-मुख्यमंत्री के निर्देश पर सहारनपुर से हटाये गये थे कुलदीप संत
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लखनऊ। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ, लोक निर्माण विभाग ने कुलदीप संत अधिषासी अभियंता को संवेदनशील पद अधिशासी, प्रान्तीय खण्ड, लोनिवि, मुरादाबाद से हटाने हेतु मोर्चा खोल दिया है। संघ के अध्यक्ष इं.एन.डी. द्विवेदी ने प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष को लिखे गये पत्र में प्रदेश व्यापी आन्दोलन किये जाने की बात कही है।
इ.एन.डी. द्विवेदी ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री प्रदेश सरकार, राज्यमंत्री, एवं प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को भी पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है कि कार्यालय प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष, लोनिवि,उ.प्र. के कार्यालय ज्ञाप सं.-32कैम्प-प्र.अ. (विकास/18 परिवाद/25, 28 जनवरी 2025 द्वारा विभिन्न कदाचरण के लिए कुलदीप संत अधिषासी अभियन्ता, प्रान्तीय खंड, मुरादाबाद की सत्यनिष्ठा संदिग्ध,अप्रमाणित की गयी है। उ.प्र. सरकार के कैबिनेट मंत्री मण्डल द्वारा अनुमोदनोपरान्त उ.प्र. शासन द्वारा निर्गत स्थानांतरण नीति के प्रस्तर-4 (प) में स्पश्ट उल्लिखित है कि ‘‘ संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले कार्मिकों की तैनाती संवेदनषील पदों पर कदापि न की जाए। ’’ बावजूद इसके कुलदीप संत को संवेदनशील पद पर बनाये रखा गया है। आयुक्त, सहारनपुर मण्डल, सहारनपुर का पत्रांक-2994/पीए, 05 अगस्त .2022 के माध्यम से कुलदीप संत अधिशासी अभियंता, निर्माण खण्ड (भवन), सहारनपुर के स्थान पर किसी योग्य एवं अनुभवी अधिशासी अभियंता की तैनाती किये जाने हेतु अपर मुख्य सचिव, को पत्र लिखा गया था।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कुलदीप संत अधिशासी अभियन्ता, निर्माण खण्ड (भवन), सहारनपुर के पद से हटाया गया था। इन्हें स्टाफ आफिसर के पद पर रामपुर में तैनात किया गया था। चेयरमैन इन्फ्रास्ट्रक्चर सब कमेटी/अपर जिला जज कोर्ट नं.-7 मुरादाबाद द्वारा कुलदीप संत के विरूद्ध लापरवाही एवं गैर जिम्मेदराना कृत्य हेतु गम्भीर पत्र लिखते हुए भविश्य में उनके कदाचरण हेतु न्यायालय एवं शासन को लिखे जाने की चेतावनी दी गयी। कुलदीप संत पूर्व की तैनाती सहारनपुर, बुलंदषहर, मेरठ एवं अमरोहा में भी विवादित रहे हैं। मुरादाबाद जनपद में सभी अवर अभियंता, सहायक अभियंता एवं मिनिस्ट्रियल स्टाफ द्वारा इनके साथ कार्य कर पाने में असमर्थता व्यक्त कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। परन्तु विभाग,शासन पता नही किस कारण से इन्हें हटाने की कार्यवाही नही कर रहा है, जबकि सरकार की स्थानांतरण नीति के अनुसार सत्यनिष्ठा संदिग्ध अधिकारी संवेदनशील पद पर तैनात नही रह सकता। इसलिए डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने पत्र लिखते हुए इनके विरूद्ध कार्यवाही न किये जाने पर प्रदेश व्यापी आन्दोलन किये जाने का निर्णय लेने की बात कही है।