LUCKNOW:2.948 हेेक्टेयर भूमि को नगर निगम टीम ने अवैध कब्जे से मुक्त कराया,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY: PREM SHARMA ||AAJNATIONAL NEWS DEASK

लखनऊ। मण्डलायुक्त लखनऊ एवं  इन्द्रजीत सिंह नगर आयुक्त ने  सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराये जाने के अभियान में पंकज श्रीवास्तव अपर नगर आयुक्त के द्वारा गठित टीम ने  ग्राम-पुरसेनी, तहसील-मोहनलालगंज व ग्राम-गणेशपुर रहमानपुर, तहसील व जिला-लखनऊ में सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराये जाने हेतु बड़ी कार्यवाही की गयी।इस  कार्यवाही को  नगर निगम व तहसील प्रशासन की संयुक्त टीम ने मौके पर जाकर की गयी। आज की कार्यवाही में  नगर निगम लखनऊ ने तीनों ग्रामों से कुल 2.948 हेक्टेयर शासकीय भूमि से अस्थाई अवैध कब्जा हटाकर भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराया गया।

आज की कार्रवाई में उपजिलाधिकारी-मोहनलालगंज बृजेश वर्मा व उपजिलाधिकारी-सदर अंकित शुक्ला व प्रभारी अधिकारी, सम्पत्ति संजय यादव व तहसीलदार नगर निगम लखनऊ अरविन्द पाण्डेय द्वारा उपलब्ध करायी गयी टीम ने उक्त कार्यवाही की। टीम का नेतृत्व नायब तहसीलदार नीरज कटियार द्वारा किया गया जिसमें राजस्व निरीक्षक नगर निगम अविनाश चन्द्र तिवारी, तहसील-सरोजनी नगर के क्षेत्रीय लेखपाल रमेश कुमार एवं तहसील-सदर के लेखपाल विमल सिंह, अमित सिंह, भूपेन्द्र सिंह व शिव प्रसाद नगर निगम लेखपाल मृदुल मिश्रा, अनूप गुप्ता तथा विनोद वर्मा व आलोक यादव ने सहयोग किया तथा थाना-मोहनलालगंज व थाना-चिनहट द्वारा उपलब्ध करायी गयी। बडे पैमाने पर प्रापर्टी डीलरों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये अवैध रूप से सरकारी भूमि पर की गयी प्लाटिंग, अस्थाई बाउण्ड्रीवाल व सड़क आदि रिहायसी संरचना आदि को मौके पर जेसीबी मशीन की सहयता से ध्वस्त कर दिया गया। कतिपय भूमि पर अवैध रूप से कृषि कार्य करने वालों का भी कब्जा हटा दिया गया।
ग्राम-पुरसेनी की अतिक्रमणमुक्त भूमि खसरा संख्या-1090ञ, 1090ट(तालाब), 1103, 1104(नवीन परती), 1158घ ऊसर कुल क्षेत्रफल 2.574 हेक्टेयर तथा ग्राम-गणेशपुर रहमानपुर की खसरा संख्या-68, 69 व 84 कुल क्षेत्रफल 0.305 हेक्टेयर है। उक्त भूमि देवा रोड पर स्थित बेशकीमती भूमि है। भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराते समय कतिपय प्रापर्टी डीलरों ने विरोध किया किन्तु शांतिपूर्ण ढंग से कार्यवाही सम्पादित कर दी गयी। उक्त कार्यवाही से कुल 2.879 हेक्टेयर बेशकीमती भूमि अवैध कब्जों से मुक्त करायी गयी, शासकीय भूमियों को अतिक्रमणमुक्त कराये जाने हेतु नगर निगम द्वारा चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत आज इन्द्रजीत सिंह, नगर आयुक्त व पंकज श्रीवास्तव अपर नगर आयुक्त के आदेशानुसार संजय यादव प्रभारी अधिकारी सम्पत्ति द्वारा प्रदान किये गये निर्देशानुसार तहसीलदार अरविन्द कुमार पाण्डेय के निर्देश  में ग्राम-देवपुर, तहसील व जिला-लखनऊ की खसरा संख्या-1671/501 हेक्टेयर, ऊसर दर्ज भूमि पर अवैध रूप से किये गये अवैध कब्जों को रत्नेश कुमार नायब तहसीलदार के निर्देश के क्रम में नगर निगम लेखपाल अजीत तिवारी व अनुपम मिश्रा ने  थानाध्यक्ष थाना-पारा द्वारा उपलब्ध करायी गयी पुलिस बल के सहयोग से लगभग 0.069 हेक्टेयर भूमि से शांतिपूर्ण ढंग से अवैध कब्जा हटवा दिया गया।

