Illegal Relation Wife Boy Friend Murder: पत्नी के प्रेमी को मारकर शव दंगा पीड़ित इलाके में फेंक दिया, ताकि पुलिस को लगे की दंगों में मौत हुई, लेकिन जब पुलिस दंगों की जांच करने में जुटी तो युवक की हत्या किए जाने का मामला सामने आया। जानिए क्या मामला था, क्यों की गई हत्या और कैसे हुआ साजिश का पर्दाफाश?
Haldwani Riots Enquiry Exposed Murder Case: अवैध संबंध, अश्लील वीडियो, ब्लैकमेलिंग और मर्डर की ऐसी खौफनाक कहानी सामने आई है, जिसका संबंध हल्द्वानी दंगों से जोड़ने की कोशिश हुई, लेकिन पुलिस ने हत्या आरोपियों की बचने की कोशिशों पर पानी फेर दिया। मामला उत्तराखंड के देहरादून का है। मृतक बिहार का रहने वाला है। उसका शव हल्द्वानी में दंगा स्थल पर मिला था।
पुलिस को लगा कि दंगों में मारा गया, लेकिन जांच में मर्डर केस का खुलासा हुआ। एक्शन लेते हुए पुलिस ने 4 हत्यारोपियों को पकड़ लिया है। वहीं मृतक की ‘बेवफा’ प्रेमिका फरार है। आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज हुआ है। आरोपियों ने जुर्म भी कबूल लिया है और उनकी निशानदेही पर पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल पिस्तौल और कारतूस भी बरामद कर लिए हैं।
दंगों में मौत दिखाने के लिए फेंका शव
SSP नैनीताल प्रह्लाद मीना ने बताया कि उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा गांव में 8 फरवरी को दंगे हुए थे। इसके बाद दंगा स्थल से पुलिस को 5 लाशें मिलीं। इनमें से एक शव इंद्रानगर रेलवे क्रॉसिंग के पास मिला था। मृतक जो 25 वर्षीय प्रकाश कुमार सिंह उर्फ अविराज पुत्र श्याम देव सिंह निवासी छिने गांव भोजपुर सिन्हा बिहार था।
पुलिस की जांच टीम को पड़ताल के दौरान मृतक प्रकाश की जेब से फोन मिला, जिसकी कॉल डिटेल में खटीमा थाने में तैनात कांस्टेबल बीरेंद्र सिंह का नंबर मिला, जिसे कई बार कॉल हुए थे। क्योंकि पुलिस वाले से कनेक्शन मिला तो पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई, जिसमें पता चला कि प्रकाश बीरेंद्र सिंह की पत्नी का प्रेमी था और उसने पत्नी और सालों के साथ मिलकर 8 फरवरी को उसकी हत्या कर दी और शव दंगा प्रभावित इलाके में फेंका दिया, ताकि पुलिस को लगे कि प्रकाश दंगे में मारा गया।
SSP नैनीताल के अनुसार, पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने जुर्म कबूला और बताया कि प्रकाश उधम सिंह नगर जिले के सितारगंज निवासी सूरज का दोस्त था। दोस्त होने के चलते सूरज का पूरा परिवार प्रकाश को जानता था। मुलाकातों और घर आने जाने के दौरान प्रकाश की दोस्ती सूरज की बहन और कांस्टेबल बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रियंका से हो गई। दोनों में अवैध संबंध बन गए, लेकिन प्रकाश ने प्रियंका की अश्लील वीडियो बनाई थी, जिसे वायरल करने की धमकी देकर वह प्रियंका को ब्लैकमेल करने लगा था और पैसे मांगने लगा था।
पैसे नहीं मिलने पर प्रकाश ने बीरेंद्र सिंह को फोन कर दिया और वीडियो के बारे में में बताकर पैसे मांगे। बीरेंद्र ने प्रियंका से पूछताछ की तो उसने भी प्रकाश के साथ संबंधों की कहानी बताई। इसके बाद बीरेंद्र, प्रियंका और सूरज ने 2 अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची। प्रकाश को पैसे देने के बहाने हल्द्वानी बुलाया और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। शव को दंगा पीड़ित इलाके में फेंक दिया, लेकिन पुलिस जांच में मामले का खुलासा हो गया।