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लखनऊ:नगर निगम सदन की बैठक में पार्षदों ने बताई समस्याएं,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:PREM SHARMA
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

-शिकायत पर महापौर हुई गंभीर दिए निराकरण के निर्देश

लखनऊ।राजधानी की महापौर  सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को सुबह ग्यारह बजे सदन की बैठक नगर निगम मुख्यालय में आयोजित की गई।इस बैठक में नगर निगम के पार्षद और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह  के साथ सभी नगर निगम के अफसर मौजूद थे।बैठक में विभिन्न मुद्दों को लेकर सभी पार्षदों से बात की गई और अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन के समक्ष रखने के लिए दो से तीन मिनट का समय दिया गया। जिसमें सबसे खास यह कि 95 में 35 पार्षदों ने अपनी बातें सदन के समक्ष रखीं।
बैठक में शामिल रहे सभी पार्षदों ने  अपने अपने वार्ड की समस्याओं को सदन के सामने रखा, जिसके निस्तारण के जरूरी निर्देश सदन के द्वारा दिये गए।कई घंटे चली सदन की बैठक में कुल 35 पार्षदों ने बारी बारी अपने वार्ड की समस्याओं को सदन के समक्ष रखा।मुख्य रूप से सभी पार्षदों ने सीवर, पेयजल, मार्ग प्रकाश एवं सड़क से सम्बन्धित समस्याओं पर चर्चा की।जिसको लेकर अधिकारियों को क्षेत्र में जाकर सर्वे कर जल्द से जल्द समस्याओ का निस्तारण कराने के निर्देश दिए। बैठक में दीवाली पर्व से पूर्व सभी वार्डों को 25-25 स्ट्रीट लाइटें दिए जाने के आदेश सदन द्वारा दिये गए।जिससे कि नगर में मार्ग प्रकाश की व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके। नियमित कूड़ा उठान व डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कि व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने हेतु कार्य कर रही एलएसए के जिम्मेदारों को सख्त निर्देश दिए गए।साथ ही वर्तमान में नगर के पांच जोनों में कूड़ा कलेक्शन का कार्य क रही कम्पनी को अगले निर्धारित समय में सौ फीसदी कार्य को पूर्ण करने उपरांत ही रोड स्वीपिंग के कार्य की जिम्मेदारी दिए जाने के आदेश भी  सदन द्वारा दिये गए।सदन की बैठक समय के अभाव के चलते स्थगित की गई। आगामी दो सितंबर सोमवार को पुनः सदन की कार्यवाही शुरू होगी। जिसमें शेष बचे हुए प्रस्ताव एवं मुद्दों पर चर्चा कर जनहित के निर्णय लिए जाएंगे।

बीएचईएल पर उपभोक्ता परिषद का जोरदार हमला,परियोजना में पॉच साल की देर, 10 सौ करोड़ की हानि

सबसे पहले प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का पक्ष रखते हुए उत्तर प्रदेश  राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष  अवधेश कुमार वर्मा ने  बी0एच0ई0एल पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि इस परियोजना को समयबद्ध तरीके से तैयार करने के लिए 2007 में रुपया 5358 करोड का अनुबंध किया। लेकिन इस परियोजना को सबसे अधिक समय लगभग 9 साल में तैयार किया। जिसकी कुल कैपिटल कॉस्ट जो 7027 करोड और बाद में अतिरिक्त खर्च की वजह से 7799 करोड में तैयार हुई।
इसके कारण न तो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को सस्त बिजली मिली वरन 18 सौ करोड़ की राजस्व हानि हुई।बीएचईएल की वजह से उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली नहीं मिल पाई। परियोजना को देर में तैयार करने की वजह से प्रत्येक वर्ष 550 मिलियन यूनिट जेनरेशन का लॉस उत्तर प्रदेश में हुआ। लगभग 30 करोड प्रत्येक माह नुकसान हुआ ऐसे में परियोजना 5 वर्ष देर से बनी तो 60 महीने में कुल नुकसान लगभग 1800 करोड का हुआ। परियोजना में लगभग 1000 करोड का अतिरिक्त कैपिटल कॉस्ट लगा। ऐसे में इसकी भरपाई केंद्र सरकार को कराना चाहिए। इस पूरी परियोजना को तैयार करने में 70 प्रतिशत रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन (आर0ई0सी) से लोन लिया गया था।  30 प्रतिशत उत्तर प्रदेश सरकार की अंश पूंजी थी । क्योकि केंद्र सरकार के अधीन बीएचईएल है। ऐसे में जो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को नुकसान झेलना पडा उसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। इसके लिए प्रदेश के उपभोक्ताओं को न्याय दिलाए उसके लिए केंद्र सरकार को आगे आना होगा। अब उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम जो आरईसी को लोन की  आदएगी कर रहा है उसमें छूट दिलाए। जिससे उसका लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं को मिल सके। क्योंकि उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के पास इसकी भरपाई करने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उसके द्वारा केवल बीएचईएल की 152 करोड की बैंक गारंटी जप्त की गई थी। उससेे उपभोक्ताओं को नाम मात्र लाभ हो पाएगा। समय से यदि परियोजना तैयार होती तो देश की पहली ऐसी परियोजना होती जो सबसे सस्ती बिजली पैदा करती।  उपभोक्ता परिषद उत्तर प्रदेश राज विद्युत उत्पादन निगम की इस परियोजना पर जो कल निर्माण के दौरान ब्याज आईडीसी खर्च लगभग रुपया 666 करोड है उसे खारिज करने की मांग करता है। इसके अलावा  जो कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के मध्य में 21 करोड का खर्च है उसे भी खारिज किया जाए। क्योंकि इस पर पहले ही विद्युत नियामक आयोग अपना बेंचमार्क बना चुका है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्यसंजय कुमार सिंह ने अंतत एक बार फिर पावर कॉरपोरेशन व उत्पादन निगम को अपनी एक जॉइंट रिपोर्ट विद्युत नियामक आयोग के सामने दाखिल करने का निर्देश जारी करते हुए कहा 3 अक्टूबर को इस मामले पर पुन सुनवाई की जाएगी। 

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