LUCKNOW:उपभोक्ता परिषद ने आयोग से उठाई मुआवजा की मांग,क्लिक करें और भी खबरें

-नोएडा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति मानक से कम: अवधेश वर्मा

  • REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निजीकरण के पहले प्रयोग नोएडा पावर कंपनी द्वारा 33 साल बाद भी लगभग 118 गांवो को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति न किए जाने के मामले में नोएडा पावर कंपनी घिरती जा रही है। नोएडा पावर कंपनी में कम बिजली दिए जाने का मुद्दा वहां के किसान यूनियन द्वारा उपभोक्ता परिषद को संदर्भित किया गया। जिसमें किसान नेताओं ने कहा 24 घंटे की बात तो दूर 14 घंटे बिजली मिल रही है। रोस्टर से भी कम बिजली नोएडा के गांव को दिए जाने के मामले में आज उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के सदस्य संजय कुमार सिंह को एक लोक महत्व जनहित प्रस्ताव सौंपा। प्रस्ताव में कहा गया कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि यूपीएसएलडीसी उत्तर प्रदेश स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर जो स्वतंत्र संस्था है। सभी बिजली निगमो की आपूर्ति की स्थिति पब्लिक डोमेन में डालती है। लेकिन आज तक नोएडा पावर कंपनी की रिपोर्ट क्यों नहीं सार्वजनिक की गई। जो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का उल्लंघन है। उपभोक्ता परिषद ने कंस्यूमर राइट रूल 2020 की धारा 10 के तहत नोएडा क्षेत्र के सभी उपभोक्ताओं को समान रूप से 24 घंटे बिजली न दिए जाने के मामले में आयोग के सामने यह भी मुद्दा उठाया कि सभी उपभोक्ताओं को मुआवजा दिलाया जाए। विद्युत नियामक अयोग नोएडा पावर कंपनी के पिछले 5 वर्षों के विद्युत आपूर्ति के आंकड़े मागे जिससे नोएडा पावर कंपनी के क्षेत्र में ग्रामीण उपभोक्ताओं को कितनी विद्युत आपूर्ति पिछले सालों में हुई है उसका सही आकलन सामने आए।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के उच्च अधिकारियों से आज पुनः उपभोक्ता परिषद की तरफ से बात की गई। जिस पर यूपीएसएलडीसी के उच्च अधिकारियों ने कहा नोएडा पावर कंपनी से विद्युत आपूर्ति की पूरी सूचना मांगी गई है। बहुत जल्दी सार्वजनिक डोमेन में सभी सूचनाओं को प्रदर्शित कराया जाएगा।उपभोक्ता प्रतिशत अध्यक्ष ने कहा भले ही प्रदेश के ऊर्जा मंत्री  बार-बार विधानसभा में नोएडा पावर कंपनी की तारीफ करते हैं लेकिन उन्हें यही नहीं ज्ञात है कि उनके अधीन काम करने वाला यूपीएसएलडीसी आज तक सरकारी क्षेत्र की बिजली की पूरी स्थिति किसको कितनी बिजली मिल रही है का आकलन पब्लिक डोमेन में डालता चला आ रहा है। लेकिन नोएडा पावर कंपनी 1993 के बाद से आज तक कभी विद्युत आपूर्ति के अपने आंकड़ों को यूपीएसएलडीसी अथवा सिस्टम लोड डिस्पैच सेंटर के सामने क्यों नहीं रखा।

बिजली कर्मियों ने शक्ति भवन घेरा,निजीकरण के विरोध में प्रांत भर में प्रदर्शन

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसलटेंट नियुक्त करने के लिए टेक्निकल बिड खोले जाने के विरोध में आज बिजली कर्मचारियों ने शक्ति भवन घेर लिया। बिजली कर्मियों के विरोध के चलते टेक्निकल बिड नहीं खोली जा सकी। बिड खोलने की तारीख 15 मार्च तक बढ़ाई गई है। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज प्रदेश भर में बिजली कर्मचारियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।राजधानी लखनऊ में आज सुबह से ही सभी कार्यालयों के बिजली कर्मचारी और अभियंता शक्ति भवन पहुंचने लगे और बिड खोलने के निर्धारित समय से पहले शक्ति भवन को घेर लिया। राजधानी लखनऊ के अलावा प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर भी आक्रोशित बिजली कर्मचारियों ने भोजन अवकाश के दौरान जोरदार विरोध प्रदर्शन किए।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली का निजीकरण जिस प्रकार से किया जा रहा है वह प्रक्रिया पूरी तरह से गैरकानूनी है। निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसलटेंट नियुक्त करने की निविदा में कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) के प्राविधान को हटा दिया गया है। यह सीवीसी की गाइडलाइंस का उल्लंघन है। ऐसा करने से यह आभास मिल रहा है कि निजीकरण के पीछे कोई जनहित नहीं है बहुत बड़ा घोटाला होने वाला है।
संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि 15 मार्च को प्रदेश के समस्त जनपदों परियोजना मुख्यालयों और राजधानी लखनऊ में और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। निजीकरण के विरोध में समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध के कार्यक्रम जारी रहेंगे। साथ ही माननीय जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन दो अभियान चलाया जाएगा जिसके तहत बिजली कर्मी समस्त जनपदों में माननीय सांसदों और माननीय विधायकों को निजीकरण के विरोध में ज्ञापन देंगे।
आज राजधानी लखनऊ के अलावा वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किए गए।

साक्षात्कार मामले पर घमासान जारी,प्रतिनिधिमंडल ने पिछड़ा वर्ग आयोग से की मुलाकात, सौपा ज्ञापन

