सवाधान: बिना टेस्ट पास किए थोक में लगा डाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर,क्लिक करें और भी खबरें

-गाइडलाइन का खुला उल्लंघन कठोर कार्यवाही क्यों ?

  • REPORT BY: PREM SHARMA || AAJNATIONAL NEWS DEASK

लखनऊ।पूरे उत्तर प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों मे 628799 स्मार्ट प्रीपेड मीटर विद्युत उपभोक्ताओं के घर में लगा दिए गए हैं। बडे आश्चर्य की बात है यह कि जितने भी मीटर लगाने वाली जीएमआर, इनटैली स्मार्ट, पोलारिस, जीनस किसी ने भी पूरी तरह फील्ड इंस्टॉलेशन और इंटीग्रेशन टेस्ट सहित साइड एक्सेप्टेंस टेस्ट पास नहीं किया है। उसमें बडे पैमाने पर कमियां सामने आई है इसके बावजूद भी पावर कॉरपोरेशन मीटर लगाने पर रोक न लगाकर उनकी कमियों को एक तरफ सही करवा रहा है। दूसरी तरफ बिना हार्डवेयर सॉफ्टवेयर साइबर सिक्योरिटी टेस्टेड मीटर उपभोक्ताओं के घर पर लगाए जा रहे हैं जो पूरी तरह गलत है। मीटर लगाने वाली कंपनियां भारत सरकार में कुछ उच्च अधिकारियों के साथ-साठ गांठ करके जल्द से जल्द आधी अधूरी जांच पूरी कराकर पेमेंट लेना चाहती है। बिजली उपभोक्ता परिषद के अनुसार बिजली कंपनी कुल लगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्धारित 5 प्रतिशत चेक मीटर कानून जब 5 प्रतिशत चेक मीटर नहीं स्थापित किए गए तो आज की समीक्षा बैठक में उन पर कठोर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। क्या समीक्षा बैठक केवल औपचारिकता करने के लिए की जाती है। प्रबंधन इस पर ध्यान दें इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी ।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा जहां पूरे प्रदेश के स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियों की अवकाश के दिन पावर कारपोरेशन में हो रही थी। इसमें सभी मीटर निर्माता कंपनियों की टेस्टिंग का जो खुलासा हुआ है। उसमें बडे पैमाने पर कमियां सामने आ रही है। सबसे चौंकाने वाला मामला यह है कि सबसे पहले मी निर्माता कंपनियों को एफआईआईटी टेस्ट पास करना होता है। इसके बाद एसएटी टेस्ट होता है। लेकिन कुछ कंपनियों ने दादागिरी करते हुए दोनों टेस्ट एक साथ शुरू कर दिया है। जब उसमें बडे पैमाने पर कमियां सामने आ रही है तो वह बिजली कंपनियों पर दबाव डालकर गो लाइव कराने की कोशिश करने में जुटी है। जबकि कानूनन यह सभी स्मार्ट प्रीपेड मीटर जो उपभोक्ताओं के परिसर पर लगे हैं अभी यह पूरी तरह पास नहीं है। इसलिए अभिलंब पावर कारपोरेशन को स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने पर रोक लगा देनी चाहिए। जब स्मार्ट प्रीपेड मीटर पूरी तरह सॉफ्टवेयर हार्डवेयर और साइबर सिक्योरिटी में पास हो जाए इसके बाद ही उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगना चाहिए। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा आज पावर कारपोरेशन ने जब स्वतः समीक्षा में यह देख लिया कि सभी मीटर कंपनियों में में बडे पैमाने पर कमियां सामने आ रही हैं तो फिर ऐसे में कमियो वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर क्यों लगाई जा रहे हैं। इसक जांच होना चाहिए।ऐसे में क्या पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के उच्च अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई नहीं होना चाहिए।

कम्पनियों द्वारा अब तक लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर

डिस्कॉम                          स्थापित किए गए मीटर             चेक मीटर                   स्थापित प्रतिशत
पूर्वांचल                                    248662                             5078                            2.04
मध्यांचल                                  117753                               4003                            3.40
पक्षिमांचल                                114095                              4639                            4.07
दक्षिणांचल केस्को                     148289                              3576                            2.41
कुल                                          628799                             17296                            2.75

आठवें वेतन आयोग गठन की मांग

इप्सेफ ने प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री भारत सरकार से पत्र भेजकर 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की है।इण्डियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाईल फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री भारत सरकार से मांग की है कि फरवरी के बजट में 8वंे वेतन आयोग के गठन की घोषणा करने की मांग की है। पूर्व में भी मांग की जा चुकी है।श्री मिश्र ने बताया कि 7वें वेतन आयोग का गठन 2 वर्ष पूर्व गठन किया गया था। जिसमें 1 जनवरी 2016 से लागू भी हो गया था। उसी तरह दो वर्ष पूर्व अर्थात 2024 में  गठन हो जाना चाहिए था, जो अभी तक गठन नहीं किया गया, जिससे देश भर के लाखों कर्मचारी आक्रोशित है। राज्यों के कर्मचारी भी नाराज है। श्री मिश्र ने कहा कि लगता है कि भारत सरकार 8वें वेतन आयोग का गठन नहीं करना चाहती है। इससे अधिकारी,कर्मचारियों की अपूणर्नीय आक्रोश होगा। जिसका खामियाजा भावी चुनावों पर पड़ेगा।श्री मिश्र ने आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, न्यूनतम वेतन हेतु तथा विनियमित करने के लिए (नियमावली) बनाने की मांग को फिर दोहराया है। इन बिन्दुओं पर राजनाथ सिंह ,रक्षामंत्री एवं कैबिनेट सचिव से भी भंेट कर अनुरोध किया जा चुका है।श्री मिश्र ने आग्रह किया है कि अगर निर्णय नहीं लिया गया तो इप्सेफ की आगामी बैठक में आन्दोलन करने का भी निर्णय लेने को बाध्य होना पड़ेगा।

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