LUCKNOW:योगी आदित्यनाथ से कर्मचारी पदाधिकारियों की सकरात्मक वार्ता,क्लिक करें और भी खबरें

-विभागीय फोरम सक्रिय करने तथा आयोग की रूकी भर्तियों पर जोर

  • REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मण्डल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच कर्मचारी समस्याओं, भर्ती, अनावश्यक न्यायिक विवादों पर एक सकारात्मक चर्चा हुई। इस चर्चा में प्रदेश के अधिनस्थ चयन आयोग?,, शिक्षा आयोग अदि में चयन प्रक्रिया अत्याधिक धीमी होने का आकड़े सहित पदाधिकारियों ने रखा। श्री तिवारी ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में 2015 से अब तक काफी रिक्तियॉ कतिपय कारणों से देरी का शिकार हो रही है। वर्ष 2022 में कुल 7 परिक्षाये अधिनस्थ चयन द्वारा सम्पन्न कराई गई। इसी प्रकार 2023 में कुल चार और 2024 में मात्र 6 परीक्षाये सम्पन कराई गई। ऐसी स्थिति में प्रदेश में विभिन्न संवर्ग के 50 प्रतिशत पद रिक्त पड़े है। इनमें कई संवर्ग तो ऐसे है जिनके कारण जमीनी स्तर पर कार्याे का निस्तारण धीमी गति से हो पा रहा है।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि कार्मिकों के न्यायालय से सम्बंधी विवादो को निपटाने के लिए सरकार द्वारा एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी जिसमें कर्मचारी प्रतिनिधि के रूप में इं. हरिकिशोर तिवारी को सदस्य तथा इस समिति में उच्च न्यायालय के स्थाई अधिवक्ता को सदस्य नामित किया गया था। लेकिन विभागीय विवाद फोरम नामक इस समिति की बैठके न होने के कारण अनचाहे प्रकरण न्यायालय में चल रहे हैं। इससे सरकार के साथ साथ कार्मिक का धन और समय दोनों बरबाद हो रहा है। जबकि कार्मिक के कई ऐसे प्रकरण जो न्यायाल में चल रहे है जिनकों आपसी समझौते या विभागीय विवाद समाधान फोरम पर निपटाया जा सकता है। बैठक में आउटसोर्सिग, कैशलेस इलाज,पुरानी पेंशन व्यवस्था पर चर्चा की गई। कार्मिकों के लिए अब तक किए जा रहे दस प्रतिशत के अंशदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने तथा साढ़े दस हजार करोड़ रूपये जो पिछली सरकार द्वारा कर्मचारियों के खाते में ना डालकर अन्य मद में लगाए गए थे मुख्यमंत्री जी द्वारा उक्त धनराशि कर्मचारियों के खाते में डलवाने का काम किया है।तथा पेंशन में सरकार के अंश को 10ःसे बढ़ाकर 14ः करने में महती भूमिका अदा की है।उन्होंने आठवां वेतन को उत्तर प्रदेश में भी तुरंत लागू करने दिया। श्री तिवारी ने इस दौरान यह भी कहा कि अब पेंशन में अन्तिम सुरक्षा और उस पर मंहगाई भत्ता के लिए प्रधानमंत्री जी के साथ बैठक में निर्णय तो दिया गया परन्तु अभी भी कुछ कामियॉ है। उन्हे ठीक कराने हेतु अनुरोध किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने परिषद पदाधिकारियों की बॉतों को सुनने के उपरान्त समस्याओं और जरूरतों का हल निकालने का आश्वासन दिया। इस बैठक पर परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह, महामंत्री शिवबरन सिंह यादव, अपर महामंत्री डा. नरेश, इं. एच.एन. मिश्रा अध्यक्ष डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ, अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव ने वार्ता के उपरान्त बताया कि वार्ता बहुत सकारात्मक रही। मुख्यमंत्री जी की तरफ से जल्द कुछ अच्छे दिशा निर्देश जारी होने की उम्मीद है।

निजीकरण मामले में आयोग पहुचा उपभोक्ता परिषद
सुधार योजना की परफॉमेंन्स रिपोट समय पर न लेने पर उठाया सवाल

