LUCKNOW:IAS अफसर फील्ड पर उतरकर परखेंगे विकास की जमीनी हकीकत,क्लिक करें और भी खबरें

-शासन ने बनाये नोडल अफसर, चीफ सेक्रेटरी को सौपेंगे रिपोर्ट,कल से शुरू हो जायेगी जिलों में छानबीन

  • REPORT BY:K.K.VARMA|| EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 
लखनऊ। यूपी के आईएएस अधिकारी फिर फील्ड पर उतरेंगे।फील्ड कर उतरकर  विकास की जमीनी हकीकत जानेंगे।उत्तर प्रदेश सरकार ने जिलों के लिए आईएएस अफसरों को नोडल अफसर बनाकर धरातल पर योजनाओं की स्थिति और प्रशासनिक व्यवस्था की पड़ताल करेंगे।
यह आला अफसर 24 और 25 मई को प्रदेश भर के जिलों का  निरीक्षण करने वाले हैं। सबसे खास बात यह है कि ये अफसर 50 करोड़ से अधिक की लागत की परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन करेंगे।इसके बाद 26 मई को नोडल अधिकारी मुख्य सचिव को अपनी पड़ताल रिपोर्ट सौपेंगे।यह दौरान गोसेवा स्थल और जल योजनाओं का भी निरीक्षण किया जायेगा।मिली जानकारी के मुताबिक आईएएस अधिकारी ऋतु महेश्वरी  लखनऊ के विकास कार्यों का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इसके अलावा डॉ रूपेश कुमार प्रयागराज, भवानी सिंह फतेहपुर, रविंद्र कुमार प्रतापगढ़ का निरीक्षण करेंगें।आईएएस अफसर राम केवल कौशांबी तो विजय किरन आनंद वाराणसी का करेंगे निरीक्षण करन पहुंच रहे हैं।अंकित कुमार अग्रवाल जौनपुर, गौरव वर्मा चंदौली का निरीक्षण करेंगे।दिव्य प्रकाश गिरी गाजीपुर, प्रकाश बिंदु मिर्जापुर का निरीक्षण करेंगे। जयशंकर दुबे को सोनभद्र, कृष्ण कुमार गुप्ता को भदोही के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।भूपेंद्र चौधरी आजमगढ़, शीलधर यादव बलिया का निरीक्षण करेंगे।वही ओम प्रकाश शर्मा मऊ, इंद्र विक्रम सिंह गोरखपुर, शिशिर देवरिया का निरीक्षण करने वाले हैं।अरविंद कुमार चौरसिया कुशीनगर, मनोज कुमार द्वितीय महाराजगंज का निरीक्षण करेंगे। सुधा वर्मा देखेंगी बस्ती तो संजीव सिंह संत कबीर नगर का हाल जानेंगे।अभिषेक सिंह सिद्धार्थ नगर, मासूम अली सरवर गोंडा का  निरीक्षण करेंगे।कृतिका शर्मा बलरामपुर, गरिमा यादव श्रावस्ती का निरीक्षण करने वाली है।प्रेरणा शर्मा जायेंगी बहराइच तो आदर्श सिंह अयोध्या का निरीक्षण करने वाले हैं।नेहा जैन अंबेडकर नगर और  संदीप कौर बाराबंकी का  निरीक्षण करेंगे।सी इंदुमती सुल्तानपुर, वंदना वर्मा अमेठी का निरीक्षण करेंगी।
बी चंद्रकला रायबरेली, चैत्रा वी हरदोई का निरीक्षण करेंगी।सेल्वा कुमारी उन्नाव, किंजल सिंह सीतापुर का निरीक्षण करने वाली हैं।माला श्रीवास्तव लखीमपुर, मुथुकुमार स्वामी कानपुर का  निरीक्षण करेंगी।कृतिका देवस्थान कानपुर देहात, कुणाल तेलुगू फर्रुखाबाद का  निरीक्षण
करेंगे।अमित कुमार सिंह इटावा, रणविजय यादव औरैया का निरीक्षण करेंगे।अर्चना वर्मा कन्नौज, प्रमोद कुमार उपाध्याय बांदा का निरीक्षण करेंगे।राहुल सिंह महोबा, राजेंद्र सिंह द्वितीय हमीरपुर,धीरेंद्र सिंह सचान चित्रकूट, शेषनाथ अमरोहा,अवनीश कृष्णा मेरठ, हीरालाल यादव गाजियाबाद,मानवेंद्र सिंह हापुड़, साहब सिंह नोएडा,देवेंद्र कुमार पांडे बुलंदशहर, अवधेश कुमार तिवारी बागपत का  निरीक्षण करेंगे।
राजेश प्रकाश सहारनपुर, दुर्गेश कुमार त्यागी मुजफ्फरनगर,राजेश कुमार त्यागी शामली, मारकंडे झांसी,राजकुमार प्रथम जालौन, सुनील कुमार ललितपुर, बृजेश नारायण सिंह आगरा, कुमार प्रशांत मथुरा का निरीक्षण करेंगे।अरुण प्रकाश फिरोजाबाद, टीके शिबू मैनपुरी,रमाकांत अलीगढ़, शेष मणि त्रिपाठी हाथरस जाएंगे देवेंद्र कुमार कुशवाहा एटा, रघुवीर कासगंज,राजेश कुमार द्वितीय बरेली, महेंद्र बहादुर सिंह बदायूं,भानु प्रताप त्रिपाठी पीलीभीत, रजनीश चंद्र शाहजहांपुर, वैभव श्रीवास्तव मुरादाबाद, चंद्रभूषण संभल,चंद्र विजय सिंह रामपुर और डॉ उज्जवल कुमार बिजनौर का निरीक्षण कर शासन को रिपोर्ट देंगे।उत्तर प्रदेश सरकार ने कामकाज की जमीनी हकीकत परखने के लिए यह कदम उठाया है।

