LUCKNOW:पीपीपी मॉडल से पूर्व दलित अभियंताओं का तबादला !,क्लिक करें और भी खबरें

-पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से चुन चुन कर दोनों कंपनियों भेजे गए दलित अभियंता

  • REPORT BY:PREM SHARMA ||AAJNATIONAL NEWS DEASK

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आज एक बडा खुलासा करते हुए कहा की पावर कॉरपोरेशन जो दक्षिणांचल व पूर्वांचल को पीपीपी मॉडल के तहत निजीकरण की दिशा में आगे बढा रहा है। क्या उसे पता है कि पिछले 6 माह के अंदर पूर्वांचल व दक्षिणांचल में सबसे ज्यादा दलित वर्ग के अभियंताओं को दूसरे डिस्काम से ट्रांसफर कर तैनाती दी गई। क्या प्रबंधन को पहले से पता था की इन दोनों डिस्कामो का निजीकरण होना है।

आज संगठन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कुछ मामले सार्वजनिक करते हुए बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में वर्तमान में जो क्षेत्रीय मुख्य अभियंता की संख्या 9 है। जिसमें से 4 मुख्य अभियंता केवल दलित वर्ग के हैं। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में कुल 30 अधीक्षण अभियंता वितरण में से 20 अधीक्षण अभियंता दलित समुदाय के है। जिसका प्रतिशत निकाल जाए तो लगभग 66 प्रतिशत ज्यादातर दलित समाज के अधीक्षण अभियंताओं को पिछले 6 महीने के अंदर दूसरे डिस्कामो से निकालकर पूर्वांचल में भेजा गया। जिसकी उत्तर प्रदेश सरकार को इस उच्च स्तरीय जांच करना चाहिए। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 7 अधीक्षण अभियंता दलित समाज के अटैच भी है।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आर पी केन, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, सुशील कुमार वर्मा, अजय कुमार ने कहा सबसे पहले उत्तर प्रदेश में दलित वर्ग के अभियंताओं को पदोन्नति में आरक्षण छीन गया। अब आरक्षण छीना जा रहा है। जिस प्रकार से दोनों बिजली कंपनियों मे दलित वर्ग के अभियंताओं की तैनाती दी गई है आने वाले समय में उनकी नौकरियां भी सुरक्षित रहना बहुत मुश्किल होगा। सब मिलकर जिस प्रकार से दलित व पिछडे वर्ग के अभियंताओं के साथ षड्यंत्र किया गया है उसकी जांच कराया जाना बहुत जरूरी हो गया है।

संगठन के नेताओं ने कहा बहुत जल्दी संगठन और ऐसे खुला से करेगा जो सट्टा सिद्ध कर देगा कि दलित समाज के अभियंताओं के साथ लगातार अन्याय किया जा रहा है। जब पावर ऑफिसर एसोसिएशन इसकी आवाज उठाता है तो प्रबंधन उसे पर कार्यवाही करने के बजाय उनका उत्पीडन और बढा देता है ।