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आरएसएस के तहत प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों पर लगभग 43 454 करोड़ से 44094 करोड़ के बीच बिजली कंपनियों में हर स्तर पर सुधार व कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खर्च किया जा रहा है। जिसमें दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में लगभग 7434 करोड,़ मध्यांचल में 13539 करोड़, पश्मिांचल में 12695 करोड़ एवं पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 9481 करोड़ तथा केस्को में 943 करोड़ का अनुमोदन विद्युत नियामक आयोग द्वारा 13 अगस्त 2024 को जारी करते हुए बिजली कंपनियों को अर्धवार्षिक परफॉर्मेंस रिपोर्ट आयोग में दाखिल करने का आदेश निर्गत किया गया था।लेकिन समयावधि से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आज तक कोई भी परफॉर्मेंस रिपोर्ट आयोग के सामने नहीं द…

रोस्टिग ना होती तो 32000 मेगावााट बिजली की आपूर्ति
उपभोक्ता परिषद की मॉग 24 घंटे बिजली व्यवस्था हो लागू

उत्तर प्रदेश में जहां भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। वर्तमान में प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति में बड़े पैमाने पर ब्रेकडाउन के चलते व्यावधन आ रहा है। लेकिन रात्रि में 1 घंटे 38 मिनट की रोस्टिंग हुई। यह बात अलग है कि पावर कॉरपोरेशन और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री लगातार कीर्तमॉन में खुश हैं। यह बात बिल्कुल सही है कि पावर कारपोरेशन ने 31486 मेगावाट बिजली का रिकॉर्ड बना दिया। लेकिन यह कीर्तमान 24 घंटे में कितने घंटे के लिए था सभी को पता है। वैसे भी जिस राज्य में रोस्टर लागू होगा वहां अधिकतम डिमांड लगातार बढ़ती जाएगी। उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर ब्रेकडाउन हो रहे हैं। जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को रात में सोना मुश्किल हो रहा है। लो वोल्टेज की समस्या आ रही है। उपभोक्ता परिषद का बड़ा सवाल करोड़ अरबो खर्च होने के बाद भी सिस्टम में इतनी कमियां क्यों ?

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उत्तर प्रदेश में जैसे ही डिमांड ने आसमान छुआ पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर ब्रेकडाउन होने लगे ग्रामीण क्षेत्र को जो रोस्टर के मुताबिक 18 घंटे विद्युत मिलनी चाहिए। वहा मात्र 17 घंटे 26 मिनट, नगर पंचायत में 21 घंटे 30 मिनट की जगह केवल 21 घंट, बुंदेलखंड को 20 घंटे की जगह 19 घंटे 30 मिनट, बिजली मिली। पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली की कमी के चलते लगभग 1 घंटे 38 मिनट की होस्टिंग की गई यह तो पावर कारपोरेशन के यूपीएसएलडीसी द्वारा जारी आंकड़ों में है। लेकिन ब्रेकडाउन के चलते कितनी देर उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति की वजह से दिक्कतें उठानी पड़ी या तो पावर कॉरपोरेशन सोता समझ सकता है।

निजीकरण के मामले में उपभोक्ता परिषद आयोग को बताया बड़ा घोटाला
निजी घरानो को भी लगभग 9061 करोड़ सब्सिडी हर साल

