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वाराणसी:भारत सनातन की भूमि, काशी केंद्र; नमो घाट विश्व का सबसे बड़ा घाट-उपराष्ट्रपति,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:MUKESH JAYASWAL || EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS DEASK

वाराणसी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने काशी में देव दीपावली के अवसर पर नमो घाट का लोकार्पण किया। इस पल को उन्होंने अपने लिए भाग्यशाली बताया। उन्होंने कहा कि आज वो पल आया है जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को विश्व के सबसे बड़े और सुंदर घाट ‘नमो घाट’ का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सनातन की भूमि है और काशी इसका केंद्र है। सनातन धर्म सभी को समाहित करता है और इसने आक्रमणकारियों को भी समाहित करने का कार्य किया है। यह हमें एकता और दृढ़ता की सीख देता है। उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि योगी जी अपनी लगन और निष्ठा से उत्तर प्रदेश को उद्यम प्रदेश बनाकर इसे सर्वोच्च प्रदेश बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि संरक्षण, सृजन, दूरदर्शी और सराहनीय विकास के लिए जिस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी समर्पित हैं, उत्तर प्रदेश में यही काम योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। वहीं उन्होंने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुझे उनके मार्गदर्शन का लाभ कई अवसरों पर मिला है।उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा गया है। इस बड़े यज्ञ में हर भारतीय को योगदान देना होगा। उप राष्ट्रपति ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने हमें बार-बार याद दिलाया है कि हमारी सांस्कृतिक जड़ें ही हमारे वर्तमान और भविष्य का आधार हैं। इसे संरक्षित रखने का दायित्व हम सभी का है। उपराष्ट्रपति ने नमो घाट के उद्घाटन को अपने लिए सौभाग्य का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े घाट का उद्घाटन करना मेरे लिए बड़ा सम्मान है। मुख्यमंत्री योगी ने जब कहा कि भारत के अलावा और कहां घाट होते हैं, तो इससे मेरी बात को और बल मिला। काशी मोक्ष की नगरी है और यहां की परंपराएं अनवरत रूप से प्रज्ज्वलित रहती हैं। उप राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि उद्घाटन दिवस का संयोग बेहद खास है। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन सिख धर्म के संस्थापक प्रथम गुरू श्री गुरुनानक देव का 555वां प्रकाश पर्व है। इसके साथ ही उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को याद करते हुए आदिवासी समुदाय की गौरवशाली विरासत की सराहना की।

स्वदेशी दीप देश की मिट्टी, तेल और रुई का है अनूठा मेल 

उपराष्ट्रपति ने कहा की स्वदेशी भावना को भी बल दिया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी दीप देश की मिट्टी, तेल और रुई का अनूठा मेल है। वैश्विक व्यापार में भी हमें स्वदेशी भावना को विचार में रखना चाहिए। उन्होंने सामाजिक समरसता पर जोर देते हुए कहा कि भारत सामाजिक समरसता की नींव है। मतभेद हो सकते हैं, पर मनभेद को कम रखना चाहिए। सौहार्दपूर्ण संवाद, आस-पड़ोस का ध्यान रखना ही त्योहारों की खास बात है।उप राष्ट्रपति ने अपने भाषण के समापन में कहा कि देव दीपावली का यह पारंपरिक उत्सव समाज के हर वर्ग को एक साथ आने का अवसर देता है। यह बदलते भारत की तस्वीर को दर्शाता है और यह ऐतिहासिक क्षण मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नमो घाट के उद्घाटन के साथ ही वाराणसी ने एक बार फिर से अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को विश्व के सामने गौरव के साथ प्रस्तुत किया है।

दीपों से जगमग हुई काशी, 84 गंगा घाटों पर जले 21 लाख दीये भव्य आतिशबाजीया भी हुई

देवताओं की दीपावली मनाने के लिए काशी में पर्यटकों का रेला लगा रहा। देश-दुनिया के सभी लोगों की नजरें काशी की देव दीपावली पर टिकी रहीं। शाम होते ही सभी घाट दीपों से जगमग हो गए। वहीं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नमो घाट का लोकार्पण किया तो हर- हर महादेव का जयकारा गूंज उठा।देव दीपावली के अवसर पर वाराणसी के घाटों पर आतिशबाजी की गई। इस दौरान गंगा में क्रूट और नाव पर बैठे पर्यटक भव्य देव दीपावली के उत्सव का लुत्फ उठाते रहे। देव दीपावली के अवसर पर वाराणसी के घाटों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। काशी के 84 गंगा घाटों पर दीप जलाए गए हैं। इस दौरान देव दीपावली का भव्य आयोजन देखने के लिए देश भर से लोग काशी पहुंचे हैं। देव दीपावली पर काशी के घाटों पर पर्यटकों की भारी भीड़ जुट गई है। ऐसे में सभी प्रमुख घाटों पर भीड़ बेकाबू होते देख पुलिस के साथ ही अन्य फोर्स मौके पर पहुंचकर भीड़ नियंत्रित करने में जुटी रही। विश्वनाथ धाम का गंगा द्वार आकर्षण का केंद्र बना है। भारी संख्य में पर्यटक यहां सेल्फी लेने पहुंचे हैं। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दीप जलाकर देव दीपावली की शुरुआत की। उनके दीप जलाने के साथ शुरू भव्य आतिशबाजी हुई।