कंसल्टेंट नियुक्त करने की बिडिंग होते ही काली पट्टी बांधकर विरोध

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है की अन्य प्रांतों में विफल हो चुके विद्युत वितरण के निजीकरण के प्रयोग को देश के सबसे बड़े प्रांत उत्तर प्रदेश में न थोपा जाय। संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने आज प्रतापगढ़ और प्रयागराज में आम सभाएं कर विद्युत वितरण के निजीकरण के विरोध में जन जागरण अभियान जारी रखा।

संघर्ष समिति ने कहा है कि यदि जल्दबाजी में निजीकरण हेतु सलाहकार नियुक्त करने के लिए बिडिंग प्रक्रिया शुरू की गई तो उसी दिन बिजली कर्मी काली पट्टी बांधकर विरोध दिवस मनाएंगे। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2014 में चार शहरों गाजियाबाद, मेरठ,वाराणसी और कानपुर के निजीकरण का तत्कालीन सरकार ने निर्णय लिया था। इस हेतु कंसल्टेंट नियुक्त करने हेतु बिडिंग की गई थी और मेसर्स मेकॉन को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था। इसके विरुद्ध नियामक आयोग में याचिका हुई।

नियामक आयोग ने अंततः यह पाया कि निजीकरण का पी पी पी मॉडल जनहित में नहीं है। सरकार को यह समझ आ गया कि निजीकरण के विफल प्रयोग को उप्र में लागू करने से कोई लाभ नहीं है और सरकार ने निजीकरण का निर्णय वापस लिया। संघर्ष समिति ने कहा कि दस साल बाद फिर वही प्रक्रिया प्रारंभ करने और अनावश्यक तौर पर कंसल्टेंट पर पैसा खर्च करने का कोई औचित्य नहीं है। जब पी पी पी मॉडल जनहित में नहीं है तो इसे उप्र में क्यों थोपा जा रहा है।

संभवतः इसी कारण 05 अप्रैल 2018 और 06 अक्टूबर 2020 को संघर्ष समिति के साथ हुए लिखित समझौते में स्पष्ट कहा गया है कि उप्र में ऊर्जा क्षेत्र में कहीं भी कोई निजीकरण कर्मचारियों को विश्वास में लिए बिना नहीं किया जाएगा। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पी.के. दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, ने कहा कि वर्ष 1999 में उड़ीसा में बिजली का निजीकरण किया गया था। एक वर्ष बाद वर्ष 2001में उड़ीसा में सुपर साइक्लोन आया जिससे उड़ीसा के तटवर्ती क्षेत्रों में बिजली का ढांचा पूरी तरह ध्वस्त हो गया। इस क्षेत्र में काम कर रही अमेरिका की ए ई एस कम्पनी ने बिजली का ध्वस्त हुआ ढांचा ठीक करने से मना कर दिया और कंपनी वापस अमेरिका भाग गई।16 वर्ष बाद वर्ष 2015 में उड़ीसा के विद्युत नियामक आयोग ने अन्य तीन कंपनियों में काम कर रही रिलायंस पावर के सभी तीनों लाइसेंस पूर्ण विफलता के चलते रद्द कर दिए। निजीकरण का प्रयोग महाराष्ट्र में औरंगाबाद, जलगांव और नागपुर में विफल रहा और सरकार को निजीकरण के करार रद्द करने पड़े। बिहार में भागलपुर, समस्तीपुर और गया में निजीकरण विफल हो गया। मप्र में उज्जैन, सागर और ग्वालियर में विफलता के चलते निजीकरण रद्द किया गया। निजीकरण के विरोध में जन जागरूकता अभियान के तहत संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने आज प्रतापगढ़ और प्रयागराज में आम सभा की। प्रयागराज में 05 जनवरी को बिजली पंचायत आयोजित की गई है।

महापौर की अध्यक्षता में समाधान दिवस का आयोजन

नगर निगम द्वारा शहर में प्रदान की जा रही विभिन्न नागरिक सेवाओं संबंधी शिकायतों  के निस्तारण हेतु अनुश्रवण, समन्वय एवं जी.आई.एस. सर्वे द्वारा भवनो के कर निर्धारण के विरुद्ध प्रस्तुत आपत्तियों का नियमानुसार एवं समयबद्ध निराकरण किये जाने हेतु प्रत्येक माह के प्रथम शुक्रवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किये जाने के निर्णय के क्रम में मा. महापौर जी की अध्यक्षता में आज शुक्रवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन नगर निगम मुख्यालय स्थित त्रिलोकनाथ सभागार, लालबाग में किया गया।