बिजली कर्मी मनाएंगे “शहीदों के सपनों का भारत बनाओ -बिजली का निजीकरण हटाओ“ दिवस

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री द्वारा दिए गए बयान कि, निजीकरण का पीपीपी मॉडल इसलिए जरूरी है क्योंकि पावर कारपोरेशन में कोई प्रेरक तत्व नहीं है, संघर्ष समिति ने कहा कि बिना प्रेरक तत्व के देश में सर्वाधिक बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान स्थापित कर बिजली कर्मियों ने प्रतिमान परिवर्तन कर दिखाया है। देश के अन्य प्रान्तों के बिजली कर्मियों के साथ 19 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी सभी जनपदों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में “शहीदों के सपनों का भारत बनाओ – बिजली का निजीकरण हटाओ“ दिवस मनाएंगे।19 दिसम्बर को काकोरी क्रान्ति के अमर शहीदों के बलिदान दिवस पर पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी के चित्रों पर श्रद्धांजलि अर्पित कर लगभग 27 लाख बिजली कर्मचारी पूरे देश में “शहीदों के सपनों का भारत बनाओ – बिजली का निजीकरण हटाओ“ दिवस मनाएंगे। उप्र के सभी जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर सायं 05 बजे के बाद सभाएं की जाएंगी जिसमें पॉवर कारपोरेशन को निजीकरण से बचाने हेतु शहीदों के चित्र के सामने शपथ ली जाएगी। राजधानी लखनऊ में इस अवसर पर राणा प्रताप मार्ग स्थित हाइडिल फील्ड हॉस्टल में विशाल सभा के साथ “शहीदों के सपनों का भारत बनाओ – बिजली का निजीकरण हटाओ“ विषय पर एक नाट्य प्रस्तुति भी की जाएगी।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय,सुहैल आबिद, पी.के.दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो. इलियास, श्री चन्द, सरयू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय एवं विशम्भर सिंह ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ने कल यह वक्तव्य दिया है कि उत्तर प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर बिजली का निजीकरण किया जाना इसलिए आवश्यक हो गया क्योंकि पावर कारपोरेशन में कोई प्रेरक तत्व (डवजपअंजपवद) नहीं है। संघर्ष समिति ने कहा कि माननीय ऊर्जा मंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में बिजली के क्षेत्र में प्रतिमान परिवर्तन (च्ंतंकपहउ ब्ींदहम) हुआ है और मौजूदा सरकार के समय में देश में सर्वाधिक बिजली आपूर्ति 30618 मेगावॉट का रिकॉर्ड उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों के सहयोग से बनाया गया है। अब सवाल यह उठता है कि यदि कोई प्रेरक तत्व ही नहीं था तो बिजली कर्मियों ने योगी सरकार में यह प्रतिमान परिवर्तन कर दिया। यदि सरकार और प्रबन्धन से मोटीवेशन मिलता है तो उप्र के बिजली कर्मी और भी बड़ा कीर्तिमान स्थापित करने में सक्षम हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन द्वारा दिए गए गलत और झूठे आंकड़ों के आधार पर बिजली का निजीकरण किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री को पावर कॉरपोरेशन द्वारा दिए गए आंकड़ों की जांच करनी चाहिए। संघर्ष समिति ने एक बार फिर कहा है कि बिजली के क्षेत्र में निजीकरण का पी पी मॉडल उड़ीसा और दिल्ली में पहले ही विफल हो चुका है। उड़ीसा में इसी पी पी मॉडल के तहत 1998 में निजीकरण किया गया था। फरवरी 2015 में उड़ीसा विद्युत नियामक आयोग ने निजीकरण को पूरी तरह विफल प्रयोग मानते हुए रिलायंस पावर के सभी तीनों लाइसेंस रद्द कर दिए थे। वर्ष 2015 से 2020 तक उड़ीसा की चारों कंपनियों का प्रशासन नियामक आयोग के पास रहा और इस दौरान सरकारी क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार हुआ। तभी एक बार फिर टाटा पावर को चारों कंपनियों दे दी गईं। चूंकि पांच वर्ष में सरकारी नियंत्रण में पहले ही काफी सुधार हो चुका था और सरकार ने सिस्टम सुधार हेतु अरबों रूपये भी खर्च कर दिए हैं। अतः टाटा पावर को अब बिना कोई निवेश किए अच्छा सिस्टम मिल गया है। उप्र में भी आर डी एस एस स्कीम के तहत हजारों करोड़ रु खर्च करने के बाद जब तेजी से सुधार हो रहा है तब पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों को निजी घरानों को सौंपने का क्या मतलब है ? संघर्ष समिति ने कहा कि यदि समान स्तर का खेल का मैदान (म्ुनंस स्मअमस च्संलपदह थ्पमसक) मिले तो उप्र के बिजली कर्मचारी किसी भी निजी कंपनी को पछाड़ देने की क्षमता रखते है। अतः सरकार को जल्दबाजी में प्रदेश के 42 जनपदों के निजीकरण का फैसला वापस लेना चाहिए अन्यथा इस गलत निर्णय का प्रायश्चित आम उपभोक्ताओं को बहुत महंगी बिजली खरीद कर जिंदगी भर करना पड़ेगा।

चालक संघ वन विभाग के पदाधिकारियों ने ली शपथ,कई मांगों पर संघर्ष करेगा वन विभाग चालक संघ

