LUCKNOW:विधानसभा सत्र स्थगित,स्पीकर ने जताया सदस्यों का आभार,क्लिक करें और भी खबरें

 -72 घण्टे 56 मिनट रही सदन की कार्यवाही की समयावधि,सदन में सदस्य जो वायदा करें, पूरा करे-खन्ना

  • REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK

लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा के वर्ष 2025 का प्रथम सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। सदन की कार्यवाही में  समयावधि 72 घंटे 56 मिनट रही। दस उपवेशनों के सत्र में स्थगन रहित समयावधि 69 घंटे 20 मिनट रही,जबकि सदन की कार्यवाही 03 घंटा 36 मिनट के लिए स्थगित हुई।18वीं विधान सभा के लिए गत 18 फरवरी से 05 मार्च तक के बजट सत्र में  नियम-300 के अंतर्गत प्राप्त सूचनाओं की संख्या 18, सुनकर अग्राह की गयी सूचनाए 05ं तथा अस्वीकार की गई सूचनाओं की संख्या 13 रही। नियम-301 के तहत  695 सूचनाएं प्राप्त हुई जिनमें -346 स्वीकृत एवं 349 अस्वीकृत हुई। कार्यवाही के दौरान प्राप्त प्रश्न-2747, स्वीकृत तारांकित प्रश्न -549, अतारांकित प्रश्न -1568 रहे।  ताराकिंत उत्तरित प्रश्न- 128 तथा अतारांकित उत्तरित प्रश्नों की संख्या -1039 रही।  2747 प्रश्नों में 2473 यानि  90.02 प्रतिशत प्रश्न आनलाइन प्राप्त हुए। नियम-56 के अन्तर्गत 74 सूचनाएं प्राप्त हुई, 17 ग्राह्यता हेतु सुनी गयी जबकि नियम -51 के अर्न्तगत 884 प्राप्त सूचनाओं में 35 वक्तव्य, 25 केवल वक्तव्य, 309 ध्यानाकार्षण हेतु तथा 515 अस्वीकार की गयी। नियम-103 के अंतर्गत प्राप्त 14 प्रस्तावों में सभी अग्राह्य हुए। इस सत्र में 951 याचिकाएं प्राप्त की गयी जिसमें 771 ग्राहय, 10 अग्राहय तथा 170 व्यपगत याचिकाएं रही।राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चार दिन चर्चा हुई। चर्चा में 147 सदस्यों ने प्रतिभाग किया। इनमें सत्ता पक्ष के 98 तथा विपक्ष के 49 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया। वित्तीय वर्ष 2025- 2026 के आय  व्ययक पर साधारण चर्चा 04 दिन हुई। इसमें  94 सदस्यों ने प्रतिभाग किया। इसमें सत्ता पक्ष के 60 सदस्यों एवं विपक्ष के 34 सदस्यों ने भाग लिय। आय व्ययक की मदवार चर्चा के 02 दिनों में 57 सदस्यों ने प्रतिभाग किया।  सत्ता पक्ष के 28 तथा विपक्ष के 29 सदस्यों ने प्रतिभाग किया। 03 विधेयक विचारण एवं पारण के लिए प्रस्तुत किए गए। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान संशोधन विधेयक 20252-उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास संशोधन विधेयक 20253 उत्तर प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 सत्र समापन पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नेता सदन योगी आदित्यनाथ सहित नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांण्डेय समेत सभी दलीय नेताओं का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सदन में सदस्य जो भी वायदा अपने क्षेत्र में करें उसे पूरा जरूर करे,वरना इससे साख गिरेगी।  सदस्य जो भी कहें उसे  पूरा जरूर करें। उन्होंने कहा कि विधायक पुस्तकालय में जाकर अध्ययन करें। जितनी अधिक जानकारी होगी उतने ही बेहतर तरीके से अपनी बात रख सकेंगे। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नई तकनीक होने से विधानसभा की कार्यवाही में सभी विधायकों को काफी सहयोग मिल रहा है। इस कारण यूपी विधानसभा का महत्व बढा है। अपना दल एस से  आशीष पटेल, राष्ट्रीय लोकदल के नेता प्रदीप कुमार सिंह, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आमदल के नेता रमेश सिंह, भारतीय सुहेलदेव पार्टी के नेता बेदीराम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता आराधना मिश्रा ‘मोना,समेत कुछ अन्य सदस्यों ने भी सदन के कुशल संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किय।

