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प्रेम शर्मा
लखनऊ:शहर को अतिक्रमण, भिक्षावृत्ति मुक्त करने तथा यातायात व्यवस्था को लेकर विचार-विमर्ष किये जाने के लिये महापौर की अध्यक्षता में संगम गेस्ट हाउस, फील्ड हॉस्टल जल निगम, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग में बैठक आहूत की गयी। बैठक में जिलाधिकारी, लखनऊ, अपर पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक), लखनऊ, नगर आयुक्त, नगर निगम, लखनऊ, अपर सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण, लखनऊ, अधिषाषी अभियन्ता, लखनऊ विकास प्राधिकरण, लखनऊ, अपर जिलाधिकारी (टी.जी.), लखनऊ,परियोजना निदेशक (एन.एच.ए.आई), अपर नगर आयुक्त, नगर निगम, लखनऊ, ए.आर.एम. कैसरबाग, लखनऊ, मुख्य अभियन्ता-लेसा (अमौसी क्षेत्र), अधिषासी अभियन्ता-लेसा (मध्य क्षेत्र), अधिषासी अभियन्ता-लेसा (वृन्दावन क्षेत्र), प्रबन्धक, सिटी ट्रांसपोर्ट, अधीक्षण अभियन्ता, जल निगम, अधीक्षण अभियन्ता, पीडब्लूडी, समाजकल्याण अधिकारी आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक में महापौर ने सम्बंधित विभागों के उपस्थिति अधिकारियों को शहर को अतिक्रमण मुक्त और भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने सहित कई जगहों पर पार्किग के लिए जगह चिन्हित करने के निर्देश दिए।
महापौर , लखनऊ द्वारा लखनऊ शहर में जगह-जगह सड़कों की खुदाई से सम्बन्धित कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण कराये जाने हेतु पीडब्ल्यूडी एवं अन्य सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिये गये । महापौर द्वारा एनएचएआई पुल के नीचे अवैध रूप से स्थापित झुग्गी-झोपड़ियों का हटाकर वेण्डिंग जोन स्थापित कर जगह-जगह अव्यवस्थित रूप से वेण्डर्स, खुमचे, ठेलिया एवं अन्य व्यवसायिओं को व्यवस्थित किये जाने के निर्देष दिये गये। नगर निगम द्वारा विभिन्न जोनों में अतिक्रमण को हटाये जाने की कार्यवाही के उपरान्त पुनः अतिक्रमण स्थापित न होने हेतु एडीसीपी-ट्रैफिक के सुझाव के अनुसार पुलिस विभाग एवं नगर निगम की संयुक्त टीम बनाकर कार्यवाही करते हुए दोनों विभाग के कर्मचारियों की सायंकालीन ड्यूटी लगाये जाने के निर्देश दिये गये। सड़क के किनारे खड़े ई-रिक्षा एवं खोमचो,ठेलियों,पटरी दुकानदारों को पेंटेड पार्ट के पीछे समान रूप से स्थापित किये जाने हेतु सम्बन्धित थानाध्यक्ष एवं सम्बन्धित जोनल अधिकारी द्वारा जोनवार योजना तैयार कर कार्यवाही किये जाने क निर्देष दिये गये। लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया है कि शहर में बिल्डर्स द्वारा अनाधिकृत रूप से प्लाटिंग की जा रही है जिसे रोके जाने की व्यवस्था किया जाना नितान्त आवष्यक है। जिलाधिकारी द्वारा अनाधिकृत रूप से प्लाटिंग करने वाले बिल्डर्स को भूखण्ड विक्रय से पूर्व समस्त अवस्थापना सुविधाओ यथा विद्युत, पेयजल, सीवर,ड्रेन आदि व्यवस्थाओं हेतु सभी विभागों द्वारा सम्बन्धित बिल्डर्स को डेवलपमेंट चार्ज जमा कराये जाने हेतु नोटिस निगर्त करते हुए भारमुक्त होने के उपरान्त ही प्लाटिंग किये जाने के निर्देष दिये गये। जल निगम द्वारा एसटीपी एवं एसकेडी का कार्य 15 अगस्त, 2024 तक यथा आवष्यकतानुसार मैनपावर योजित कर पूर्ण कराये जाने एवं जोन-1 में लक्षमण मेला तक (लगभग 75 किलोमीटर) सीवर लाईन को 20 अगस्त, 2024 तक पूर्ण कराये जाने के साथ ही नीलमथा एवं आस-पास के क्षेत्रो में वाटर पाइपलाईन के कारण क्षतिग्रस्त सड़को को यथाषीघ्र ठीक,मरम्मत कराये जाने के निर्देष दिये गये।
