-यह संवैधानिक मामला, एक बार करे पुनर्विचार: अवधेश वर्मा
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REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ। दक्षिणांचल पूर्वांचल के निजीकरण को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन द्वारा एनर्जी टास्क फोर्स के निर्णय के अनुक्रम में ट्रांजैक्शन एडवाइजर की प्री बिड कॉन्फ्रेंस में कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट( हिट धारकों का टकराव) के मामले का खुलासा उपभोक्ता परिषद ने पहले ही किया था। अब सभी कंसल्टेंट कंपनियां कनफ्लिक्ट आप इंटरेस्ट को लगभग खत्म कराना चाहते हैं और पूरी तरह दबाव बनाए हुए हैं कि उसमें बदलाव कर दिया जाए। जिससे मनचाही कंसलटेंट कंपनियां भाग ले सके। मामला यहीं तक सीमित नहीं है आनंन-फानन में आज मुख्य सचिव वाली अध्यक्षता मैं एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक बुलाई गई है। जिसमें यह मुद्दा प्रमुख रूप से एजेंडा का पार्ट है। जिस तरह से निजीकरण को लेकर उच्च स्तर पर कार्यवाहियां की जा रही है, रोज बदलाव किए जा रहे हैं। कभी वित्तीय तो कभी तकनीकी मानक में कभी, कनफ्लिक्ट आप इंटरेस्ट के मामले में यह बहुत गंभीर मामला है। प्रदेश के मुख्यमंत्री से उपभोक्ता परिषद ने गुजारिश की है कि कहीं बड़ा गोलमाल न हो जाए उसके पहले मुख्यमंत्री तत्काल हस्तक्षेप करते हुए इस प्रकार की कार्रवाई पर तत्काल विराम लगवाए जो जनहित में बहुत जरूरी है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा पावर कॉरपोरेशन जब एक कंसलटेंट रखने में रोज बदलाव कर रहा है। तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में 42 जनपदों के निजीकरण में क्या-क्या गोलमाल होगा। पावर कारपोरेशन को अब यह मान लेना चाहिए कि उनके बस की बात नहीं है। यह कोई बिजली कंपनियों में रोज सर्किल और डिवीजन में टेंडर निकालने की प्रक्रिया नहीं है। यह एक गंभीर संवैधानिक मसाला है। जो विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 14 के तहत विद्युत नियामक आयोग की अनुमति के बाद शुरू किया जाता है। लेकिन यहां तो सभी बड़े-बड़े विद्वान है और बिजली कंपनियों को ऐन केन प्रकारेण उद्योगपतियों को कितनी जल्दी दे दिया जाए में लगे हुए हैं। लेकिन उपभोक्ता परिषद के रहते यह संभव नहीं है और जो भी गोलमाल हो रहा है इन सब की उच्च स्तरीय जांच बिना कराए उपभोक्ता परिषद चुप बैठने वाला नही। उपभोक्ता परिषद ने कहा पावर कॉरपोरेशन जितना भी बदलाव करना है बदलाव कर ले उपभोक्ता परिषद की पूरी नजर है कहीं भी उपभोक्ता हित में जनहित में कोई भी गड़बड़ घोटाला नहीं करने दिया जाएगा। जो भी इन सब प्रक्रिया में सनलिप्त है समय-समय पर उनका खुलासा किया जाता रहेगा।बहुत जल्दी उपभोक्ता परिषद प्रदेश के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सब की पोल खोलकर सभी मसलों का खुलासा करेगा।
आर पी केन अध्यक्ष और अवधेश दसवी बार कार्यवाहक अध्यक्ष बने
प्रदेश से सैकडो की संख्या में 25 वें स्थापना दिवस में पधारे सभी बिजली कंपनियों के पदाधिकारी व सदस्यों द्वारा सर्वसम्मत से उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने आरपी केन को अपना नया अध्यक्ष चुना। पावर ऑफिसर एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा दसवीं बार पुनः निर्विरोध निर्वाचित हुए। योगेश कुमार, एसपी सिंह, पीएम प्रभाकर, नेकीराम, देवेंद्र पचौरिया, मनोज कुमार, मुकेश कुमार, वेद प्रकाश उपाध्यक्ष चुने गए। अनिल कुमार पुनः महासचिव, अजय कुमार अतिरिक्त महासचिव, मनोज सोनकर सर्वसम्मत से संगठन के सचिव चुने गए।
अधिवेशेन में हरिश्चंद्र वर्मा, रामबरन, अरविंद सिंह, बिंदा प्रसाद, एके प्रभाकर, अनिल कुमार चुने गए। लोकेंद्र बहादुर सिंह को पुनः कोषाध्यक्ष, बनवारी लाल, धीरेंद्र कुमार , आर के राव, श्री विकासदीप को संयुक्त सचिव चुना गया। सुशील कुमार वर्मा को उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन का अध्यक्ष चुना गया। श्री रमेश कुमार को केंद्रीय कार्यकारिणी का मीडिया प्रभारी, महेश कुमार अहिरवार को पश्चिमांचल अध्यक्ष, अजय कनौजिया को मध्यांचल, लोकेश कुमार, दिग्विजय सिंह को पूर्वांचल का अध्यक्ष चुना गया। श्री भास्कर को केस्को का अध्यक्ष चुना गया।
