-उपभोक्ता परिषद के अनुसार बडा गोलमाल, पूरे परियोजना की हो जांच
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REPORT BY: PREM SHARMA || AAJNATIONAL NEWS DEASK
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लगभग 27000 करोड की लागत से लगने वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में उपभोक्ता परिषद एक बडा खुलासा करते हुए बताया कि मीटर लगाने वाली कम्पनी जीएमआर, इनटैली स्मार्ट,पोलारिस और जीनस ने प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों मे जो 27395 फीडर में भारत सरकार की बनाई गई गाइडलाइन आरएफपी के तहत डबल सिम कार्ड वाला स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने का सख्त प्रावधान किया गया था। लेकिन उत्तर प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों मे जो 21082 स्मार्ट प्रीपेड मीटर फीडर पर लगाए गए। वह केवल सिंगल सिम वाले मीटर है। भारत सरकार का मानना था कि वर्तमान में जो फीडर है उस पर कब बिजली काटी, कब बिजली आई उसी के आधार पर औसत विद्युत आपूर्ति का आकलन किया जाता है। उक्त आंकलन के लिए फीडरों में चौबीस घंटे नेटवर्क होना आवश्यक है। अगएक कंपनी का सिम का नेटवर्क यदि नहीं काम करेगा डबल सिम रहेगा तो ऑटो स्विच के आधार पर दूसरे सिम से लगातार डाटा प्राप्त हो जाएगा। जिससे सही आकलन होगा कि कौन सा फीडर कब बंद, कब चालू हुआ। लेकिन बिजली कंपनियों दो की जगह एक सिम लगाकर बड़ा खेल कर दिया। और कंपनियों के प्रबंध निदेशक चुप्पी साथ कर सोते रहे। जबकि उपभोक्ता परिषद ने कई महीने पहले ही या मुद्दा उठाते हुए कहा था कि जो बिजली कंपनियों मे जीटीपी अनुमोदित की गई है उसमें बडा खेल हुआ है और सिंगल सिम वाले फीडर मीटर लगाने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज इस मामले में पावर कारपोरेशन के निदेशक कमर्शियलनिधि कुमार नारंग को पूरे मामले पर बात करते हुए सख्त कार्यवाही की मांग उठाई। भारत सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश में कार्यरत रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड रीजनल ऑफिस लखनऊ को भी इसकी सूचना दे दी है। उपभोक्ता परिषद की तरफ से स्पष्ट कहां गया है कि प्रदेश में भारत सरकार की गाइडलाइन का खुला उल्लंघन हो रहा है और जो भी मॉनिटरिंग करने वाले लोग हैं वह चुपचाप हैं जो बहुत गंभीर मामला है। उत्तर प्रदेश के मामले में केंद्र सरकार को तत्काल स्मार्ट प्रीपेड मीटर की पूरी परियोजना की सीबीआई जांच करने का आदेश पारित करना चाहिए। जिस प्रकार से बिना टेस्टेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाए जा रहे हैं और अब बडा खुलासा हुआ है कि फीडर पर सिंगल सिम वाले मीटर लगा दिए गए, यह सब बडा गोलमाल है। भारत सरकार के कुछ उच्च अधिकारी इस पूरी परियोजना को फेल करने पर तूले है। पहले जल्दबाजी में परियोजना को चालू कर दिया और अब गो लाइव करने पर तुले है।अवधेश कुमार वर्मा ने कहा जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में उद्योगपतियों के साथ उदारता बरती जा रही है वह बहुत गंभीर मामला है। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी जरूरी है अन्यथा की स्थिति में आने वाले समय में इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पडेगा।
पॉच मुख्य अभियंताओं को नोटिस, दो का तबादला
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल ने मंगलवार को राजस्व वसूली और लाइन हानियों सहित बिजली व्यवस्था के अन्य मानकों पर समीक्षा के दौरान कई अभियंताओं पर कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसमें खराब परफार्मेस पर आधा दर्जन मुख्य अभियंता कार्रवाई की जद में आए खराब परफार्मेंस पर बरेली दो के मुख्य अभियंता और कन्नौज के अधीक्षण अभियंता को तत्काल अन्यत्र स्थानांतरित करने का आदेश दिया। चेयरमैन ने और पांच मुख्य अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
नगरीय निकाय निदेशालय के सभागार में आयोजित इस समीक्षा बैठक में चेयरमैन ने कम राजस्व वसूली बढ़ी लाइन हानियां आदि पर नाराजगी जताई। चेयरमैन ने चेतावनी दी कि जिन क्षेत्रों में भी पिछले वर्ष की तुलना में लाइन हानियों में बढ़ोतरी होगी वहां मुख्य अभियंता तथा अधीक्षण अभियंता सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। सहारनपुर के मुख्य अभियंता को कारण बताओ नोटिस तथा यहीं के दो अधीक्षण अभियंताओं को चार्जशीट देने का आदेश भी दिया।
