LUCKNOW:एक्शन में डीजीपी,अफसरों से बोले निर्णयों को रखे पारदर्श,सिर्फ मेरिट पर ही करें थाना प्रभारियों की पोस्टिंग

-कानून-व्यवस्था एवं अपराध नियन्त्रण पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डीजीपी ने गिनाई अफसरों को 10 प्रथमिकताये,कहा इन पर तेजी से हो काम

  • REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS   || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 

लखनऊ:पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण पुलिस मुख्यालय में अपर पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था अमिताभ यश अपर पुलिस एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था एवं अपराध नियन्त्रण को लेकर अपनी दस मुख्य प्राथमिकताओं का पालन किये जाने को लेकर प्रदेश के सभी जोनल अपर पुलिस महानिदेशक व पुलिस आयुक्त तथा परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस उप महानिरीक्षक तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग कर उनका कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।उन्होंने उन्होंने पुलिस अधिकारियों का आह्वान किया कि वह एक अच्छी कार्य संस्कृति विकसित करें और अपने निर्णयों को पारदर्शी रखें एवं थाना प्रभारियों की पोस्टिंग सिर्फ और सिर्फ मेरिट पर करें। हर पुलिस अधिकारी को शिकायतकर्ता के प्रति अच्छा व्यवहार प्रदर्शित करना चाहिए। उनके लिए हमेशा उपलब्ध होना चाहिएऔर त्वरित रूप से शिकायतों का निस्तारण करना चाहिए, जिससे जनता में उनके प्रति एक विश्वास जागृत हो सके।

वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण पुलिस ने कहा कि पिछले 08 वर्षो में देश ही नही विश्व में भी उत्तम कानून-व्यवस्था का मानक बन चुका है। और यह सब कुछ मुख्यमंत्री की दृढ इच्छाशक्ति के कारण सम्भव हुआ है।उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को इसी प्रकार की इच्छाशक्ति प्रदर्शित करनी है।पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण पुलिस ने कहा कि पुलिसिंग जनता एवं फोर्स के बीच में एक विश्वास के रूप में कायम रहती है और हमें एक प्रोफेशनल दृष्टिकोण अपनाते हुए इंटरनेशनल बेस्ट प्रेक्टिसेस का अपनी कार्यशैली में समावेश करना। दृढ इच्छाशक्ति के बहुत दूरगामी परिणाम प्रप्त होते हैं और उनसे एक व्यापक परिवर्तन लाया जा सकता है और दृढ इच्छाशक्ति से आधी लड़ाई अपने आप जीती जा सकती है। सभी अधिकारियों को अपने अन्दर एक मजबूत इच्छाशक्ति विकसित कर आत्ममंथन करना होगा एक लीडर के रूप में हमें अपने पुलिस फोर्स की विशेषताओं और योग्यताओं का असेसमेंट करना होगा। संवादहीनता को खत्म करना होगा और हमें अपने दृष्टिकोण में व्यापक परिवर्तन लाना होगा।

डीजीपी ने कहा कि Zero Tolerance Towards Crime यह मात्र एक स्लोगन नहीं है, बल्कि यह एक दृष्टिकोण है जिससे हम परिवर्तन ला सकते है। उन्होंने Broken Window Theory के उदाहरण से अधिकारियों को समझाया की जिस प्रकार से अमेरिका में इस सिद्धांत पर चलते हुए छोटे से छोटे अपराध पर ध्यान दिया गया वैसे ही हमारे अधिकारियों को भी छोटे से छोटे अपराधों को अत्यंत गंभीरता से लेना होगा और अपना दृष्टिकोण बदलने की जरूरत है, जिसमे हमे अपने Approach, Attitude और Conviction को बदलना होगा। डीजीपी ने कहा कि जिले के टॉप 10 क्रिमिनल्स या कुख्यात अपराधियों की सूची या जो जिले के टारगेट है वो अधिकारियों द्वारा स्वयं तय करने होंगे एवं उस सूची का परिशीलन स्वयं करना होगा, जिसमें तकनीक का प्रयोग करते हुए किसी भी प्रकार की विसंगति को खत्म करना होगा तथा अधिकारियों से अपील की कि उन्हें पुलिसिंग में अधिकारियों का ‘heart and soul’ चाहिए।

डीजीपी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण को लेकर बीते आठ वर्षों में महिलाओं के अंदर एक सुरक्षा का वातावरण पूरे प्रदेश में उत्पन्न हुआ है, जिससे महिलाएं निर्बाध रूप से रात में भी कही भी आ जा सकती है।परन्तु अब हमे इसमें और व्यापक सुधार कर महिला सुरक्षा के वातावरण को और सशक्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छेड़खानी को भी अत्यंत गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि आगरा ज़ोन में सफलतापूर्वक चलाए गए ऑपरेशन पहचान का उदाहरण देते हुए यह बताया कि एक सॉफ्टवेयर के जरिए, जो छेड़खानी करने वाले युवक थे उनकी समीक्षा की गई, जिसमें डेटाबेस की समीक्षा से यह पाया गया कि कुछ लड़के बार-बार विभिन्न महिला स्कूल व कॉलेजों के इर्द-गिर्द घूमकर छींटाकशी इत्यादि करते थे।इसी प्रकार हमें तकनीक का भी समावेश महिला सुरक्षा के लिए करने की आवश्यकता है। और महिला सुरक्षा के लिए भी हमे Broken Window Theory को लागू करने की जरूरत है।इसको लेकर मुख्यालय स्तर से एक एसओपी शीघ्र ही इस संदर्भ में निर्गत की जाएगी।

