-पूरे देश में बिजली की सर्वाधिक पीक डिमाण्ड पूरा करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश,राज्य को जितनी भी बिजली की जरूरत होगी दी जाएगी
-मंगलवार को प्रदेश में विद्युत की 30,940 मेगावॉट की अप्रत्याशित मांग को पूरा किया गया,प्रदेश के अवशेष 19,530 मजरों का विद्युतीकरण वर्ष 2026 तक हो जायेगा पूर्ण
-गरीब उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों में 53 प्रतिशत की छूट- शर्मा
लखनऊ 31 जुलाई।विधानसभा के मानसून सत्र में तीसरे दिन आज बिजली की समस्या को लेकर समाजवादी पार्टी ने सरकार को घेरने का प्रयास किया। नेता प्रतिपक्ष समेत कई सदस्यों ने बिजली से जुड़े सवाल किये।सपा नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय द्वारा लगाए गए आरोप कि प्रदेश सरकार मजारों का ऊर्जीकरण करती जा रही, लेकिन विद्युत उत्पादन पर ध्यान नहीं दे रही, लगातार विद्युत कटौती हो रही है, का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाने का प्रयास कर रही है आने वाले समय में राज्य को जितनी भी बिजली की जरूरत होगी, उतनी दी जाएगी। अभी भी गांवों में 18 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 21ः30 घंटे तथा जिला व मंडल मुख्यालयों, औद्योगिक क्षेत्रों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। मंगलवार की रात को प्रदेश में विद्युत की अप्रत्याशित मांग 30,940 मेगावाट थी, इसमें से मात्र एक से डेढ़ प्रतिशत मांग को नहीं पूरा किया जा सका, जबकि इस मांग के सापेक्ष 29,680 मेगावाट विद्युत आपूर्ति को सकुशल पूरा किया गया। पूरे देश में बिजली की सर्वाधिक पीक डिमांड को पूरा करने वाला एक मात्र राज्य उत्तर प्रदेश है। बरसात में कोयला भीगा होने से प्लांट ट्रिप हो जा रहे। विपरीत परिस्थितियों में भी बाढ़,बरसात, आंधी व तूफान के मौसम में जहां कि लाइन ट्रिप हो रही हो, विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर व कई सब स्टेशन पानी में डूबे हो ऐसी स्थिति में भी प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा गया है, जबकि विद्युत आपूर्ति एक तकनीक आधारित व्यवस्था है, फिर भी विद्युत कार्मिक दिन रात परिश्रम कर विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाए हुए है। ट्रांसफार्मर लगाने में विलंब पर उन्होंने कहा कि जहां कहीं से भी ऐसी शिकायतें हो, उपलब्ध कराए, जिन कार्मिकों ने ट्रांसफार्मर को बदलने में निश्चित समय अवधि का पालन नहीं किया, उन पर कार्रवाई की जाएगी।ऊर्जा मंत्री ने विपक्ष के सदस्य अनिल प्रधान द्वारा पूछे गए सवाल कि प्रदेश के वंचित क्षेत्रों का विद्युतीकरण कब होगा का जवाब देते हुए कहा कि सपा कांग्रेस शासन के दौरान 1.50 लाख जो मजरे अंधेरे में छोड़े गए ऐसे लाखों मजरों और करोड़ों घरों तक बिजली पहुंचाई गई है। इसमें से 1.21 लाख से अधिक मजरों का विद्युतीकरण कराया जा चुका है, डेढ़ करोड़ से अधिक घरों को विद्युत कनेक्शन देकर रोशन किया गया। अभी भी 19,530 मजरो में विद्युतीकरण कराना बाकी है, इसमें पूर्वांचल में 8114 मजरे, मध्यांचल में 8804 मजरे, दक्षिणांचल में 2585 मजरों का विद्युतीकरण होना है, इसके लिए 917 करोड रुपए से कार्य कराया जाना है और वर्ष 2026 तक इस विद्युतीकरण के कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ऐसे क्षेत्रों का भी विद्युतीकरण करवा रही, जहां पर विद्युत तंत्र विकसित करना संभव नहीं है, जैसे की वनीय क्षेत्र, पहाड़ों, नदियों के मुहानों, तराई क्षेत्रों का सौर ऊर्जा के माध्यम से व्यापक स्तर पर विद्युतीकरण कराया जा रहा है।