिक या अन्य संरक्षण के कब्जा नही किया होगा। ऐसे में नगर आयुक्त का यह कदम निश्चित तौर से निगम हित में रहा है। अगर नगर निगम अपनी माली हालत में सुधार करने के लिए एलडीए और आवास विकास की तरह बड़ी कार्य योजना बनाकर आवासीय योजनाओं का हवाई नही बल्कि जमीन स्तर पर आम आदमी की जेब के अनुसार कार्य शुरू करता है तो निश्चित तौर से उसकी आय में इजाफा होगा। वैसे भी नगर निगम कर्मचारी संघ द्वारा कब्जा मुक्त हो रही जमीनों में निगम कर्मचारियों के लिए आवासीय प्लाट न्यूनतम दरों पर देने की मांग उठाई थी। ऐसे में अगर नगर आयुक्त शासन स्तर पर इस सम्बंध में कोई समूचित पैरवी करते है तो निश्चत ही इसका लाभ नगर निगम को मिलेगा।
नही होगा पेयजल संकट
कठौता झील में मंगलवार शाम तक पानी पहुंच जाएगा। वर्तमान समय में कठौता झील से संबंधित क्षेत्रों में किसी प्रकार की पानी की समस्या नहीं है। झील में अभी चार दिन का पानी शेष है। यह जानकारी जलकल विभाग के जोन चार के अधिशासी अभियंता ने सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में दी है।
उन्होंने बताया कि अधिशासी अभियंता शारदा सहायक नगर से फोन पर वार्ता की गई तो उन्होंने अवगत कराया कि शारदा नहर को 11 नवंबर की सुबह से ही चालू कर दिया गया है। ऐसे में संभावना है कि 12 नवंबर की शाम तक कठौता झील में पानी पहुंच जाए। विदित हो कि मरम्मत कार्य के लिए शारदा सहायक नहर को नौ नवंबर तक बंद किया गया था।
विकास निधि से दिसम्बर के बाद नही नए कार्यो को मिलेगी मंजूरी
वार्डों में विकास निधि से नए कार्यों की मंजूरी दिसंबर बाद नहीं दी जाएगी। जिस भी वार्ड में विकास कार्य कराए जाने हैं, उसका प्रस्ताव बना कर संबंधित पार्षद अपने जोन के अभियंत्रण कार्यालय में निर्धारित समय से पहले दे दें। ताकि जेई मौके पर निरीक्षण कर उसकी मंजूरी 31 दिसंबर तक हर हाल में दे सकें। उसके बाद विकास निधि से नए कार्यों की स्वीकृति नगर आयुक्त की मंजूरी के बाद ही मिलेगी।
नगर निगम के मुख्य अभियंता अभियंत्रण कार्यालय की ओर से यह निर्देश सभी जोन के एक्सईएन को जारी कर दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि संबंधित पार्षदों की ओर से वार्ड में कराए जाने वाले विकास कार्यों की फाइलें समय से तैयार कर उसका निरीक्षण कर लें। प्रयास करें कि फाइल पर मंजूरी दिसंबर माह के मध्य तक करवा लें, जिससे कि अन्य औपचारिकतां पूरी कर 31 दिसंबर तक कार्य को लेकर टेंडर जारी किया जा सके। कहा गया है कि वार्ड विकास निधि के साथ ही अन्य कोटे से होने वाले विकास कार्य से जुड़ी फाइलों को भी उक्त निर्धारित समय में प्रस्तुत कर मौका मुआयना कर उसे मंजूर करवा लिया जाए। तय तारीख के बाद आने वाले प्रस्तावों की मंजूरी नहीं दी जाएगी। जारी निर्देश में कहा गया है कि निर्धारित तिथि के बाद विकास कार्यों से जुड़ी फाइलें तभी स्वीकृत होंगी जब नगर आयुक्त की तरफ से उसकी मंजूरी दी जाएगी। विदित हो कि टेंडर जारी होने के बाद वर्क ऑर्डर से लेकर अन्य प्रक्रिया में महीना – डेढ़ महीना का समय लगता है। ऐसे में यदि किसी कार्य की फाइल जनवरी और फरवरी माह में मंजूर होती है तो विकास कार्य के शुरू होते-होते मार्च महीना आ जाता है। ऐसे में मौजूदा वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाता है तो कराए गए कार्य के भुगतान को लेकर दिक्कत आने लगती है। इसी दिक्कत को देखते हुए मुख्य अभियंता की ओर से उक्त निर्देश जारी किया गया है। ताकि कार्य समय से हो जाए और ठेकेदारों को भुगतान भी समय से हो जाए।
महिला समूह बढ़ायेगी जलकल का राजस्व