हर विधायक विधानसभा का ब्रांड एम्बेसडर-महाना

-एआई से लैस होगी उत्तर प्रदेश विधानसभा

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि प्रदेश की विधानसभा अब एक नए स्वरूप में समाज के हर वर्ग तक अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करा रही है। यह सकारात्मक परिवर्तन सदन के प्रत्येक सदस्य के प्रयासों का परिणाम है, जिसके लिए वे सभी प्रशंसा के पात्र हैं। श्री महाना ने कहा, विधानसभा का प्रत्येक सदस्य  सदन का ब्रांड एम्बेसडर है। यह विधानसभा हम सबकी है, और यहां हर सदस्य मेरे लिए सम्माननीय है।बजट सत्र के समापन अवसर पर सदन  को संबोधित करते हुए श्री महाना ने कहा, हमारी विचारधाराएं भिन्न हो सकती हैं, हमारे मत अलग हो सकते हैं, लेकिन हम सभी का उद्देश्य एक ही है,’जनसेवा’। जनता अब पहले से अधिक जागरूक है और  प्रतिनिधियों से यह जानना चाहती है कि उन्होंने उनके लिए क्या कार्य किए हैं।उन्होंने कहा कि पहले विधानसभा की कार्यवाही को लेकर नकारात्मक चर्चाएं अधिक होती थीं, लेकिन अब परिस्थितियां बदली हैं। प्रत्येक विधायक को यह स्मरण रखना चाहिए कि उनके क्षेत्र की जनता उनकी गतिविधियों पर सतर्क दृष्टि रखती है। अब मतदाता यह तक जानने को उत्सुक रहते हैं कि उनका प्रतिनिधि सदन में कहां बैठा था और किन मुद्दों पर उसने अपनी आवाज बुलंद की। सोशल मीडिया के इस युग में विधानसभा की कार्यवाही जन-जन तक सहजता से पहुंच रही है, प्रत्येक विधायक को अपने आचरण एवं भूमिका को उसी गंभीरता से निभाना चाहिए।विधानसभा अध्यक्ष ने कहा  कि सदन का आधिकारिक मोबाइल ऐप लॉन्च हो चुका  है, जिसमें इसकी स्थापना से लेकर अब तक के महत्वपूर्ण भाषण एवं जानकारियां उपलब्ध हैं। उन्होंने विधायकों से आग्रह किया कि वे इस ऐप का अवश्य उपयोग करें और अपने क्षेत्र की जनता को विधानसभा का भ्रमण कराकर इसकी कार्यप्रणाली से परिचित कराएं, जिससे विधायिका के प्रति जनमानस का दृष्टिकोण और अधिक सकारात्मक बन सके।उन्होंने घोषणा की कि आगामी वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश विधानसभा को एआई से लैस किया जाएगा, जिससे प्रत्येक विधायक की संपूर्ण जानकारी डिजिटल माध्यम से उपलब्ध होगी।अपने संबोधन के अंत में श्री महाना ने संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना सहित समस्त मंत्रिमंडल एवं विपक्षी दलों के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी को आगामी होली एवं रमज़ान की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि ये पर्व सभी के जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि लेकर आएं।

माध्यमिक शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही खातिर नागरिक घोषणा-पत्र जारी

माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी ने बुधवार को माध्यमिक शिक्षा विभाग के नागरिक घोषणा-पत्र का विमोचन सचिवालय स्थित तिलक हाल में किया। इस घोषणा-पत्र के तहत शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों और विद्यार्थियों को दी जाने वाली सेवाओं के निस्तारण की समय सीमा तय की गई है, जिससे विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि नागरिक घोषणा-पत्र माध्यमिक शिक्षा में अनुशासित कार्य-संस्कृति विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से जनहित से जुड़ी आवश्यक सेवाओं को चिह्नित कर उनकी समयबद्ध स्वीकृति की जाएगी। राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों के सेवा-सम्बंधी मामलों जैसे अवकाश, पेंशन, प्रोन्नति, वेतनमान, जीपीएफ और मृतक आश्रित नियुक्तियों के निस्तारण के लिए भी स्पष्ट समय-सीमा तय की गई है।मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप इस घोषणा-पत्र से त्वरित, पारदर्शी, सुगम, जवाबदेही और जन-हितैषी व्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इससे विभागीय कार्यों में न केवल गति आएगी, बल्कि शिक्षकों और विद्यार्थियों को भी समय पर सेवाएं प्राप्त होंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घोषणा-पत्र का पालन सख्ती से किया जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए।घोषणा-पत्र के तहत यदि किसी प्रकरण का निर्धारित समय-सीमा में निस्तारण नहीं किया जाता है, तो अपीलीय अधिकारी संबंधित अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा कर सकते हैं। प्रत्येक कार्यालय के प्रवेश द्वार पर प्रथम व द्वितीय अपीलीय अधिकारियों के नाम और संपर्क विवरण मोटे अक्षरों में लिखवाने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि आवेदकों को किसी भी समस्या का समाधान तुरंत मिल सके।इस घोषणा-पत्र में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद और उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के विद्यार्थियों के परीक्षा, प्रमाणपत्र व अन्य संबंधित मामलों के निस्तारण की भी समय-सीमा तय की गई है। इसके साथ ही पुस्तकालय अनुभाग शिविर कार्यालय से संबंधित सेवा प्रकरणों को समयबद्ध निस्तारित करने की व्यवस्था की गयी है।घोषणा-पत्र में यह भी प्रावधान किया गया है कि राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों, कर्मचारियों के सभी प्रकार के अवकाश अब ‘मानव संपदा पोर्टल’ के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत किए जाएंगे। इससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी आएगी और शिक्षकों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव के के गुप्ता, आलोक कुमार, उमेश चंद्र, निदेशक डॉ महेंद्र देव, अपर निर्देशक अजय कुमार द्विवेदी, संयुक्त निदेशक विष्णुकांत पाण्डेय, प्रदीप कुमार, उपनिदेशक विवेक नौटियाल सहित वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

बजट का एक भी पैसा लैप्स नहीं होना चाहिए-जयवीर

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  जयवीर सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि चालू वित्तीय वर्ष के समाप्ति से पूर्व सभी मदों में आवंटित धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग करें। किसी भी दशा में बजट का सरेन्डर न किया जाए। निर्माणाधीन परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करें। कार्य समाप्ति हो जाने के बाद संबंधित योजना का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें।संस्कृति मंत्री आज पर्यटन भवन में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की वित्तीय प्रगति तथा  योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने रिक्त पदों के सापेक्ष अधियाचन भेजने की कार्यवाही तेजी से पूरा करने के निर्देश दिये,  पदोन्नति के मामलों में किसी स्तर पर विलम्ब न किये जाने की हिदायत दी। पदरिक्त होने से योजनायें प्रभावित होती हैं। उन्होंने राज्य ललित कला अकादमी द्वारा मूर्ति निर्माण का कार्य भी समय से पूरा करने के निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त स्थापित मूर्तियों का भूतत्व खनिकर्म से धातु के मिश्रण की जांच की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिये। जयवीर सिंह ने तीर्थ विकास परिषदों के अंतर्गत अनुमोदित कार्ययोजना के सापेक्ष प्राप्त आगणनों एवं स्वीकृति की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 की मुख्य कार्ययोजना में स्वीकृति प्रस्तावों की कार्यदायी संस्थावार की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने पर्यटन नीति-2022 के तहत आवंटित एवं अवशेष धनराशि के बारे में समीक्षा की। लोकार्पण तथा शिलान्यास के लिए तैयार योजनाओं की सूची तैयार करने के निर्देश दिये।पर्यटन मंत्री ने संस्कृति विभाग की आय-व्यय की समीक्षा के दौरान लोक कलाकार वाद्ययंत्र योजना के अंतर्गत प्रदेश की ग्राम पंचायतों में वितरित किए जाने वाले वाद्य यंत्रों की जानकारी ली और 31 मार्च तक इनके वितरण के निर्देश दिया। बैठक में तय किया गया कि लोक कल्याण वाद्ययंत्र योजना के तहत मुख्य समारोह लखनऊ में आयोजित किया जाए। मंडलों में कार्यक्रम आयोजित कर कलाकारों को वाद्य यंत्र वितरित किए जाए। मंत्री ने निर्देश दिया कि मंडल स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से वाद्ययंत्रों का वितरण कराया जाए। लोक कलाकार वाद्ययंत्र योजना के तहत प्रदेश की ग्राम पंचायतों को संस्कृति विभाग द्वारा लोक कलाकारों के हितार्थ एवं ग्राम पंचायतों में सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए वाद्य यंत्रों का एक-एक सेट वितरित किया जा रहा है। मण्डलीय जनपदों से 10-10 चयनित ग्राम पंचायतों और शेष जनपदों से 5-5 ग्राम पंचायतों का चयन जिलाधिकारी के माध्यम से किया जा रहा है। योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले वाद्य यंत्रों में हारमोनियम, ढोलक, मंजीरा और घुंघरू आदि शामिल हैं।बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति  मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, निदेशक पर्यटन  प्रखर मिश्र, पर्यटन सलाहकार जेपी सिंह, वित्त अधिकारी एवं अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

