-दुनिया भर में 260 से अधिक जघन्य हमलों के गुनहगार आतंकवादी संगठन हिज्बुल्लाह का समर्थन देश के साथ विश्वासघात – डॉ. राजेश्वर सिंह
- REPORT BY:A.S.CHAUHAN || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ। इजराइली हमले में मारे गए हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह के पक्ष में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा सहानुभूति दिखाए जाने पर सरोजनीनगर भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।डॉ. सिंह ने रविवार को अपने आधिकारिक एक्स(ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा दुनिया भर में 260 से अधिक जघन्य हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह का हिंसा का एक लंबा, खूनी इतिहास है। 1983 के बेरूत बम विस्फोट में 241अमेरिकी नौसैनिक मारे गए और यह विदेशों में अमेरिकियों के खिलाफ सबसे घातक हमलों में से एक था, जबकि 1994 में अर्जेंटीना में एएमआईए बमबारी में 85 निर्दोष नागरिक मारे गए।डॉ. सिंह ने आगे जोड़ा ईरान द्वारा समर्थित, हिजबुल्लाह की चरमपंथी विचारधारा ने लेबनान और सीरिया में युद्धों को बढ़ावा दिया है, जिससे लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। यह समूह अपहरण, हत्या और वैश्विक मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल है। इसके बावजूद, यह अपमानजनक है कि भारत में महबूबा मुफ्ती जैसे राजनेता हाल ही में इजरायली हवाई हमले में मारे गए हसन नसरल्लाह जैसे आतंकवादी के साथ एकजुटता दिखाने के लिए चुनाव अभियान स्थगित कर देते हैं। सरोजनीनगर विधायक ने आगे लिखा हिज़्बुल्लाह के लिए इस तरह का राजनीतिक समर्थन आतंक के पीड़ितों का सीधा अपमान और लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ विश्वासघात है। भारत को हिंसा और नफरत को बढ़ावा देने वाली किसी भी विचारधारा के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।
हो रही बारिश से धान की फसल को लगा तगड़ा झटका
पहले ही बर्बाद हो चुकी है खरीफ की फसलों के किसानों के नहीं भरे थे ज़ख्म और धान पर लगने लगे ग्रहण
सरोजनीनगर क्षेत्र में पहले काफी समय तक लगातार हुई बारिश किसानों के धान की फसल के लिए वरदान साबित हुई थी। खरीफ की फसलों को भले झटका लगा था। परंतु अब तीन दिनों से हो रही रिमझिम बारिश ने खरीफ की फसलों के ऊपर बुरी तरीके से कहर बरपाया है। खेतों में पानी भर जाने से धान की फसल गिर गई है। जिससे धान की पैदावार में भी संकट के बादल छाने लगे हैं। जिसको लेकर ग्रामीणों में चिंता उत्पन्न होने लगी है।इस बार जिस तरीके से बारिश हुई थी।
किसान काफी खुश थे।धान की फसलों में यदा-कदा पानी किसानों को देना पड़ा नहीं तो ऐसे ही बारिश के पानी से फसलें हरी-भरी लहलहा रही थी। अनवरत बारिश ने खरीफ की फसलों पर बुरा असर डाला था। लेकिन धान की अच्छी खासी पैदावार होने को लेकर किसान काफी खुश थे। परंतु तीन दिनों से हो रही बारिश ने किसानों की धान की फसल पर अच्छी पैदावारी पर भी ग्रहण लगा दिया है। लगातार जारी बारिश से खेतों में पानी भर गया है। फूल ले रही धान की फसल उसी में गिर गई है। जो किसानों के लिए शुभ संकेत नहीं है। बनी गांव के किसान सीतला प्रसाद चौरसिया, धर्मेंद्र सिंह,राम आसरे कश्यप, सुनील कुमार सिंह, गौरी शंकर चौरसिया,राम कुमार कश्यप, सिया नंदन चौरसिया, राजेश कुमार कश्यप, राकेश रावत, ऐंन गांव के शिव कुमार वर्मा, नितिन पटेल सहित अन्य क्षेत्र के तमाम किसानों का कहना है कि इस बारिश से धान की फसल जो खेतों में गिर गई है उसमें कुछ नहीं होगा केवल पैरा ही निकलेगा। किसानों ने बताया कि इस बार अधिक बारिश होने की वजह से खरीफ फसल वैसे भी ज्यादातर खराब हो गई है, धान की फसल की अच्छी होनी की उम्मीद थी, उसपर भी हो रही बारिश ने पानी फेर दिया है।
किसानों के लिए फसलों की बुवाई से लेकर पैदावार करने तक एक नहीं बल्कि अनेक संकटों से जुझना पड़ता है। इसका सीधा उदाहरण है कि अभी अधिक बारिश ने पहले खरीफ की फसलों पर काफी तगड़ा आघात किया जिसके कारण फसलें नष्ट हो गई। उसी खरीफ की फसलों पर खजोहरा कीटाणु ने बुरी तरह से हमला बोल दिया जिससे फसलें सफाचट हो गई। इसके जख्म अभी भरे भी नहीं है ऊपर से धान की फसल पर हो रही बारिश की मार किसानों का दर्द और बढ़ा दिया है।कुछ इन खरीफ की फसलों की पैदावार हो जाए तो अलग की बात है, नहीं तो जुताई बुवाई में खर्च की रकम की लागत निकलने के भी आसार नहीं हैं। धान की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद के साथ किसान टकटकी निगाहें लगाकर देख रहे थे। जिस पर भी हो बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेरती दिखाई दे रही है।