विधायक अब्बास अंसारी की जमानत पर मंडरा रहा खतरा,लखनऊ पुलिस की रिपोर्ट से बढ़ीं मुश्किलें

मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से विधायक अब्बास अंसारी की कानूनी मुश्किलें फिर बढ़ती दिख रही हैं। सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद उनके खिलाफ लखनऊ पुलिस की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है।मुताबिक रिपोर्ट अब्बास कोर्ट में पेश नहीं हुए, अपनी जानकारी छिपाई। लखनऊ पुलिस ने उनकी जमानत निरस्त करने की सिफारिश की है। यह रिपोर्ट चित्रकूट पुलिस को भेजी गई है और अब्बास अंसारी की राजनीतिक और कानूनी स्थिति को गंभीर चुनौती मिल सकती है।लखनऊ पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब्बास अंसारी   सशर्त जमानत मिलने के बाद भी कोर्ट में नियमित रूप से उपस्थित नहीं हुए। वह केवल 5 मार्च को कोर्ट पहुंचे, लेकिन 17 मार्च, 24 मार्च, 7 अप्रैल, 21 अप्रैल और 5 मई की सुनवाइयों में गैरहाजिर रहे। लखनऊ की एसीजेएम तृतीय कोर्ट में उनके खिलाफ शस्त्र अधिनियम का मामला चल रहा है, जिसमें नियमित उपस्थिति जरूरी है।
हजरतगंज कोतवाली में उनके खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश के तहत भी मामला दर्ज है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार जमानत के दौरान अब्बास को अपने मोबाइल नंबर और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी पुलिस को देनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह शर्तों का सीधा उल्लंघन है।लखनऊ पुलिस की चित्रकूट पुलिस को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि अब्बास अंसारी लखनऊ की मेट्रो सिटी पेपर मिल कॉलोनी, निशातगंज में रहते थे और अब वह दारुलशफा के नए विधायक आवास में रह रहे हैं। पुलिस ने उनकी गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया है और उनके नजदीकी लोगों की भी निगरानी की जा रही है।
बताया गया है कि 2019 में उनके खिलाफ कूटरचित दस्तावेज और धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था,  2022 में शस्त्र अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। फरवरी 2024 में उन्हें सशर्त जमानत मिली थी, जिसे अब रद्द करने की सिफारिश की गई है।पुलिस की रिपोर्ट ने अब्बास अंसारी की कानूनी स्थिति को और पेचीदा बना दिया है।कोर्ट रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए उनकी जमानत रद्द करता है, तो उन्हें फिर हिरासत में लिया जा सकता है।

पर्यावरण संरक्षण सबकी जिम्मेदारी-योगी

अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में  राष्ट्रीय संगोष्ठी-2025 का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक जिम्मेदारी और सहभागिता पर जोर दिया। इस वर्ष की थीम ‘प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास’ को केंद्र में रखते हुए सीएम योगी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने भारत के वैदिक दर्शन और सनातन परंपराओं का उल्लेख करते हुए प्रकृति के साथ सामंजस्य की आवश्यकता को लेकर लोगों से अपील भी की।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक परंपराएं प्रकृति के प्रति गहरे सम्मान को दर्शाती हैं। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म में हर मांगलिक अनुष्ठान की शुरुआत पृथ्वी, जल, अंतरिक्ष और समस्त चराचर जगत के कल्याण की कामना से होती है। हमारी परंपराएं हमें सिखाती हैं कि मनुष्य का अस्तित्व प्रकृति और जैव विविधता के संरक्षण पर निर्भर है। अथर्ववेद में कहा गया है कि धरती हमारी माता है और हम इसके पुत्र हैं। एक पुत्र के नाते, हमें  जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा। 1992 में शुरू हुई वैश्विक स्तर पर जैव विविधता संरक्षण की चर्चा का उल्लेख करते हुए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2070 तक भारत को नेट जीरो लक्ष्य प्राप्त करने का संकल्प लिया है, लेकिन इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समाज के हर व्यक्ति का योगदान आवश्यक है। यह केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है। जब तक हम सभी मिलकर प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए काम नहीं करेंगे, तब तक सतत विकास का लक्ष्य अधूरा रहेगा। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण भारत की स्वावलंबी परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले हर गांव में खलिहान, गोचर भूमि, तालाब और खाद के गड्ढे होते थे, जो पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। गांवों में सॉलिड वेस्ट को खाद के गड्ढों में डालकर कंपोस्ट बनाया जाता था, तालाब स्वच्छता के प्रतीक थे और गोचर भूमि पशुओं के लिए आरक्षित थी,  आधुनिकता की दौड़ में हमने इन परंपराओं को नजरअंदाज कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरणीय असंतुलन और बीमारियां बढ़ रही हैं। उन्होंने गांवों में तालाबों को ड्रेनेज का माध्यम बनाने और गोचर भूमि पर अतिक्रमण जैसे कदमों को आत्मघाती बताया। राज्य का जैव विविधता बोर्ड ‘प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास’ के विजन को साकार करने के लिए नए अभियान चला रहा है। आठ वर्षों में वन विभाग ने 210 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण कर राज्य के वन क्षेत्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।  नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी को कानपुर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निर्मल और अविरल बनाने में सफलता प्राप्त हुई है। कानपुर, जो कभी नमामि गंगे का सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र था, आज वहां गंगा स्वच्छ और जीवंत है। सीएम ने जैव विविधता के संरक्षण में स्थानीय परंपराओं और ज्ञान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सनातन धर्म की उस परंपरा का उल्लेख किया, जिसमें पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं को देवताओं के साथ जोड़ा जाता है। हमारी परंपराएं हमें सिखाती हैं कि पीपल, बरगद और जामुन जैसे वृक्षों का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है। पहले लोग चींटियों को मारने के बजाय आटा और चीनी देकर उन्हें प्राकृतिक रूप से हटाते थे।  प्रकृति के साथ सामंजस्य का उदाहरण है।सीएम  ने आधुनिक विकास के मॉडल पर भी सवाल उठाए, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहे हैं। हम हर कार्य को मशीनीकरण की ओर ले जा रहे हैं, चाहे वह ड्रेनेज हो या औद्योगिक कचरा। हमें प्राकृतिक उपायों को अपनाना होगा, जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में जल शोधन की देसी पद्धतियां थीं। जटायु जैसे पक्षियों के संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि रासायनिक उर्वरकों और दवाओं के दुष्प्रभावों ने इन प्रजातियों को विलुप्ति के कगार पर पहुंचा दिया है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जटायु, जो प्रकृति के शोधन का कार्य करता था, आज अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। हमें अपनी परंपराओं के प्रति कृतज्ञता दिखानी होगी। सीएम योगी ने लोगों से आह्वान किया कि जैव विविधता संरक्षण को जन आंदोलन बनाना होगा। यह सृष्टि केवल मनुष्य के लिए नहीं है। अगर हमें अपने अस्तित्व को बचाना है, तो हमें जीव-जंतुओं, जल स्रोतों और पर्यावरण के संरक्षण के लिए सामूहिक रूप से कार्य करना होगा। उत्तर प्रदेश का जैव विविधता बोर्ड इस दिशा में प्रयासरत है। हमें इन प्रयासों को और गति देनी होगी।