आज समाधान दिवस की अध्यक्षता महापौर  सुषमा खर्कवाल द्वारा की गयी जिसमें नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह व गृहकर सहित समस्त संबंधित विभाग यथा जलकल, स्वास्थ्य, अभियंत्रण, मार्ग प्रकाश के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। गृहकर की आपत्तियों के निस्तारण के लिए सभी जोनल अधिकारी, कर अधीक्षक, राजस्व निरीक्षक व कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ जी.आई.एस. सर्वे की टीम मौजूद रही। महापौर द्वारा आगन्तुको की समस्याएं स्वयं सुनकर अधिकारियों को शीघ्र निस्तारण हेतु निर्देशित किया गया।

आज के समाधान दिवस में क्षेत्रीय नागरिक सुविधाओं से संबंधित समस्याओं के निस्तारण कराये जाने के निर्देश दिये गये तथा जी.आई.एस. की प्राप्त आपत्ति का निस्तारण उपस्थित जोनल अधिकारीगण द्वारा अपने अधीनस्थ कर अधीक्षक एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा आवेदन प्राप्त होने पर तत्काल ही गणना व जाँच करते हुए मौके पर निस्तारण कराया गया। समाधान दिवस पर जोन-1 में 14, जोन-2 में 04 जोन-3 में 09,जोन-4 में 09, जोन-5 में 09, जोन-6में 10 और जोन-7 में 30,और जोन-8 में 04 शिकायतें समस्याएं आई कुल मिला 89 शिकायतों यानि का हर जोन की शत प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण किया गया।

उपभोक्ता परिषद की अवमानना याचिका पर मामला ठंडे बस्ते में
-पावर कॉरपोरेशन कंसल्टेंट के चक्कर में ना पडे: परिषद

ऊर्जा क्षेत्र में अखिलेश यादव की सरकार में वर्ष 2013-14 में गाजियाबाद बनारस मेरठ व कानपुर शहरो के विद्युत वितरण क्षेत्र को पीपीपी मॉडल के तहत उनका निजीकरण किए जाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कंसलटेंट यानी ट्रांजैक्शन एडवाइजर चयन करने की अनुमति दी थी । जिसके तहत पावर कारपोरेशन ने मैसर्स मेकान लिमिटेड को पीपीपी मॉडल लागू हेतु आरएफपी प्रपत्र तैयार करने व फिजिबिलिटी स्टडी के लिए रखा गया था। जिसकी भनक लगते ही उपभोक्ता परिषद ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में एक अवमानना याचिका दाखिल करते हुए पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 के तहत कार्यवाही की मांग उठा दी थी। अंततः विद्युत नियामक आयोग ने नोटिस जारी किया और उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी बताया कि यह पीपीपी मॉडल उपभोक्ताओं के हित में नहीं है इसलिए जो कंसलटेंट रखा गया है वह गलत है। अंततः पावर कॉरपोरेशन की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में जवाब दाखिल किया गया की मेंसर्स मेकान लिमटेड जो कंसलटेंट रखे गए हैं उनसे जो फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। उसमें उपभोक्ता परिषद की मांग को शामिल किया गया है जिसमें उनके द्वारा कहा गया है की सबसे पहले अध्ययन कराया जाए कि पीपीपी मॉडल से उपभोक्ताओं को क्या फायदा होगा और क्या नुकसान होगा। पावर कारपोरेशन ने आगे कहा कि केवल फीजिबिलिटी रिपोर्ट बनवाई जा रही है पीपीपी मॉडल लागू नहीं किया जा रहा है। अभी स्टडी है इसलिए पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष के खिलाफ और अवमानना याचिका पर कार्यवाही उचित नहीं है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा अंततः तत्कालीन मुख्यमंत्री ने उस समय यह मान लिया था कि पीपीपी मॉडल से प्रदेश के उपभोक्ताओं का लाभ नहीं होने वाला है। अंततः पूरा मामला ठंडे बस्ते में में चला गया था। उपभोक्ता परिषद एक बार पुनः उत्तर प्रदेश सरकार व पावर कॉरपोरेशन से मांग उठाती है कि उत्तर प्रदेश के जिन 42 जनपदों वाली दो बिजली कंपनियां दक्षिणांचल व पूर्वांचल को पीपीपी मॉडल में दिए जाने के लिए कंसलटेंट यानी की ट्रांजैक्शन एडवाइजर रखने की तैयारी की जा रही है उसे खारिज किया जाना उचित होगा। क्योंकि उत्तर प्रदेश में पहले ही इस प्रयोग पर एक स्टडी रिपोर्ट मेंसर्स मेकान लिमिटेड द्वारा तैयार कराई गई थी और अंततः उत्तर प्रदेश में पीपीपी मॉडल को लागू नहीं किया गया था। ऐसे में अभी भी समय है पावर कारपोरेशन को भारी भरकम कंसलटेंट पर करोडों अरबों खर्च करने की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।

