LUCKNOW:दलित व पिछड़ो के लिए निदेशक के पदों पर लागू करें आरक्षण: एसोसिएशन,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर की आज एक आवश्यक बैठक की लास्ट कार्यालय में संपन्न हुई। जिसमें तीन प्रमुख मुद्दों पर आपस में विचार विमर्श किया गया। इनमें लंबे समय से चयनित मुख्य अभियंताओं की लिस्ट को जारी न किया जाना और लंबे समय से दलित व पिछड़े वर्ग के जो अभियंता निलंबित है उनकी बहाली ना किया जाना तथा प्रमुख रूप से 22 व 23 मार्च को होने वाले 17 निर्देशकों के पदों के मामले पर भी गंभीरता से विचार विमर्श किया गया। निदेशक के सभी पदों के लिए आरक्षण व्यवस्था लागू करने की पुरजोर मांग उठाई गई।

उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी ने सर्वसम्मत से उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग उठाई की 17 निर्देशकों के पदों पर दलित व पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू की जाए। क्योंकि जिस प्रकार से दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं को निर्देशकों के पदों पर साक्षात्कार के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा और उसके बाद उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। ऐसे में जब तक निर्देशकों के पदों पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं लागू होगी उन्हें उनका हक नहीं मिल पाएगा। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने पिछड़े वर्गों के लिए निर्देशकों के पद पर आरक्षण की व्यवस्था लागू की थी। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार दलित व पिछड़े वर्ग दोनों के लिए निर्देशकों के पद पर आरक्षण की व्यवस्था लागू करें।

उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएसन के अध्यक्ष आर पी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा,उपाध्यक्ष नेकीराम, पीएम प्रभाकर, महासचिव अनिल कुमार, संगठन सचिव बिंद्रा प्रसाद, राम शब्द, एसके मधुकर, अजय कुमार, अशोक प्रभाकर, रमेश कुमार ने आज इस बात पर भी पावर का ऑप्शन प्रबंधन से तत्काल निर्णय लेने की मांग उठाई लंबे समय से मुख्य अभियंता के पदों पर चयनित अभियंताओं की सूची नहीं जारी की गई जो अपने आप में गंभीर मामला है। इसी प्रकार से दलित व पिछड़े वर्ग के वह अभियंता जो लंबे समय से निलंबित चल रहे हैं उनके द्वारा अपना जवाब भी दाखिल किया जा चुका है लेकिन उन्हें बहाली नहीं दी जा रही है। जो अपने आप में गंभीर मामला है। ऐसे में प्रबंधन तत्काल उन्हें बहाल करके उन्हें कार्य करने का मौका दें। आज की बैठक में पावर ऑफिसर एसोसिएशन के संरक्षक के बी राम भी उपस्थित थे।

टेंडर को निरस्त करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं,ट्रांजैक्शन एडवाइजर का भविष्य में साबित होगा सबसे बड़ा घोटाला

