-यूपी पुलिस ने करीबी निकांत जैन को पकड़ा, गोमतीनगर में मुकदमा दर्ज
- REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK

लखनऊ।उ०प्र० औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के मूल उद्देश्यों को नुकसान पहुंचाने और प्रदेश में निवेश के परिप्रेक्ष्य में आने वाली नई औद्योगिक इकाईयों का मनोवल गिराने तथा राज्य की छवि खराब करने तथा अनियमितताओ को करने के मामले में अभिषेक प्रकाश, सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग, उ०प्र०शासन तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी इन्वेस्ट यू०पी० को प्रथम दृष्ट्या दोषी पाते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें उन्हें निलंबित करते हुए वृहद्ध दण्ड दिये जाने को लेकर अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित किए जाने के आदेश दिए है। इनके विरुद्ध होनें वाली अनुशासनिक कार्यवाही में आरोप-पत्र निर्गत करने की कार्यवाही अलग से की जायेगी।वही इन्वेस्ट के नाम पर एक विजनेस मैन से पांच प्रतिशत कमीशन मांगने वाले बिचौलिए अभिषेक प्रकाश के करीबी सहयोगी निकांत जैन को पुलिस ने गोमतीनगर के शहीद पथ चढाई नियर हुसेडिया चौकी के पास से गिरफ्तार कर लिया है।निकांत जैन के विरुद्ध गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।इस मामले में आईएएस अफसर अभिषेक प्रकाश अखिल भारतीय सेवाएं (आचरण) नियमावली-1968 के नियम-3 का खुलेआम उल्लघंन किया है।जांच में पता चला कि निकांत जैन आईएएस अभिषेक के लिए कमीशन की डील फाइनल करने का काम करता था। सूत्रों के मुताबिक, इस घोटाले में कई और नाम सामने आ सकते हैं, जिन पर जल्द ही गाज गिर सकती है।
जाने क्या है पूरा मामला
अभिषेक प्रकाश सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग, उ०प्र० शासन तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी इन्वेस्ट यू०पी० के विरुद्ध सेल सोलर लिमिटेड के पत्र में शिकायत की गई कि उनके ग्रुप द्वारा उत्तर प्रदेश में सोलर सेल तथा सोलर ऊर्जा से संबंधित कल पुर्जे बनाने का संयत्र की इकाई की स्थापना हेतु इन्वेस्ट यूपी के कार्यालय तथा आनलाइन प्रार्थना पत्र भेजा था जिसके संबंध में मूल्यांकन समिति की बैठक हुई थी जिसमें उनका प्रकरण संस्तुत हुआ था। प्रकरण के विचार से पूर्व उन्हें इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ठ अधिकारी ने एक प्राइवेट व्यक्ति श्री जैन का नंबर दिया तथा कहा कि उससे बात कर लीजिए यदि वह कहेगा तो आपका मामला एम्पावर्ड कमेटी तथा कैबिनेट से तुरंत अनुमोदित हो जाएगा। उनके कहने के अनुसार श्री जैन से बात की तो उन्होंने पूरे मामले के लिए पांच प्रतिशत की मांग की और अग्रिम के रूप में धन मांगा जिसके लिए उन्होंने मना कर दिया।शिकायत में विश्वजीत दत्ता द्वारा यह भी कह्य गया कि बाद में उन्हें पता चला कि उनके मामले में संस्तुति होने के बाद पत्रावली में प्रकरण को टाल दिया गया है और श्री जैन ने बताया कि वह कितना भी प्रयास कर ले उन्हें आना तो श्री जैन साहब के पास ही होगा तभी काम हो पाएगा नहीं तो काम नहीं हो पाएगा। इस प्रकरण में दोषियों पर कार्यवाही करने का अनुरोध किया था।
जाने अभिषेक प्रकाश की क्या कमियां आई सामने

अभिलेखों के परीक्षण से यह स्पष्ट है कि 30५० औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के अन्तर्गत प्रदेश में निवेश हेतु आनलाइन प्राप्त आवेदनों पर लेटर आफ कम्फर्ट निर्गत किये जाने हेतु समीक्षा एवं मूल्यांकन के लिए मुख्य कार्यपालक अधिकारी, इन्वेस्ट यू०पी० की अध्यक्षता में मूल्यांकन समिति गठित है। प्रकरण में उपलब्ध अभिलेखों से विदित हुआ कि इस समिति की बैठक 12 मार्च 2025 को आवेदन करने वाली फर्म द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर भी विचार किया गया था। मामले से संबंधित पत्रांवली में फर्म के संबंध में सस्तुति अंकित की गई।मुख्य कार्यपालक अधिकारी, इन्वेस्ट यू०पी० के अनुमोदन के पश्चात् कार्यवृत्त निर्गत किया गया उसमें आवेदनकर्ता फर्म के पक्ष में रेकमेंडेशन में संस्तुति अंकित की गई।प्रकरण से संबंधित नोटशीट में फर्म सेल सोलर प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव पर मूल्यांकन समिति द्वारा एक और संस्तुति की गई थी, वहीं दूसरी ओर अंतिम रूप से निर्गत कार्यवृत्त में आवदेक फर्म को पुनः मूल्यांकन समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाने की अनुशंसा की गई। अभिलेखों आदि के अवलोकन से यह भी विदित हुआ कि मामले में संबंधित नोटशीट में प्रस्तुत संस्तुति में से आवेदनकर्ता फर्म के संबंध में नोटशीट में प्रस्तुत मूल्यांकन समिति की संस्तुति में परिवर्तन करते हुए अंतिम कार्यवृत्त जारी किया गया है।नोटशीट पर प्रस्तुत मूल्यांकन समिति द्वारा संस्तुति को संशोधन किये जाने का कोई औचित्य पत्रावली में नहीं है। इससे यह आशंका बलवती होती है कि ऐसा किये जाने में इन्वेस्ट यूपी के मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष मुख्य कार्यपालक अधिकारी, इन्वेस्ट यू०पी० अभिषेक प्रकाश, आई०ए०एस० भी कारक हो सकते हैं।
जाने सेल सोलर लिमिटेड की ओर से क्या हुई शिकायत,किस धारा में दर्ज हुआ केस
सेल सोलर लिमिटेड ने यूपी के मुख्य सचिव को दिए प्रार्थना पत्र में कहा गया कि हमारा ग्रुप उत्तर प्रदेश में सोलर सेल तथा सोलर ऊर्जा से संबंधित कल पुर्जे बनाने का संयंत्र की इकाई की स्थापना करना चाहता है इस के लिए हमने इन्वेस्ट यूपी के कार्यालय तथा ऑनलाइन प्रार्थना पत्र भेजा था जिसके संबंध में मूल्यांकन समिति की बैठक हुई थी जिसमे हमारा प्रकरण संस्तुत हुआ था प्रकरण के विचार से पूर्व मुझे इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ट अधिकारी ने एक प्राइवेट व्यक्ति श्री जैन का नंबर दिया तथा कहा कि उससे बात कर लीजिए यदि वह कहेगा तो आपका मामला एम्पावर्ड कमेटी तथा कैबिनेट से तुरंत अनुमोदित हो जाएगा उनके कहने के अनुसार मैंने श्री जैन से बात की उन्होंने मुझे हिसाब करने को बोला और पूरे मामले के लिए पांच प्रतिशत की माँग की और अग्रिम के रूप में धन मांगा चूँकि मेरे मालिक उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री जी से इस प्रोजेक्ट के लिए मिले थे हमने श्री जैन को मना कर दिया बाद में मुझे पता चला कि मेरे मामले में संस्तुति होने के बाद पत्रावली में प्रकरण को टाल दिया गया है और श्री जैन ने मुझे बताया की हम और हमारे मालिक जितना भी प्रयास करले उन्हें आना तो जैन साहब के पास ही होगा तभी काम हो पाएगा नहीं तो काम नहीं हो पाएगा मेरे मालिक इस प्रोजेक्ट को किसी दूसरे स्टेट में भी ले जा सकते हैं ऐसे में मेरा अनुरोध है कि इन लोगों पर कार्यवाही कर हमारा प्रोजेक्ट स्वीकृत करने की कृपा करें।इस शिकायत पर लखनऊ के गोमतीनगर थाने में धारा 308 (5) बीएनएस व 7 /12/ 13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम दर्ज कर,गोमतीनगर पुलिस निकान्त जैन पुत्र स्वात सुधीर कुमार जैन निवासी 1/72 विरामखण्ड थाना गोमतीनगर मूल पता मंशा भवन शान्ति नगर रेलवे रोड मेरठ को गिरफ्तार किया।इस मामले में संलिप्त अन्य अधिकारियों एवं व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
जाने निकांत जैन के विरुद्ध कितने मामले दर्ज,आगे क्या करेगी पुलिस
निकान्त जैन के विरुध्द मु0अ0सं0 1084/2018 धारा 406/420/506 भादवि0 थाना कंकडखेडा जनपद मेरठ व मु0अ0सं0 204/2019 धारा 406/420/506 भादवि0 थाना वजीरगंज लखनऊ व मु0अ0सं0 180/2020 धारा 406 भादवि0 थाना कोतवाली नगर जनपद एटा व मु0अ0सं0 111/2025 धारा 308 (5) बीएनएस व 7/12/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम थाना गोमतीनगर कमिश्नरेट लखनऊ में दर्ज है पुलिस इसके अन्य अपराधिक इतिहास का पता लगा रही है ।पुलिस का कहना है कि इस मामले में संलिप्त अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।पीड़ित निवेशक की परियोजना को बिना किसी बाधा के जल्द से जल्द स्वीकृत किया जायेगा,निवेशकों को विश्वास दिलाया जाता है कि राज्य में उनके हितों की रक्षा की जाएगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
सीएम योगी की कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में हड़कंप
सीएम योगी की इस कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। यूपी सरकार पहले ही जीरो टॉलरेंस नीति अपनाकर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। हाल के महीनों में कई अफसरों पर गाज गिर चुकी है, लेकिन अभिषेक प्रकाश का निलंबन सबसे हाई-प्रोफाइल मामलों में से एक माना जा रहा है।सूत्रों के मुताबिक, इस कार्रवाई के बाद कई ऐसे अधिकारी जो कमीशनखोरी में लिप्त थे, वे खुद को बचाने की कोशिश में लगे हैं। कुछ तो “कोमा” में चले गए हैं, क्योंकि अब जांच का दायरा बढ़ने की संभावना है। सरकार ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।डिफेंस कॉरिडोर घोटाले की पूरी जांच जारी है। एसटीएफ और सतर्कता विभाग इस घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों की तलाश कर रहे हैं। अगर घोटाले में और सबूत मिले तो अभिषेक प्रकाश के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।सीएम योगी आदित्यनाथ का यह एक्शन यूपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा संदेश है। अब सवाल यह उठता है कि इस केस में और कौन-कौन फंसेगा? क्या योगी सरकार आने वाले दिनों में और बड़े अधिकारियों पर गाज गिरायेगी ? यूपी के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में इस कार्रवाई की तेजी से चर्चा होनी प्रारम्भ हों गईं है।