-भिक्षा से शिक्षा की ओर’ खेल महोत्सव-2024 का राजभवन में समापन,राज्यपाल ने विजेता बच्चों को किया पुरस्कृत और भागीदार संस्थाओं को किया सम्मानित
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REPORT BY: AAJNATIONAL NEWS ||AAJNATIONAL NEWS DEASK
लखनऊ:यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से राजभवन में आयोजित दो दिवसीय ‘भिक्षा से शिक्षा की ओर’ खेल महोत्सव-2024 16-17 दिसम्बर का आज समापन हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल ने विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया और कार्यक्रम में सहयोग देने वाले सभी सहयोगियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम दिल को छू लेते हैं। जो बच्चे कल सड़कों पर भिक्षा मांगते थे और परेशान थे, आज वे खेल रहे हैं, शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे कार्य संवेदनशीलता से ही संभव हो पाते हैं। सभी को ऐसे कार्य दिल से करने चाहिए, दिखावे के लिए नहीं। जब हम संवेदनशीलता और सकारात्मक सोच के साथ कार्य करते हैं, तो समाज में बड़ा परिवर्तन संभव होता है। ऐसे कार्यों से एक अलग प्रकार का आनंद और संतोष का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि समाज में कई लोग ऐसे नेक कार्यों में सहयोग करने के लिए तैयार रहते हैं।
अध्यापक न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि बच्चों के समग्र विकास में होते मार्गदर्शक
राज्यपाल ने यह भी कहा कि हर बच्चे में विशेष योग्यता होती है, जिसे पहचान कर अध्यापकों को उसी दिशा में बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे खेलों में उत्कृष्ट होते हैं, तो कुछ शिक्षा में, उनकी रुचि और प्रतिभा के अनुसार उन्हें प्रोत्साहित करना अध्यापकों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने बच्चों के भविष्य निर्माण में अध्यापकों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अध्यापक न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि बच्चों के समग्र विकास के मार्गदर्शक भी होते हैं।राज्यपाल ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों का डाटा इकट्ठा किया जाए और सुनिश्चित किया जाए कि इन बच्चों का स्कूलों में नामांकन हो। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई पूरी होनी चाहिए और किसी भी हालत में ड्रॉपआउट नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में दिव्यांग बच्चों के लिए विश्वविद्यालय कार्यरत है, जो इन बच्चों के भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है।
मध्य प्रदेश से शुरू अभियान उत्तर प्रदेश में भी हो रहा संचालित
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के वर्ष-2025 तक भारत को टी0बी0 मुक्त करने के संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में टी0बी0 मरीजों को गोद लेने का अभियान प्रेरणादायक ढंग से चल रहा है। यह अभियान मध्य प्रदेश से शुरू हुआ था और अब उत्तर प्रदेश में भी बड़े स्तर पर संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत न केवल टी0बी0 मरीजों का इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है, बल्कि उनके खान-पान और दवाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों, राजभवन और अन्य संस्थानों ने भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए टी0बी0 मरीजों को गोद लिया है। राज्यपाल जी ने कहा कि इस अभियान के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं और अब तक लाखों टी0बी0 मरीज स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं। राज्यपाल जी ने सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि टी0बी0 उन्मूलन की इस मुहिम से अधिक से अधिक लोग जुड़ें और प्रधानमंत्री जी के वर्ष-2025 तक भारत को टी0बी0 मुक्त करने के लक्ष्य को साकार करने में सहयोग दें।
26 जनवरी की परेड में भिक्षावृत्ति से मुक्त बच्चे करेंगे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे-अवनीश अवस्थी
‘भिक्षा से शिक्षा की ओर’-2024 खेल महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के सलाहकार, अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि राज्यपाल की प्रेरणा और अपील का समाज पर व्यापक असर हो रहा है। उनके आशीर्वाद, प्रेम और उत्साहवर्धन से समाज बच्चों का हाथ थाम रहा है और लोग इन बच्चों को गोद लेकर उनके उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि 26 जनवरी, 2025 की परेड में भी भिक्षावृत्ति से मुक्त ये बच्चे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले 10-15 वर्षों में ये बच्चे निश्चित रूप से देश के अच्छे नागरिक बनेंगे और देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भिक्षावृत्ति को समाप्त करने और इन बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए लक्ष्यों के साथ योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक बच्चे शिक्षा के माध्यम से सशक्त बन सकें। श्री अवस्थी जी ने राज्यपाल जी के नेतृत्व और संवेदनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन से यह कार्य एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। समाज और सरकार के संयुक्त प्रयासों से इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित और सुनहरा बन रहा है।यह कार्यक्रम ‘उम्मीद संस्था’ द्वारा आयोजित किया गया था ।
राज्यपाल के मार्गदर्शन को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने सराहा
इस अवसर पर प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग, डॉ. एम.के.एस. सुंदरम ने उम्मीद संस्था के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने इन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन की सराहना की, जिनकी प्रेरणा से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हो रहा है। डॉ. सुंदरम ने जानकारी दी कि उन्होंने भी भिक्षावृत्ति से मुक्त दो बच्चों को गोद लिया है और उनके बेहतर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को ऐसे प्रयासों से जुड़कर इन बच्चों को सशक्त बनाने में योगदान देना चाहिए।
कार्यक्रम में यह अफसर रहे मौजूद
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, उम्मीद संस्था की संरक्षिका ऊषा अवस्थी एवं संरक्षक अरविन्दर सिंह कोहली, उप सचिव आराधना सिंह, संस्थापक सचिव उम्मीद संस्था बलवीर सिंह, सहयोगी संस्थान के अधिकारी तथा अन्य सम्मानित सदस्यगणों सहित स्कूली बच्चे तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।