निगम ने अभियान चलाकर अब तक 86.432 हेक्टेयर भूमि कब्जा मुक्त कराई
-महापौर द्वारा सम्पत्ति विभाग को दिये गये आवश्यक निर्देश
महापौर सुषमा खर्कवाल द्वारा सम्पत्ति विभाग के अन्तर्गत कार्यों की समीक्षा हेतु बैठक आहुत की गयी। इस बैठक में अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव, मुख्य अभियन्ता (सिविल) ,प्रभारी अधिकारी (सम्पत्ति), तहसीलदार व सम्पत्ति विभाग के समस्त अधिकारीगण व लेखपाल उपस्थित रहें। बैठक में सम्पत्ति विभाग द्वारा बताया गया कि निगम ने अभियान चलाकर अब तक 86.432 हेक्टेयर भूमि कब्जा मुक्त कराई। इसके अलाव अन्य उपलब्धियों की जानकारी मिलने के बाद अवैध कब्जे के खिलाफ अभियान जारी रखने सहित कई अन्य महात्वपूर्ण दिशा निदेश महापौर द्वारा दिये गए।
बैठक में बताया गयाकि अवैध कब्जों के विरूद्ध कार्यवाहीरू सम्पत्ति विभाग द्वारा अवैध कब्जेदारों के विरूद्ध 20 से अधिक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई हैं। नगर निगम द्वारा 160 अभियानों में कुल 86.432 हेक्टेयर शासकीय भूमियों पर पाये गये अवैध कब्जों को अतिक्रमणमुक्त कराये जाने की कार्यवाही की गई है। महापौर द्वारा तालाब भूमियों पर पाये गये अवैध कब्जों के विरूद्ध भी कार्यवाही किए जाने के निर्देश किए गए हैं। अन्य शासकीय भूमियों पर अवैध कब्जों के विरूद्ध कार्यवाहीरू अन्य शासकीय भूमियों पर किये गये अवैध कब्जों पर तत्काल कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। अतिक्रमणमुक्त करायी जा रही भूमियों की सुरक्षा के दृष्टिगत उनपर तारबाड,बोर्ड लगवाये जाने एवं तारबाड़,बाउण्ड्रीवाल की कार्यवाही सुनिश्चित करायें जाने हेतु निर्देशित किया गया। यह भी बताया गया कि नगर निगम द्वारा तहसील के साथ संयुक्त सर्वे कराकर सार्वजनिक संपत्तियों का सर्वे कराया जा रहा है, जिसमें 22 गांव का सर्वे पूर्ण कराया गया है।जनशिकायतों का निस्तारणरू जनशिकायतों का निस्तारण समय से कराया जाए। खाली हुई भूमियों का व्यवसायिक उपयोगरू खाली हुई भूमियों पर व्यवसायिक उपयोग में लाए जाने के लिए अभियंत्रण विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
विश्व के सबसे बड़ी आबादी वाले कुम्भ नगर में बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान
-निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन और मोमबत्ती जुलूस निकाले गए
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आवाहन पर विश्व के सबसे बड़े नगर कुंभ नगर में बिजली कर्मी बिजली का नया कीर्तिमान स्थापित करने हेतु पूरी तरह संकल्प बद्ध और तैयार है। प्रयागराज के बिजली कर्मियों को संघर्ष समिति ने 28, 29 और 30 जनवरी को किसी भी आंदोलन से अलग रखा है और निर्देश दिया है कि वह महाकुंभ में बिजली की श्रेष्ठतम व्यवस्था का कीर्तिमान स्थापित करें।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2016 में उज्जैन महाकुंभ के दौरान उज्जैन की बिजली व्यवस्था निजी कंपनी के पास थी और निजी कंपनी ने महाकुंभ के दौरान बिजली का नेटवर्क तैयार करने और बिजली आपूर्ति करने से इनकार कर दिया था।इसके बाद मप्र सरकार को निजीकरण का करार रद्द करना पड़ा था।आज अगर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण हो गया होता तो प्रयागराज के महाकुंभ के दौरान उज्जैन जैसे ही हालत खड़े होते। उन्होंने कहा कि प्रयागराज का महाकुंभ निजीकरण के साए में हो रहा है ऐसे में बिजली कर्मियों द्वारा प्रयागराज में किए गए उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए सरकार को निजीकरण के फैसले को तत्काल वापस लेना चाहिए। संघर्ष समिति ने कहा कि निजी क्षेत्र की विमानन कंपनियों ने महा कुम्भ के दौरान लखनऊ से प्रयागराज का किराया 36 हजार रुपए कर दिया है। यदि बिजली निजी क्षेत्र में होती तो महाकुम्भ में 20-30 रु प्रति यूनिट की दरों पर बिजली मिलती। निजीकरण का फैसला लेते समय यह भी सरकार को विचार करना चाहिए। आज भी बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में सभी जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाला।