ऊर्जा मंत्री ने विपक्ष के सदस्य राम सिंह पटेल के सवाल की प्रदेश सरकार गरीब, बीपीएल कार्डधारक विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों पर छूट देगी का जवाब देते हुए सदन को बताया कि बीपीएल उपभोक्ता को पहले से ही 53 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। यह छूट विद्युत के फिक्स चार्ज में जो कि 110 रूपये होता है। मात्र 50 रूपये लिए जाते हैं और एनर्जी चार्ज जो कि 6.50 रुपये होता है मात्र 3 रुपये लिये जा रहे हैं। इसमें प्रदेश के 1.07 करोड़ उपभोक्ताओं को काफी समय से इसका लाभ मिल रहा है। ऐसे उपभोक्ताओं को 100 यूनिट प्रतिमाह बिजली खपत पर इसका लाभ दिया जा रहा है, जबकि अन्य प्रदेशों में बीपीएल को गुजरात में 50 यूनिट, राजस्थान में 50 यूनिट, महाराष्ट्र में 30 यूनिट, मध्य प्रदेश में 30 यूनिट, उड़ीसा में 30 यूनिट व हिमाचल प्रदेश में 60 यूनिट बिजली की छूट दी रही है। जबकि उत्तर प्रदेशमें ऐसे उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बजली पर छूट दी जा रही है। उत्तर प्रदेश में प्रति यूनिट पर सबसे ज्यादा सब्सिडी भी दी रही है। जबकि राजस्थान में बीपीएल उपभोक्ताओं को 3.50 रुपये तथा मध्य प्रदेश में 3.24 रुपये सब्सिडी दी जा रही है। वर्ष 2017 से पहले इस प्रकार की छूट मात्र शहरी उपभोक्ताओं को मिलती थी। इसके पश्चात 30 नवम्बर, 2017 से प्रदेश की वर्तमान सरकार ने इस प्रकार की व्यवस्था को ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू किया।
हमारी सरकार ने खोले आठ लाख कर्मचारियों के पेंशन खाते-योगी,विधानपरिषद में दहाड़े योगी:बोले मुलायम सरकार में लागू हुई थी एनपीएस
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बुधवार को विधान परिषद में न्यू पेंशन स्कीम यानि एनपीएस को लेकर वक्तव्य दिया। एनपीएस पर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद राज्य के करीब 8 लाख कर्मचारियों का पेंशन खाता खोलने का कार्य किया गया।उन्होंने कहा कि 2005 में जब न्यू पेंशन स्कीम लागू हुई तब प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सपा सरकार थी। 2007 से 2012 तक बसपा और फिर 2012 से 2017 तक सपा सत्ता में थी, मगर ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक भी कर्मचारी का पेंशन खाता नहीं खोला गया।उन्होंने कहा कि 2018 में जब ये बात हमारे संज्ञान में आई तब हमने तत्कालीन फाइनेंस सेक्रेटरी कीअध्यक्षता में कमेटी गठित की। इसमें संबंधित विशेषज्ञों को भी रखा गया। कर्मचारी संगठनों से चर्चा की गई। ये लगभग आठ लाख कर्मचारियों से संबंधित मुद्दा था तब ये बात सामने आई थी कि कर्मचारी की लास्ट पेमेंट जो ड्रॉ होगी उसका 50 प्रतिशत देने के लिए आवश्यक होगा कि सरकार अपना शेयर थोड़ा और बढ़ाए। आंकलन में पता लगा कि अगर सरकार अैर कर्मचारी समय से पैसा जमा करें और कर्मचारी किसी स्कीम से अपना पैसा जोड़ता है तो रिटायरमेंट के बाद करीब 60 प्रतिशत तक पैसा पेंशन के रूप में उसे प्राप्त हो सकता है। इसके बाद हमने पेंशन स्कीम में सरकार के शेयर को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया है। हमने सभी कर्मचारियों के अकाउंट खोले, 2005 से 2017 तक का पैसा जो कर्मचारियों के खाते में नहीं गया था क्योंकि खाता ही नहीं था, उस पैसे को भी डालने का कार्य किया। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 2005 में न्यू पेंशन स्कीम लागू होने के वक्त जिन कर्मचारियों की नियुक्ति अंतिम चरण में थी, ऐसे 70 हजार लोगों को ओल्ड पेंशन स्कीम में ही रखा गया। इनमें एक बड़ी संख्या शिक्षकों की है। सीएम योगी ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम को प्राइवेट बैंकों में जमा करने की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और इसमें कार्रवाई भी की गई है साथ ही धनराशि को वापस लाने का कार्य किया गया है। सरकार की प्राथमिकता होती है कि किसी भी सरकारी स्कीम का पैसा राष्ट्रीयकृत बैंक में ही जुड़े।इससे पहले मुख्यमंत्री ने लाल बिहारी यादव को विधान परिषद में नेता विरोधी दल बनने पर बधाई दी और चुटकी लेते हुए कहा कि आशा करता हूं कि आप हमेशा नेता विरोधी दल बने रहें। उन्होंने कहा कि ये उच्च सदन है, यहां आने वाले सदस्य सभी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुछ स्थानीय निकाय, कुछ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र, कुछ स्नातक मतदाताओं व राज्यपाल के मनोनयन से यहां आते हैं। सरकार आपकी भावनाओं का पूरा सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पीठ से जो भी आवश्यक दिशा-निर्देश मिलते हैं, उनका भी सम्मान किया जाता है।
