- REPORT BY:ANNEWS
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लखनऊ।उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने पावर कारपोरेशन में दलित अभियंताओं को मुख्य अभियंता पद पर सूची जारी न करने पर आक्रोश जताया है। एसोसिएशन के सूची जारी न होने से 20 अगस्त को निदेशक पदों पर फॉर्म भरने की अंतिम तिथि के कारण दलित अभियंता नहीं भर निदेशक पदों का फॉर्म पाएंगे। एसोसिएशन ने दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंताओं के खिलाफ कुचक्र रचने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री चयनिय अभियंताओं की सूची जारी करने तथा निदेशक पद पर भारत सरकार की गाईड लाइन के अनुसार 65 की जगह 60 वर्ष करने के मॉग की है। पावर ऑफिसर एसोसिएशन निदेशक पदों की चयन प्रक्रिया पर फॉर्म भरने की तिथि को आगे 1 माह बढाने 65 वर्ष की आयु सीमा संशोधित करने व दलित व पिछड़े वर्गों के लिए निर्देशकों के पदों पर आरक्षण की व्यवस्था लागू करने पर सरकार से तत्काल विचार करने का आग्रह किया है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियेां के मुताबिक जहाँ एक तरफ बिजली कंपनियों मे 17 निर्देशकों के रिक्त पदों पर फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 20 अगस्त है।ं दूसरी ओर पूरे प्रदेश में दलित अभियंता जो 92 व 95 बैच के अधीक्षण अभियंता जो मुख्य अभियंता पद के लिए चयनित किए गए हैं आज तक उनकी सूची ना जारी होने की वजह से वह निदेशक के पदों पर फॉर्म नहीं भर पाएंगे। निदेशक के पदों में जो शैक्षिक अर्हता लिखी गई है वह मुख्य अभियंता अथवा मुख्य अभियंता में चयनित कोई भी अभियंता फॉर्म भर सकता है। लेकिन सवाल यह है 92 व 95 बैच के जो भी अभियंता मुख्य अभियंता पद के लिए चयनित है उन्हें कैसे पता चलेगा कि उनका चयन किया गया है। जब तक लिस्ट जारी न की जाए यह पूरी प्रक्रिया गोपनीय होती है। ऐसे में यह कहना बिल्कुल सही होगा कि दलित अभियंताओं को रोकने के लिए सलेक्शन प्रक्रिया पूरी किए जाने के बाद भी अभी तक मुख्य अभियंता की पदोन्नति सूची पावर कॉरपोरेशन द्वारा नहीं जारी की जाएगी। दूसरी तरफ उत्पादन निगम द्वारा मुख्य अभियंता के पदों पर चयनित अभियंताओं की सूची जारी कर दी गई। ऐसे में उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति ने मुख्यमंत्री से यह मांग उठाई गई की सबसे पहले निर्देशकों के पदों की अंतिम को एक माह आगे बढाया जाए। पावर कॉरपोरेशन द्वारा मुख्य अभियंता के पदों की सूची को इससे पूर्व जारी कराया जाए।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति में आज अनेकों प्रस्ताव पारित किए गए। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष के बी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर, महेंद्र सिंह, सचिव आरपी केन, संगठन सचिव हरिश्चंद्र वर्मा, बिंदा प्रसाद, सुशील कुमार ने कहा उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन पुनः अपनी मांग को दोहराता है कि निदेशक पदों की जो अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष है उसे संशोधित किया जाए। दलित और पिछले वर्गों के लिए निर्देशकों के पदों पर आरक्षण की व्यवस्था लागू किया जाय। जिस प्रकार से पावर कॉरपोरेशन द्वारा इस सलेक्शन ईयर के पहले सलेक्शन ईयर में मुख्य अभियंता पदों के चयन के पहले एक अभियान चलाकर अभियंताओं की अनुशासनात्मक करवाई को खत्म किया गया। उसी प्रकार से दलित अभियंताओं की पदोन्नति के पहले भी ऐसी कार्यवाही पर अभियान क्यों नहीं चलाया गया। जिससे ऐसा सिद्ध होता है कि दलित अभियंताओं को हर स्तर पर रोकने की साजिश की जा रही है।
25 वर्ष तक क्यों बैठे रहे ? अफसर
सबसे बडा उदाहरण तो एक ऐसा है कि एक दलित अभियंता जो अधीक्षण अभियंता से मुख्य अभियंता के पद पर चयनित होने वाले थे पता चला है कि उनकी एक 25 साल पुराने शिकायत को ढूंढा गया। जो शिकायत किसी दिवंगत विधायक द्वारा लिखी गई थी। अब सवाल या उठता है की 25 वर्ष पहले जो शिकायत दिवंगत विधायक द्वारा की गई थी आज उसकी जांच जब दलित अभियंता मुख्य अभियंता के पद पर चयनित होने वाला था तभी क्यों शुरू की गई ? 25 वर्ष तक क्यों बैठे रहे ?