प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में 17 निर्देशकों के पदों पर किसी भी विभागीय पिछड़े वर्ग व दलित अभियंता को साक्षात्कार के लिए ना बुलाए जाने का मामला अब और भी तूल पकड़ता जा रहा है।जहां उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने सबसे पहले अनुसूचित जाति जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटाया था। वही आज उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में पांच सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल ने आज पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा से इंदिरा भवन उनके कार्यालय में मुलाकात की और एक ज्ञापन सौपा। उन्होंने यह मुद्दा उठाया कि समाजवादी पार्टी की सरकार में बिजली कंपनियों में निदेशकों के पद पर पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू थी। बिजली कंपनियों मे आरक्षण को गलत तरीके से समाप्त तो किया और अब पिछड़े वर्ग के अभियंताओं को साक्षात्कार के लिए बुलाया भी नहीं गया, जो अपने आप में गंभीर मामला है।

उत्तर प्रदेश पावर ऑफीसर्स एसोसिएसन प्रतिनिध मंडल को पिछड़े वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा को बताया कि यह पूरा मामला बहुत गंभीर है। इस पर पिछड़ा वर्ग आयोग ने सुओ मोटा कार्यवाही करते हुए पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष व आपर मुख्य सचिव ऊर्जा को कल 11 मार्च को तलब किया है। उन्हें पूरी पत्रावली भी आयोग के सामने प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया गया है। आयोग किसी भी हालत में पिछड़े वर्ग के अभियंताओं के साथ कोई भी अन्याय नहीं होने देगा।पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आर पी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा ने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जी से मिलकर आज प्रदेश के दलित व पिछले वर्गों के तरफ से उनका आभार व्यक्त किया गया कि आयोग ने पहले से ही सुवो मोटा कार्यवाही शुरू कर दी है संगठन को पूरी उम्मीद है कि पिछड़े वर्गों के साथ कोईअन्याय नहीं होने पाएगा।

हृदयेन्द्र प्रताप सिंह पुनः अध्यक्ष निर्वाचित

उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक निदेशालय मिनिस्टीरियल सेवा संघ का कार्यकारिणी चुनाव सम्पन्न हुआ। चुनाव हेतु 13 पदों पर चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न करायी गयी। जिसमें अध्यक्ष एक पद हेतु 02 उम्मीदवारों, महासचिव एक पद हेतु 01 उम्मीदवार तथा उपाध्यक्ष के दो पदों हेतु 02 उम्मीदवारों द्वारा नामांकन किया गया। महासचिव एवं उपाध्यक्ष के निर्विरोध निर्वाचित होने के कारण निर्वाचन अधिकारी द्वारा संघ के अध्यक्ष के पद हेतु मतदान कराया गया।

चुनाव अधिकारी ने बताया कि कुल 25 सदस्यों में 21 सदस्यों द्वारा मतदान किया गया। चुनाव के परिणाम स्वरूप अध्यक्ष हेतु प्रत्याशी हृदयेन्द्र प्रताप सिंह को कुल 11 मत तथा अध्यक्ष हेतु द्वितीय प्रत्याशी सुरेन्द्र प्रताप यादव कुल 10 मत प्राप्त हुए। इस प्रकार चुनाव अधिकारी श्रीमती नीलम द्विवेदी, संयुक्त निदेशक, होम्योपैथिक निदेशालय, लखनऊ द्वारा अध्यक्ष पद हेतु हृदयेन्द्र प्रताप सिंह तथा महासचिव पद हेतु रघुकुल तिलक तथा उपाध्यक्ष के 02 पदों हेतु प्रभात कुमार एवं राजदीप कुमार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। मंत्री पद पर बद्री मिश्रा,  दीपिका सिंह मनोनीत निर्वाचित, संयुक्त सचिव सत्यदेव मिश्रा, अनुराधा पाण्डेय मनोनीत निर्वाचित, संगठन मंत्री आकांक्षा, सुनील तिवारी मनोनीत निर्वाचित किए गए। नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने राज्य कर्मचारी महासंघ जवाहर भवन इन्दिरा भवन के अध्यक्ष सतीश पाण्डेय से मिलकर अपनी संगठन की तरफ से धन्यवाद ज्ञापित किया।

आउटसोर्सिग कार्मिको का मानदेय बढ़ा, सेवा नियमावली जारी

उ.प्र. लेखा एवं लेखा परीक्षा सेवा परिसंघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार का जताया है कि उन्होंने उ.प्र. आउटसोर्स सेवा निगम की सेवा नियमावली जारी की, आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय की बेसिक दरें तय करने पर प्रदेश के लाखों आउटसोर्स कार्मिकों में खुशी की लहर दौड़ गयी है।
परिसंघ के  प्रदेश महामंत्री शरद शुक्ला ने खुशी जताते हुए बताया कि परिसंघ ने . मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि प्रदेश में लाखों आउटसोर्स कर्मी काम कर रहे है जो बड़ी निष्ठा से काम करते हुए परन्तु इनका मानदेय कम होने से हमेशा तनाव ग्रस्त रहते है। यदि सरकार इन छोटे कर्मियों का ध्यान देगी तो बहुत अच्छा होगा। परिसंघ द्वारा उठायी गयी आवाज को मुख्यमंत्री ने बजट सदन के दौरान आउटसोर्स कर्मियों को ध्यान देते हुए उप्र आउटसोर्स सेवा निगम की सेवा नियमावली जारी की और विभिन्न पदों के लिए मानदेय भी तय कर दिया है जिससे प्रदेश के लाखों कर्मियों में खुशी लहर है।

Aaj National

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