42 जनपदों वाले दक्षिणांचल व पूर्वाचल के निजीकरण के ट्रांजैक्शन एडवाइजर के टेंडर में अब नया मामला सामने आया है विद्युत नियामक आयोग से जब अर्नस्ट एंड यंग हितों के टकराव पर नहीं ले आ पाई एनओसी तो पावर कारपोरेशन के उच्च अधिकारी जो नियमों की अनदेखी करने पर तुले हैं। उनके द्वारा अर्नस्ट एंड यंग से कहा गया कि आप खुद लिखकर दे दें की हितों का टकराव नहीं है। यानी कंप्लीट आप इंटरेस्ट नहीं साबित हो रहा है यह उसी तरह का मामला है की जज ने नहीं दिया कोई निर्णय तो वादी ने खुद सुन लिया अपना फैसला। फिर तुरंत इसका फायदा उठाकर अर्नस्ट एंड यंग ने पावर कारपोरेशन को एक चिट्ठी लिख दी कि वह विद्युत नियामक आयोग में टैरिफ का काम कर रहे हैं। जिसमें निजीकरण शामिल नहीं है। लेकिन वह यह भूल गए कि नियामक आयोग में टैरिफ के काम के साथ मल्टी ईयर वितरण टैरिफ रेगुलेशन 2025 में भी उनके द्वारा काम किया गया है। जिसमें प्रस्तावित रेगुलेशन की धारा 45 में स्पष्ट भविष्य में बिजली कंपनियों के निजीकरण का एक क्लास है फिर उसके द्वारा कैसे यह लिखकर दे दिया गया कि उन्होंने निजीकरण पर कोई कार्य नहीं कर रहे हैं। जो अपने आप में बहुत ही गंभीर और संवेदनशील मामला है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा सबसे चौंकाने वाला मामला यह है कि ट्रांजैक्शन एडवाइजर के चयन प्रक्रिया में तीन चरण होते हैं। पहले चरण में योग्यता देखी जाती है। दूसरे चरण में मूल्यांकन किया जाता है। तीसरे चरण में वित्तीय मानक को देखा जात है। नियमानुसार योग्यता देखे जाने के समय ही टेंडर में भाग लेने वाली दो कंसलटेंट कंपनियां डिलाइट व अर्नस्ट एंड यंग को टेंडर से बाहर कर देना चाहिए था। किसके दबाव में इन्हें टेंडर में रखा गया कहीं वह इसलिए तो नहीं कि ट्रांजैक्शन एडवाइजर के तीन टेंडर पूरे हो जाए। तीसरे कंसल्टेंट का टेंडर खोल दिया जाए। यह सबसे बड़ा ट्रांजैक्शन एडवाइजर में घोटाला साबित होगा।जब इसकी जांच होगी तो कोई भी नहीं बचेगा। यह टेंडर प्रक्रिया केवल अभी तक सिंगल बेड पर आधारित मानी जाएगी। तीसरा जो ग्रांड थॉर्नटन कंसलटेंट है उसकी योग्यता को चेक किया जाए तो और भी बड़े मामले सामने आएंगे। क्योंकि सभी को पता है कि उसे कंपनी में अभी एक दूसरी कंसलटेंट कंपनी के बड़ी संख्या में कार्मिक उसे कंपनी को छोड़कर यहां आए है। कॉरपोरेशन यदि यह समझता है कि तीन टेंडर पूरा करने के लिए जिनकी योग्यता नहीं है उन्हें भी टेंडर भरवा के और तीसरे कंसलटेंट को टेंडर अवार्ड कर दिया जाए तो यह ट्रांजैक्शन एडवाइजर की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव और सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा।

बिजली के निजीकरण की सारी प्रक्रिया में चल रहा भ्रष्टाचार,बिजली पंचायत में निजीकरण रद्द करने की मांग 

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज बुलंदशहर और गाजियाबाद में आयोजित बिजली पंचायत में बिजली के निजीकरण के पीछे भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की सारी प्रक्रिया निरस्त करने की मांग की गई। आज बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन जारी रखा।संघर्ष समिति ने निजीकरण के पीछे हो रहे भ्रष्टाचार और आम उपभोक्ताओं को होने वाली तकलीफों को उजागर करने के लिए 09 अप्रैल को लखनऊ में विशाल रैली की तैयारी शुरू कर दी है। इसके पहले 24 मार्च को मेरठ में और 29 मार्च को वाराणसी में बिजली महा पंचायत आयोजित की जाएगी।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जहां एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी सभी कार्यों में पारदर्शिता की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन पारदर्शिता के सिद्धांत को ताक पर रखकर बिजली के निजीकरण हेतु भ्रष्टाचार से ओत-प्रोत होकर कार्य कर रहा है।
संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन बिडिंग की सामान्य प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रहा है और निजीकरण करने हेतु इतना उतावला है कि कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट की अनदेखी कर ट्रांजैक्शन कंसलटेंट नियुक्त करने हेतु बीड खोली जा रही है।संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के पीछे बड़े भ्रष्टाचार से प्रदेश की आम जनता को अवगत कराने के लिए संघर्ष समिति ने हर जिले में बिजली पंचायत करने का निर्णय लिया है। आज बुलंदशहर और गाजियाबाद में बिजली पंचायत आयोजित की गई। गाजियाबाद की बिजली पंचायत में गाजियाबाद नोएडा और हापुड़ के बिजली कर्मचारी सम्मिलित हुए।बुलंदशहर और गाजियाबाद की बिजली पंचायत में एक प्रस्ताव पारित कर प्रदेश सरकार से मांग की गई है की पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के 42 जनपदों कि आप वैधानिक ढंग से की जा रही निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्तकी जाए।आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध सभा हुई।

नगर आयुक्त ने बैठक में लिए स्वच्छता और फॉगिंग के बड़े फैसले

त्यौहारों के मद्देनज़र शहर में स्वच्छता व्यवस्था को और दुरुस्त करने के लिए नगर निगम ने विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने गुरुवार को निगम के सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर शहर को साफ-सुथरा और मच्छर मुक्त बनाने के निर्देश दिए। इस बैठक में अपर नगर आयुक्त, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, चीफ इंजीनियर, जीएम जलकल और सीएफओ भी मौजूद रहे।

