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REPORT BY:ANUPAM MISHRA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ। नगर आयुक्त ने बुधवार को शिवरी प्लांट का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने शिवरी में तीसरी प्लांट को जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। ऐसे में तीसरे प्लांट शुरू होने से रोजाना शिवरी प्लांट में 2100 मैट्रिक टन कूड़ा निस्तारित किया जाएगा। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि शिवरी प्लांट में अगले महीने 15 फरवरी से पहले पहले शुरू कर दिया जाएगा। जिसके बाद शिवरी प्लांट में 2100 मैट्रिक टन कूड़ा रोजाना निस्तारित किया जाएगा। सभी अधिकारियों को इसको लेकर कड़े निर्देश दिए गए हैं।
शिवरी प्लांट प्रभारी अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद राव ने बताया कि शिवरी प्लांट में रोज करीब 2000 से 2200 मैट्रिक टन कूड़ा पहुंचता है। इसके निस्तारण के लिए नवंबर में 700 मैट्रिक टन क्षमता का प्लांट लगाया गया था। इसके बाद अब 10 जनवरी को एक और प्लांट इतनी ही क्षमता का शुरू किया गया था। ऐसे में रोजाना 1400 मैट्रिक टन कूड़ा निस्तारित किया जा रहा है।डॉ. अरविंद राव ने बताया कि पहले प्लांट पर जमा कूड़े की छंटाई हो रही है। उसे सूखाकर मशीनों से छाना भी जा रहा है। इसमें कूडे़ में सड़ने और गैर सड़ने वाली चीजें अलग की जा रही हैं। जो प्लास्टिक, गत्ता, लकड़ी अन्य चीजें निकलेंगी उनसे जलाने के लिए काम आने वाला ब्लॉक आरडीएफ बनाया जा रहा है। आरडीएफ को सीमेंट फैक्ट्री में भेजा जा रहा है। जहां उसे कोयले की जगह फ्यूल के तौर पर उपयोग में लिया जा रहा है। जो गीला कूड़ा और मलबा बचेगा उसका उपयोग खाली जमीन की पटाई में भी किया जा रहा है।
कंबल वितरण एवं तहरी भोज शामिल हुई महापौर
आज निशातगंज गली नं-4, बजरिया पार्क में पार्षद श्री प्रमोद सिंह राजन जी द्वारा आयोजित कंबल वितरण एवं तहरी भोज कार्यक्रम एक सच्ची सेवा का उदाहरण है। इस कार्यक्रम में जरूरतमंदों को कंबल वितरित किया गया और बच्चों द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत एवं नृत्य ने समारोह को और भी खास बना दिया।
कार्यक्रम में जरूरतमंदों को कंबल वितरित किया गया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत एवं नृत्य एवं तहरी भोज का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पार्षद दल के उप नेता सुशील तिवारी, मंडल अध्यक्ष अभिषेक राय, भाजपा नेता विनित शुक्ला,एवं भारी संख्या में क्षेत्र की जनता जर्नादन उपस्थित रहे। प्रमोद सिंह राजन को इस पुनीत कार्य के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ! यह कार्यक्रम हमें याद दिलाता है कि सेवा ही सच्ची पूजा है और जरूरतमंदों की मदद करना मानवता का सबसे बड़ा धर्म है।
पावर ऑफिसर एसोसिएशन काली पट्टी बांधकर सभी जिला मुख्यालयों पर करेगा विरोध
दक्षिणांचल और पूर्वांचल के निजीकरण को लेकर कल बुलाई गई ट्रांजैक्शन एडवाइजर नियुक्त करने के लिए प्री बिड कॉन्फ्रेंस कॉन्फ्रेंस के विरोध में पूरे उत्तर प्रदेश में दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता कार्मिक सभी जिला मुख्यालयों पर काली पट्टी बांधकर अपना नियमित कार्य करते हुए विरोध करेंगे। संगठन ने सर्वे सम्मत से निर्णय लिया है की प्रीपेड कांफ्रेंस के लिए बुलाई जा रही मीटिंग का हर स्तर पर विरोध करने के लिए संगठन अपनी वैधानिक लडाई को आगे बढ़ते हुए उसका संवैधानिक विरोध करेगा। पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन से मांग करता है कि वह अभी भी अपने निदे पर पुनर्विचार करते हुए इस फैसले को वापस करें अन्यथा की स्थिति में जो औद्योगिक अशांत की स्थिति पैदा हो रही है उसके लिए वह सट्टा जिम्मेदार होंगे।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, ट्रांसको अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा, हरिचंद वर्मा, एक के प्रभाकर ने कहा जिस प्रकार से पावर कॉरपोरेशन एकतरफा कार्रवाई को आगे बढ़ा रहा है वह पूरी तरह संवैधानिक है। एसबीडी का जो ड्राफ्ट प्रस्ताव है उसके आधार पर ट्रांजैक्शन एडवाइजर को रखने की इस प्रकार से जल्दबाजी की जा रही है। जैसे कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला हो। पावर कारपोरेशन को इस प्रकार की संवैधानिक कार्रवाई से बचना चाहिए। क्योंकि कहीं ना कहीं इसे कार्मिकों के मन में कुंठा व्याप्त होती है और जिसका खामियाजा प्रदेश के ऊर्जा सेक्टर को उठाना पड़ता है।