खराब परफार्मेंस पाए जाने पर अधीक्षण अभियंता बदायूं के साथ ही देवीपाटन, गोरखपुर तथा केस्को के मुख्य अभियंता को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए। औरैया और कन्नौज में लाइन हानियां 48 फीसदी होने तथा राजस्व वसूली कम होने पर मुख्य अभियंता कानपुर-दो को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। चेयरमैन ने समीक्षा के दौरान बदायूं, मेरठ-दो, गजरौला, कानपुर-दो, बांदा, सीतापुर आदि क्षेत्रों में कठिन परिश्रम करके स्थिति सुधारने का निर्देश दिया। चेयरमैन ने विद्युत कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की सभी कार्यों की थर्ड पार्टी से जांच जरूर कराई जाए। अध्यक्ष ने निर्देशित किया कि जहां लाइनहानियां ज्यादा हैं, वहां अभियान चलाकर पूरी तरह एक-एक घर की जांच कर लें और तब तक अभियान चलाएं जब तक लाइन हानियां कम न हो जाएं। निवेश मित्र और झटपट में कोई भी लंबित ना रहे इसके लिए निर्देश दिए।
नव चयनित अवर अभियंताओं की निकायों में तैनाती
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से चयनित होकर आने वाले आठ अवर अभियंताओं को निकायों में तैनाती दे गई है। स्थानीय निकाय निदेशक अनुज कुमार झा ने इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी कर दिया है। अवर अभियंता संगणक एवं फोरमैन के पद पर तैनाती दी गई है।नगर विकास विभाग की तरफ से जारी आदेश के अनुसार रोहित शुक्ला, प्रमोद, अभिनेष कुमार तिवारी व दिवाकर प्रजापति को अवर अभियंता सिविल के पद पर तैनाती दी गई है। मो. रिजवान सिद्दीकी, दीपक कुमार, मन्नु कुमार साहनी व अशुतोष कुमार प्रसाद को तैनाती दी गई।
महाप्रबंधक जलकल ने संघों के पदाधिकारियों को दिया आश्वासन
महाप्रबन्धक जलकल विभाग, नगर निगम, लखनऊ द्वारा जलकल विभाग की कर्मचारी यूनियनों के साथ कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान बैठक की गयी। बैठक में छह कर्मचारी संघ के पदाधिकारी मौजूद थे। पदाधिकारियों की वार्ता करने के उपरान्त महाप्रबंधक ने कर्मचारी प्रतिनिधियों को मांगों के निस्तारण का आश्वासन दिया।
महाप्रबन्धक, जलकल विभाग, नगर निगम, लखनऊ द्वारा जलकल विभाग की कर्मचारी यूनियनों के साथ कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु बैठक की गयी, जिसमे उचित माँगों पर चर्चा की गयी एवं सकरात्मक माँगो को मानकर पूरा करने हेतु कर्मचारियों द्वारा लिखित रूप से अनुरोध किया गया। बैठक मे समस्त जोनों के अधिशासी अभियन्ता , वित्त अधिकारी व कर्मचारी यूनियनों के पदाधिकारी उपस्थित हुए। बैठक में जलकल नगर निगम नियमित एवं आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ, लखनऊ, नगर निगम एवं जलकल कर्मचारी संघ, लखनऊ, लखनऊ जल संस्थान एवं नगर निगम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ, ऐशबाग, लखनऊ, लखनऊ जल संस्थान श्रमिक संघ, ऐशबाग, लखनऊ, लखनऊ जल संस्थान कर्मचारी परिषद, ऐशबाग, लखनऊ, लखनऊ जल संस्थान इम्प्लाइज यूनियन, महानगर, लखनऊ से वार्ता के क्रम में महाप्रबंधक द्वारा सभी कर्मचारी यूनियनों की समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द किए जाने का आश्वासन दिया।
स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने फिर दिया आन्दोलन का नोटिस
महासंघ द्वारा पूर्व प्रेषित समस्याऔ पर समय रहते यदि प्रदेश सरकार व शासन द्वारा समाधान नही किया गया तो जनवरी माह 25 के बाद फरवरी माह से किसी भी कार्य दिवस से पूर्व स्थगित आन्दोलन,अनिश्चितकालीन कार्य बन्दी शुरू करना महासंघ की मजबूरी होगी। महासंघ द्वारा इस सम्बन्ध की सूचना प्रदेश सरकार व नगर विकास को दी जा चुकी है।यह जानकारी शशि कुमार मिश्र ने दी।
शशि कुमार मिश्र प्रदेश अध्यक्ष उ.प्र.स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने बताया कि महासंघ द्वारा पूर्व प्रेषित 13 सूत्रीय मांग पत्र पर एक लम्बे समय से लगभग 7 वर्षाे से पत्राचार, बैठक, ध्यानाकर्षण आन्दोलन आदि के माध्यम से समाधान कराए जाने के प्रयास करता चला आ रहा। गत 25 अक्टूबर 24 को प्रमुख सचिव नगर विकास के साथ हुई बैठक में जनवरी माह 2025 तक निर्णय किए जाने के आश्वासन पर कोई समाधान न होने पर पुनः आन्दोलन बाध्य किया जा रहा है।