42 जनपदों के निजीकरण को लेकर आज दिन भर मामला सुर्खियों मे रहा। सबसे पहले पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल व पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक श्री पंकज कुमार व निदेशक वित्त के साथ आसंवैधानिक रूप से नियुक्त कंसलटेंट ने नियामक आयोग में पहुंचकर आयोग अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह के साथ बैठक की और निजीकरण के मसौदे पर आयोग के सामने पेश होने वाले प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे। इसकी भनक लगते ही उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा भी नियामक पहुंच गए उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर निजीकरण पर चर्चा करते हुए कहा पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन जिस ग्रांट थ्रोनटन को लेकर आयोग के साथ मीटिंग करने आये थे। यह तो अमेरिका रेगुलेटर द्वारा पेनल्टी में दोषी पाये गया है। ऐसे में उसका मसौदा किसी भी रूप में स्वीकार किया ही नहीं जा सकता। पावर कॉरपोरेशन आयोग से खुद मिलने आता है और अपने साथ दोषी कंसलटेंट को भी लेकर आता है। जिसे आयोग ने पहले ही मिलने से मना कर दिया था ऐसे में यह बैठक अपने आप में गंभीर मामला है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आज पुनः विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष व सदस्य को एक लोक महत्व प्रस्ताव सौंपते हुए पावर कारपोरेशन के मसौदे पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा पावर कॉरपोरेशन आज चर्चा के बाद जो मसौदा आयोग के सामने लाने वाला है। उसमें दोनों बिजली कंपनियों पूर्वांचल वह दक्षिणांचल को समाप्त करके जो पांच नई बिजली कंपनियां निजी घरानो के लिए बनाई जा रही है उनकी रिजर्व विड प्राइस इक्विटी शेयर कैपिटल के आधार पर बहुत कम आकलित की जा रही है और बिजली कंपनियों को बेचने का पूरा मसौदा इक्विटी शेयर कैपिटल के आधार पर तैयार किया जा रहा है जो गंभीर जांच का मामला है।
अवधेश वर्मा के अनुसार इक्विटी शेयर कैपिटल को कम इसलिए आंका जा रहा जिससे देश के निजी घरानो का लाभ हो पावर कॉरपोरेशन व ग्रांट ग्रांट थॉर्नटन दोनों की मिली भगत से दोनों बिजली कंपनियों की ज्यादातर इक्विटी शेयर कैपिटल को लॉन्ग टर्म लोन में कन्वर्ट किया जा रहा है। कहने के लिए 6000 से 7000 इक्विटी शेयर कैपिटल मानकर दोनों बिजली कंपनियों मे प्रस्तावित 5 नई बिजली कंपनियां की कुल रिजर्व बिड प्राइस ऐसी रखी जा रही है कि वह 2000 करोड़ से नीचे रहे। जिससे आसानी से अडानी टाटा एनपीसीएल टोरेंट पावर सहित अन्य निजी घराने टेंडर प्रक्रिया में भाग ले पाए जो सबसे बड़ा घोटाला है।
बिजली कंपनियों की बैलेंस शीट से यह खुलासा होता है कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की इक्विटी शेयर कैपिटल 25862 करोड़, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की इक्विटी शेयर कैपिटल 28024 करोड़, है।यानि कि दोनों बिजली कंपनियों की इक्विटी शेयर कैपिटल 53886 करोड़ है। इस प्रकार से बिजली कंपनियों की इक्विटी शेयर कैपिटल में बड़ा घोटाला किया जा रहा है। उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग के सामने यह भी मुद्दा रखा कि जब विद्युत नियामक आयोग के अनुमोदन से लगभग 44000 करोड़ की आरडीएसएस योजना बिजली कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चल रही है तो फिर निजी घरानों को लाभ देने के लिए बिजली कंपनियों को कम लागत में बेचकर बड़ा भ्रष्टाचार क्यों किया जा रहा है। इस पर आयोग को कदम उठाना होगा।उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा एक तरफ उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन या हल्ला मचा रहा है कि सरकार अब बिजली कंपनियों का घाटा बहन नहीं कर पाएगी। लेकिन जो प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग के सामने लाया जाने वाला है उसमें सरकार निजी घरानो को भी लगभग 9061 करोड़ सब्सिडी हर साल देती रहेगी। इसका मतलब सरकार के ऊपर पूरा भार आएगा लेकिन लाभ उद्योगपति कमाएंगे।उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा पावर कॉरपोरेशन को भी पता है कि बैलेंस शीट में एटीण्डसी हानियां 16.5 प्रतिशत है इसलिए इस बार एटीण्डसी हानियों को हटाकर वितरण हानियां की बात की जा रही है। सबसे बड़ा घोटाला यह है की टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर आयोग द्वारा तय मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है।

बिडिंग डॉक्यूमेंट पर आयोग के वर्तमान अध्यक्ष नहीं दे सकते कोई अभिमत
प्रबन्धन द्वारा डॉक्यूमेंट पर संस्तुति लेने की तैयारी

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने कहा है कि निजीकरण के आर एफ पी डॉक्यूमेंट पर विद्युत नियामक आयोग के वर्तमान अध्यक्ष को कोई अभिमत देने का नैतिक व कानूनी अधिकार नहीं है। अतः विद्युत नियामक आयोग को पॉवर कारपोरेशन द्वारा अवैध ढंग से नियुक्त किये गये कंसलटेंट द्वारा तैयार कराए गए निजीकरण के आर एफ पी डॉक्यूमेंट पर अपना अभिमत नहीं देना चाहिए।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित, सुहैल आबिद, चंद्र भूषण उपाध्याय, विवेक सिंह, आर वाई शुक्ला, राम सहारे वर्मा, विशम्भर सिंह ने आज यहां जारी बयान में बताया कि पता चला है कि विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन अरविन्द कुमार से आज पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल, निदेशक वित्त निधि नारंग, नियामक आयोग के सदस्य संजय सिंह और अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन के साथ पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु आरएफपी डॉक्यूमेंट पर नियामक आयोग की संस्तुति लेने के मामले पर एक घण्टे से अधिक बातचीत की है।
संघर्ष समिति ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग को अवैध ढंग से नियुक्त किए गए, झूठा शपथ पत्र देने वाले और फर्जीवाडा स्वीकार कर लेने वाले ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन द्वारा बनाए गए निजीकरण के आर एफ पी डॉक्यूमेंट पर पॉवर कारपोरेशन से कोई बात नहीं करनी चाहिए। संघर्ष समिति ने कहा कि किसी भी नियम के तहत विद्युत नियामक आयोग को पावर कॉरपोरेशन के कहने पर निजीकरण के किसी दस्तावेज़ पर अभिमत नहीं देना चाहिए। संघर्ष समिति ने कहा कि सबसे मुख्य बात यह है कि विद्युत नियामक आयोग के वर्तमान अध्यक्ष अरविंद कुमार ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन के पद पर रहते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के साथ 06 अक्टूबर 2020 को एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर किया है। यह समझौता उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवं तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की उपस्थिति में हुआ था। इस समझौते में लिखा गया है कि “पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लिया जाता है । इसके अतिरिक्त किसी अन्य व्यवस्था का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार हेतु कर्मचारियों एवं अभियंताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही की जाएगी । कर्मचारियों एवं अभियंताओं को विश्वास में लिए बिना उत्तर प्रदेश में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा।“
संघर्ष समिति ने कहा कि 06 अक्टूबर 2020 के इस समझौते पर अरविंद कुमार के हस्ताक्षर हैं। ऐसी स्थिति में जब अरविंद कुमार ने ऐसे दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया है, जिसमें पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने की बात है और साफ लिखा है कि उत्तर प्रदेश में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा, तो श्री अरविंद कुमार विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष रहते हुए कैसे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के आर एफ पी डॉक्यूमेंट पर अपना अभिमत देने हेतु पॉवर कारपोरेशन और ग्रांट थॉर्टन के साथ मीटिंग कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग में दूसरे सदस्य श्री संजय सिंह उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के कर्मचारी रह चुके है। ऐसी स्थिति में पावर कॉरपोरेशन की सब्सिडियरी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के डॉक्यूमेंट पर वे भी अपना अभिमत नहीं दे सकते। विद्युत नियामक आयोग में आज की तारीख में कोई मेंबर लॉ नहीं है। इस तरह विद्युत नियामक आयोग का तकनीकी दृष्टि से कोरम ही पूरा नहीं है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए विद्युत नियामक आयोग को निजीकरण के किसी भी डॉक्यूमेंट को कोई मंजूरी नहीं देनी चाहिए और न ही इस सम्बन्ध में कोई मीटिंग करनी चाहिए।संघर्ष समिति ने एक बार पुनः कहा है कि पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष झूठे आंकड़े देकर, धमकी देकर और कर्मचारियों की सेवा शर्तों के बारे में उन्हें गुमराह करके निजीकरण की जिद पर अड़े हुए जिससे इस भीषण गर्मी में ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बना हुआ है। बिजली कर्मचारी नहीं चाहते कि इस भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ हो। पावर कारपोरेशन को निजीकरण की जिद छोड़ देनी चाहिए जिससे बिजली कर्मचारी पूर्ण मनोयोग के साथ उपभोक्ताओं को बिजली देने के कार्य में जुटे रहे।