महापौर स्वयं समस्याएं सुन,अधिकारियों को दिए निर्देश

जनहित में समाधान दिवस के कार्यक्षेत्र में विस्तार करते हुए नगर निगम लखनऊ द्वारा प्रदान की जाने वाली समस्त नागरिक सुविधाओं जैसे सफाई एवं स्वच्छता, फागिंग, सड़क की मरम्मत, मार्ग प्रकाश इत्यादि समस्याओं की सुनवाई कर उनका निस्तारण किया गया। इस दौराान नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह भी मौजूद थे। आज के समाधान दिवस में संबंधित विभागों के सभी अधिकारीगण भी समाधान दिवस में मौजूद रहे।

महापौर सुषमा खर्कवाहल ने कहा कि अब नागरिकगण अपनी समस्याओं के निस्तारण हेतु प्रत्येक माह के प्रथम शुक्रवार को नगर निगम लखनऊ द्वारा आयोजित समाधान दिवस में उपस्थित हो कर अपनी किसी भी प्रकार की समस्याओं को सामने रख सकते हैं, जिनका निस्तारण प्राथमिकता के तौर पर किया जाएगा।उन्होने आयोजन के दौरान आदेशित किया, कि किसी भी दशा में अनाधिकृत लोगों द्वारा कूड़ा उठान का कार्य न किया जाए, इन कार्यों को सिर्फ एलएसए व लॉयन कंपनी और निगम द्वारा अधिकृत किये गए कर्मचारियों द्वारा ही संपादित किया जाए।उन्होंने आदेशित किया, कि आगामी 6 माह के भीतर खुले में कूड़ा लेजाए जाने की प्रकिया पर रोक लगाते हुए हुक लोडर के माध्यम से इस कार्य को किया जाना सुनिश्चित किया जाए।उन्होंने कहा कि नगर में अनाधिकृत रूप से रह रहे बंगलादेशियों के विरुद्ध सघन अभियान चला कर भारतीय लोकतंत्र को हानि पहुंचाने वाले ऐसे लोगों को बाहर निकालने का कार्य किया जाए।

इस दौरान उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए वर्तमान समय मे नगर निगम लखनऊ द्वारा स्वच्छता अभियान को सफल बनाए जाने हेतु निगम की उपलब्धियों एवं संसाधनों की उपलब्धता से अवगत कराया।उन्होंने कहा कि वर्तमान में जोन-01,03,04,06 व 07 सीमाक्षेत्र में स्थित समस्त घरों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से प्राइमरी कूडा एकत्र करने हेतु कुल 782 वाहन (जिसमे 74 वाहन नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराये गये हैं। 100 से अधिक रिक्शा ट्रॉली एवं 2081 श्रमिक लगाये गये है तथा कूडे के प्रोसेसिंग प्लान्ट तक सेकेण्ड्री परिवहन हेतु 06 हुकलोडर 13 पोर्टल कम्पेक्टर, 11 आर.सी वाहन, 57 हाईवा, 19 जेसीबी, 07 ट्रक्टर व ट्रॉली लगायी गयी है।इसके अतिरिक्त 04 स्थलों पर पी.सी.टी.एस एवं 01 स्थल पर एफ.सी.टी.एस. का निर्माण,अधिष्ठापन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिनपर लगभग 250 टन कूड़ा प्रतिदिन कैप्सूल एवं हुक लोडर के माध्यम से प्रोसेसिंग प्लान्ट भेजा जा रहा है। संस्था द्वारा चयनित जोनों में स्थित घरो व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से प्राइमरी कूड़ा एकत्र किये जाने हेतु कुल 300 वाहन लगाये जाने है, जिसमे प्रथम चरण में 150 इलेक्ट्रिक वाहन संचालित होने शुरू हो गए हैं, वहीं शेष वाहन भी जल्द ही संचालित होना शुरू हो जाएंगे। जानकारी में बताया गया कि समस्त जोनो मे कूड़ा उठान की समस्या के सम्बन्ध में टोल फ्री नंबर भी जारी किए गए हैं। इसके लिए आम नागरिक ज़ोन-01,03,04,06 व 07 के लिए 18001234999 और ज़ोन-02, 05 व 08 के लिए टोल फ्री नं0-18002026172 पर शिकायत दर्ज करा सकते है।

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