-अखिलेश ने अनुप्रिया को लोकसभा में दिया ऑफर
- REPORT BY:K.K.VARMA
- EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
लखनऊ ।उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल ने राजनीतिक हत्या की कोशिश का आरोप लगाकर नए सियासी घमासान के संकेत दिए हैं। इससे पहले भी अपना दल एस उत्तर प्रदेश सरकार से नाराजगी जाहिर करता रहा है। यूपी में घटता जनाधार पार्टी एक अलग समस्या है। ऐसे में अनुप्रिया पटेल के पति की नाराजगी के कई मायने निकाले जा रहे हैं।2014 लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ भाजपा और अपना दल का गठबंधन अभी तक निर्विवाद रूप से चल रहा है। कुछ मनमुटाव तो था लेकिन प्रेशर पॉलिटिक्स माना गया। लोकसभा में बीते दिनों अखिलेश यादव ने भाजपा के आला नेताओं के सामने अपने खेमे में बुलाने लगे। वीडियो भी खूब वायरल हुआ। अनुप्रिया और अखिलेश यादव दोनों ही पिछड़ी जातियों के नेता हैं। अखिलेश यादव की यादवों के साथ पिछड़ी जातियों व मुस्लिम समुदाय पर मजबूत पकड़ है। अनुप्रिया पटेलों की नेता मानी जाती हैं। उत्तर प्रदेश में ओबीसी जातीयों में यादवों के बाद सबसे बड़ी जनसंख्या पटेल जातियों की है। यही कारण है कि भाजपा अनुप्रिया पटेल को अधिक तवज्जो देती है। अपना दल के कंधे पर बैठकर भाजपा उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई है।विधानसभा चुनाव में सपा से पटेल समुदाय का टूटना उनकी हार के कारणों में बड़ा कारण है। अखिलेश यादव चाहते हैं अपनादल और समाजवादी पार्टी का प्रदेश में गठबंधन हो जाए जिसके लिए 2022 और 2024 में प्रयास भी किए गए थे।गठबंधन अनुप्रिया पटेल की वजह से नहीं हो पाया।लोकसभा में अनुप्रिया जातिगत जनगणना पर बोल रहीं थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे साथी जब सत्ता में रहते हैं तो जातिगत जनगणना की बात नहीं करते हैं। जैसे विपक्ष में आते हैं पिछड़ी जातियों के हितैषी हो जाते हैं। अनुप्रिया ने पिछड़ों का हक मारे जाने की बात कह रहीं थी। इतना कहना था कि अखिलेश यादव अनुप्रिया पटेल को अपने पास आने का इशारा करने लगे। इस दौरान सदन में भाजपा के कई बड़े नेता मौजूद थे।अखिलेश यादव सदन में सिर्फ अनुप्रिया को अपने पास नहीं बुला रहे थे बल्कि उनके इशारे का मतलब था कि भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ के हमारे पास आ जाएं यानि इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाएं।
बेसिक शिक्षा मंत्री का फोन नहीं उठाते एबीएसए,नाराज मंत्री ने जारी किए कार्रवाई के आदेश
बेसिक शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी अपने ही विभागीय मंत्री का फोन नहीं उठाते हैं। इस संबंध में नाराज मंत्री ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई के आदेश जारी किया है। मंत्री की ओर से विभाग में पत्र पहुंचा तो विभागीय अधिकारी व कर्मचारी भी हैरान रह गए।लखनऊ के नगर क्षेत्र में पिछले करीब पांच साल से खंड शिक्षा अधिकारी प्रमेंद्र शुक्ला तैनात हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बीएसए राम प्रवेश को पत्र भेजकर नाराजगी जाहिर की है। मंत्री का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी प्रमेंद्र शुक्ला के कार्यालय व मोबाइल नंबर पर उन्होंने कई बार फोन किया लेकिन एक बार भी फोन नहीं उठाया। बीईओ की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। बीईओ का रवैया ठीक नहीं है। उन्होंने बीईओ पर कार्रवाई का आदेश देते हुए बीएसए को अवगत कराने के लिए कहा है। प्रमेंद्र शुक्ला कहते हैं कि कि मंत्री का फोन मेरे पास आने की मुझे कोई जानकारी नहीं है। उनका फोन किस नंबर से और कब आया, इसकी भी जानकारी नहीं है।प्रमेंद्र शुक्ला मौजूदा समय में खंड शिक्षा अधिकारी संघ के अध्यक्ष भी हैं। इससे पहले उनका तबादला सीतापुर हुआ था लेकिन बाद में कोर्ट के आदेश पर तबादला रुक गया था। बीएसए राम प्रवेश के मुताबिक बेसिक शिक्षा मंत्री का पत्र प्राप्त हुआ है। खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। जवाब मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एक सेकेंड में इस्तीफा दे दूंगा-आशीष पटेल
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने अपने खिलाफ लग रहे आरोपों के बीच इस्तीफे की धमकी दी है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, मीडिया और सोशल मीडिया पर मेरी राजनीतिक हत्या करने के लिए साज़िश के तहत तथ्यहीन और अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं। मेरे मंत्रित्व काल में प्राविधिक शिक्षा विभाग में वंचित वर्ग से आने वाले कार्मिको के हितों की रक्षा के बारे में पूरे उत्तर प्रदेश को पता है।उन्होंने कहा, सब को पता है कि इसके पीछे कौन है। आगे और भी ऐसे आरोप लगेंगे। ऐसे मिथ्या आरोपों से डरने वाले कोई और होंगे। अपना दल एस वंचितों के हक़ की लड़ाई से पीछे नहीं हटने वाला। सामाजिक न्याय की जंग के लिए अपना दल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व गृहमंत्री अमित शाह के सानिध्य में 2014 में एनडीए का अंग बना था। प्रधानमंत्री का जिस दिन आदेश होगा बिना एक सेकेंड देरी के मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दूंगा। अशीष पटेल ने आगे लिखा कि सांच को आंच नही। मुख्यमंत्री अगर आवश्यक समझें तो आरोपों की सीबीआई से जांच करा लें। मैं तो यहां तक कहता हूं कि दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए लगे हाथ बतौर मंत्री अब तक मेरे द्वारा लिए गए एक-एक निर्णय की सीबीआई से जांच करा लें।मामला उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा विभाग के डिप्लोमा विभागाध्यक्षयों के पदों पर प्रमोशन का है। इसको लेकर आशीष पटेल पर गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं।