-अपने नाम दर्ज कराने के लिए रमेश दर दर रहा है भटक, जमींन तो उसके नाम दर्ज होना दूर बाँदा में रिपोर्ट तक नहीं हुई दर्ज
- REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ:यूपी के बाँदा जिले के थाना बवेश के चाम-देवस्था के रहने वाले रमेश पुत्र कोदउवा चारसौबीसी करने वालों से परेशांन है,उसके पिता के नाम दर्ज करोंडो की जमींन को कुछ लोगों ने रिकार्डों में हेरफेर कर अपने नाम करा लिया है।इस जमींन को अपने नाम करने के लिए वह दर-दर की ठोकरें खा रहा है,लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है ।चारसौबीसी और जालसाजी करने वालों के विरुद्ध रमेश अफसरों की चौखट पर मथ्था टेक रहा है लेकिन उसकी किसी ने रिपोर्ट तक नहीं दर्ज की है,परेशान रमेश ने आर्थिक अपराध अनुसन्धान संगठन सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की है ।रमेश ने अफसरों को भेजे गये पत्र में आरोप लगाया है कि
उसकी जमीन पर दूसरे खानदान के बाहरी लोग फर्जी तरीके से व गैर कानूनीतौर पर हिस्सेदार बन गये है जो रामराज, देशराज, बुद्धराज पुत्रगण पनुवा व सुरेन्द्र,सुरेश पुत्र देशराज है। इन लोगो का खानदान दूसरे परिवार से ताल्लुक रखते है।
पत्र में रमेश पुत्र कोदउवा ने कहा कि इन लोगों ने किसी अपने जानकार पुराने मुन्शी के दिमाग से चालाकी कर पूर्व कागजात में अपना नाम दर्ज कागजात करवा लिया है। जबकि उनके पास पुस्तैनी मकान है।इनकी देवस्था में पीढ़ी तीसरी चल रही है ।पत्र में रमेश पुत्र कोदउवा ने कहा कि पनुआ ने कोदउवा के पिता दशरथा का कत्ल कराकर गायब करा दिया था फिर गुण्डई के बल पर बिना किसी कारण व बिना किसी हिस्सेदारी के कोदउया की जमीन पर झूट की बुनियाद पर पनुआ संदिग्ध तौर पर शिवरतन का फर्जी लडका बनकर अपने को शिवरतन का वारिस बताकर कागजात में अपना नाम दर्ज कराता है जो कानून के आँख धूल झोकने के बराबर है।
सी०बी०आई० व आर्थिक अनुसंधान इकाई से कराई जाये जाँच
रमेश पुत्र कोदउवा ने कहा कि हर जगह घूस व झूठ के सहारे बचाव का हथियार पेश किया है,यह कानून की खिलाफ है।कोदउया पुत्र दशरथा पुत्र शिवरतन का इकलौता पुत्र है तो पनुवा कैसे शिवस्तन की जमीन का वारिस बन गया है।उन्होंने इस जाँच को सी०बी०आई० व आर्थिक अनुसंधान इकाई से होना जरूरी है। कोदउवा की हिस्सेदारी वाली जमीन पर फर्जी हिस्सेदार पनुवा बन गया है। जबकि पनुवा का कोदउया से कोई रिश्ता व हिस्सेदारी नहीं है फर्जी तरीके से अर्जित जमीन की जॉच करायी जाए।