- REPORT BY:PREM SHARMA
- EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
लखनऊ। बिजली दर तय करने की प्रकिंया बहुत तेजी से चल रही है। दूसरी तरफ विद्युत उपभोक्ता परिषद उभोक्ताओं के बकाए के आधार पर बिजली दरों में कमी के लिए अपना संघर्ष जारी रखे है। प्रदेश की बिजली कंपनियां जहां बिजली दरों में सुनवाई पर उपभोक्ता परिषद द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कोई भी जवाब दाखिल नहीं कर पा रही है। इस बीच आयोग के जबाब देने में कारपोरेशन टालमटोल कर रही है। दूसरी तरफ प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे 33122 करोड के एवज में बिजली दरों में कोई भी कमी न होने पाए के लिए बिजली कम्पनियॉ पूरी तरह दबाव बनाए हुए हैं। सभी को पता है कि राज्य सलाहकार समिति बैठक के बाद पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी होना चाहिए। उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर अनेको सदस्यों ने सहमति दी की एक साथ 40 प्रतिशत अथवा अगले 5 वर्षों तक 8 प्रतिशत दरों में कमी करके हिसाब बराबर किया जाए।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा जब विद्युत नियामक बिजली दरों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है। ऐसे में उपभोक्ता परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग उठाई है कि उत्तर प्रदेश सरकार विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे सर प्लस के एवज में बिजली दरों में कमी के लिए विद्युत नियामक आयोग को लोकमहत्वमत का विषय मानते हुए निर्देश जारी करें। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा विद्युत नियामक आयोग बिजली कंपनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए क्योंकि उपभोक्ता परिषद द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा के प्रावधानों के तहत जो भी मुद्दे बिजली दर की सुनवाई में उठाए गए हैं उसका उचित जवाब मांगना रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का हिस्सा है। लेकिन पावर कॉरपोरेशन व बिजली कंपनियां 90 प्रतिशत जवाब गोलमोल तरीके से दे रही है। ज्यादातर उपभोक्ता परिषद के सवालों पर यह का कर बच रही है कि संबंधित विंग से जवाब मांगा गया है। जवाब आते ही दाखिल किया जाएगा। ऐसे में क्या प्रदेश की बिजली कंपनियां यह चाहती है कि बिजली दर का निर्धारण संवैधानिक तरीके से ना हो पाए। क्योंकि विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि जब तक प्रत्येक उपभोक्ता द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब बिजली कंपनियों से ना ले लिया जाए तब तक दरों का निर्धारण ना हो। ऐसे में बिजली कंपनियां जिस प्रकार से उदासीनता बरत रही है वह बहुत गंभीर मामला है।
संचारी रोगों की रोकथाम के लिए नगर आयुक्त के उपस्थिति में छिड़कॉव
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर पी.के. श्रीवास्तव के नेतृत्व में पार्षदगणों की उपस्थिति में संचारी रोगों जैसे डेंगू व मलेरिया इत्यादि से बचाव एवं इनकी व्यापक रोकथाम के लिये लगातार सघन अभियान और जागरूकता कार्यक्रमों को अमल में लाया जा रहा है। नगर निगम के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी प्रतिदिन नियनित रूप से योजनाबद्ध ढंग से कार्य कर रहे हैं। नगर आयुक्त महोदय द्वारा समस्त अधिकारियों एवं पार्षदों के साथ नगर के चार प्रमुख वार्डों गीता पल्ली, बाबू कुंज बिहारी एवं ओम नगर वार्ड व गुरु नानक नगर वार्ड का निरीक्षण कर वृहद अभियान चलाकर सघन गतिविधियों को सुनिश्चित कराया गया।नगर निगम की तरफ से समस्त चारों वार्ड में अभियान चलाते हुए संचारी रोगों से बचाव के लिए टीमों को बनाकर क्षेत्रान्तर्गत मौजूद समस्त बड़े व छोटे नाले नालियों में, यहां मौजूद घरों में एन्टी-लार्वा का छिड़काव कराते हुए फॉगिंग कराई गई। इसके अतिरिक्त बड़े नाले नालियों की सफाई भी वृहद रूप से कराई गई। छिडकॉव के दौरान नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने कर्मचारियों को प्रतिदिन नियमित रूप से टीमें बनाकर साफ सफाई इत्यादि कार्यों को किये जाने हेतु निर्देशित किया।स्थानीय लोगों को डेंगू व मलेरिया जैसे घातक संचारी रोगों की जानकारी देते हुए इनसे बचाव के तौर तरीकों इत्यादि के विषय मे जागरूक भी किया गया।लोगों को क्या करें और क्या न करें इसकी विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।जिससे कि इन घातक रोगों की रोकथाम में प्रत्येक नागरिक अपना अहम योगदान प्रदान कर स्वयं को सुरक्षित कर अपने परिजनों को व अपने आस पास के लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सके और नगर निगम द्वारा चलाये जा रहे अभियानों को सफल बना सके। उक्त अभियान में पार्षद आदर्श मिश्रा गीता पल्ली वार्ड मो. 9161700072, पार्षद बबलू मिश्रा बाबू कुंज बिहारी एवं ओम नगर वार्ड मो. 9415409415 व मा पार्षद पीयूष दीवान गुरु नानक नगर वार्ड मो. 9935920077, जोनल अधिकारी जोन 05 नंद किशोर, जेडएसओ राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी गण मौजूद रहे।
सेवानिवृत्त डिप्लोमा इंजीनियर्स उपमुख्यमंत्री से मिले
प्रदेश के सेवा निवृत्त डिप्लोमा इंजीनियर्स ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात कर अपनी दुविधाओं से उनको अवगत कराया। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक पाठक ने उनका अपने आवास पर स्वागत करते हुए उन्हें उनके स्तर पर होने वाले सहयोग का आश्वासन दिया।सेवानिवृत्त डिप्लोमा इंजीनियर्स कल्याण संघ उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधिमंडल प्रान्तीय अध्यक्ष इं आर के भाटिया के नेतृत्व में ब्रजेश पाठक उप मुख्य मंत्री , उत्तर प्रदेश सरकार से उनके आवास पर मिला। उन्होंने पेन्शन से राशिकरण की वसुली 11 वर्ष करने, जिसके सम्बंध मे उच्च न्यायालय की कई खंड पीठों से, कटौती रोकने हेतु स्थगन आदेशतथा शासन,निदेशक कोषागार द्वारा, याचीगणों से आगे की वसूली पर रोक भी लगाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस पर सरकार संज्ञान ले। इस संबंध में संघ का अभिमत था कि इस तरह सभी पेंशनर्स, न्यायालय में जाएंगे तो वादों की संख्या बढेगी। सेवानिवृत्त कार्मिकों को आर्थिक व मानसिक कष्ट भी होगा। सरकार का भी न्यायालय में समय एवं धन का अपव्यय होगा। इस लिए कटौती की अवधि, समस्त पेंशनर्स के लिए 11 वर्ष कर दी जाए। दीनदयाल कैशलेस योजना मे आ रही कठिनाइयों तथा निजी हॉस्पिटलों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न हो पाने की स्तिथि तथा लखनऊ मे ओल्ड एज होम की स्थापना के सम्बंध में विस्तृत वार्ता कर पत्र दिए गए, जिसपर उनके द्वारा तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। प्रतिनिधिमंडल में इं शिव शंकर दुबे, इं क्षमा नाथ दुबे , इं आर के भाटिया, इं दिवाकर राय, तथा इं बलवंत प्रसाद उपस्थित रहे।
कटी सड़कों की मरम्मत न करने वाले कॉन्ट्रैक्टर को जेल, इंजिनियर होंगे सस्पेंड
हर घर नल से जल में पाइपलाइन बिछाने के लिए काटी गई सड़कों की मरम्मत न करने वाले और नल कनेक्शन की गलत रिपोर्टिंग करने वाली एजेंसियों के खिलाफ ब्लैकलिस्टिंग और कॉन्ट्रैक्टर को जेल भेजा जाएगा। साथ ही संबंधित अधिशासी अभियंता के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई होगी। प्रदेश के कई जिलों से पाइपलाइन बिछाने के बाद एजेंसी द्वारा सड़क की मरम्मत न करने की आ रही शिकायतों को देखते हुए राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन ऐसे कॉन्ट्रैक्टर और एजेंसियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने ऐसी सभी एजेंसियों और अधिशासी अभियंता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेशक को दिए हैं। जिसके बाद मिशन के अधिशासी निदेशक बृजराज सिंह यादव ने इस बाबत जल निगम ग्रामीण के सभी अधिशासी अभियंताओं और जल जीवन मिशन के सभी कॉन्ट्रैक्टर को पत्र लिखकर नवरात्रि से पहले सभी सड़कों को दुरूस्त करने और कनेक्शन वाले गांवों में नियमित जलापूर्ति करने को कहा है।
अधिशासी निदेशक की तरफ से लिखे गए पत्र में सभी अधिशासी अभियंताओं और कॉन्ट्रैक्टर को निर्देशित किया गया है कि शारदीय नवरात्रि यानि 3 अक्टूबर से पहले पाइपलाइन बिछाने के लिए काटी गई सड़कों की मरम्मत और रेस्टोरेशन का काम पूरा कर लिया जाए। साथ ही जिन योजनाओं में एफएचटीसी रिपोर्ट किया गया। मगर वास्तविक रूप से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। वहां तुरंत नल से क्लोरीन युक्त जल की नियमित सप्लाई की जाए। ऐसा न करने वाले संबंधित इंजिनियर और कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। हाल ही में विभागीय समीक्षा के दौरान कई जिलों से ये शिकायतें आई थीं कि पाइपलाइन बिछाने और हाइड्रो टेस्टिंग के बाद भी सड़कों की मरम्मत का काम नहीं किया गया है। जिसकी वजह से दिक्कतें आ रही हैं। जनप्रतिनिधियों ने भी इसको लेकर शिकायत की थी। दरअसल पाइपलाइन बिछाने के लिए काटी गई सड़कों की मरम्मत का काम संबंधित एजेंसी का है। मगर कई एजेंसियां इस काम में लगातार लापरवाही बरत रही हैं। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेशक ने नल कनेक्शन की गलत रिपोर्टिंग करने वाली एजेंसियों और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अधिशासी निदेशक की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि जिन योजनाओं में एफएचटीसी रिपोर्ट किया गया है। मगर वास्तविक रूप से पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है। वहां बिना किसी देरी के पानी की सप्लाई शुरू की जाए। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजना का लाभ मिल सके। ऐसा नहीं करने वाले इंजिनियरों और एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।पाइपलाइन बिछाने के बाद सड़कों की मरम्मत न करने और कनेक्शन की गलत रिपोर्टिंग के मामले में डेढ़ दर्जन से अधिक अधिशासी अभियंताओं पर कार्रवाई हो सकती है। इसमें पूर्वांचल के 8 अधिशासी अभियंता, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तैनात 6 और अवध क्षेत्र में तैनात तीन अधिशासी अभियंताओं की शिकायतें सबसे ज्यादा है। इन अभियंताओं को जल्द से जल्द कार्यसंस्कृति में सुधार कर सभी शिकायतों को दूर करने का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर इनके काम में सुधार नहीं होता है, तो विभाग इनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करेगा।
एनएमओपीएस ने पुरानी पेंशन के लिए कर दी आन्दोलन की घोषण
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आँनलाइन बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने पुरानी पंेशन बहाली के लिए आन्देालन की घोषणा कर दी। यूपीएस से नाराजगी जताते हुए सर्व सम्मति से यह आन्दोलन 29 अगस्त से शुरू हो जाएगा।
बैठक में सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष,महामंत्री उपस्थित में यूपीएस का सभी ने एक स्वर में पुरजोर विरोध किया गया। आन्दोलन के क्रम में 29 अगस्त 2024 को अखिल भारतीय कम्पेन के साथ पोस्ट करेंगे। ’02 से 06 सितम्बर देशभर में बांह पर काली पट्टी बांधकर शिक्षण,कार्यालय कार्य करेंगे। 15 सितम्बर 2024 दृ राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक,दिल्ली में आयोजित की जाएगी। 26 सितम्ब सभी जिला मुख्यालयों पर एनपीएस और यूपीएस के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन इसके बाद भी सरकार अगर ओपीएस बहाल नहीं करती तो अक्टूबर महीने में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर दिल्ली में राष्ट्रीय अधिवेशन किया जाएगा। नवम्बर,दिसम्बर में संसद भवन दिल्ली का घेराव करने को लेकर योजना बनाई जाएगी। बैठक में सहयोगी सभी राज्यों के अध्यक्ष,महासचिव,प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारीगण अमरीक सिंह,वी.शांताराम, सुखजीत सिंह परमानंद डेहरिया, विजेंद्र धारीवाल, इ. मुकेश रतूड़ी शशिभूषण, कोजाराम सियाग, जगदीश यादव, डॉ. नीरज पति त्रिपाठी, विजय मल्ल, प्रेम कुमार, अभिनव सिंह राजपूत, डॉ.राजेश कुमार उपस्थित रहे।
अभियान जारी रहेगा, 4 करोड़ की भूमि कब्ज़ा मुक्त
नगर आयुक्त का सूचना तंत्र कब्जे वाली जमीन के खिलाफ फिलहाल मजबूती से काम कर रहा है। निगम प्रशासन लगातार निगम की कब्जा मुक्त भूमि को छुड़ाने में कामयाब हो रहा है। आज भी नगर निगम की टीम ने चार करोड़ कीमत की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया है। नगर आयुक्त इन्द्र जीत सिंह के मुताबिक यह अभियान लगातार चलता रहेगा।शासन के आदेशों में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के निर्देशानुसार नगर में अवैध कब्जेदारों पर कार्यवाही एवं सरकारी भूमियों,संपत्तियों को कब्ज़ा मुक्त करवाये जाने हेतु लगातार सघन अभियान चलाए जा रहे हैं। अभी तक करोड़ो रुपयों की विभिन्न सरकारी भूमि,संपत्ति, जो विगत लंबे समय से कब्जे में थीं, उन्हें खाली करवाया जा चुका है। नगर आयुक्त व पंकज श्रीवास्तव अपर नगर आयुक्त के आदेशानुसार संजय यादव प्रभारी अधिकारी सम्पत्ति एवं तहसीलदार अरविन्द कुमार पाण्डेय के निर्देश के क्रम में ग्राम-मौरा, तहसील व जिला-लखनऊ की खसरा संख्या-613 क्षेत्रफल 0.182 हेक्टयर राजस्व अभिलेखों में नवीन परती के रूप में दर्ज भूमि के 13,563.00 वर्गफुट भूमि पर किये गये अवैध कब्जे को नायब तहसीलदार रत्नेश कुमार के नेतृत्व में लेखपाल सैफुल हक,अरूण कुमार गौतम द्वारा प्रापर्टी डीलरों के भारी विरोध के बीच पुलिस बल की उपस्थित में शांतिपूर्ण ढंग से कब्जा हटवा दिया गया। उक्त अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई भूमि की बाजारू कीमत लगभग 04 करोड होगी।