डेमो मे स्मार्ट प्रीपेड मीटर में निकली कई दर्जन कमियां,उपभोक्ता परिषद ने उठाई उच्चस्तरीय जॉच की मांग
प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में लगभग 25000 करोड की लागत वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर जिसको लगाने का काम बिजली कंपनियों में बिना आईटी सिस्टम इंटीग्रेशन क्लीयरेंस के लगना शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है कि 5 दिन पहले उपभोक्ता परिषद ने जब यह मुद्दा उठाया तो बिजली कंपनियों के हाथ पांव फूल गए। फिर पावर कॉरपोरेशन के निर्देश पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने आईटी सिस्टम इंटीग्रेशन करने के लिए तत्काल मेसर्स इनटैली स्मार्ट व पोलरिस कंपनी जो मध्यांचल में मीटर लगाएगी के डेमो के आधार पर सर्वर से जोडकर उसे 2 दिन तक मध्यांचल अभियंताओं व पीएमए यूनिट के साथ टेस्ट किया गया। जिसमें लगभग 21 कर्मियों का खुलासा हुआ, साथ ही मोबाइल एप कंज्यूमर पोर्टल पर भी लगभग 10 कमियां सामने आई। भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत मी डाटा मैनेजमेंट सिस्टम व हेड इंड सिस्टम मैं लगभग 19 कमियां सामने आई। अंततः इतनी बडी कर्मियों को देखते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने निर्णय लिया कि मध्यांचल के अंतर्गत फीडर व वितरण ट्रांसफार्मर पर केवल टेंपरेरी तौर पर इसे लगाने की अनुमति दी जाती है। कमियां दूर करने के बाद ही आगे लगाने की अनुमति दी जाएगी। यदि समय से इन टैली स्मार्ट ने कर्मियों को ना दूर किया तो उसे मीटर लगाने के लिए रोका जाएगा। अब सबसे बडा सवाल यह है कि पूरे पश्चिमांचल में इनटैली स्मार्ट को ही आर्डर मिला है और वहां पर वह बेहिचक बिना आईटी क्लीयरेंस के मीटर लगना शुरू कर दिया। इसी प्रकार जीएमआर ने भी पूर्वांचल व दक्षिणांचल में मीटर लगना शुरू कर दिया। लेकिन डेमों में इतनी कमियों का खुलासा होने के बाद भी कोई देखने वाला नहीं है। आने वाले समय में यह परियोजना इसी लचर व्यवस्था के तहत आगे बढी तो फेल होना तय है। सबसे बडा चौंकाने वाला मामला आया है कि बिना क्लीयरेंस के पूर्वांचल में 7000 से ज्यादा मीटर जीएमआर ने लगा दिया। उपभोक्ता परिषद ने बिना क्लींयरेस के मीटर लगाए जाने की उच्च स्तरीय जॉच की मांग की है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उपभोक्ता परिषद ने जो 5 दिन पहले मुद्दा उठाया था वह बिल्कुल सही पाया गया। उपभोक्ता परिषद ने पहले ही खुलासा कर दिया था कि उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियां घटिया क्वालिटी के चीन निर्मित कंपोनेंट मीटर के अंदर लगा रखी है। बिजली कंपनियों के अभियंता निरीक्षण परीक्षण करने जब उद्योगपतियों के फैक्ट्री में जाते हैं तो मीटर खोलकर कंपोनेंट का मिलन भी नहीं करते न इन्वॉयस देखते हैं कि इसके अंदर की कंपोनेंट कहां से आए हैं। जिसकी वजह से मीटर की क्वालिटी अच्छी नहीं है। अब डेमो में ही कमियां सामने आना शुरू हो गई। सबसे गंभीर सवाल की डाटा इंटीग्रिटी चेक ही मीटर में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मीटर