नगर आयुक्त ने निर्देश दिए कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से एंटी लार्वा का छिड़काव किया जाए ताकि डेंगू, मलेरिया और अन्य जलजनित बीमारियों को रोका जा सके। इसके अलावा, शहर के सभी हॉटस्पॉट और क्रिटिकल पॉइंट्स की पहचान कर वहां पर विशेष रूप से फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव करवाने के आदेश दिए गए हैं।त्यौहारों के चलते शहर में भीड़भाड़ और गंदगी बढ़ने की संभावना को देखते हुए नगर आयुक्त ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी और अपर नगर आयुक्त को विशेष सफाई ड्राइव चलाने के निर्देश दिए हैं। इस अभियान के तहत बाजारों, धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक जगहों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि लोगों को स्वच्छ वातावरण मिल सके।बैठक में गोमती नदी में जलकुंभी की समस्या पर भी चर्चा की गई। नगर आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नदी में जलकुंभी जमा न होने पाए और समय-समय पर उसकी सफाई कराई जाए। उन्होंने कहा कि गोमती नदी का स्वच्छ और सुंदर रहना जरूरी है, क्योंकि यह शहर के पर्यावरण और जल स्रोतों के लिए अहम है।नगर निगम ने अपील की है कि शहर के नागरिक भी इस सफाई अभियान में सहयोग करें और त्योहारों के दौरान कूड़ा-कचरा इधर-उधर न फेंकें। इसके अलावा, नगर निगम जल्द ही जनजागरूकता अभियान भी शुरू करेगा ताकि लोग स्वच्छता बनाए रखने में अपना योगदान दे सकें।उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस अभियान की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आने वाले दिनों में शहरवासियों को स्वच्छ, सुरक्षित और स्वस्थ माहौल देने के लिए निगम पूरी तरह से तैयार है। साथ ही उन्होंने समस्त अपर नगर आयुक्त से 110 वार्डों के माननीय पार्षदगणों से वार्ता कर उनके वार्ड की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए बेहतर संवाद करें।

गृहकर जमा करने के लिए विशेष सुविधा

वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 का आखिरी महीना चल रहा है और अब इसकी समाप्ति में सिर्फ 10 दिन बचे हैं। ऐसे में नगर निगम ने गृहकरदाताओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की है।

नगर निगम की ओर से बताया गया है कि 22 और 23 मार्च 2025 (शनिवार और रविवार) को भी सभी जोनल कार्यालय और कैश काउंटर खुले रहेंगे, ताकि नागरिक बिना किसी परेशानी के गृहकर जमा कर सकें। आमतौर पर इन दिनों सार्वजनिक अवकाश होता है, लेकिन गृहकर की आय में वृद्धि और लोगों की सहूलियत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। शनिवार को शीतलाष्टमी के सार्वजनिक अवकाश के बाद भी नगर निगम के दफ्तर टैक्स जमा करने के लिए खुले रहेंगे। नगर निगम ने सभी गृहकरदाताओं से अपील की है कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं और जल्द से जल्द अपना गृहकर जमा कराएं।अधिकारियों का कहना है कि इन दो दिनों में गृहकर से जुड़े सभी कार्य तेजी से और बिना किसी रुकावट के पूरे किए जाएंगे। इसलिए नागरिकों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।गृहकर नगर निगम की आय का एक अहम हिस्सा होता है, जिससे शहर में सफाई, सड़क, स्ट्रीट लाइट, पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं का संचालन किया जाता है। समय पर गृहकर भरने से न केवल नगर निगम की आय में वृद्धि होगी, बल्कि नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।गृहकरदाता अपने नजदीकी जोनल कार्यालय या कैश काउंटर पर जाकर गृहकर जमा कर सकते हैं। इसके अलावा, कई नगर निगमों ने ऑनलाइन भुगतान की सुविधा भी दी है, जिससे लोग घर बैठे भी अपना गृहकर चुका सकते हैं।नगर निगम ने सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि इस सुविधा का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और 22-23 मार्च को ही गृहकर जमा कर दें, ताकि अंतिम समय की परेशानियों से बचा जा सके।

कान्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन का होली मिलन आज

लखनऊ इलेक्ट्रिकल एवं मकैनिकल कान्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन का पहला होली मिलन एवं स्वागत समारोह 21 मार्च 25 को मुख्य अतिथि लोक निर्माण विभाग के विभाागध्यक्ष प्रमुख अभियंता विकास इं. मुकेश चन्द शर्मा के उपस्थिति में सम्पन्न होगा।
महामंत्री के.के.शुक्ला ने बताया कि लोनिवि प्रेरणा सदन के समक्ष आयेाजित इस कार्यक्रम मे प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग,लोक निर्माण विभाग के विभाागध्यक्ष प्रमुख अभियंता विकास सहित समस्त प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता विद्युत यांत्रिक सहित समस्त अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंताओं को आमंत्रित किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *