-दलालों के इशारे पर हुआ खेल,होगा उजागर, गिरोह चलाने वाले गिरेंगे मुहभरा,खुलकर सामने आयेंगे नाम
-अधिशासी अभियंता ने शुरू की कार्रवाई, जारी है पुलिया जमीजोद करने पर मंथन
लखनऊ।राजधानी की मोहनलालगंज तहसील के भावाखेड़ा माइनर में पद्मजा ग्रुप के कर्ताधर्ताओं द्वारा बनाई गई पुलिया को सिंचाई विभाग अब ध्वस्त करने की तैयारी में जुट गया है।जल्द ही नहर में बनी पुलिया को गिरा दिया जाएगा।जिसके बाद प्रापर्टी कारोबारी की सारी हेकड़ी निकल कर सामने आ जाएगी।इस मामले को लेकर लखनऊ खंड दो के अधिशासी अभियंता मुकेश वैश्य ने बताया कि भावाखेड़ा माइनर की गाटा संख्या 302 पर पद्मजा ग्रुप के द्वारा बनाई गई पुलिया के निर्माण के लिए ग्रामीणों ने इसकी परमीशन ली थी,लेकिन उस परमीशन को हम निरस्त कर उसे कोर्ट में सम्मिट कर बनाई गई पुलिया को हटायेंगे।क्योंकि कोर्ट ने परमीशन को निरस्त करने के लिये कहा है।अधिशासी अभियंता मुकेश वैश्य ने बताया कि वर्ष 2019 के बाद परमीशन जारी करने का अधिकार खंड के पास नहीं है,पूर्व की जारी परमीशन को निरस्त कर जल्द ही हम लोग पुलिया को ध्वस्त कर देंगे।इसके बाद माना जा रहा है कि पद्मजा ग्रुप के कर्ताधर्ताओं को लाभ देने के लिये बनी नहर की पुलिया पर जल्द ही सिचाई विभाग का बुलडोजर चलेगा,और पुलिया को ध्वस्त किया जायेगा ।
अपने लाभ के लिये किसानों के नाम से प्रार्थना पत्र देकर नहर में अवैध पुलिया का निर्माण करने की हासिल की गई थी परमीशन
बताते है कि भावा खेड़ा नहर में पद्मजा ग्रुप ने पुलिया का निर्माण करने के लिए सिंचाई अभियंताओं से मिलकर किसानों के नाम एक प्रार्थना पत्र देकर नहर में अवैध पुलिया का निर्माण करने की परमीशन सिंचाई अभियंताओं की कारस्तानी से हासिल कर ली थी।इस पुलिया से केवल प्रापर्टी कारोबारी को ही फायदा होना था।इसको लेकर शिकायते हुई लेकिन सिंचाई विभाग के जिम्मेदारों ने प्रापर्टी कारोबारी के विरुद्ध न तो मुकदमा दर्ज कराया है और न ही कोई कार्रवाई की है।इसी का फायदा उठाकर इलाके के दलाल भी खूब मालामाल हुए।साथ ही इलाके का काम देखने वाले तत्कालीन सिंचाई अभियंता और कर्मी भी खूब कमाई में लगे रहे। सिंचाई विभाग की माइनर की देखरेख कर रहे अवर अभियंता और जिलेदार ने मौके पर मनमाना कार्य करवा दिया।लखनऊ खंड दो के इस कारनामे की जानकारी अब ऊपर तक पहुंच गई है।जिस पर भावाखेड़ा माइनर की गाटा संख्या 302 पर पद्मजा ग्रुप के दबंग प्रापर्टी कारोबारी राजीव सिंह और उनके गुर्गों द्वारा बनाई गई पुलिया का निर्माण अब ध्वस्त करने की तैयारी में सिंचाई विभाग जुट गया है।क्योंकि यह प्रक्रिया न्यायिक बताई गई है।लेकिन सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता मुकेश वैश्य कहते है कि जल्द ही पुलिया को सिंचाई विभाग तोड़ देगा।क्योंकि सिंचाई विभाग की नहर पर किसी के द्वारा किसी प्रकार का निर्माण करना प्रतिबंधित है।इसकी इजाजत खंड से नही दी जा सकती।
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बिना तकनीकी अधिकारियों की मौजूदगी में कराया गया पुलिया का निर्माण
सबसे मजेदार बात तो यह है कि इस पुलिया का निर्माण बिना तकनीकी अधिकारियों की मौजूदगी में करा दिया गया।इसके अलावा भी इस पुलिया के निर्माण में सरकारी मानक की भी अनदेखी की गई।मानकों के विपरीत बनी पुलिया से किसी भी समय कोई दुर्घटना की भी संभावना बलवती हो जाती है।यही नहीं सिंचाई विभाग के अभियंताओं ने इसका तकनीकी मुआयना भी नही किया।क्योंकि यह पुलिया प्रापर्टी कारोबारी ने बनाई थी इस कारण से तकनीकी कर्मी मौजूद नही थे।
एक बार फिर प्रापर्टी कारोबारी को बचाने में जुटे दलाल,लोग चटकारे लेकर ले रहे उनके नाम
द्लालो का गिरोह अब एक बार प्रापर्टी कारोबारी के लिए सक्रिय हो गया है।प्रापर्टी कारोबारी से उनके कार्यालय पर संपर्क साधने के सिलसिला के प्रारंभ होने की चर्चाएं निकल कर सामने आई है।क्योंकि दलाल अब इसमें जुट गए है कि किसी भी तरह से पुलिया को टूटने से बचाया जाए।इसको लेकर दलाल प्रापर्टी कारोबारी से मोटी रकम वसूली करने की जुगत भिड़ा रहे है।क्योंकि पूर्व में इस प्रकरण को दबाने के लिए दलालों ने प्रापर्टी कारोबारी से मोटी रकम की वसूली भी कर चुके है।इस बात के कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आये है,बल्कि इन बातों की चर्चा भरोसमंद सूत्रों और लोगों द्वारा की जा रही है,यही नहीं इन दिनों यह बात खूब चर्चाओं में है,लोग इसकी दिल खोल कर चर्चा कर रहे है।चर्चा तो यहां तक है कि कई नामचीन लोगो नाम से भी पैसा वसूला जा चुका है।लेकिन किसी को कोई भनक तक नहीं लगी,दलाल और उसके आका ने पूरा माल डकार लिया।यही नही इलाके के लोग दलालों का नाम ले कर खूब चटकारे भी ले रहे है।“आज नेशनल” ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला की एक मैनेजिग गिरोह सक्रिय है।यह गिरोह लोगो के मामले तय कराने के नाम पर मोटी रकम उगाही में पीछे नहीं है।
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