संघर्ष समिति ने बताया कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के कुंभ नगर में 4 लाख 25 हजार अस्थाई बिजली कनेक्शन दिए गए हैं ।11/0.4 केवी के 85 विद्युत उपकेंद्र बनाए गए हैं । 182 सर्किट किलोमीटर एचटी लाइन बनाई गई है और 1400 सर्किट किलोमीटर एलटी लाइन बनाई गई है। कुंभ नगर में बिजली के 340 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाए गए है। कुम्भ नगर में सुचारू विद्युत आपूर्ति हेतु 52000 बिजली के खम्भे लगाए गए हैं। महाकुंभ में निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखने हेतु प्रत्येक विद्युत उपकेन्द्र पर दो सोर्स से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। कुछ प्रमुख विद्युत उपकेंद्रों पर तीन सोर्स से बिजली आपूर्ति का इंतजाम किया गया है। संघर्ष समिति ने कहा कि अस्थाई बिजली कनेक्शन देने के लिए विश्व में कहीं पर भी स्थापित किया गया यह सबसे बड़ा बिजली का नेटवर्क है।नासा के अंतरिक्ष केन्द्र ने महाकुम्भ की 75000 से अधिक एल ई डी लाइटों से रोशन बिजली व्यवस्था की तस्वीर जारी की है। संघर्ष समिति के निर्देश पर बिजली कर्मियों ने प्रयागराज में इतिहास रचा है। मौनी अमावस्या पर बिजली व्यवस्था से महाकुम्भ को और दिव्य बनाएंगे। संघर्ष समिति के निर्देश पर 29 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में लगभग 10 करोड लोगों को बिजली की किसी प्रकार की दिक्कत न हो इस हेतु तमाम बिजली कर्मचारी दिन-रात जुटे हुए हैं और श्रेष्ठतम बिजली व्यवस्था का कीर्तिमान बनाने के लिए तैयार है।29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में महाकुंभ में तथा पूरे प्रदेश में श्रेष्ठतम बिजली व्यवस्था बनाए रखने हेतु 29 जनवरी को पूरे प्रदेश में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। इस बीच पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के निर्णय के विरोध में आज भी प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर बिजली कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाल कर अपना विरोध दर्ज किया। राजधानी लखनऊ में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय पर बिजली कर्मचारियों ने मोमबत्ती जुलूस निकाला। वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर,सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अलीगढ़, मथुरा, एटा,झांसी ,बांदा ,पनकी ,परीक्षा, ओबरा, अनपरा में बिजली कर्मियों के विरोध प्रदर्शन हुए और मोमबत्ती जुलूस निकाले गए।
हाउस टैक्स बकाये पर 14 भवन स्वामियों को नोटिस
हाउस टैक्स नहीं जमा करने वालों के खिलाफ नगर निगम ने अभियान तेज कर दिया है। विभिन्न जोन में सीलिंग और कुर्की की कार्रवाई नगर आयुक्त महोदय के आदेश पर की जा रही हैं। शहर में आवासीय भवनों व कमर्शियल प्रॉपर्टी की मंगलवार को सीलिंग की गई। इसके साथ ही कुर्की के आदेश भी जारी किए गए हैं। ऐसे में जोन-1 व जोन-8 में 14 भवनों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की गई। कार्रवाई के समय कई भवन स्वामी ने मौके पर ही पार्ट पेमेंट भी किया। ऐसे में जोन एक और 8 में कार्रवाई के बाद 03 लाख 90 हजार रुपाये जमा कराए गए। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने सभी जोनल अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि जितने भी टैक्स बकायदार हैं उनपर तेजी से कार्रवाई की जाए।