नगर निगम लखनऊ के जलकल विभाग ने राजस्व वसूली में बढ़ोतरी के लिए एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत जोन-4 के अंतर्गत आने वाले वार्डों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जलकल विभाग में लगाया जाएगा।
जोन-4 के अंतर्गत राजीव गांधी वार्ड प्रथम, राजीव गांधी वार्ड द्वितीय, रफी अहमद किदवई वार्ड, चिनहट द्वितीय वार्ड और पेपर मिल कॉलोनी में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं लगाई जाएंगी। जलकल विभाग के महाप्रबंधक ने बैठक में स्वयं सहायता समूह की 15 महिलाओं और जलकल विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ चर्चा की।इस पहल से राजस्व वसूली में बढ़ोतरी की उम्मीद है। जलकल विभाग के कमेटी कक्ष में बैठक आयोजित हुई।जिसमे मुख्य रूप से महाप्रबंधक जलकल कुलदीप सिंह , अधिशाषी अभियंता(जल) आदि उपस्थित थे।
कुर्की अभियान में तीन जोनो में 19 भवनों पर कार्यवाही
नगर आयुक्त के निर्देशानुसार बड़े बकायेदारो से वसूली हेतु कुर्की,नीलामी की कार्यवाही की जा रही है जिसके क्रम में आज अभियान के अंतर्गत निम्नलिखित कार्यवाही की गयी। तीन जोनों में चलाए गए अभियान में 16 भवनों परी कार्यवाही की गर्इ्र। सीलिंग कार्यवाही अभियान में भुगतान के रूप में कुल 2,22,811 की धनराशि वसूल की गयी।अभियान में जोन-1 कें अन्तर्गत वार्ड नजरबाग-यदुनाथ सान्याल में बड़े बकायेदार मे. गुप्ता कान्सट्रक्शन,1,08,178, मे. गुप्ता कान्सट्रक्शन, भवन संख्या-110/036 देय गृहकर 1,02,237, मे. गुप्ता कान्सट्रक्शन, भवन संख्या-110/036/एटीएफ 3,88,167, मे. गुप्ता कान्सट्रक्शन, भवन संख्या-110/036/एटीएफ-2 पर 1,38,901, मो. मुस्लिम 2,16,609, हर गोविन्द ट्रस्ट, 6,25,957, गंगा देई, आंशिक कुल देय गृहकर-2,88,321 जमा न करने के कारण भवन/प्रतिष्ठान को सील किया गया। जोन-3 क्षेत्रान्तर्गत भारतेन्दु हरिश्चन्द्र वार्ड में मो. इस्माईल 3,24,853, जगदीश प्रसाद यादव, 2,61,725, त्रिवेदी, भवन 1,80,247 जमा न करने के कारण भवन को सील किया गया। शिव टूल्स एण्ड मशीनरी, भवन संख्या-4/015, अलीगंज सेक्टर-जी कुल देय गृहकर 33,617 बकाया सीलिंग के दौरान भवन स्वामी द्वारा आपत्ति दर्ज करायी गयी। आलम अन्सारी 3,30,179, सजीद अली खान, 45,248 जमा न करने के कारण भवन को सील किया गया। जोन-5 क्षेत्रान्तर्गत चित्र गुप्त नगर वार्ड में जय प्रकाश, 50,174, तुलसी देवी 85,635 गृहकर जमा न करने के कारण भवन को सील किया गया। ओम प्रकाश गुप्ता,कुल देय गृहकर 54,780 रूपये, जसपाल,जाफर खेड़ा, कुल देय गृहकर 57,755, गीता यादव कृष्ण़ा नगर कुल देय गृहकर 60,102 रूपये का भवन स्वामी द्वारा पूर्ण भुगतान किया किया गया। विश्वनाथ विज-62,337 रूपये जमा न करने के कारण भवन को सील किया गया।
जोन छह में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला
नगर आयुक्त के निर्देशानुसार व जोनल अधिकारी जोन 6 मनोज यादव के नेतृत्व मे अभियान चला। अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई की गई। बालागंज चौराहे से दुबग्गा चौराहे तक दोनों पटरियों पर अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए अभियान चलाया गया।
अभियान में 22 ठेले और 8 गुमटियाँ हटाई गईं। चरक हॉस्पिटल और सफेद मस्जिद डिवाइडर के पास 10 अस्थाई दुकानें हटाई गईं। 17 बेंच और टेंट जब्त किए गए। अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध 24,500 रुपये का जुर्माना वसूल किया गया। पॉलिथीन और गंदगी के विरुद्ध भी अभियान चलाया गया। कार्रवाई में जोन 6 से अवधेश कुमार कर अधीक्षक, अशीष कुशवाहा राजस्व निरीक्षक, धर्मदेव और 296 टीम के साथ-साथ क्षेत्रीय पुलिस ने भाग लिया।