-बैंक फ्राड से बचाव के लिए कड़ा कानून लागू करने की मांग
-राज्यसभा सदस्य ने सदन में उठाया बैंकिंग फ्रॉड के बढ़ते मामलों का मुद्दा
REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
नई दिल्ली/लखनऊ। भाजपा के राज्यसभा सदस्य संजय सेठ ने सोमवार को राज्यसभा में बैंकिंग फ्रॉड के बढ़ते हुए मामलों का मुद्दा उठाते हुए इससे बचाव के लिए सरकार से कड़ा कानून लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया जाना चाहिए। श्री सेठ ने कहा कि बैंकों की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अनिवार्य तकनीकी अपग्रेडेशन किया जाए। छोटे और ग्रामीण बैंकों को भी अत्याधुनिक सिक्योरिटी सिस्टम से जोड़ा जाए। साइबर अपराधों की जांच के लिए एक विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जाए ताकि पीड़ितों को जल्द न्याय मिले। साथ ही उन्होंने साइबर ठगी के शिकार हुए लोगों के लिए एक मुआवजा कोष बनाने की मांग भी की, जिससे निर्दोष लोगों की खोई हुई राशि वापस मिल सके।
श्री सेठ ने कहा कि आज देश के करोड़ों नागरिक तेजी से बढ़ते साइबर और बैंक फ्रॉड के कारण आर्थिक और मानसिक पीड़ा झेल रहे हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 2023-24 में बैंक धोखाधड़ी के 18,461 मामले सामने आए, जिनमें लोगों को ₹21,367 करोड़ का नुकसान हुआ है जो पिछले वर्ष की तुलना में 8 गुना अधिक है। इसमें 44.7% मामले इंटरनेट और कार्ड फ्रॉड से जुड़े हैं और 85.3% मामले संख्या के हिसाब से साइबर अपराध के हैं। आंकड़ों के अनुसार 2025 तक भारत में ₹20,000 करोड़ का नुकसान केवल साइबर अपराधों की वजह से होने का अनुमान है, जिसमें से ₹9,000 करोड़ सिर्फ ब्रांड नेम के दुरुपयोग से होने की आशंका है। सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर बैंकिंग और फाइनेंस है, जहां ₹8,200 करोड़ का नुकसान आंका गया है। आरबीआई के आरटीआई डेटा के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020 से 2024 के बीच 5,82,000 साइबर फ्रॉड मामलों में ₹3,207 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
श्री सेठ ने आगे कहा कि भारत में लाखों लोग डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग करते हैं लेकिन सुरक्षा उपायों की कमी के कारण उनकी मेहनत की कमाई कुछ सेकंड में लुट जाती है। उन्होंने उदाहरण पेश करते हुए कहा कि एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी के लिए वर्षों तक पैसे जोड़े थे। लेकिन शादी से ठीक पहले एक साइबर अपराधी ने उनकी बैंक डिटेल्स हैक करके खाते से लाखों रुपये निकाल लिए। शादी की तैयारियां रुक गईं, परिवार सदमे में आ गया और वह व्यक्ति अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी को लेकर पूरी तरह टूट गया। ऐसे हजारों मामले हैं जहां लोगों ने अपने घर के लिए जमा की गई जीवनभर की बचत खो दी। बुजुर्गों की पेंशन अकाउंट से गायब हो गई और कई छोटे व्यापारियों की पूंजी खत्म हो गई। भारत जैसे तेजी से डिजिटल होते देश में, जहां सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रही है, वहां नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उतनी ही प्राथमिक होनी चाहिए।
श्री सेठ ने इसे एक गंभीर मामला बताते हुए सरकार से मांग की कि साइबर बैंकिंग फ्रॉड के बढ़ते मामलों पर तत्काल ध्यान दिया जाए तथा इसकी रोकथाम के लिए कठोर एवं प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि हर नागरिक की मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके।