-बांग्लादेश के हालात पर काशी के संत चिंतित
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REPORT BY: MUKESH JAISWAL||AAJNATIONAL NEWS DEASK
वाराणसी। बांग्लादेश के हालात को लेकर स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ जिस तरह की साजिशें रची जा रही हैं, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। बांग्लादेश मुद्दे पर अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि शेख हसीना को हटाकर मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद हिंदुओं के खिलाफ जिस तरह की साजिशें रची जा रही हैं, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। कहा कि मैं यूएनओ और अमेरिका के रुख से हैरान हूं। भारत सरकार को मूकदर्शक नहीं बने रहना चाहिए। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘हिंदू हृदय सम्राट’ हैं, तो उन्हें बांग्लादेश के हिंदुओं की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए। जब इस्कॉन ने बांग्लादेश के लिए आवाज उठाई, तो उसे निशाना बनाया गया, लेकिन उन्हें यह एहसास नहीं है कि यह उनके (बांग्लादेश सरकार) लिए अच्छा नहीं होगा।
महासमागम : रुद्राक्ष में जली ज्वाला मां की ज्योति, गूंजा हर-हर महादेव
देश के इतिहास में पहली बार एक छत के नीचे 51 शक्तिपीठ और द्वादश ज्योतिर्लिंग के अर्चक व पुजारी एकत्र हुए। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से ज्वाला देवी की ज्योति को रुद्राक्ष के मंच पर प्रतिष्ठित किया गया। इसके साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंग और 51 शक्तिपीठ की मिट्टी से निर्मित शिवलिंग और मां सती की प्रतिमा की स्थापना के साथ महासमागम आरंभ हो गया।रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सेंटर फॉर सनातन रिसर्च एवं ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट की ओर से दो दिवसीय द्वादश ज्योतिर्लिंग और 51 शक्तिपीठ महासमागम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम की शुरुआत लोकगायक अमलेश शुक्ला के भजनों से हुई। इसके बाद डॉ. सोमा घोष ने शिवतांडव की प्रस्तुति दी। इस आयोजन का उद्देश्य भी यही है कि इस दिशा में कोई समाधान का मार्ग निकाला जाए। 51 शक्तिपीठों को एक दूसरे से जोड़ा जाए। विशालाक्षी देवी के महंत राजनाथ तिवारी ने कहा कि काशी में शिव और शक्ति दोनों हैं, लेकिन उनके बीच सामंजस्य का अभाव है। यह आयोजन सनातन धर्म को एकसूत्र में पिरोने का प्रयास है। इसके बाद बीएचयू के छात्रों ने मां सती के जन्म और शक्तिपीठों की उत्पत्ति नृत्य नाटिका का मंचन किया। डॉ. सोमा घोषा ने बनारस के कवि संजय मिश्र की लिखी रचना सुनो-सुनो शक्तिपीठ की कहानी, भक्ति में डूबी भक्त की कहानी सुनाई। गीतों के बोल पर कलाकारों ने शिव-शक्ति के नृत्य का मंचन किया। इसके पहले विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, मध्य प्रदेश के पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, प्रखर महाराज, महाराष्ट्र के जितेंद्र नाथ महाराज, कोलकाता काली पीठ के रमाकांत महाराज, देवघर के प्रकाशानंद महाराज, कामेश्वर नाथ उपाध्याय, आयोजक डॉ. रमन त्रिपाठी ने दीप जलाकर समागम का शुभारंभ किया।
भारी पुलिस बल की मौजूदगी में तोड़ी गईं दुकानें, PWD ने की बड़ी कार्रवाई
मंडुवाडीह चौराहे पर रविवार की सुबह अतिक्रमण हटाया गया। यहां भारी पुलिस बल की मौजूदगी में पीडब्ल्यूडी की ओर से दुकानों को तोड़ा गया। इस दौरान तनाव का माहौल भी देखने को मिला। वाराणसी जिले के मंडुवाडीह चौराहे पर रविवार की सुबह लोक निर्माण विभाग की टीम जेसीबी के साथ पहुंची। मंडुवाडीह चौराहे के पश्चिम में स्थित दरगाह के पास और चौराहे पर मौजूद दुकानों को गिराया गया। कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई।अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान अतिक्रमणकारियों और लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों के बीच झड़प की स्थिति पैदा हो गई। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने स्थिति को संभाला और माहौल को शांत कराया।कार्रवाई में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारी शामिल रहे। अतिक्रमण हटाने के दौरान मंडुवाडीह थाने के कार्यवाहक प्रभारी राहुल सिंह और लहरतारा चौकी प्रभारी पवन यादव ने टीम का नेतृत्व किया। उनके साथ अन्य पुलिसकर्मी भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे। कार्रवाई से प्रभावित दुकानदारों और अतिक्रमणकारियों में नाराजगी देखी गई, लेकिन प्रशासन ने इसे जनता और सड़क व्यवस्था के लिए आवश्यक कदम बताया। स्थानीय लोगों ने बताया कि जिनको मुआवजा मिल चुका है उसके निर्माण को तोड़ा गया है।
काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के गर्भगृह में केक काटने की घटना के बाद मंदिर में पूरी तरह से लगा प्रतिबंध
काशी के काल भैरव मंदिर में गत मंगलवार को एक वीडियो वायरल हुई थी। इसमें एक कथित माॅडल ने बाबा के सामने केक रखकर पूजन किया। उसके बाद केक काटर अपना जन्मदिन मनाया। यह वीडियो जब वायरल हुई तो बाबा के भक्तों ने इस पर गहरा आक्रोश जताया।काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के गर्भगृह में केक काटने की घटना के बाद मंदिर में केक काटने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब किसी अनुष्ठान, आयोजन या व्यक्तिगत रूप से किसी को भी केक काटने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मंदिर में प्राचीन परंपराओं का निर्वहन सख्ती से किया जाएगा। इससे किसी को भी खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।महंत परिवार ने यह निर्णय महंत परिवार ने एकमत से लिया। रविवार को मंदिर में बातचीत के दौरान महंत मोहित योगेश्वर, सुमित उपाध्याय और व्यवस्थापक नवीन गिरी ने इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंदिर के गर्भगृह में केक काटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।उन्होंने बताया कि केक काटने वाली महिला भक्त ने उनको धोखे में रखकर यह काम किया है। उस महिला ने कहा कि वह भैरव अष्टमी पर मंदिर नहीं आ सकी थी, इसलिए वह बाबा को केक चढ़ाना चाहती है। इसके बाद उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर रील बनाकर पोस्ट कर दिया। इसमें उसने अपना जन्मदिन बाबा कालभैरव के साथ मनाने की बात कही।इस वीडियो से सारे सनातन समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। अब इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने निर्णय लिया है कि अब मंदिर परिसर में केक काटने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर के महंत सुमित उपाध्याय का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उक्त वीडियो में दिख रही महिला का केक काटना इतना बड़ा बवाल खड़ा कर देगा। निर्णय लिया गया है कि मंदिर परिसर में अब केक काटने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग गया है। भविष्य में मंदिर परिसर में केक काटने की अनुमति नहीं होगी। भैरवाष्टमी जैसे अवसरों पर भी अब केवल हलुआ और लड्डू ही चढ़ाया जाएगा। इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय प्रशासन पर छोड़ा गया है।
मंदिर परिवार ने यह स्पष्ट किया कि अब से ऐसी परंपराएं शुरू की जाएंगी जो मंदिर की गरिमा और धार्मिक परंपराओं के अनुरूप हों। व्यवस्थापक नवीन गिरी व महंत सुरेंद्र नाथ दुबे ने कहा कि काशी की जनता का सम्मान करते हुए हम मंदिर परिवार यह निर्णय लेते हैं कि भविष्य में मंदिर प्रांगण के अंदर केक काटने के साथ ही फोटो, वीडियो और रील बनाने पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा।
काल भैरव मंदिर के गर्भगृह में महिला का केक काटते वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर रील बनाने वाले लोग अब समाज के साथ-साथ धार्मिक स्थलों की भी मर्यादा तोड़ते नजर आ रहे हैं। ताजा मामला वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध काशी कोतवाल मंदिर से सामने आया है, जहां देश-विदेश के दिग्गज और हस्तियां अकसर दर्शन करने पहुंचते हैं। वाराणसी के काशी कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव मंदिर का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें गर्भगृह के अंदर एक महिला केक काटते हुए नजर आ रही है।इस मामले पर काशी विद्वत परिषद ने संज्ञान लिया है और इस दौरान मंदिर में मौजूद रहे महंत को नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है। वाराणसी के काशी कोतवाल काल भैरव मंदिर का 39 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें एक महिला गर्भगृह के अंदर ही केक काटते हुए नजर आ रही है। हालांकि मंदिर की तरफ से यह बात सामने आ रही है कि केक काटने से महिला को मना किया जयेगा।अब इस मामले पर सनातन संस्कृति से जुड़े संगठन काशी विद्वत परिषद ने नाराजगी जाहिर की है और स्पष्ट किया है कि बहुत जल्द मंदिर में इस दौरान मौजूद रहे पुजारी को भी नोटिस भेजी जाएगी । किसी भी हाल में मंदिर परिसर अथवा धार्मिक स्थल पर ऐसे कार्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा साथ ही सनातन संस्कृति की मर्यादा तोड़ने वाली ऐसे कृत्य के प्रति नाराजगी और निंदा प्रकट किया गया है।