सरोजनी नगर:स्वीटी फूड फैक्ट्री में भीषण आग, मालिक और वर्कर की मौत,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:A.S.CHAUHAN || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS

लखनऊ। शनिवार शाम करीब 4:30 बजे सरोजनी नगर थाना क्षेत्र के गंगानगर, अमौसी स्थित स्वीटी फूड फैक्ट्री में भीषण आग लगने की सूचना स्थानीय पुलिस को मिली। इस हादसे में फैक्ट्री मालिक अखिलेश कुमार (45) और वर्कर अबरार (45) की मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में आग का कारण वेल्डिंग कार्य के दौरान निकली चिंगारी को बताया जा रहा है।तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू सूचना मिलते ही सहायक पुलिस आयुक्त कृष्णानगर, थाना प्रभारी निरीक्षक सरोजनीनगर स्थानीय पुलिस टीम, पीआरबी और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। फायर ब्रिगेड की 15 से 16 गाड़ियों की मदद से शाम 7 बजे तक आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया। राहत और बचाव कार्य के दौरान दो लोगों को आग से निकाला गया, जिन्हें तुरंत लोकबंधु अस्पताल भेजा गया।

हालांकि, डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।मृतकों की पहचान मृतकों की पहचान अखिलेश कुमार (पुत्र सवदन्तीराम, उम्र 45 वर्ष, निवासी मवैया चारबाग, लखनऊ) और अबरार (पुत्र जाहिद, उम्र 45 वर्ष, निवासी जयराज पूरी कॉलोनी, सरोजिनी नगर, मूल निवासी टेडिया नान पारा, बहराइच) के रूप में हुई। अखिलेश फैक्ट्री के मालिक थे, जबकि अबरार वहां वर्कर के तौर पर काम करते थे।फैक्ट्री मालिक के बेटे का बयान मौके पर मौजूद फैक्ट्री मालिक के बेटे ऋतिक ने बताया कि स्वीटी फूड फैक्ट्री में बेकरी का काम होता था, लेकिन पिछले एक साल से यह बंद थी। हादसे के समय फैक्ट्री में वेल्डिंग का काम चल रहा था। ऋतिक के अनुसार, संभवतः वेल्डिंग के दौरान निकली चिंगारी से आग लगी। उन्होंने यह भी बताया कि फैक्ट्री में एक या दो लोग फंसे हो सकते थे।पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पुलिस ने मृतकों के शवों को पंचायतनामा के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। प्रथमदृष्टया जांच में वेल्डिंग कार्य के दौरान चिंगारी से आग लगने की बात सामने आई है। पुलिस अन्य आवश्यक वैधानिक कार्रवाई कर रही है और मामले की गहन जांच जारी है।हादसे ने उठाए सुरक्षा के सवाल इस हादसे ने बंद पड़ी फैक्ट्री में चल रहे वेल्डिंग कार्य और सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच इस घटना को लेकर चर्चा तेज है। पुलिस और फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई से आग को और फैलने से रोका गया, लेकिन दो जिंदगियों को बचाया नहीं जा सका।आग लगने के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है, और प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है।

तीर्थ, तप और त्याग की मिसाल बनी रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा,श्रवण कुमार की परंपरा को युगानुकूल रूप दे रहे हैं विधायक राजेश्वर सिंह

भारतीय संस्कृति के संरक्षण, आस्था के सम्मान और वृद्धजनों की सेवा को अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी मानने वाले सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की आत्मीय पहल रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा’ निरंतर जनसेवा और संस्कार के नए प्रतिमान स्थापित कर रही है। शनिवार को इसकी 41 वीं निःशुल्क बस सेवा ग्राम अंदपुर देव से अयोध्या के लिए रवाना हुई, जिसके माध्यम से श्रद्धालुओं को रामलला के दिव्य दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ।यह यात्रा मात्र एक तीर्थ नहीं, बल्कि संस्कार और सेवा का यज्ञ है, जिसे डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने संकल्प से संभव बनाया है। बुजुर्गों को धार्मिक स्थलों के दर्शन कराने हेतु निःशुल्क तीर्थ यात्रा योजना के अंतर्गत अब तक हजारों वरिष्ठ नागरिकों, माताओं और बहनों को अयोध्या धाम लाया ले जाया जा चुका है।41वीं यात्रा के शुभारंभ पर विधायक की टीम के सदस्यों ने श्रद्धालुओं को विधिपूर्वक पटका पहनाकर स्वागत किया। हनुमान चालीसा के पाठ और भजन-कीर्तन के बीच जब रामरथ ने अंदपुर देव से अयोध्या की ओर प्रस्थान किया, तब श्रद्धा का भाव पूरे वातावरण में व्याप्त हो गया। यात्रा के दौरान सेवा में तैनात वालंटियर्स ने हर वृद्धजन की व्यक्तिगत ज़रूरतों का पूरा ध्यान रखा, चाहे वह भोजन की व्यवस्था हो या स्वास्थ्य की देखभाल। अयोध्या पहुंचकर श्रद्धालुओं ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी, सरयू तट सहित अनेक धार्मिक स्थलों के दर्शन किए। मंदिर तक पहुंचने के लिए बैटरी रिक्शा की विशेष व्यवस्था की गई, जिससे बुजुर्गों को कोई कष्ट न हो। वापसी में श्रीमद्भगवद्गीता की प्रति देकर इस यात्रा को एक आध्यात्मिक पूर्णता प्रदान की गई।भावुक श्रद्धालुओं ने इस पुनीत अवसर को जीवन का अविस्मरणीय क्षण बताते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। उन्होंने कहा कि उनके लिए यह यात्रा एक सपने के सच होने जैसा था, एक ऐसा अनुभव जो शायद उनके जीवन में पहली बार मिला।इस विषय में डॉ. राजेश्वर सिंह का मानना है कि “वृद्धजनों की सेवा करना हमारे संस्कारों की आत्मा है। उनकी तीर्थयात्रा के सपनों को साकार करना मेरा सौभाग्य है। उनका आशीर्वाद ही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है।