सहमति के बाद आदेश नही संघ ने पुनः सौपा ज्ञापन

नगर निगम कर्मचारी संघ लखनऊ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने अपने प्रतिनिधि मण्डल के साथ उच्च बैठक में सहमति के बाद आदेश एवं कार्यवाही न होने पर पुनः मुख्य वित एवं लेखाधिकारी को ज्ञापन सौपा है। उन्होंने इस दौरान उन्हें यह भी बताया कि आदेश एवं कार्रवाई ना होने से कर्मचारियों मे आक्रोश व्याप्त है।

नगर निगम लखनऊ में 1 अप्रैल 2005 से दिसम्बर 2021 तक नगर निगम के एनपीएस से अच्छादित कर्मचारियों के वेतन से काटी गयी एनपीएस अंशदान धनराशि की गणना नियमानुसार कर एनपीएस खातों में शीघ्र भेजने हेतु तथा एनपीएस से अच्छादित कर्मचारियों के यूको बैंक शाखा हज़रतगंज,लखनऊ के भविष्य निधि खातों में जमा धनराशि को एनपीएस खातों में जमा कराने हेतु संघ प्रतिनिधियों और नगर निगम प्रशासन के मध्य 27 सितम्बर 2024 बनी सहमति पर लिए गए। निर्णय के उपरान्त भी अब तक सकारात्मक कार्यवाही ना किये जाने के कारण नगर निगम कर्मचारी संघ,लखनऊ के अध्यक्ष आनन्द वर्मा के नेतृत्व में संघ प्रतिनिधियों व कर्मचारियों के साथ मुख्य वित् एवम् लेखाधिकारी नन्द राम कुरील को उनके कार्यालय में पुनः ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बकाया धनराशि को शीघ्र कर्मचारियों के खातों में भेजने हेतु कहा गया। जिसमे मुख्य वित् लेखाधिकारी द्वारा सम्बंधित को उक्त पर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। जिसमें लगभग 2000 कर्मचारियों को लाभ प्राप्त होगा मुख्य वित् एवम् लेखाधिकारी द्वारा संगठन को आश्वस्त किया गया की भुगतान के कार्यवाही शीघ्र करायी जायेगी।इस दौरान संरक्षक रामचन्द्र यादव, अध्यक्ष आनंद वर्मा उपाध्यक्ष मो.शोएब,शमील अखलाक़,हेमंत कुमार, मंत्री श्रीमती विजय लक्ष्मी, श्रीमती रेखा, मिर्जा इरशाद बेग, संगठन मंत्री अर्जुन यादव, निखिलेश खरे कोषाध्यक्ष यश विजय प्रकाश गुप्ता,जाकिर अली, कार्यालय प्रभारी शत्रोहन लाल सलाहकार अब्दुल तनवीर, प्रचार मंत्री अर्क गौतम, संयुक्त मंत्री अनुज गुप्ता मनीष चन्द्र पाल, मो शमशाद सुखदेव यादव पवन पाल उपस्थित रहे।

