-पच्चास हजार पुलिस कर्मियों की होंगी तैनाती, चप्पे चप्पे पर मुस्तैद रहेंगे जवान
-आईआईटी कानपुर और राष्ट्रीय एजेंसियां भी दिखाएंगी अपना कमाल
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REPORT BY: AAJNATIONAL NEWS ||AAJNATIONAL NEWS DEASK
लखनऊ। यूपी के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा और प्रबंधन की ऐसी व्यापक योजना बनाई है।जिसमें महाकुंभ परिक्षेत्र अभेद्य किला बन कर तैयार हो गया है,इसमें देश विदेश के करोड़ो श्रद्धालु भाग लेंगे,जिसमें कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता। चप्पे चप्पे पर जवान मुस्तैद रहेंगे।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि महाकुंभ के लिए 50,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी। यह संख्या 2019 के कुंभ की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है। इस बार श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या 45 करोड़ होने से यह मेला अपने आप में अभूतपूर्व होगा।महाकुंभ में साइबर अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस ने आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है। पहली बार एक साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित किया गया है। इसके साथ ही आईआईटी कानपुर और राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ गठजोड़ कर डेटा सुरक्षा पर काम किया जा रहा है। एआई-समर्थित 2,700 सीसीटीवी कैमरों के जरिए मेले की निगरानी होगी। ये कैमरे न केवल भीड़ और यातायात पर नजर रखेंगे, बल्कि बैरिकेड तोड़ने, आग और धुएं के अलर्ट भी देंगे।
आतंकी खतरों को रोकने के लिए एनएसजी, एटीएस और एसटीएफ होगी तैनाती
वही आतंकी खतरों को रोकने के लिए एनएसजी, एटीएस और एसटीएफ की तैनाती होगी।इसके आलावा सशस्त्र बल और स्नाइपर्स तैनात किए जाएंगे। चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय तत्वों को तुरंत पहचाना जा सके।डीजीपी प्रशांत कुमार नें बताया कि आपदा की स्थिति में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ सहित कई टीमें तैयार रहेंगी। नदी और जलाशयों की सुरक्षा के लिए गहरे पानी में बैरिकेडिंग, पानी के नीचे ड्रोन और गोताखोर तैनात होंगे। यहां तक कि संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए रोबोटिक बोया का इस्तेमाल भी होगा।
महिला तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिये तीन महिला थाने और 10 पिंक बूथ स्थापित
महिला तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तीन महिला थाने और 10 पिंक बूथ स्थापित किए गए हैं। महिला पुलिस बल की एक बड़ी टुकड़ी मेले में तैनात होगी। मानव तस्करी को रोकने के लिए पहली बार मेला क्षेत्र में तीन मानव तस्करी विरोधी इकाइयां भी स्थापित की गई हैं।भीड़ के प्रबंधन के लिए एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है, जो 24 घंटे निगरानी करेगा। खोया-पाया के मामलों को लेकर 10 डिजिटल केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो तीर्थयात्रियों को तत्काल सहायता प्रदान करेंगे।यातायात को सुचारू रखने और भीड़भाड़ से बचने के लिए तीर्थयात्रियों को स्नान के दिनों में 3 किलोमीटर तक पैदल चलना होगा। पार्किंग क्षेत्रों का एआई-आधारित प्रबंधन होगा, जिससे शहर में आने वाले वाहनों की संख्या का सटीक अनुमान लगाया जा सके।डीजीपी ने बताया कि पुलिस बल को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे श्रद्धालुओं के साथ संवेदनशीलता और सहानुभूति से पेश आ सकें। उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं।
इतिहास में अपनी एक अलग पहचान बनाएगा महाकुंभ 2025
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार नें कहा कि महाकुंभ 2025 न केवल तीर्थयात्रियों के लिए आस्था का पर्व होगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश प्रशासन के लिए भी अपनी क्षमता साबित करने का मंच बनेगा। डीजीपी प्रशांत कुमार की यह योजना सुनने में जितनी प्रभावी लगती है, उसे धरातल पर उतारना उतना ही चुनौतीपूर्ण होगा। लेकिन अगर यह योजना सफल रही, तो यह मेला इतिहास में अपनी एक अलग पहचान बनाएगा।