नशे में धुत डंपर चालक ने मोटरसाइकिल को कुचला

लखनऊ कानपुर हाईवे पर शनिवार बंथरा थाना क्षेत्र के कटी बगिया के पास पिलर नंबर 212 के निकट एक पिकअप अनियंत्रित होकर पलट गयी। यह नादरगंज की शैडो फिक्स कंपनी से इलेक्ट्रिशियन का सामान लोड कर भौकापुर स्थित रिलायंस कंपनी की ओर जा रहा थी। हादसे में पिकप में सवार तीन लोग बाल-बाल बच गए और किसी को कोई चोट नहीं आई।पुलिस के अनुसार, पिकअप का चालक राधे, पिता सन प्रसाद, बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के आमन पूर्वा गांव का निवासी है। हादसा उस समय हुआ जब पिकअप तेज रफ्तार में थी और संभवतः चालक का नियंत्रण खो गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद बंथरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला।पुलिस ने बताया कि पिकअप में लोड इलेक्ट्रिशियन का सामान सुरक्षित है, हालांकि कुछ सामान सड़क पर बिखर गया था, जिसे पुलिस की मदद से समेट लिया गया। हादसे के कारण कुछ देर के लिए यातायात प्रभावित हुआ, लेकिन पुलिस ने स्थिति को जल्द नियंत्रित कर लिया।चालक राधे ने बताया कि वह और उनके दो साथी सामान डिलीवर करने जा रहे थे। हादसे के वक्त अचानक ट्रक अनियंत्रित हो गया, लेकिन गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। पुलिस ने पिकअप को सड़क किनारे हटवाकर यातायात बहाल कराया और मामले की जांच शुरू कर दी है।

कटी बगिया में लखनऊ कानपुर हाईवे पर पलटी पिकअप,नादरगंज से भोंकापुर जा तीन लोग बाल-बाल बचे

लखनऊ कानपुर हाईवे पर शनिवार बंथरा थाना क्षेत्र के कटी बगिया के पास पिलर नंबर 212 के निकट एक पिकअप अनियंत्रित होकर पलट गयी। यह नादरगंज की शैडो फिक्स कंपनी से इलेक्ट्रिशियन का सामान लोड कर भौकापुर स्थित रिलायंस कंपनी की ओर जा रहा थी। हादसे में पिकप में सवार तीन लोग बाल-बाल बच गए और किसी को कोई चोट नहीं आई।पुलिस के अनुसार, पिकअप का चालक राधे, पिता सन प्रसाद, बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के आमन पूर्वा गांव का निवासी है। हादसा उस समय हुआ जब पिकअप तेज रफ्तार में थी और संभवतः चालक का नियंत्रण खो गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद बंथरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला।पुलिस ने बताया कि पिकअप में लोड इलेक्ट्रिशियन का सामान सुरक्षित है, हालांकि कुछ सामान सड़क पर बिखर गया था, जिसे पुलिस की मदद से समेट लिया गया। हादसे के कारण कुछ देर के लिए यातायात प्रभावित हुआ, लेकिन पुलिस ने स्थिति को जल्द नियंत्रित कर लिया।चालक राधे ने बताया कि वह और उनके दो साथी सामान डिलीवर करने जा रहे थे। हादसे के वक्त अचानक ट्रक अनियंत्रित हो गया, लेकिन गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। पुलिस ने पिकअप को सड़क किनारे हटवाकर यातायात बहाल कराया और मामले की जांच शुरू कर दी है।

सरोजनीनगर थाने में दहेज प्रथा का मामला दर्ज,नवविवाहिता ने पति और ससुराल वालों पर लगाए गंभीर आरोप, दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज

सरोजनीनगर थाने में एकता विश्वास दुवे नामक एक महिला ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की है। एकता ने अपनी शिकायत में दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, मानसिक और शारीरिक क्रूरता, धोखाधड़ी, चरित्र हनन, निजी दस्तावेजों के दुरुपयोग, जान से मारने की धमकी और जबरन घर से निकाले जाने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। यह शिकायत एकता के पति विश्वास महेश दुबे, ससुर महेश दुबे, सास सीता दुबे, देवर विशाल दुबे, ताऊ ससुर उमेश दुबे और उनके पुत्र आशीष दुबे के खिलाफ दर्ज की गई है।शिकायत का विवरण एकता विश्वास दुवे, थाना सरोजनीनगर के एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड की निवासी हैं, ने अपनी तहरीर में बताया कि उनकी शादी 8 मई 2021 को विश्वास दुबे से हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार हुई थी। शादी के बाद वे मुंबई के मलाड वेस्ट में अपने पति, सास, ससुर और देवर के साथ रहने लगीं। इस दौरान उनके एक पुत्र शिव विश्वास दुबे का जन्म हुआ, जो वर्तमान में एक वर्ष का है। एकता ने आरोप लगाया कि शादी के समय से ही उनके ससुराल वाले दहेज के लिए ताने देने, मारपीट करने और मानसिक उत्पीड़न करने लगे। उनके पिता से शादी से पहले और बाद में करीब 50 लाख रुपये नकद, भूखंड के कागजात, गहने और अन्य मूल्यवान वस्तुएं जबरन ले ली गईं। उनके स्त्री धन को भी छीन लिया गया और कभी वापस नहीं किया गया।दहेज की मांग और आर्थिक शोषण एकता ने बताया कि उनके पति, सास, ससुर, देवर, ताऊ ससुर और जेठ लगातार अतिरिक्त दहेज की मांग करते थे। उनके बैंक खाते, एटीएम कार्ड, पासबुक और अन्य निजी दस्तावेजों को देवर विशाल दुबे ने अपने कब्जे में ले लिया। जुलाई 2021 में उनके खाते से 10 लाख रुपये चेक के माध्यम से निकाल लिए गए। एकता ने यह भी आरोप लगाया कि गर्भावस्था और प्रसव के दौरान उन्हें ऐसे काम करने के लिए मजबूर किया गया, जिन्हें डॉक्टरों ने मना किया था। उनके और उनके नवजात शिशु की उपेक्षा की गई, और दोनों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।घरेलू हिंसा और सामाजिक बहिष्कार एकता ने अपनी तहरीर में बताया कि उनके साथ बार-बार मारपीट की गई और उन्हें घर से निकाल दिया गया। उनके ससुराल वालों ने उनके माता-पिता को गालियां दीं और सामाजिक रूप से उनका बहिष्कार किया। एकता ने यह भी खुलासा किया कि उनके पति का उनकी पूर्व प्रेमिका आशिता गोस्वामी उर्फ आशी के साथ विवाहेतर संबंध था, जिसकी जानकारी उन्हें शादी के बाद मिली। अप्रैल 2023 में एकता को उनके शिशु सहित जबरन उनके मायके भेज दिया गया, और तब से उनके वैवाहिक घर में प्रवेश पूरी तरह निषिद्ध है।निजता का हनन और धमकियां एकता ने आरोप लगाया कि उनके ससुराल वालों ने उनके मोबाइल डेटा के साथ छेड़छाड़ की और उनकी निजी कॉल रिकॉर्डिंग, तस्वीरें, बातचीत और दस्तावेजों को तोड़-मरोड़कर उनके रिश्तेदारों, समाज और उनके पिता के सरकारी कार्यालय में प्रसारित किया। ताऊ ससुर उमेश दुबे और उनके परिवार ने उन्हें लगातार धमकियां दीं, जिसमें जान से मारने, बदनामी करने और परिवार को बर्बाद करने की धमकियां शामिल थीं। 22 अप्रैल 2025 को जब एकता अपने बच्चे के साथ मुंबई में अपने ससुराल गईं, तो उन्हें वहां से भगा दिया गया। उमेश दुबे ने उन्हें अपमानजनक भाषा का उपयोग करते हुए धमकी दी कि अगर वे वापस नहीं गईं तो उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी जाएगी।कानूनी कार्रवाई की मांग एकता ने अपनी तहरीर में पुलिस से अनुरोध किया है कि उनकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी निवेदन किया कि उन्हें और उनके बच्चे के साथ हुई घटनाओं का विस्तृत बयान प्रस्तुत करने का अधिकार सुरक्षित रखा जाए। एकता ने अपनी शिकायत में स्पष्ट किया कि शब्दों की सीमा का सम्मान करते हुए उन्होंने संक्षेप में अपनी बात रखी है, लेकिन वे विस्तृत बयान देने के लिए तैयार हैं।पुलिस की कार्रवाई सरोजनीनगर थाने के प्रभारी ने शिकायत प्राप्त होने की पुष्टि की है और कहा है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाने की प्रक्रिया शुरू की है और आवश्यक कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।यह मामला दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को फिर से उजागर करता है, जिसके खिलाफ समाज और कानून को एकजुट होकर कदम उठाने की आवश्यकता है। एकता की इस शिकायत से यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए अभी और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

Aaj National

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