वाराणसी:27 दिन में काशी विश्वनाथ मंदिर में 43.91 लाख भक्तों ने किए दर्शन,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY: MUKESH JAISWAL||AAJNATIONAL NEWS DEASK

वाराणसी। नए साल को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर खास तैयारियां चल रही हैं। इससे पहले ही मंदिर परिसर में भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। आसपास के जिलों के साथ ही दूरदराज से आने वाले पर्यटक भी बाबा धाम में दर्शन-पूजन कर रहे हैं।पौष के महीने में शिव की नगरी में सावन की तरह ही श्रद्धालुओं की भीड़ है। दिसंबर के 27 दिन में ही 43.91 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए हैं। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में औसतन रोजाना 1.75 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। पिछले चार साल के आंकड़ों से तुलना करें तो श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।दिसंबर के अंतिम सप्ताह में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए ही विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने पांच दिन पहले ही सावन के प्रोटोकॉल लागू कर दिए हैं। स्पर्श दर्शन बंद है। दैनिक पास निरस्त कर दिए गए हैं। इसलिए श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन करके गर्भगृह के बाहर से ही जल अर्पित किए। श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश द्वार से मंदिर चौक तक जिगजैग बैरिकेडिंग लगाई गई है। ऐसी ही बैरिकेडिंग सावन में लगाई गई थी।श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में शुक्रवार को 2.70 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। भोर में मंगला आरती से श्रद्धालुओं की कतार लगी, जो 12 घंटे से ज्यादा समय तक चलती रही। शाम छह बजे तक बांसफाटक के आगे तक श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे ज्यादा रही। काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाली गलियां श्रद्धालुओं से भरी रहीं। गंगा द्वार की तरफ श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिला।विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए ही मंदिर परिसर और धाम क्षेत्र में सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।

वाराणसी के पूर्व CMO पर आय से अधिक संपत्ति का केस, विजिलेंस ने लिया एक्शन

विजिलेंस ने पूर्व सीएमओ डाॅ. महेंद्र प्रताप चौरसिया के खिलाफ के खिलाफ कार्रवाई की है। 2017 में उनके प्रारंभिक संपत्तियों की जांच की गई थी। पूछताछ में उन्होंने भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया था।वाराणसी के पूर्व सीएमओ डाॅ. महेंद्र प्रताप चौरसिया के खिलाफ विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया है। विजिलेंस ने शासन के आदेश पर वर्ष 2017 में उनकी संपत्तियों की प्रारंभिक जांच की थी, जिसमें 60.77 लाख रुपये की अघोषित आय होने की रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। शासन द्वारा बीते माह विजिलेंस को पूर्व सीएमओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया, जिसके बाद लखनऊ सेक्टर ने केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। बता दें कि विजिलेंस की जांच में सामने आया था कि मूल रूप से गाजीपुर और वर्तमान में वाराणसी के सारनाथ निवासी महेंद्र प्रताप चौरसिया ने अपनी आय के समस्त वैध स्रोतों से कुल 1.91 करोड़ रुपये अर्जित किए, जबकि चल-अचल संपत्तियों को जुटाने और भरण-पोषण में करीब 2.51 करोड़ रुपये व्यय किए। करीब 60.77 लाख रुपये के अंतर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने विजिलेंस के अधिकारियों को संतोषजनक जवाब नही दिया था।