की विश्वसनीयता कैसे चेक होगी। एमडीएम को जो 27 पैरामीटर रिसीव होना चाहिए केवल 15 पैरामीटर रिसीव हो रहे हैं। इसी प्रकार ऑेडीर में जो 31 पैरामीटर की जगह केवल 27 प्रोफाइल रिसीव हो रही। मानक के अनुसार ऑटोमेटिक डिस्कनेक्ट ट्रिगर नहीं है। ऑटो डिस्कनेक्ट फीचर में प्रॉब्लम है। मीटर इनिशियल लोड को सही नहीं पढ़ रहा है। मीटर स्क्रीन पर लास्ट मंथ की डिमांड सही नहीं शो हो रही है। अलार्म कोई भी काम नहीं कर रहे हैं। क्योंकि वह एमडीएम के साथ कॉन्फगिर नहीं है। मीटर में सेट लोड लिमिट एमडीएम के साथ नहीं जुड रहा है। बिलिंग साइकिल में भी दिक्कत है। ऐसे दर्जनों तकनीकी कमियां मीटर के अंदर है। निश्चित तौर पर जब मी उपभोक्ता के घर में लगेगा और वह सर्वर से जुडेगा तो और ज्यादा कमियां सामने आएंगे। ऐसे में जिन भी बिजली कंपनियों मे बिना आईटी सिस्टम इंटीग्रेशन क्लीयरेंस के मीटर लगाने का काम शुरू किया गया है इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई है।
नगर निगम ने मुक्त कराई 28 करोड़ से अधिक की सरकारी संपत्ति
इन्द्रजीत सिंह, नगर आयुक्त व पंकज कुमार श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त के आदेशानुसार संजय यादव, प्रभारी अधिकारी (सम्पत्ति) निर्देश के क्रम में ग्राम-अमौसी तहसील सरोजनी नगर, जनपद-लखनऊ में लगभग 28 करोड कीमत की सरकारी भूमि को नगर निगम, स्थानीय पुलिस ने मिलकर कब्जा मुक्त कराया।
जानकारी के अनुसार खसरा संख्याओं-3335 क्षेत्रफल 2.719 हेक्टयर , 3354 क्षेत्रफल 0.101 हेक्टयर 3356 क्षेत्रफल 0.038 हेक्टयर तथा 3357 क्षेत्रफल 0.051 हेक्टयर नवीन परती दर्ज अभिलेख, खसरा संख्या-3355 क्षे. 0.114 है० , 3344 क्षे० -0.139 हे०, 3368 क्षे० 3.212 हे० तथा 3359 क्षेत्रफल 0.013 हैक्टयर ग्राम समाज दर्ज अभिलेख, खसरा संख्या-3359 क्षेत्रफल 0.038 हैक्टयर, 3353-0.038 हैक्टयर तथा 3358 क्षेत्रफल 0.202 हेक्टयर, बंजर दर्ज अभिलेख, खसरा संख्या-3349 क्षेत्रफल- 0.215 हेक्टयर व 3350 क्षेत्रफल-0.228 हेक्टयर तालाब दर्ज अभिलेख उपरोक्त नगर निगम की भूमि पर भूमाफियों, प्रापर्टी डीलरों द्वारा लगभग 10 वर्ष पूर्व से प्लाटिंग करके सरकारी भूमि को अतिक्रमित करने का सिलसिला शुरू होना बताया गया है। कब्जामुक्ति कार्यवाही में नीरज कटियार नायब तहसीलदार के नेतृत्व में अविनाश चन्द्र तिवारी, राजस्व निरीनक, तनुज मदान, श्री मृदुल मिश्रा, राहुल यादव, विनोद वर्मा, संरीप यादव लेखपाल गण व तहसील सरोजनी नगर के क्षेत्रीय लेखपाल संजय शुक्ला की उपस्थिति में थाना सरोजनी नगर के पुलिस बल द्वारा व नगर निगम की ईटीएफ टीम के साथ 2,84,275 वर्गफुट अवैध कब्जा शान्तिपूर्ण ढंग से हटवा दिया गया।उत्त अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई भूमि की बाजारू कीमत 28,42,75,000 है।
ड्रोन के माध्यम मॉस्किटो लार्वासिडल आयल का छिड़काव
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के निर्देशन में संचारी रोगों के खात्मे एवं रोकथाम के दृष्टिगत वृहद रूप से योजना तैयार कर अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे कि नगर में इन्हें पनपने से रोका जा सके और आम जन को सुरक्षा प्रदान की जा सके।जिसके तहत जल निकायों में लार्वा को पनपने से रोकने के लिए मॉस्किटो लार्वासिडल आयल का उपयोग किया जा रहा है। जिससे जल जीवन प्रभावित न होते हुए मच्छरों के लार्वा पर प्रभावी नियंत्रण पाया जाता है। मच्छरों की रोकथाम के लिए नगर निगम ने ड्रोन के माध्यम मॉस्किटो लार्वासिडल आयल का छिड़काव शुरू कर दिया है।विशेष संचारी रोग अभियान के संचानल से पूर्व सभी पार्षदों हेतु संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन भी किया जा रहा है, जिससे आम जनमानस को संचारी रोगो के बचाव के प्रति जागरूक किया जा सके। इस अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक जोन में संयुक्त रूप से टीम बनाकर घर-घर जाकर लार्वा पनपने वाले स्थल जैसे गमले की ट्रे, छत पर रखे प्लास्टिक के डब्बे, नारियल के खोल इत्यादि की जाँच की जाती है एवं लार्वा पाये जाने की दशा में कार्यवाही भी की जाती है। घर घर जाकर अभियान को गति प्रदान करने के साथ ही सम्पूर्ण नगर में (घंटाघर रोड इत्यादि जगहों पर) ड्रोन के माध्यम से भी मॉस्किटो लार्वासिडल आयल का छिड़काव कराया जा रहा है।जिससे कि पूरी तरह से विशेष संचारी रोग अभियान को सफल बनाया जा सके। इसी क्रम में नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे एरिया जहां पानी का जमाव 3 से 4 दिन तक निरंतर बना रहता है तथा श्रमिक द्वारा काम नहीं किया जा सकता है ऐसे स्थान पर ड्रोन की सहायता से ही छिड़काव की कार्रवाई की जाएगी।
जागरूकता से ही सम्भव पुरानी पेंशन बहाली
अटेवा पेंशन बचाओ मंच की एक बैठक सदर स्थित कार्यालय पर हुई। बैठक में सदस्यता अभियान को मजबूत करने पर चर्चा हुई। बैठक की शुरुआत मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 ए0पी0अब्दुल कलाम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। बैठक को संबोधित करते हुए अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने कहा कि जागरूकता से ही पेंशन बहाल होगी इसके लिये सदस्यता अभियान को तेज करना होगा। जिस दिन आप सभी प्रदेश के सभी शिक्षकों व कर्मचारियों को अटेवा से जोड़ लेंगे ।प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल होने से कोई रोक नही सकता है।प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा आज कई राज्यों में पुरानी पेश अटेवा के आंदोलन के कारण ही बहाल हुई है और लाखों लोग व्च्ै में आ चुके हैं। प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ.राजेश कुमार ने कहा कि बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन को बहाल कराने के लिये हम सभी को विभाग – विभाग में जाना होगा और वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को अटेवा से जोड़ना होगा। जिस दिन सभी जागरूक होकर सदस्य बना लेंगे तभी पेंशन बहाल हो जाएगी। प्रदेश कोषाध्यक्ष विक्रमादित्य मौर्य ने कहा कि कोई भी आंदोलन करने के लिये धन की जरूरत होती है जिसके लिये आपको अधिक से अधिक सदस्य बनाने होंगे तभी आंदोलन को मजबूती मिलेगी। बैठक का संचालन अटेवा लखनऊ के महामंत्री विजय कुमार विश्वास ने किया। बैठक में प्रमुख रूप से रजत प्रकाश प्रदेश संगठन मंत्री, नरेन्द्र कुमार, विवेकानंद शुक्ला, विवेक, सुरेश प्रसाद, अजय सरोज, राकेश कुमार, शिव लाल शर्मा, देवेंद्र कुमार सिंह, वसीम अहमद, शिव लाल शर्मा, झारखंडे यादव, चेतन जायसवाल, हरगोविंद समेत कई विभागों के कर्मचारी व शिक्षक उपस्थिति रहे।