पावर ऑफिसर एसोसिएशन के पदाधिकारी ने अभी तय किया कि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्रियों से एक बार फिर मुलाकात कर इस मामले को रोकने की अपील की जाएगी। इसके साथ ही अनुसूचित जाति जनजाति आयोग का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा कि आरक्षण को समाप्त करने की साजिश की जा रही है। अभी तक कोई भी सार्थक पहल नहीं की गई जिसे दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं में भारी निराशा है और रोष व्याप्त है।
बिना अधिकारी, कर्मचारी पक्ष सुने कार्रवाई ठीक नही: राजेश सिंह
प्रदेश नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश सिंह ने महापौर एवं नगर आयुक्त से मांग की है कि किसी भी शिकायत के आधार पर सम्बंधित अधिकारी एवं कर्मचारी के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई न की जाए। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि शिकायत कर्ता द्वारा किसी के बहकावे या उसके मनमर्जी के हिसाब से काम न किये जाने पर शिकायत कर दी जाती है। जबकि अधिकारी या कर्मचारी संस्था एवं सरकार हित में कार्य करता है।
उत्तर प्रदेश नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश सिंह द्वारा नगर निगम में तैनात कर्मचारियों को बगैर अपना पक्ष रखें बिना साक्ष्य के तत्काल प्रभाव से निलंबित किये जाने पर रोष व्यक्त किया गया है। संघ के अध्यक्ष द्वारा महापौर महोदया एवं नगर आयुक्त अपने पत्र में प्रशासन द्वारा उपरोक्त कार्यशैली को न्याय एवं शाशनदेश की दृष्टि से अनुचित बताते हुए नगर निगम प्रशासन से अनुरोध किया है कि शाशनदेस के अनुसार किसी भी कर्मचारी के विरुद्ध दंडनात्मक कार्यवाही से पूर्व संबंधित कर्मचारी से उसका मत एवं उत्तर प्राप्त होने के उपरांत ही कार्यवाही की जाए। संघ ने निरीक्षण श्रेणी दो उदय त्रिपाठी को बहाल किये जाने पर संघ ने महापौर एवं नगर आयुक्त को बधार्इ्र दी है। संघ ने महापौर और नगर आयुक्त के न्याय को सम्मानिय बताया है।
बिजली दर बढ़ोत्तरी को लेकर जनता के परेशान होने की जरूरत नही: अवधेश वर्मा
-उपभोक्ता की एक जेब में दो रूपये डालकर, पॉच निकालने का खेल
उत्तर प्रदेश में टीओडी टैरिफ के आधार पर रात और दिन का बिजली दर अलग करके प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 15 से 20 प्रतिशत बढोतरी चोर दरवाजे करने वाले प्रस्ताव के खिलाफ उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर एक लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल करते हुए अपनी बात रखी। विद्युत नियामक आयोग से इस प्रस्तावित कानून को प्रस्ताव से बाहर करने की मांग करते हुए विद्युत नियामक आया के सामने यह मुद्दा उठाया कि जब पावर कारपोरेशन ने भारत सरकार को ऊर्जा मंत्रालय उत्तर प्रदेश की तरफ से सूचित कर दिया है कि मई 2026 तक इस कानून को नहीं लागू किया जा सकता है। क्योंकि अभी उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर मई 2026 तक ही लग पाएगा उसके बाद ही टीओडी को लागू करने पर विचार किया जाएगा। दूसरी तरफ विद्युत नियामक आयोग की रिसोर्स एडवोकेसी प्लान पर विद्युत नियामक आयोग में सार्वजनिक सुनवाई हो रही थी उसे समय भी पावर कॉरपोरेशन की तरफ से पीक आवर्स और नान पीक आवर्स के मामले पर कहा गया था कि कैटिगरी वाइज लोड फोरकास्ट पूरी प्रक्रिया करने में उसे 2030 तक का समय चाहिए। यह पूरा प्रस्ताव पूरी तरह से आने वाले निजी घरानों को लाभ देने के लिए तैयार किया गया है जिससे उत्तर प्रदेश सरकार की छवि धूमिल होना तय है।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री अरविंद कुमार ने उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को आश्वासन दिया की घरेलू उपभोक्ताओं और वाणिज्य उपभोक्ताओं को डरने की कोई जरूरत नहीं है फिलहाल अभी उन पर कोई भी टीओडी टैरिफ लागू करने पर विचार नहीं किया जा रहा है उपभोक्ता परिषद ने आगे विद्युत नियामक आयोग को अवगत कराया कि इससे उपभोक्ताओं का नुकसान होगा इसलिए इस पर विचार किया जाना उचित नहीं होगा। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग को यह भी अवगत कराया कि इसे कैसे गरीब जनता घरेलू उपभोक्ता दुकानदार व अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं का नुकसान होगा और यह भी मुद्दा उठाया की विद्युत नियामक आयोग द्वारा पहले 4 कैटेगरी में व्यवस्था लागू की गई थीवर्ष 2024 -25 के बिजली दर आदेश से पब्लिक लैंप एल एमवी-3 और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग एल एमवी-11 श्रेणी से टीओडी टैरिफ को हटा दिया गया था और वर्तमान में कुछ संशोधन के आधार पर लघु एवं मध्यम उद्योग एलएमवी-6 एवं वृहद उद्योग एच वी -2 पर ही लागू है जो आज तक टैरिफ आदेश के सॉफ्टवेयर में लागू नहीं हो पाया और ना आगे भी लागू हो पाएगा ऐसे में इस प्रकार की आव्यावहारिक प्रस्ताव को ड्राफ्ट रेगुलेशन से बाहर किया जाना उचित होगा। पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 3 करोड 45लाख विद्युत उपभोक्ता प्रदेश में है जिसमें से लगभग 2 करोड 85 लाख विद्युत उपभोक्ता घरेलू है और सबसे बडी बात यह है कि उसमें से गरीब विद्युत उपभोक्ता जो लाइफलाइन कैटेगरी में आते हैं उनकी भी संख्या लगभग 1 करोड 30 लाख के बराबर हैअब केंद्र सरकार को शायद यह नहीं पता है कि उत्तर प्रदेश में रात्रि 8 से 12 बजे पीक आवर्स आता है भारत सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली में कहां गया है की सौर घण्टो के दौरान यानी दिन में 10 से 20 प्रतिसत बिजली दर में कमी हो सकती है और पीक आवर्स के घंटों के दौरान यानी रात्रि में 10 से 20 प्रतिशत की बढोतरी हो सकती है केंद्र सरकार को शायद यह नहीं मालूम कि पूरे देश में घरेलू विद्युत उपभोक्ता का जो कुल उपभोग है उसका लगभग 70 प्रतिसत उपभोग रात्रि का होता है और 30 प्रतिशत उपभोग दिन का होता है जब 70प्रतिसत उपभोग के समय बिजली महंगी होगी तो कहां से घरेलू विद्युत उपभोक्ता को इसका लाभ मिल जाएगा यह तो वही वाली बात हुई कि रुपया 2 जेब में डाल कर और दूसरी जेब से रुपया 5 निकाल लेना
प्रदेश में निजीकरण के खिलाफ प्रदेश नही देशव्यापी आन्दोलन होगा
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज भी बिजली कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। 23 जनवरी को निजीकरण हेतु कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए होने वाली प्री बिडिंग कांफ्रेंस के विरोध में पूरे प्रदेश के बिजली कर्मी भोजन अवकाश के दौरान कार्यालय से बाहर आकर प्रदर्शन करेंगे । लखनऊ में शक्ति भवन पर विद्रोह प्रदर्शन किया जाएगा।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के 5 दिसंबर 2024 के निर्णय के बावजूद पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन और सरकार ने अभी तक विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के साथ निजीकरण जैसे बिजली कर्मियों को प्रभावित करने वाले अत्यधिक गंभीर मामले पर एक बार भी बातचीत नहीं की है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का भी प्रबंधन सम्मान नहीं कर रहा है।ससे बिजली कर्मचारियों का गुस्सा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है । उन्होंने कहा कि बिजली कर्मचारी शांतिपूर्वक लोकतांत्रिक ढंग से निजीकरण का विरोध कर रहे हैं और यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार निजीकरण का फैसला वापस नहीं लेगी ।
संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण हेतु कंसल्टेंट नियुक्त करने के पहले सरकार को अन्य प्रांतों में और उत्तर प्रदेश में आगरा एवं ग्रेटर नोएडा में हुए निजीकरण के प्रयोगों की विफलता पर संघर्ष समिति से वार्ता करना चाहिए और 05 अप्रैल 2018 एवं 06 अक्टूबर 2020 के समझौतों के अनुरूप विद्युत वितरण निगमों के वर्तमान ढांचे में ही बिजली व्यवस्था में कर्मचारियों को विश्वास में लेकर सुधार करना चाहिए।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बिजली कर्मी लगातार सुधार कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री पिछले तीन वर्ष में अनेक बार ट्वीट करके सुधार हेतु बिजली कर्मचारियों की प्रशंसा करते रहे हैं । अब इससे ठीक उलट निजीकरण की बातें करना का क्या औचित्य है ? संघर्ष समिति ने कहा कि यदि सरकार का उद्देश्य सचमुच सुधार करना है तो बिजली कर्मचारी सुधार के लिए हमेशा तैयार हैं और सुधार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह संकल्प बद्ध हैं ।बिजली कर्मी किसी भी कीमत पर निजीकरण को स्वीकार नहीं करेंगे।