महाकुंभ मेला के सफल आयोजन के लिए पर्यटनकर्मी सम्मानित,महाकुंभ  ने आस्था से अर्थव्यवस्था तक को किया मजबूत -जयवीर 

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 के सफल आयोजन में उत्कृष्ट योगदान के लिए पर्यटन विभाग, यूपीएसटीडीसी पर्यटन निगम और पर्यटन पुलिस बल के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान  में आयोजित आज विशेष कार्यक्रम में मंत्री जयवीर सिंह ने उत्कृष्ट योगदान के लिए कनिष्ठ से वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों एवं अन्य को सम्मानित किया। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अपने संबोधन में प्रयागराज महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन के लिए प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम को विशेष आभार व्यक्त किया। विशेष सचिव ईशा प्रिया और निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा और पर्यटन निदेशालय के कर्मचारियों की उनके सराहनीय कार्य के लिए प्रशंसा की। उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम और पर्यटन पुलिस बल की भूरी-भूरी प्रशंसा की।मंत्री जयवीर सिंह ने संबोधित करते हुए कहा, दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सनातन पर्व महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन में सभी का योगदान रहा है। भारत और चीन की आबादी के बाद महाकुंभ में जिस तरह 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का प्रयागराज में आना हुआ, वह स्वयं में अकल्पनीय है। महाकुंभ ऐसा आयोजन था जिसने भारत को सनातन संस्कृति की अखंड धारा से जोड़े रखा। आधुनिक तकनीक के साथ एकता के सन्देश ने महान आध्यात्मिक आयोजन को सफल बनाने में महती भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  के मार्गदर्शन में महाकुंभ का सफल आयोजन सम्पन्न हुआ, जिसने वैश्विक स्तर पर भारत की विशिष्ट पहचान दिलायी। विश्व को एकता और बंधुत्व का संदेश दिया। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागम में 66 करोड़ से अधिक की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, जो बेस्ट मैनेजमेंट के बिना संभव नहीं था। महाकुंभ के इतने बड़े आयोजन में किसी अप्रिय घटना का न होना कुशल प्रबंधन क्षमता को दर्शाता है। महिलाओं का कुम्भ क्षेत्र से अपने गंतव्य तक सकुशल वापस जाना, हमारी सफलताओं में पहले पायदान पर रहा।प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने सम्मान समारोह में महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए पर्यटन विभाग, यूपीएसटीडीसी कर्मियों और पर्यटन पुलिस बल को शुभकामनाएं दी। महाकुंभ यादगार यादें और अद्वितीय अनुभव देकर गया है। प्रबंधन के गुर और चुनौतियों से सामना करना भी सिखाया। कुम्भ क्षेत्र आगंतुकों के अपने कर्मों की छाया से उबरने का स्थल बना। विश्व इस अद्भुत आयोजन का साक्षी बना। पर्यटन मंत्री के मार्गदर्शन में महा आयोजन का सफलतापूर्वक संपन्न होना हमारे लिए गर्व की बात है।

मंत्री राकेश सचान ने किया होली पर्व पर खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का शुभारंभ

खादी और ग्रामोद्योग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से खादी तथा ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने बुधवार को खादी भवन डालीबाग लखनऊ में ‘होली के शुभ अवसर पर 5 दिवसीय लघु खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी’ का उद्घाटन किया। उन्होंने मुख्य द्वार पर फीता काटकर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