 सीएम योगी के नारे को काशिवासियों का समर्थन, देव दीपावली पर दीयों से लिखा ‘बटोगे तो कटोगे’

देव दीपावली पर काशी में लोगों ने गंगा घाट पर दीयों से बटोगे तो कटोगे लिखा। इस दौरान यह चर्चा का विषय बना रहा। देव दीपावली के अवसर पर काशी के 84 गंगा घाटों पर 21 लाख दीये जलाए गए। यहां धूमधाम से देव दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। देश भर के पर्यटक काशी की देव दीपावली का साक्षी बनने पहुंचे हैं। इसी क्रम में वाराणसी के बबुआ पांडेय घाट पर दीयों से ‘बटोगे तो कटोगे’ नारा भी लिखा गया था। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सीएम योगी आदित्यनाथ का यह नारा काफी चर्चित हुआ है। दीयों से लिखा सीएम योगी का नारा देव दीपावली में आकर्षण का केंद्र बना रहा। इस दौरान लोगों ने इसकी तस्वीर भी अपने मोबाइल फोन में कैद किया। काशी के सभी घाटों पर पर्यटकों का जमघट लगा था। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।

नमो घाट के लोकार्पण से दोगुनी हुई खुशियां,काशी में हुआ अद्भुत बदलाव:सीएम योगी आदित्यनाथ

देव दीपावली के अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि काशी तेजी से विकास कर रही है। काशी का विकास बनारस वालों ने खुद देखा है। पहले विश्वनाथ धाम में 50 श्रद्धालु भी दर्शन नहीं कर पाते थे, आज 50 हजार लोग आसानी से दर्शन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को नमो घाट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे देव दीपावली के इस अद्वितीय पर्व के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने गुरुनानक देव के 555वें प्रकाश पर्व और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजाति गौरव दिवस की सभी को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में काशी की सूरत बदल गई है। पहले जहां गंगा के जल को स्नान के लिए भी असुरक्षित माना जाता था, वहीं आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नमामी गंगे परियोजना के तहत किए गए प्रयासों के कारण जल आचमन के योग्य हो गया है। सीएम ने कहा कि जिसे ‘नमो घाट’ के रूप में जाना जाता है, उसे काशी की जनता ‘नरेन्द्र मोदी घाट’ कहकर प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपना आभार प्रकट करती है। इस दौरान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बतौर मुख्य अतिथि समारोह में मौजूद रहे। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के प्रयासों से काशी की पहचान अब उसके स्वच्छ और सुंदर घाटों, विश्वनाथ धाम, चौड़ी फोर लेन और सिक्स लेन सड़कों, उत्कृष्ट ट्रेन कनेक्टिविटी और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसी तमाम परियोजनाओं से होती है। उन्होंने नमो घाट को लेकर कहा कि यह केवल एक घाट नहीं है बल्कि एक अद्वितीय स्थल है। पहले यह क्षेत्र गंदगी और अंधेरे में डूबा रहता था, जहां लोग आने से डरते थे, लेकिन अब यह सबसे सुंदर और लंबा घाट बन चुका है। यहां जी 20 शिखर सम्मेलन और काशी तमिल संगमम जैसे भव्य कार्यक्रम भी आयोजित हुए। सीएम ने बताया कि पांच साल पहले काशी विश्वनाथ धाम में मात्र 50 श्रद्धालु मुश्किल से दर्शन कर पाते थे, जबकि आज 50 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं। विशेष अवसरों पर यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। काशी के विकास और विरासत को विश्व स्तर पर एक नई पहचान मिली है।मुख्यमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में काशी के बदलते स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि काशीवासियों ने नये भारत के साथ काशी के नये कलेवर का अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि काशी को विकास और विरासत के संगम के रूप में एक नई वैश्विक पहचान मिली है, जिसका काशीवासियों ने अपनी आंखों से साक्षात्कार किया है। यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नई गति मिली है और अनेक कार्य संपन्न हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश का पहला वाटर वे जो हल्दिया तक जाता है, यहीं से शुरू होता है। सीएम योगी ने बताया कि काशी में 700 से अधिक नावें सीएनजी इंधन से संचालित होती हैं, जिससे प्रदूषण कम हुआ है। उन्होंने कहा कि नमो घाट के उद्घाटन ने देव दीपावली के आनंद को कई गुना बढ़ा दिया है। देव दीपावली को देवताओं की दीपावली बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से यह पर्व अब वैश्विक मंच पर विशेष पहचान बना चुका है। उन्होंने बाबा विश्वनाथ से कामना की कि देव दीपावली का पर्व सभी के जीवन में उल्लास और आनंद लाए।

धरती जहां की पारस है, नाम उसका बनारस है : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश तो मुख्यमंत्री योगी के प्रयास से प्रदेश बदल रहा है। अपना भारत बदल रहा है और बड़ी तेजी से बदल रहा है। भारत की उपलब्धियों को दुनिया सराह रही है। कहा कि धरती जहां की पारस है, नाम उसका बनारस है।उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत सनातन की भूमि है। काशी इसका प्रतीक है। उन्होंने कहा कि परंपरा और संस्कृति को संजोए रखने वाली काशी निरंतर विकास कर रही है। सनातन हमें एक रहने और मजबूत रहने का संदेश देता है।

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