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LUCKNOW:ATS की मेहनत रंग लाई,मतांतरण और विदेशी फंडिंग के 16 आरोपी दोषी, मिली सजा

  • REPORT BY:NITIN TIWARI/AGENCY|EDITED BY-आज नेशनल न्यूज डेस्क

लखनऊ।एटीएस की प्रभावी पैरवी से मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत उसके बारह साथियों को अवैध रूप से मतांतरण और विदेशी फंडिंग के मामले में दोषी पाते हुए एटीएस-एनआईए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।वही मौलाना के चार साथियों को दस-दस साल की कैद कोर्ट ने दंडित किया,साथ में कोर्ट ने अर्थदंड भी लगाया। कोर्ट ने मंगलवार को दोषी करार दिया था,इस मामले को लेकर सभी आरोपियों को मंगलवार को ही दोषी करार दिया गया था।

एटीएस के मुताबिक बुधवार को एटीएस और एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने दोषियों को सजा सुनाई है। कोर्ट ने श्याम प्रताप सिंह उर्फ मौलाना उमर गौतम को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है,इनकी गिरफ्तारी के बाद ही मौलाना मौलाना कलीम सिद्दीकी सम्पूर्ण गिरोह सामने आया था। बतादे कि यूपी के फतेहपुर जिले का रहने वाला श्याम हिंदू से मुस्लिम बनने के लिये मतांतरण करा रहा था।इस मामले में एटीएस उमर गौतम की गिरफ्तारी यूपी के गौतमबुद्धनगर से करने के बाद मुजफ्फरनगर के फुलत कस्बे निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी उसके सहयोगी हाफिज इदरीश व अन्य को गिरफ्तार किया।जिसको लेकर 20 जून 2021 को एटीएस ने इसका मुकदमा दर्ज किया था। एटीएस की मानें तो इन लोगों ने अवैध मतांतरण का नेटवर्क उतर प्रदेश सहित देश के दिल्ली,झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तराखंड समेत अन्य कई राज्यों में बनाकर सुनियोजित तरीके से हिंदू समाज के युवाओं को अच्छा जीवन देने और दौलत तथा विवाह कराने का लालच देकर ब्रेनवाश करवाते थे।इस प्रकरण को लेकर एटीएस के लोक अभियोजक नागेंद्र गोस्वामी ने कोर्ट को बताया कि इन लोगो ने पुरे देश में अपना नेटवर्क फैलाया है,इसके आलावा आइएसआइ और विदेशी संस्थाओं से यह लोग फंडिंग भी पाते थे।इनके पास से तमाम प्रपत्र और दस्तावेज बरामद हुए थे।इन लोगो का गिरोह अपने ही देश में देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता है।इससे पूर्व एटीएस ने अपनी जांच में पाया था कि मौलाना कलीम और उसके साथियों ने एक हजार से अधिक लोगों का मतांतरण कराया।इसके आलावा बड़ी संख्या में निकाह भी कराया।

जाने इन्हें कितनी मिली सजा और कितना लगा अर्थ दंड

इस मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी और कौसर आलम तथा डा. फराज बाबुल्ला शाह और प्रसाद रामेश्वर कोवरे उर्फ आदम तथा भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा व मोहम्मद उमर गौतम तथा मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और इरफान शेख उर्फ इरफान खान तथा सलाउद्दीन जैनुद्दीन शेख और सरफराज अली जाफरी व अब्दुल्ला उमर और धीरज गोविंद राव जगताप को धारा 121 ए भारतीय दंड संहिता के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।इसके आलावा मो. सलीम व कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ राहुल भोला और मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान आदि चार लोगो को धारा 123 भारतीय दंड संहिता के तहत 10 वर्ष के कारावास और 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।इसके अतिरिक्त सलाउद्दीन जैनुद्दीन शेख और प्रसाद रामेश्वर कांवरे उर्फ आदम तथा अर्सलान मुस्तफा उर्फ भूप्रिय बंदों और कौसर आलम तथा फराज शाह और मौलाना कलीम सिद्दीकी तथा धीरज गोविंद राव जगताप और सरफराज अली जाफरी तथा काजी जहांगीर पर 1.60 लाख का अर्थ दंड लगाया गया है,इसके आलावा मोहम्मद सलीम और राहुल भोला तथा मन्नू यादव व कुणाल अशोक चौधरी पर एक-एक लाख रुपये अर्थदंड लगा है।वही इस गिरोह के सबसे खाश और महत्वपूर्ण लीडर मो. उमर गौतम तथा अब्दुल्ला उमर को आजीवन कारावास के साथ साथ 1.85 लाख रूपये का अर्थ दंड न्यायालय ने लगाया है।

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