मंत्री राकेश सचान ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पादों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने और उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 18 मंडलों में खादी एवं ग्रामोद्योगी प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया है, जिसमें 2372 स्टाल लगे और 4423.67 लाख रुपये की बिक्री हुई। प्रयागराज महाकुंभ में आयोजित खादी स्टालों पर 13.84 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई। इसी क्रम में राजधानी लखनऊ में पहली बार बोर्ड परिसर में यह प्रदर्शनी आयोजित की गई है।मंत्री ने कहा कि खादी केवल वस्त्र नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जो स्वदेशी, स्वच्छता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खादी को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जा रहा है, जिससे युवाओं में इसकी लोकप्रियता बढ़ी है। उन्होंने यह भी बताया कि खादी उत्पादों का निर्माण अब फिट जैसी वैश्विक संस्थाओं के सहयोग से किया जा रहा है।मंत्री ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग विभाग स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित ‘खादी महोत्सव-2025’ में 133 इकाइयों ने भाग लिया और 2.54 लाख रुपये की बिक्री दर्ज की। उन्होंने उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि प्रदेश में खादी से जुड़े लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं और सरकार इस क्षेत्र में और अधिक संभावनाएं तलाश रही है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. उज्ज्वल कुमार ने बताया कि प्रदर्शनी 9 मार्च तक खादी भवन परिसर में चलेगी, जहां आगंतुक खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की खरीदारी कर सकते हैं। 35 स्टालों पर स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी में लखनऊ मंडल के विभिन्न जनपदों के उद्यमियों द्वारा अपने उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इसमें हर्बल गुलाल, पापड़, बरी, नमकीन, शहद, आंवला उत्पाद, खादी वस्त्र, रेशमी व शिल्क साड़ियां, तौलिये, कुर्ता-पायजामा और हस्तकला उत्पाद शामिल हैं। खादी बोर्ड जनसामान्य तक योजनाओं को पहुंचाने और न्यूनतम पूंजी निवेश में अधिक रोजगार उत्पन्न करने के लिए कार्यरत है।
प्रदर्शनी का शुभारंभ गणेश वंदना के साथ हुआ, जिसके बाद स्थानीय कलाकारों ने होली गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। इस अवसर पर बोर्ड के संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी, सिद्धार्थ यादव, वरिष्ठ संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी खादी राजीव त्यागी, योजनाधिकारी (प्रचार-प्रसार) विनोद श्रीवास्तव, सहायक विकास अधिकारी अमित त्रिपाठी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 का अधिक से अधिक लाभ उठायें उद्यमी,महिला सशक्तीकरण व स्वावलंबन के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति वरदान-केशव

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 देश की सर्वाेत्तम नीति में से एक है, जिसके माध्यम से प्रत्येक क्षेत्र को आच्छादित करने की योजना है। उद्यमी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 का अधिक से अधिक लाभ उठायें। महिला सशक्तीकरण व स्वावलंबन के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति वरदान साबित होगी।
उप मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इच्छुक उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और कृषक उत्पादक संगठन आदि को इस नीति का लाभ उठाने हेतु  प्रेरित व जागरूक किया जाय। उन्होने निर्देश दिए हैं कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति व उसकी विशेषताओं, उद्यम लगाने हेतु दिये जाने वाले अनुदान और अन्य प्राविधानित सुविधाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराकर लोगों को लाभ दिलाया जाए। इस नीति के अन्तर्गत परियोजना लागत का 35 प्रतिशत से 50 प्रतिशत अधिकतम रू 10 करोड़ तक का अनुदान अनुमन्य है। महिला सशक्तिकरण हेतु ग्रामीण क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना में 75 केवीए तक लागत का 90 प्रतिशत सौर ऊर्जा परियोजना पर अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है तथा अन्य उद्यमियों के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिये जाने का प्राविधान है। प्रदेश में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन पीएम एफएमई योजना के अन्तर्गत परियोजना लागत का 35 प्रतिशत यानि अधिकतम रु 10 लाख तक का अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।उप मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों व जागरूक लोगों से भी अपेक्षा की है कि वह अपने-अपने क्षेत्र के इच्छुक उद्यमियों, महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों, एफपीओ आदि को लाभ दिलाने हेतु जनहित व समाज हित में सार्थक प्रयास करें, महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी यह महत्वपूर्ण कदम है। सरकार सभी इच्छुक लोगों को इस योजना का भरपूर लाभ दिलाने हेतु प्रतिबंध, संकल्पबद्ध व कटिबद्ध है।
उन्होने कहा है कि इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन से जहां किसानों के उत्पादों का अधिक से अधिक प्रसंस्करण होगा, उनका कोई भी उत्पाद खराब नहीं होगा, इससे  प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का बेहतर लाभ प्राप्त होगा, साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगा। इस योजना का लाभ उद्यमी निवेश मित्र के वेब-पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करते हुए लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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