डीजीपी ने कहा कि जन शिकायत उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी तथा इस बात पर जोर दिया गया कि जन शिकायतों का प्रभावी निस्तारण हर स्तर के अधिकारी पर इस प्रकार गुणात्मक रूप से किया जाये जिससे उनमें कमी आए और अवेदकों को पुलिस मुख्यालय व अन्य कार्यालयों में अपनी समस्याओं को लेकर नहीं आना पड़े। वह जन शिकायतों के निस्तारण से अधिकारी के कार्यों का मूल्यांकन करेंगे। इस संदर्भ में भी मुख्यालय स्तर से एक एस0ओ0पी0 शीघ्र ही निर्गत की जाएगी।कानून व्यवस्था एवं बंदोबस्त के संदर्भ में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में इसमें गुणात्मक परिवर्तन आया है और उत्तर प्रदेश उत्कृष्ट कानून व्यवस्था के कारण आज देश ही नहीं संपूर्ण विश्व में जाना जा रहा है । उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मोर्चे पर अधिकारियों को नेतृत्व प्रदान करना होगा। छोटी से छोटी अभिसूचना को गंभीरता से लेकर उसका विश्लेषण करना होगा। कानून व्यवस्था में सुधार के लिए जनता का विश्वास, मैन पावर की समुचित प्लानिंग के साथ-साथ Micro Level Planning, Foresight, Contingency Planning और Leadership – इन चार पैरामीटर्स पर कानून व्यवस्था और बंदोबस्त के लिए अधिकारियों को तैयारी करनी चाहिए।

साइबर क्राइम को लेकर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कोविड के बाद से साइबर क्राइम की घटनाओं में बहुत वृद्धि हुई है और ई-कॉमर्स बहुत बढ़ गया है। पिछले चार-पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस ने साइबर क्राइम से लड़ने के लिए एक प्रदेश व्यापी ढांचा खड़ा किया है। लेकिन उनका यह उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश पुलिस को साइबर क्राइम के खिलाफ़ लड़ाई में एक वर्ष में देश में प्रथम स्थान पर लाना है, जिसका सभी अधिकारी पालन करेंगे। इसके लिए व्यापक प्रशिक्षण, जागरूकता अभियान चलाकर हमें Demand And Supply के बीच में गैप को खत्म करना होगा और साइबर क्राइम के विरुद्ध लड़ाई को पुलिसिंग का अभिन्न अंग बनाना होगा।बेहतर पुलिस सेवाएं को लेकर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यूपीकॉप एप विभिन्न प्रकार की सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। जिसकी डमी चेकिंग अधिकारियों द्वारा समय-समय पर की जाए और अधिकारियों से सुझाव भी आमंत्रित किए हैं कि यह विचार-विमर्श करके अवगत कराए कि उपरोक्त ऐप में किस प्रकार की अन्य सेवाएं भी बढ़ाई जा सकती हैं? देश और विदेश में जो अन्तर्राष्ट्रीय Best Practices हैं, उनका भी इनमें समावेश किया जाए।

पुलिस कल्याण को लेकर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इसमें एडीजी ज़ोन और आइजी रेंज के स्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है। हर जवान में यह भावना होनी चाहिए कि पुलिस विभाग उनके साथ हर मुसीबत में खड़ा है और उनको सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।प्रतिभा और विशेषज्ञता के उपयोग को लेकर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस विश्व का सबसे बड़ा बल है जिसमें देश के श्रेष्ठतम अधिकारी सेवारत हैं और हाल ही में जो 60,000 से अधिक आरक्षी चयनित हुए है, उनमे एक बहुत बड़ा प्रतिशत ऐसे आरक्षियों का है, जिनका मानसिक स्तर राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं को पास करने का है। पुलिस महानिदेशक, महोदय ने निर्देश दिया गया कि पुलिस बल के टैलेंट, क्वालिटी और दक्षता की मैपिंग की जाए।प्रौद्योगिकी और ए0आई0 को लेकर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस में तमाम ऐसे अधिकारी है, जो विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ है और शीघ्र ही इस दिशा में विशेषज्ञों के सहयोग से उत्तर प्रदेश, देश में पुलिसिंग में ए0आई0 का प्रयोग करने वाला प्रथम राज्य होगा। प्रशिक्षण को लेकर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि प्रशिक्षण भी उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और संगठन की गुणवत्ता में सुधार हेतु निरंतर प्रशिक्षण ही एकमात्र आधार है। सेवा काल प्रशिक्षण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि बेहतर प्रशिक्षण से हम नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकते हैं उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से अपील की कि वह प्रशिक्षण में गुणात्मक सुधार के लिए अपने विचारों एवं प्रयास से मुख्यालय को भी अवगत कराएं।पुलिस महानिदेशक ने जन शिकायतों के निस्तारण पर अपना एक प्रस्तुतिकरण अधिकारियों को दिया , जिसमें उन्होंने जन शिकायतों के विभिन्न आयामों और जन शिकायतों के त्वरित एवं गुणात्मक निस्तारण करने हेतु कई महत्वपूर्ण उपाय बताये एवं आवश्यक निर्देश दिए।

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