-एक पक्ष से तहरीर,पुलिस ने शुरू कर दी जांच
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REPORT BY: AAJNATIONAL NEWS ||AAJNATIONAL NEWS DEASK
कन्नौज:जिले के गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के गंगागंज गुरौली गांव में जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। इस झगड़े में पुरुषों के साथ महिलाएं और युवतियां भी शामिल नजर आईं। मामला उस समय बढ़ा जब संजीव कुमार नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि गांव के ही अमर सिंह ने उनकी जमीन पर जबरिया कब्जा कर लिया था। संजीव ने विरोध किया तो अमर सिंह और उनके समर्थकों ने डंडों से उनकी पिटाई शुरू कर दी। इस दौरान संजीव के भतीजे और भतीजी ने बचाव की कोशिश की, लेकिन उन्हें भी बुरी तरह पीटा गया। घटना के बाद घायलों को इलाज के लिए गुरसहायगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। वहीं, झगड़े का वीडियो किसी ने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया, जो अब वायरल हो गया है। पुलिस ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। संजीव कुमार ने इस मामले में गुरसहायगंज कोतवाली में तहरीर देकर अमर सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
नाले के पानी से ग्रामीण परेशान,मुस्लिमों की दबंगई से दलितों की फसल हो रही नष्ट
जनपद के सदिकापुर गांव के लोगों ने सोमवार को प्रदर्शन किया। सरकार और दलितों की अनदेखी के आरोप लगाए। ग्रामीण बोले कि मुस्लिमों की दबंगई से दलितों के परिवार भूखों मरने पर विवश हो रहे हैं। नाला निर्माण न होने देने से फसलें नष्ट हुईं। मजदूरी का काम मिल नहीं रहा। आखिर परिवार कैसे पालें। शहर से सटा हुआ कन्नौज का सदिकापुर गांव है। यहां कई दिनों से शहर के नाले का पानी खेतों और गांव की सड़कों और भरा हुआ है। गांव आने-जाने के लिए गन्दे और बदबूदार पानी से होकर गुजरना पड़ता है। कई बार पानी में गिरकर लोग घायल भी हो गए। समस्या का समाधान न होने पर सोमवार को एकत्र होकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की।
गांव के रहने वाले विशुनशंकर ने बताया कि कन्नौज का नाला उनके गांव के पास तक आया है। अधूरा नाला होने के कारण गंदा और बदबूदार पानी गांव में भरा रहता है। इस कारण सड़कों पर निकलना मुश्किल होता है। रावेंद्र कुमार ने बताया कि गांव में रहने वाले करीब 45 से 50 दलित परिवारों की 250 बीघा फसल गन्दे पानी के कारण नष्ट हो गई। हर साल सर्दियों में ये गंदा पानी गांव में और खेतों में भर जाता है। जबकि गर्मियों में नाले के पानी से कन्नौज के शेखाना मोहल्ले के रहने वाले मुस्लिम लोग अपने खेतों में फसल की सिंचाई करते हैं। इससे उन्हें लाभ होता है। इसी कारण से वह लोग नाला निर्माण नहीं होने देते और उसका दंश सदिकापुर गांव के लोग झेल रहे हैं।
राम विलास ने बताया कि गन्दे पानी के भराव के कारण ग्रामीणों की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही। गांव की हालत देखकर युवकों का रिश्ता तय करने के लिए लोग नहीं आते। सदिकापुर गांव के अधिकांश बच्चे कन्नौज शहर के स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। लेकिन जब से गांव में नाले का गंदा पानी भर गया,तब से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। जो बच्चे जाते भी हैं,तो वह गन्दे पानी में घुसकर ही जा पाते हैं,जिससे बच्चों को खतरा बना रहता है। पानी की समस्या से निजात पाने के लिए ग्राम प्रधान विकास बाबू ने कुछ जगहों ओर जेसीबी से मिट्टी भी डलवाई,लेकिन पानी नहीं रुक सका। इस कारण गांव का प्राइमरी स्कूल,पंचायत भवन और निर्माणाधीन ओवरहेड टैंक की बाउंड्री दरकने की कगार पर पहुंच गई। पंचायत भवन का कमरा दरक चुका है।
आशा बहुओं का प्रदर्शन, सीएमओ ऑफिस के बाहर दिया धरना
कन्नौज जिले में आशा बहुओं ने कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन किया। आशाओं को राज्य कर्मचारी घोषित किए जाने की मांग को लेकर संगठन की महिलाएं एकजुट हो गईं और सीएमओ ऑफिस के बाहर नारेबाजी की। आशा हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन की पदाधिकारियों के साथ सोमवार को आशा बहुएं सीएमओ ऑफिस पहुंच गईं। यहां अपनी मांगों को लेकर उन्होंने प्रदर्शन किया और सीएम डॉ. स्वदेश गुप्ता को 5 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
इसके माध्यम से उन्होंने कहा कि आशाओं को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए। 18 हजार रुपए हर महीने मानदेय दिया जाए। सभी आशाओं का 50 लाख का जीवन बीमा किया जाए। रिटायर होने पर पेंशन व्यवस्था लागू की जाए। इसके अलवा सभी प्रसव केंद्र पर आशाओं के रुकने के लिए आवास की व्यवस्था की जाए। इन सभी मांगों को जब तक नहीं माना जाएगा तब तक आशाएं कोई काम नहीं करेंगी। आशा हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष रानी ने बताया कि वह लोग कई बार अफसरों के सामने अपनी समस्याएं रख चुकीं हैं। हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता है। आज तक इन समस्याओं को लेकर कोई निर्णय नहीं किया गया। जिस कारण आशाओं को निराशा हाथ लग रही है।
आशा बहुओं ने अपनी इन्हीं मांगों को लेकर पिछले साल भी जबरदस्त प्रदर्शन किया था। कई दिनों तक अनशन चला था। तब से अब तक जिले के कई अधिकारी भी बदल गए। उस समय तत्कालीन सीएमओ डॉ. विनोद कुमार ने समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया था। अनशन खत्म होने के बाद आशाओं की मांगे ठंडे बस्ते में डाल दी गईं। अब नए सीएमओ के सामने फिर आशाओं ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्हें भरोसा है कि नए सीएमओ शासन तक उनकी मांगों को पहुंचाएंगे।