सीएम योगी ने जैव विविधता पर आधारित प्रदर्शनी का किया अवलोकन

सीएम ने जैव विविधता पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और प्रत्येक स्टॉल पर जाकर उत्पादों की जानकारी ली। उन्होंने ग्रीन बजट और जैव विविधता पुस्तिका का विमोचन किया। चित्रकला, निबंध लेखन और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं Ajit विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। सीएम योगी ने कार्बन क्रेडिट के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान किया और एनजीओ फार्मर्स को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, राज्यमंत्री केपी मलिक, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव अनिल कुमार समेत कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने आईएफएस अधिकारियों से की भेंट,कौशल विकास योजनाओं पर की गई प्रस्तुति

व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने आज मिशन मुख्यालय में मिड करियर ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत यूपी भ्रमण पर आए भारतीय वन सेवा आईएफएस के 8 अधिकारियों से भेंट की।भ्रमण पर आए अधिकारियों को राज्य कौशल विकास मिशन  के अंतर्गत संचालित विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों एवं योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इस अवसर पर विभाग के विशेष सचिव अभिषेक सिंह एवं मिशन के अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उत्तर प्रदेश में कौशल विकास के क्रियान्वयन, नवाचारों तथा युवाओं के सशक्तिकरण हेतु की जा रही पहलों को साझा किया गया।प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम एवं विशेष सचिव  अभिषेक सिंह द्वारा आईएफएस अधिकारियों के साथ भावी रणनीतियों एवं संभावित समन्वय के अवसरों पर भी चर्चा की गई, जिससे पर्यावरणीय संरक्षण एवं सतत विकास के लक्ष्यों के साथ कौशल प्रशिक्षण को जोड़ा जा सके।भेंट के अंत में प्रमुख सचिव  द्वारा  आईएफएस अधिकारियों को मिशन संबंधित उपयोगी साहित्य एवं प्रचार सामग्री भेंट की गई।इस अवसर पर मिशन के संयुक्त निदेशक  मयंक गंगवार, इन्वेस्ट यूपी के महाप्रबंधक  राजीव दीक्षित तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

आंधी-तूफान, बारिश एवं वज्रपात, पेड़ गिरने से प्रभावित विद्युत आपूर्ति व्यवस्था तत्काल हो दुरूस्त

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं कार्मिकों को निर्देशित किया है कि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आंधी-तूफान, बारिश एवं वज्रपात के कारण तथा पेड़ों के टूटकर गिरने से जहाँ पर भी विद्युत व्यवस्था एवं आपूर्ति प्रभावित हुई है, वहाँ युद्धस्तर पर लगकर कार्य करें और तत्काल व्यवस्था को सुधार कर आपूर्ति बहाल करें।
ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि विगत दो दिनों से प्रदेश में कहीं न कहीं पर आंधी तूफान एवं बारिश के कारण विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई है और इससे उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। जहाँ कही पर भी परिस्थितिवस ऐसी समस्याएं उत्पन्न हुई है, वहाँ की विद्युत आपूर्ति संबंधी कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। आज रात 22 मई को भी लगातार प्रयास किया गया है और पूरी रात जागकर बिजली व्यवस्था एवं आपूर्ति को सूचारू बनाने के लिए अधिकारियों से सम्पर्क किया गया और उन्हें जरूरी निर्देश दिये गये।  विद्युत व्यवस्था को ठीक करने और आपूर्ति बहाल करने के लिए रात के अंधेरे में भी विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में उतरकर टॉर्च की रोशनी में लगातार कार्य कर रहे है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि की एमडी ईशा दुहान ने रात के अंधेरे में क्षेत्रों का भ्रमण कर विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त कराया। सभी विद्युत कर्मियों को सजग व सतर्क रहने के निर्देश दिये गये है। 21 मई को आई भीषण आंधी-तूफान के कारण 220 केवी के 85 एवं 86 नं0 के दो विद्युत टॉवर मेरठ के जागृति विहार और हापुड़ में टूटकर गिर गये। इन क्षेत्रों में 765 मैटोर के वैकल्पिक स्रोत से विद्युत आपूर्ति बहाल रखी गयी है शीघ्र ही इन टॉवरों को दुरुस्त कर इस सर्किट में विद्युत संचालन शुरू हो जायेगा। इसी प्रकार आंधी के कारण 220 केवी नैहटौर मैटोर सर्किट के 06 एवं 07 नं0 के दो टॉवर टूट गये। इन क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति को 220 केवी अमरोहा के वैकल्पिक स्रोत से संचालित की जा रही है। विपरीत मौसम व परिस्थितियों में भी प्रदेशवासियों को बेहतर विद्युत आपूर्ति होती रहें। कार्मिक तत्परता से लगे हुए है।
उपभोक्ताओें से भी ऐसी परिस्थितियों में सहयोग करने और संयम रखने की अपील है। 21 मई को प्रातःकाल तेज आंधी, तूफान एवं भारी बारिश के कारण लखीमपुर खीरी एवं सीतापुर जिले के कुछ क्षेत्रों में पेड़ों के गिरने से पोल व लाइन टूट गई और विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई। विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने लगातार कार्य करते हुए विद्युत केंद्रों की सप्लाई दुरुस्त कर दी। लेकिन कल शाम से राज्य के कई और हिस्सों जिसमें  दक्षिणांचल के मथुरा और पश्चिमांचल के नोएडा, बुलंदशहर सहित कई जिलों में आंधी-तूफ़ान आने से विद्युत व्यवस्था बाधित हुई है। चुनौतीपूर्ण कार्य को जल्द से जल्द ठीक करने और विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए विद्युत कार्मिक  दिन-रात कार्यरत हैं।

ग्रामीण आजीविका में कार्यरत ब्लॉक मिशन मैनेजरों को दिया गया प्रशिक्षण 

उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशन में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब लखनऊ में विभिन्न सरकारी, अर्धसरकारी विभाग संस्थाओ के अधिकारियों व कर्मचारियों व विभाग व रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हें और अधिक दक्ष व सक्षम बनाने का कार्य किया जा रहा है। दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा 19  से 22 मई की अवधि में महानिदेशक संस्थान एल वेंकटेश्वर लू के संरक्षण एवं संस्थान के अपर निदेशक सुबोध दीक्षित के मार्ग निर्देशन में ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत “एफएनएचडब्ल्यू फ्लिप बुक मॉडयूल-1 एवं एमआईएस लोकोस ट्रांजैक्शन” विषयक 04 दिवसीय राज्य स्तरीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ब्लॉक मिशन मैनेजर बीएमएम हेतु आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रशिक्षण के प्रथम दो दिवसों में विभिन्न विषयों यथा-प्रदेश में माताओं, किशोरियों एवं बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति तथा यूपीएसआरएलएम की भूमिका पर चर्चा, फ्लिप बुक मॉडूयल-1 पर परिचय एवं उपयोग पर चर्चा, जीवन के प्रथम एक हजार दिनों में निवेश, सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन संचार की अवधारणा सिद्धांत एवं रणनीति पर चर्चा, जेण्डर का खाद्य पोषण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के संबंध पर चर्चा व परिचर्चा, स्वास्थ्य पोषण और स्वच्छता से आपसी सम्बन्ध स्तनपान व माहवारी स्वच्छता प्रबन्धन तथा महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार के विषयों पर समझ बनाना, सीएलएफ कटऑफ, सीट प्रारूप पर चर्चा, सीबीओ के ट्रांजैक्शन का इंस्टालेशन एवं यूजर आईडी बनाना, लोकोस ट्रांजैक्शन के फॉर्मेट को साइट पर भरना, क्लस्टर लेवल फेडरशन का अनुश्रवण व डाटा कलेक्शन तथा भुगतान की प्रक्रिया एवं भुगतान इत्यादि पर राज्य स्तरीय सम्बन्धित प्रबुद्ध विषय-विशेषज्ञों द्वारा कुल लक्षित 83 प्रतिभागियों के सापेक्ष 78 प्रतिभागियों की क्षमता संवर्धन करने के साथ द्वितीय दो दिवसों में एमआईएस पद्धति पर आधारित सम्बन्धित विषयों पर कम्प्यूटर संकाय के विषय-विशेषज्ञों द्वारा ज्ञानवर्धन किया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर अध्यक्षीय संबोधन के अन्तर्गत संस्थान के अपर निदेशक सुबोध दीक्षित द्वारा प्रतिभागियों को अभिप्रेरित करने के उद्देश्य से प्रासंगिक तथ्यपरक बिंदुओं के माध्यम से प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन करने के साथ सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की नियंत्रक अधिकारी डॉ नीरजा गुप्ता,  उप निदेशक तथा प्रशिक्षण प्रभारी एसके गुप्ता, सहायक निदेशक द्वारा प्रशिक्षण विषयक मानकों पर विस्तृत व्याख्यान दिया गया। प्रशिक्षण के प्रबन्धन एवं आयोजन के दृष्टिगत डॉ विनीता रावत, संकाय सदस्य तथा आरती गुप्ता, विशेषज्ञ का सराहनीय योगदान रहा।

Aaj National

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