वाराणसी में बनेंगे एक और अंडरपास व FOB, दोनों का हुआ टेंडर, तैयार हो रही डिजाइन

वाराणसी के लोगों को सड़क, अंडरपास और एफओबी मिलने वाला है। जनता की परेशानियों काे देखते हुए संबंधित विभागों ने यह निर्णय लिया है। जल्द ही इस पर काम भी जारी हो जाएगा। ककरमत्ता रेलवे क्राॅसिंग पर अंडरपास और मंडुवाडीह पुरानी क्राॅसिंग के आसपास के लाेगों को ज्यादा दिक्कतें हो रही थीं।ककरमत्ता रेलवे क्राॅसिंग पर अंडरपास और मंडुवाडीह पुरानी क्राॅसिंग पर नया फुटओवर ब्रिज बनाया जाएगा। रेलवे की ओर से सात करोड़ से अंडरपास और पांच करोड़ रुपये से एफओबी का टेंडर हो चुका है। दोनों कार्यों की डिजाइन तैयार कराई जा रही है। अंडरपास और एफओबी बन जाने से यातायात का दबाव कम होगा। रेलवे फाटक बंद होने के बाद पिछले तीन साल से अंडरपास बनाए जाने की मांग चल रही थी। ककरमत्ता फ्लाईओवर बनने से पहले रेलवे क्राॅसिंग से ही लोगों की आवाजाही होती थी। फ्लाईओवर बनने के बाद से ककरमत्ता रेलवे क्राॅसिंग के फाटक को रेलवे ने पूरी तरह से बंद करवा दिया गया। ऐसे में लोगों को ककरमत्ता फ्लाईओवर और मंडुवाडीह चौराहा से महमूरगंज फ्लाईओवर होकर आवाजाही करनी पड़ती है। ककरमत्ता से पाॅपुलर अस्पताल के बीच अंडरपास बनाए जाने की डिजाइन तैयार हो रही है।रेल अधिकारियों के अनुसार, मंडुवाडीह पुरानी क्राॅसिंग के पास पांच करोड़ की लागत से फुटओवर ब्रिज बनाया जाएगा। इस एफओबी के बनने से मंडुवाडीह और महमूरगंज के लोगों के लिए सुलभ साधन होगा। इस व्यवस्था से रोजाना आवाजाही करने वालों को बड़ी सहूलियत होगी।

महाकुंभ से पहले पूरा कराएं निर्माणाधीन सड़कों का काम

महाकुंभ से पहले जिले में निर्माणाधीन सड़कों का काम पूरा करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दौरे पर निर्माणाधीन सड़कों का काम हर हाल में 31 दिसंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक सड़कों का काम पूरा नहीं हुआ है। इधर, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी ने शहर में पैचवर्क का काम शुरू कर दिया है। वहीं, मंडुवाडीह पर चौड़ीकरण का काम भी रुक गया है। यहां भी पीडब्ल्यूडी ने पैचवर्क के नाम पर खानापूरी कर दी है। शहर की सड़कों की बात करें तो कैंट से लंका मार्ग, वरुणापुल से लहुराबीर मार्ग होते हुए तेलियाबाग, साजन सिनेमा चौराहे से तेलियाबाग तिराहा तक, विश्वेश्वरगंज अलईपुर मालगोदाम मार्ग, रथयात्रा से गोदौलिया मार्ग, गोदौलिया से अस्सी-लंका-बीएचयू मार्ग, कमच्छा से गुरुबाग मार्ग, सिगरा महमूरगंज मार्ग, रथयात्रा-भुल्लनपुर मार्ग, हुकुलगंज-पांडेयपुर मार्ग, मिंट हाउस से कक्कड़ पेट्रोल पंप तक की सड़कों की मरम्मत कराई जानी है। सड़कों के अलावा फुटपाथ की मरम्मत, बिजली व्यवस्था और क्षतिग्रस्त नालियों को भी ठीक किया जाना है।लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता केके सिंह ने बताया कि सड़क मरम्मत का काम कराया जाएगा। मंडुवाडीह से लंका मार्ग पर गिटि्टयां डालकर तारकोल से पैचवर्क का काम शुरू करा दिया गया है। शहर के अन्य इलाकों की सड़कों की भी मरम्मत कराई जाएगी।

शहर की 6 सड़कों पर सभी सुविधाएं होंगी भूमिगत

मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्टस्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (सीएम ग्रिड योजना) के तहत शहर की छह सड़कों पर सभी सुविधाएं भूमिगत की जाएंगी। इससे इन सड़कों की बार-बार कटिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके बेहतर परिणाम मिलने पर शहर की अन्य सड़कों का भी इसी तरह से कायाकल्प नगर निगम कराएगा। इस योजना के तहत 47.84 करोड़ रुपये की लागत से शहर की 6 सड़कों को चमकाया जाएगा।इसके तहत बनने वाली सड़कों में केबल लाइन, बिजली के तार, पानी की पाइप सहित कई सुविधाओं को भूमिगत किया जाएगा। भूमिगत नाली का निर्माण किया जाएगा। फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट, सड़कों के ऊपरी सर्फेस अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे। सड़कों के किनारे पौधरोपण की व्यवस्था की जाएगी। इन सुविधाओं को प्रदान करने के बाद सड़कों पर बार-बार रोड कटिंग नहीं करनी होगी। इसे पूरा करने 18 महीने का समय लगेगा। इन सड़कों के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि सड़कों को बनाते समय 7 प्रतिशत प्रतिबंधित प्लास्टिक का प्रयोग किया जाएगा।

Aaj National

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