राजकीय वाहन चालक संघ वन विभाग का पदाधिकारी शपथ ग्रहण समारोह मुख्यालय के पंचवटी पेक्षाग्रह में सम्पन्न हुआ। शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्ष राजकीय वाहन चालक महासंघ के अध्यक्ष रिजवान अहमद के द्वारा की गई। महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सहजराम यादव ने संघ के प्रदेष अध्यक्ष मो. अकरम, वरिष्ठ उपाध्यक्ष षिवजी सिंह, उपाध्यक्ष बसन्त कुमार ओझा, महामंत्री जयप्रकाष उपाध्याय, मंत्री सरवर अली, संयुक्त मंत्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह, संगठन मंत्री धर्मेन्द्र कुमार, प्रचार मंत्री आनंद कुमार, कोषाध्यक्ष षिवषंकर, आडिटर संतोष कुमार देवरिया एवं सलाहकार इन्द्रदेव सिहं और संरक्षक प्रदीप कुमार पाण्डेय को शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण के उपरान्त अपने सम्बोधन में मो. अकरम ने कहा कि संघ द्वारा दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कार्मिकों की समस्याओं को संज्ञान में लाकर आउटसोर्सिग की जगह नियमितीकरण, समय से चालकों की पदोन्नति, विभाग में चालक के रिक्त लगभग 70 प्रतिषत पदों पर नियमित भर्ती, चतुर्थ श्रेणी से चालक पद पर पदोन्नति सहित पुरानी पेंषन बहाली के लिए संघर्ष के साथ समय समय पर विभागाध्यक्ष, प्रमुख सचिव एवं विभगीय मंत्री से वार्ता की जाएगी। इस अवसर पर आल इण्डिया गर्वमेन्ट चालक फेेडरेषन के सलाहकार रामफेर पाण्डेय, महासंघ के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद कुमार नेगी, सलाहकार शहीद अली, संरक्षक महासंघ वीरेन्द्र पाण्डेय, चालक संघ स्वास्थ्य विभाग के पूर्व मंत्री तेजकुमार चौहान ने सम्बोंधित किया।

अस्थाई रैन बसेरे का निरीक्षण

श्री हनुमान सेतु के सामने स्थित अस्थाई रैन बसेरे का निरीक्षण विकास सिंह, अवर अभियंता द्वारा किया गया। निरीक्षण के दौरान, विकास सिंह ने रैन बसेरे की स्वच्छता, बिजली, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने रैन बसेरे में रहने वाले लोगों की सुविधाओं और सेवाओं का भी निरीक्षण किया।शीत ऋतु के दृष्टिगत नगर निगम लखनऊ के द्वारा संचालित जोन 6 के अन्तर्गत आने वाले रैन बसेरो का अधिशासी अभियंता पीके सिंह और सहायक अभियंता श्री आलोक श्रीवास्तव द्वारा निरीक्षण किया यह निरीक्षण रैन बसेरों में सुधार और विकास के लिए किया गया था, ताकि गरीब और असहाय लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें।

नगर आयुक्त एकादश ने हासिल की शानदार जीत

के केडी सिंह मैदान पर खेले गए क्रिकेट मैच में विकास सिंह की विस्फोटक बल्लेबाजी की बदौलत नगर आयुक्त एकादश ने बड़ी जीत दर्ज की। विकास सिंह ने 66 गेंदों में 106 रनों की नाबाद पारी खेली, जिसमें उन्होंने 2 गगनचुंबी छक्के और 11 चौके जमाए। उनके शानदार प्रदर्शन के चलते नगर आयुक्त एकादश ने विपक्षी टीम को आसानी से मात दी।मैच के दौरान विकास सिंह ने शुरू से ही आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की और मैदान के चारों ओर शॉट लगाए। उनकी पारी की बदौलत टीम ने न सिर्फ लक्ष्य को आसानी से हासिल किया बल्कि दर्शकों को रोमांचक क्रिकेट का मजा भी दिया।मैच के बाद विकास सिंह को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैंन ऑफ द मैचष् के खिताब से नवाजा गया। दर्शकों ने विकास की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी पारी ने मैच का रुख पूरी तरह से बदल दिया।विकास सिंह की इस धमाकेदार पारी के चर्चे पूरे मैदान में रहे और यह मैच क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार बन गया।

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