बिजनौर के विशिष्ट प्रतिभाशाली बच्चे सम्मानित

क्षेत्रीय इतिहास संकलन एवं लेखन अभियान शाखा जनपद बिजनौर की ओर से बुद्धवार की शाम को सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट सीनियर सेकेण्डरी स्कूल निकट विधानसभा लखनऊ हजरतगंज के प्रांगण में जिला बिजनौर के कुछ विशिष्ट प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय स्तर पर तीरन्दाजी में चौम्पियन प्रदर्शन हेतु कुव निष्ठा गुप्ता को, राष्ट्रीय स्तर पर खो खो में पवन कुमार को वेटलिफ्टिंग में सौगात कुमार को तथा सी बी एस ई बोर्ड 12 वीं में राष्ट्रीय स्तर पर तीसरी रैंक लाने के लिए अदिति भारद्वाज को सम्मानित किया गया।क्षेत्रीय इतिहास संकलन एवं लेखन अभियान के संस्थापक व संयोजक इंजीनियर हेमन्त कुमार फीना बिजनौर संस्थापक सदस्य जनपद मिर्जापुर से इंजीनियर गुरुप्रसाद जनपद बाँदा से इंजीनियर योगेंद्र बाबू सिंह ने बच्चों को माल्यार्पण अंग वस्त्र तथा अभिनंदन पत्र भेंट कर प्रोत्साहित किया।ग्राम फीना निवासी और जे के जी इंटरनेशनल स्कूल विजयनगर गाज़ियाबाद की छात्रा अदिति ने बताया कि वह सी ए बनना चाहती है इस पर अभियान के संयोजन हेमन्त कुमार ने स्नातक के बाद सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए प्रेरित किया। अदिति ने दो विषयों में सौ सौ तथा तीन विषयों में निन्यानावे निन्यानावे अंक के साथ 99.40 प्रतिशत अंक प्राप्त किये। अदिति के माता पिता बाबीता भारद्वाज अमित भारद्वाज तथा छोटा भाई आयर्न भारद्वाज मौजूद रहे। ग्राम शादीपुर निवासी कुव निष्ठा गुप्ता को जूनियर को सम्मानित करते हुए एस डी ओ गुरुप्रसाद ने कहा कि अब ओलाम्पिक का लक्ष्य बनाकर चलो। निष्ठा के पिता और जिले के वरिष्ठ पत्रकार विवेक गुप्ता इस मौके पर मौजूद रहे। ग्राम तैमूरपुर निवासी पवन कुमार को सम्मानित करते हुए एस डी ओ योगेंद्र बाबू सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया से उचित दूरी बनाकर लक्ष्य पर केंद्रित होना आवश्यक है।ग्राम फजलपुर निवासी सौगात कुमार को सम्मानित करते हुए अभियंता राम मूरत सरोज ने कड़ी मेहनत कर और ऊँचाई प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया गया।बिजनौर के निकटवर्ती जिले अमरोहा के निवासी जिमनास्ट शवाब अली भी आपने पिता इरफान अली के साथ इस मौके पर मौजूद थे इनको भी माला पहनाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर उक्त के अलावा कुशल गर्ग अनिल कुमार आदि लोग मौजूद रहे।ये बच्चे लखनऊ में गुरूवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सम्मानित किये जाने के लिए बुलाये गए हैं। इस कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर क्षेत्रीय इतिहास संकलन एवं लेखन अभियान ने इनको सम्मानित किया। इस अभियान के अंतर्गत संयोजक हेमन्त कुमार ने स्थानीय इतिहास की खोज लेखन और संवर्धन में अद्भुत कार्य किया है। हेमन्त स्थानीय इतिहास से जुड़ी छह पुस्तके लिख चुके हैँ। इन पुस्तकों ने दो बार राष्ट्रीय रिकार्ड बनाते हुए इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज कराया है और जनपद का गौरव बढ़ाने वाली अनेक इतिहास खोज की हैँ । इन में एक पुस्तक का विमोचन पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र तथा पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड भगत सिंह कोश्यारी द्वारा किया गया। इतिहास कार्यों के लिए हेमन्त विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के हाथों सम्मानित हो चुके हैँ।अभियान में गुमनाम सेनानियों और सामाजिक क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने तथा महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने वालों को सम्मानित किया जाता है। इस अभियान के अंतर्गत लिखी गई हेमन्त कुमार की पुस्तक जनपद बिजनौर का परिचय हाल ही में प्रकाशित हुई थी इस पुस्तक में उदीयमान खिलाड़ियों के वर्ग में सम्मानित होने वाले उपरोक्त खिलाड़ियों के नाम काफी पहले अंकित किये गए थे साथ ही अदिति भारद्वाज का समाचार भी छपा था। इस क्रम में पुस्तक का परिचय भी उपस्थित जन को दिया गया। बच्चों के अभिभावकों ने क्षेत्रीय इतिहास संकलन एवं लेखन अभियान के प्रयासों की सराहना की और इस बैनर तले बच्चों को दिये गए सम्मान पर प्रसन्नाता जताते हुए कहा कि मिले सम्मान से बच्चों को और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी ।

Aaj National

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