सदन में रो पड़ी सपा विधायक विजमा यादव,मुख्यमंत्री से बोली,हमारी सुरक्षा आपके हाथ में
यूपी विधानसभा में सपा विधायक विजमा यादव ने बुधवार को योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। सपा विधायक विजमा यादव ने कहा कि उनके पति जवाहर यादव की सरेआम एके 47 से हत्या करने वालों को सरकार ने सजा होने बाद भी बरी करा लिया।ये लोग अब जेल से बाहर आ गए हैं। विजमा यादव ने कहा कि मेरी जान को खतरा है। अगर मुझे कुछ हुआ तो सरकार की जिम्मेदारी होगी। उधर विजमा यादव के बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि देखते हैं कि ‘न्याय’ के साथ कौन खड़ा होता है। जो न सुने बेबस की गुहार, वो नहीं सरकार। विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रयागराज की प्रतापपुर सीट से विधायक विजमा यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी बैठे हैं, मैं इनके सामने अपनी बात कहना चाहती हूं। मेरे पति की प्रयागराज में हत्या हुई। प्रयागराज में मेरे पति विधायक पर एके 47 चली और उनके साथ तीन लोगों की हत्या हुई दो लोग घायल हुए। 18 साल बाद मुझे न्यायालय से न्याय मिला। मुल्जिमों को जेल हुई। जेल में जाते ही सरकार इसी बीच में मुकदमा वापस करना चाह रही थी। इसके बाद मैं हाईकोर्ट गई, मुझे न्याय मिला और मुकदमा वापस नहीं हुआ। उन्हें आजीवन सजा हुई, लेकिन इनका चरित्र था कि दिन दहाड़े एके-47 चलाने वाले उदयभान करवरिया, कपिल करवरिया, सूर्यभान करवरिया उनकी बुआ का लड़का कल्लू करवरिया को सरकार ने राज्यपाल जी ने उनको बरी कर दिया।विजमा यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी महिला सुरक्षा की बात करते हैं। मेरे पति पर दिन दहाड़े एके 47 चलाया गया। सरकार उनको बरी करा रही है। विजमा यादव ने कहा कि कल हमारी भी हत्या हो सकती है, हमारे परिवार की भी हत्या हो सकती है। इसकी जिम्मेदार सरकार की होगी। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जब दिनदहाड़े एके 47 चलाने वालों को बरी किया जा रहा है तो छोटे-छोटे अपराध में जो लोग सजा काट रहे हैं उनको भी बरी किया जाए। मेरी गुहार है कि हमारी सुरक्षा आपके हाथ है। हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलना चाहिए।उधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के पास ‘अपराध के ख़िलाफ़’ अपनी ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की तथाकथित नीति को सच कर दिखाने का मौका है। देखते हैं ‘न्याय’ के साथ कौन खड़ा होता है। भाजपाइयों की आपसी राजनीति का ख़ामियाज़ा कोई तीसरा क्यों भुगते? जो न सुने बेबस की गुहार, वो नहीं सरकार।13 अगस्त 1996 को समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित को करवरिया बंधुओं ने दिनदहाड़े प्रयागराज में एके 47 की गोलियों से छलनी कर दिया था। इस मामले में कई साल केस चलने के बाद चार नवंबर 2019 को पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि करवरिया, पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया और पूर्व बसपा एमएलसी सूरजभान करवरिया और रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।इससे 13 महीने पहले ही 4 अक्टूबर 2018 को यूपी सरकार ने इलाहाबाद सेशन कोर्ट में केस वापसी की अर्जी दाखिल की थी। तब सरकार की तरफ से कहा गया कि करवरिया बंधुओं के खिलाफ आरोप साबित होने के लिहाज से पर्याप्त सबूत नहीं हैं। सरकार के इस फैसले के खिलाफ विजमा यादव हाईकोर्ट गई थीं और हाईकोर्ट ने सरकार की अपील खारिज कर दी थी।अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की रिहाई का आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि 30 जुलाई 2023 तक उदयभान करवरिया ने 8 वर्ष तीन महीने 22 दिन की अपरिहार सजा और 8 वर्ष 8 महीने 11 दिन की सपरिहार सजा काट ली है। एसएसपी और डीएम प्रयागराज द्वारा समयपूर्व रिहाई की संस्तुति किए जाने, जेल में करवरिया का आचरण उत्तम होने और दया याचिका समिति द्वारा की गई संस्तुति के चलते समय पूर्व रिहाई का आदेश किया जा रहा है।