जोन-01 कें अंतर्गत वार्ड हजरतगंज-रामतीर्थ में बड़े बकाएदारों के खिलाफ कुर्की/सीलिंग की कार्रवाई की गई। अभियान के दौरान 04 भवनों से 3,90,000 रुपये पार्ट पेमेंट के रूप में जमा कराया गया। राम तीर्थ मार्ग निवासी बद्री यादव का 3,34,573.34 रुपये बकाया है। नगर निगम की टीम सीलिंग की कार्रवाई के लिए जब कार्रवाई के लिए पहुंची तो भवन स्वामी ने हाउस टैक्स को लेकर आपत्ति दर्ज कारवाई है। राम तीर्थ मार्ग निवासी राम दास का 4,22,735.15 रुपये बकाया है। उन्होंने 90,000 रुपये मौके पर जमा कराए और टैक्स को लेकर आपत्ति दर्ज कारवाई है। राम तीर्थ मार्ग निवासी राम दास का 2,32,687.29 रुपये बकाया हैं। उन्होंने 01 लाख 50 हजार रुपये टैक्स जमा कराया है और आपत्ति दर्ज कारवाई है। बी.सी.पी. भागर्व का 3,91,581.84 रुपये बकाया है। सीलिंग के लिए जब टीम पहुंची तो उनके किराएदार ने टैक्स को लेकर आपत्ति दर्ज करवाई है। होटल नरेश का 2,34,691.11 रुपये बकाया है। सीलिंग के लिए जब टीम पहुंची तो उन्होंने 1,00,000 रुपये का भुगतान पार्ट में किया है। सेठ किशोरी का 1,01,379.34 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। टीम जब सीलिंग के लिए पहुंची तो उन्होंने पार्ट पेमेंट के नाम पर 50,000 रुपये का पार्ट पेमेंट किया है। राणा प्रताप मार्ग साउथ साइड निवासी विष्णु भगवान अग्रवाल का 5,39,048.8 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। राणा प्रताप मार्ग साउथ साइड निवासी विष्णु भगवान अग्रवाल का 6,94,532.35 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। टीम जब सीलिंग के लिए उनके घर पहुंची तो उन्होंने टैक्स को लेकर आपत्ति दर्ज कारवाई है। जोन-8 में अभियान में कुल 04 भवनों पर कुर्की,सीलिंग की कार्रवाई की गई। अभियान में कुर्की,सीलिंग के आज के अभियान में 06 भवनों को नोटिस जारी की गई थी।औरंगाबाद जागीर मोहल्ला सेका इंटरप्राइजेज जन सेवा केन्द्र का 2,58,066 रुपये हाउस टैक्स बकाया था। जिसके चलते उसे सील किया गया है।औरंगाबाद जागीर स्थित खान ट्रेडर्स का 89,860 रुपये हाउस टैक्स बकाया था। जिसके चलते इस कमर्शियल प्रॉपर्टी को सील किया गया है। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सुजीत कुमार गुप्ता, सतेन्द्र कुमार गुप्ता व आशीष कुमार की प्रॉपर्टी का 1,90,390 रुपये बकाया था। टैक्स नहीं जमा होने पर उसे सील किया गया है।509 ट्रांसपोर्ट नगर स्थित अष्ठा होटल का 91,781 रुपये हाउस टैक्स बकाया था। टैक्स समय पर नहीं जमा करने के चलते उसे सील किया गया है।
यूपीएस का जमकर किया विरोध, मांग नहीं मानी गई तो होगा बड़ा आंदोलन
नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञ ने बताया कि नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के आह्वान पर आज पूरे देश मे यूपीएस का विरोध केंद्र व राज्य सरकार के सभी शिक्षकों व कर्मचारियों ने यूपीएस को अपने कार्य स्थल पर प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रकट किया। सुबह से ही कर्मचारी हो चाहे राज्य के हो य केन्द्र सभी अपने स्कूल, कॉलेज कार्यालय पर यूपीएस के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया और साथ ही यूपीएस लिखी प्रतियो को जलाया। एनपीएस /यूपीएस गो बैक कम बैक के नारे लगाये और साथ ही उसने संदेश देने की कोशिश किया कि हमें किसी भी हाल में एनपीएस,यूपीएस मंजूर नहीं है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने इस अवसर पर कहा कि एक तरफ जहां शिक्षक व कर्मचारी एनपीएस से परेशान होकर सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहा था वहीं सरकार ने यूपीएस लाकर शिक्षकों व कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात कर दिया । इसलिये आज कर्मचारियों ने अपने कार्यस्थल पर यूपीएस के प्रति अपना विरोध जताकर सरकार से एनपीए व यूपीएस समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की। यदि सरकार ने इसके बाद भी नहीं सुना तो देश में बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी।